Connect with us

Featured

केएनएच में अभिभावकों का धरना-प्रदर्शन, अस्पताल ने मानी गलती, लेबर रूम स्टाफ पर डाला सारा इलज़ाम

Published

on

Child Swaping Case KNH Shimla

शिमला: केएनएच में बदले गए बच्चों के मामले पर सोमवार को बच्चों के अभिभावक सहित खलिणी के दर्जनों लोगों ने सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला। गुस्साए लोगों ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के कमरे के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और ऐसी लापरवाही पर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

पढ़ें: कमला नेहरू अस्पताल में बच्चा बदलने के मामले में अपने असली मां बाप को सौंप जाएंगे दोनों बच्चे

इस दौरान लोगों ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ 2 दिन में सख्त कार्रवाई करने को कहा है। यदि इस तय अवधि में दोषियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो लोगों ने शहर में चक्का जाम करने की चेतावनी प्रशासन को दी है। इस दौरान लोगों ने कहा है कि अस्पताल की इतनी बड़ी लापरवाही का खमियाजा 2 माताओं व 2 नवजातों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों ने डिलिवरी के समय तैनात डाक्टरों व पैरामैडीकल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और आरोपियों को सलाखों के पीछे डालने की मांग की है। इस मौके पर बच्ची के पिता जितेंद्र व निशांत के पिता अनिल ने एमएस(MS) को 26 अक्तूबर तक दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

अस्पताल में सिस्टम को भी किया जाए दुरुस्त

इस मौके पर स्थानीय लोगों ने चिकित्सा अधीक्षक को लेबर रूम में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा है। उन्होंने कहा कि नवजात के पैदा होने के बाद उन्हें अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जाए, टोपियों व नवजातों केे कपड़ों में टैग लगाते समय सावधानियां बरती जाएं ताकि गलती से भी अदला-बदली का मामला पेश न आए। इसके अलावा जहां नवजात को रखा जाता है, उस कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

डीसी -एसपी से मिला प्रतिनिधिमंडल

केएनएच में धरना देने के बाद लोगों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधीक्षक व जिलाधीश से भी मिला और उनसे प्रतिनिधिमंडल ने मामले पर जल्द जांच पूरी कर दोषियों को सख्त सजा दिलवाने का आग्रह किया। खलिणी के पार्षद परवीण कुमार ने बताया कि यदि प्रशासन ने मामले पर इस बीच कोई कार्रवाई नहीं की तो इसके बाद खलीणी के लोग जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का भी घेराव कर सकते हैं।

केएनएच ने मानी गलती, लेबर रूम के स्टाफ पर फोड़ा सारा ठीकरा

केएनएच प्रबंधन ने बच्चा बदलने को लेकर आखिरकार अपनी गलती मान ली है। प्रबंधन ने माना है कि डिलीवरी रूम में मौजूद स्टाफ के लोगों से भारी चूक हुई है। प्रबंधन ने अपने सिर पर आई बला को लेबर रूम में डिलीवरी के दौरान मौजूद डॉक्टरों तथा सहयोगी स्टाफ पर इसका ठीकरा फोड़ दिया है।

इससे एक बात और जाहिर हो गई कि अस्पताल में प्रबंधन तथा गायनी विभाग दो धड़ों में बंट चुका है। सोमवार को इसका ताजा उदाहरण देखने को भी मिला जब बच्चे बदलने वाले दंपतियों से प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और प्रबंधन ने दोनों दंपतियों से बातचीत की तो कमेटी रूम में गायनी विभाग की ओर से कोई जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद नहीं थे।

अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एलएस चौधरी से दोनों दंपतियों ने मांग की है कि जो भी दोषी है उन्हें सामने लाकर 24 घंटों के भीतर सलाखों के पीछे डाला जाए। मंडी के दंपति ने बताया कि जब उन्होंने प्राइवेट लैब की डीएनए रिपोर्ट उन्हें दिखानी चाही तो जांच कमेटी ने उन्हें ऐफिडेविट बनाने की बात कही।

जिससे उनकी मानसिकता का पता चलता है। उन्होंने इस दौरान सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज तक चैक करने की बात की। इधर बात ज्यादा बिगड़ती देख अस्पताल के एमएस दंपतियों को शांत करवाते नजर आए। इधर शिमला दंपति ने जब डिलीवरी के लिए जिम्मेवार व्यक्ति के बारे में पूछना चाहा तो एमएस ने दो टूक कहते हुए कहा कि इसके लिए तो डिलीवरी वाले ही पूर्ण रुप से जिम्मेवार है।

जिससे कि पता चलता है कि अस्पताल अब दो गुटों में बंट चुका है। हालांकि इस पूरे प्रकरण में एमएस पर ही सभी लोगों का गुस्सा फूटा। प्रबंधन के साथ मीटिंग में न होने पर विभागाध्यक्ष का कहना था कि वह इस दौरान ओपीडी में थीं। इसके अलावा अस्पताल में प्रदर्शन की उन्हें कोई सूचना नहीं है।

Featured

हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे

Published

on

nauni university himachal pradesh

शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।

संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।

डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।

अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।

डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।

Continue Reading

Featured

हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण

Published

on

hp police

पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।

शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।

राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।

सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।

कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।

सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।

आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।

सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।

Continue Reading

Featured

किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद

Published

on

kinnaur trekker deaths

शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो  पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।

यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो  पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।

Continue Reading

Featured

himira-online-shopping-website 2 himira-online-shopping-website 2
अन्य खबरे18 hours ago

ऑनलाइन उत्पाद बेच रहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं,एक महीने में आए 1,000 से अधिक ऑर्डर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने 3...

hp govt citizen service portal hp govt citizen service portal
अन्य खबरे4 days ago

नागरिक सेवा पोर्टल: व्यापार लाईसेंस, सम्पत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित अनेक सेवाएं होंगी ऑनलाइन

शिमला-राज्य सरकार ने शहरी विकास विभाग के कार्यक्रम ‘स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर’ पहल और ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। एक...

green hydrogen plant in himachal pradesh green hydrogen plant in himachal pradesh
अन्य खबरे4 days ago

हिमाचल प्रदेश में बनेगा उत्तर भारत का पहला एक मेगावाट ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र

सोलन: बुधवार को नालागढ़ तहसील के दभोटा में उत्तर भारत के पहले एक मेगावाट क्षमता के ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र की...

अन्य खबरे6 days ago

मंडी जिला में एक निजी गौशाला में गाय की संदिग्ध मौत, अमानवीय कृत्य का आरोप

मंडी: सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली भौर पंचायत में 3 फरवरी को  निजी गौशाला में एक गाय की संदिग्ध...

HP Govt Natural Farming Registration Form HP Govt Natural Farming Registration Form
अन्य खबरे7 days ago

अब सरल फार्म भरकर आसानी से प्राकृतिक खेती से जुड़ सकेंगे हिमाचल के किसान

शिमला -हिमाचल सरकार ने विधायक प्राथमिकता बैठक के दौरान राज्य में प्राकृतिक खेती में किसानों के पंजीकरण के लिए सरल...

अन्य खबरे1 week ago

बेटे ने दवा बताकर मां को लगा दी चिट्टे की लत, नशे के लिए बेच दिए गहने, बर्तन और पेड़

मंडी: हिमाचल प्रदेश में चिट्टे का जाल इस हद तक फैल चुका है कि कईं परिवार इसकी चपेट में आकर...

एच डब्ल्यू कम्युनिटी1 week ago

घोटाला: चंबा के पहाड़ों को बंजर कर रही कशमल की अवैध तस्करी, वन विभाग पर लगा भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप

चंबा: पहले पेयजल घोटाला, फिर रेत-बजरी ढुलाई का घोटाला और अब चंबा जिला में वन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप...

अन्य खबरे2 weeks ago

बिजली बोर्ड में पद समाप्ति के खिलाफ कर्मचारियों की राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

शिमला:  बिजली बोर्ड में चल रही पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया पर बिजली बोर्ड कर्मचारी व अभियंता जॉइंट फ्रंट...

hp carbon credit committee hp carbon credit committee
अन्य खबरे2 weeks ago

कार्बन बाजार से अतिरिक्त राजस्व जुटाएगा हिमाचल: मुख्यमंत्री

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार नें बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन की अध्यक्षता में कार्बन...

अन्य खबरे2 weeks ago

गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड : सूरज हत्या मामले में आईजी जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद

शिमला : बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में...

Trending