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शिमला: सड़क के किनारे रखे रेत बजरी दुर्घटनाओं को दे रहे न्योता, लोगों का पैदल चलना हुआ मुश्किल
शिमला– प्रदेश की राजधनी शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जगह जगह पर निर्माण कार्य चला हुआ है। इन कामों के चलते सड़कों पर कई जगह रेत बजरी फेंकी गई है। ऐसी ही फोटो हिमाचल वाचर के एक पाठक ने हमारे साथ साझा की है जिनमें देखा जा सकता है कि शिमला में सड़कों पर किस तरह रेत बजरी फेंकी जाती है जो लंबे समय तक वहीं पड़ी रहती है।
पाठक ने बताया कि ऐसी जगहों पर दुर्घटना होने का काफी खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा है कि ऐसी जगहों पर खासकर दो पहिया वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तथा ऐसी जगहों पर दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि जिस जगह रेत बजरी रखी होती है वहाँ पर सड़क संकरी हो जाती है जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। वहाँ से पैदल चलने वाले व्यक्ति कभी भी दुर्घटना के शिकार हो सकते है।
उन्होंने बताया कि बारिश होने पर रेत बहकर सड़कों के बीच पहुँच जाता है जिसके कारण सड़कों पर फिसलन काफी बढ़ जाती है और ऐसे में दुर्घटना घटने का खतरा ज्यादा बना रहता है।
उन्होंने यह भी कहा है कि प्रशासन की तरफ से भी इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। क्या जब ऐसी जगहों पर कोई दुर्घटना घटेगी तभी प्रशासन इसके लिए कोई कदम उठाएगा ? उन्होंने बताया कि कानून के मुताबिक सड़क के किनारे रखे रेत बजरी के लिए भी प्रावधान होता है लेकिन प्रशासन ऐसे प्रावधान लागू करने में असफल रहा है।
उन्होंने बताया है कि जिन जगहों पर सड़क के किनारे रेत बजरी रखी गई है, वहाँ पर वाहन चालकों को सूचित करने के लिए सूचना पट्ट भी नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में रात के समय चलने वाली गाड़ियों खासकर दो पहिया वाहनों के लिए ज्यादा खतरा बना रहता है।
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ई-केवाईसी न होने पर प्रदेश के करीब 45 हजार परिवारों के राशन कार्ड ब्लॉक, जानिए घर बैठे कैसे करें ई-केवाईसी
शिमला: खाद्य नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले विभाग ने एक मोबाइल एप्लिकेशन पीडीएस एचपी फेस एप्प तैयार की है जिसके माध्यम से प्रदेश के राशन कार्ड धारक घर बैठे ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
ई-केवाईसी न होने पर प्रदेश के करीब 45 हज़ार परिवारों के राशन कार्ड ब्लॉक कर दिये गये हैं। ऐसे में अब इन राशन कार्ड धारकों को ई- केवाईसी न होने तक डिपुओं में राशन नहीं मिलेगा। राज्य के कईं उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके परिवारों के सदस्य विदेशों या फिर देश के अन्य राज्यों में रह रहे हैं। परिवार में किसी एक सदस्य के ई-केवाईसी न होने पर राशन कार्ड से इस सदस्य को अस्थायी तौर पर ब्लॉक किया गया है। ऐसे में इस एक सदस्य के कोटे का राशन नहीं मिलेगा , जबकि अन्य सदस्य के लिए राशन जारी होगा।
इस एप्प से ई-केवाईसी नि:शुल्क होगी जिसके पश्चात ब्लॉक किया गया राशन कार्ड अनब्लॉक हो जाएगा और उपभोक्ता पहले की तरह डिपुओं में फिर से सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा सकते है। इसके अलावा लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से भी राशनकार्ड को अनब्लॉक किया जा सकता है।
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इस वर्ष पौंग डैम में बढ़ी प्रवासी पक्षियों की संख्या , मंडी जिला में दिखी गिरावट
कांगड़ा: प्रदेश सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की संख्या में वृद्धि हुई है। दिसंबर 2024 तक 92,885 प्रवासी पक्षियों की संख्या दर्ज की गई है। सीजन के अंत तक इस संख्या के एक लाख पार कर जाने की उम्मीद है। जबकि पिछले साल अक्तूबर से जनवरी तक पूरे सीजन के दौरान 85,000 पक्षी डैम में आए थे। सरकार के अनुसार पौंग डैम में हर साल औसतन 100 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। इस सीजन में प्रवासी पक्षियों की 85 प्रजातियां देखी जा चुकी हैं।
वहीं अगर बात करें मंडी जिला की तो एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिला की नदियों , झीलों और कृत्रिम व प्राकृतिक जलाशयों में गत वर्ष की तरह प्रवासी पक्षियों की संख्या कम देखने को मिली है। वन विभाग इन पक्षियों की कोई अधिकारिक गणना तो नहीं करता लेकिन अनुमान के आधार पर ही इनकी संख्या तय की जाती है।
यह प्रवासी पक्षी हर वर्ष दिसंबर महीने में अपने देशों में पारा माइनस में चले जाने के कारण तीन महीनों के लिए यहां के जलाशयों में रुकते हैं। यह प्रवास दिसंबर माह से शुरू होकर फरवरी माह तक रहता है।
आए हुए प्रवासी पक्षियों में कॉमन कूट, टफ्ड डक, मल्लार्ड, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, लिटिल ग्रेब, कार्माेरेंट आदि प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं। आजकल इन प्रवासी पक्षियों ने जिला की ब्यास नदी, पंडोह डैम, लारजी डैम, रिवालसर झील और सुंदरनगर झील में अपना डेरा जमाया हुआ है।
मुख्य अरण्यपाल वन वृत मंडी अजीत ठाकुर ने बताया कि फिल्ड स्टाफ को इन पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इनके साथ किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ न हो सके। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी गत वर्ष के मुकाबले पक्षियों की संख्या बराबर ही है।
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घोटाला: रोहड़ू में प्रधान निलंबित, फर्जी बिल, समान की खरीददारी में गड़बड़ी व कई अन्य वित्तीय घोटालों की हुई थी पुष्टि
शिमला : विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान देव राज को फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने इत्यादी घोटालों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और 15वें वित्त आयोग के तहत निलंबित कर दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी कर दी है ।
ग्राम पंचायत करासा के स्थानीय निवासी ने खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज की थी। जिसके बाद इस शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई।
6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई। 1 जुलाई 2024 को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान ग्राम पंचायत करासा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 4 जुलाई 2024 को प्रधान ने उक्त आरोपों पर अपना जवाब लिखित में दायर किया।
इसके बाद जब प्रधान के लिखित जवाबों का अवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया, तो जांच में पाया गया कि प्रधान की ओर से अपने बचाव में जो तथ्य पेश किए गए है वह तथ्य ठोस नहीं पाए गए है।
प्रधान देव राज द्वारा फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई है।
ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है।
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