शिमला
भाजपा सरकार और नगर निगम शिमला के पिछले साढ़े चार वर्षों का कार्यकाल शिमला शहर के विकास के लिए ग्रहण हुआ साबित:सीपीआईएम

शिमला- भाजपा सरकार और नगर निगम शिमला के पिछले साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में शिमला शहर के विकास को लगभग ग्रहण लगा है। यह बात सीपीआईएम के जिला सचिव संजय चौहान ने कही।
उनका कहना है इस दौरान भाजपा सरकार व नगर निगम शिमला शहर के लिए कोई भी नई परियोजना लाने में पूर्णतः विफल रहे हैं और पूर्व नगर निगम की ओर से स्वीकृत व चलाई जा रही हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं को भी पूर्ण नहीं कर पाई है।
पार्टी ने कहा कि पूर्व नगर निगम के समय में स्वीकृत कई परियोजनाएं तो अभी तक शुरू भी नहीं की गई है। विकासात्मक कार्यों के सुचारू रूप से न करने पर सांसद सुरेश कश्यप ने शिमला में कार्यों की समीक्षा बैठक में भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। यह शिमला शहर के विकास के प्रति भाजपा सरकार व नगर निगम शिमला की उदासीन व लचर कार्यशैली को दर्शाता है।
चौहान ने कहा कि सीपीएम भाजपा सरकार की इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध आंदोलन चलाएगी और आगामी नगर निगम व विधानसभा चुनाव में जनसरोकार की वैकल्पिक नीतियों को लेकर विकल्प पेश करेगी ताकि शिमला का सर्वांगीण विकास हो और शिमला शहर जनता के हर वर्ग के लिए रहने लायक बनाया जाए।
जिला सचिव ने बताया कि सीपीएम के नेतृत्व में पूर्व नगर निगम शिमला के 2012 से 2017 तक अपने कार्यकाल में लंबे संघर्ष के बाद करोड़ों रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत करवाई थी। इनमे मुख्यतः 2906 करोड़ रुपए की स्मार्ट सिटी, 125 मिलियन डॉलर(950 करोड़ रुपए) की विश्व बैंक की पेयजल व सीवरेज व्यवस्था के जीर्णोद्धार,243 करोड़ रुपए की अम्रुत, 200 करोड़ रुपए की टूटीकंडी से मालरोड की रोपेव,66 करोड़ रुपए की शिमला शहर की सौंदर्यीकरण,33 करोड़ रुपए की शहरी गरीब के लिए आवास, 29करोड़ रुपए की लागत से टूटू व 10करोड़ रुपए की लागत से पंथाघाटी व मेहली के लिए सीवरेज प्लांट,4.5 करोड़ रुपए तहबाजारी के लिये लिफ्ट के पास आजीविका भवन, 4 लेबर होस्टल का निर्माण, दाड़नी के बगीचा में सब्ज़ी मण्डी का निर्माण, 5 करोड़ रुपए से कार्ट रोड को चौड़ा करने, आईजीएमसी में पार्किंग व लिफ्ट तथा इसके अतिरिक्त शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ो रूपये की पार्किंग व पार्कों के निर्माण की परियोजनाएं स्वीकृत करवाई गई व इसका निर्माण शुरू किया गया था।
पार्टी ने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में सरकार व नगर निगम इन परियोजनाओं को गति नहीं दे पाई है।
स्मार्ट सिटी परियोजना का अभी तक केवल 7 प्रतिशत (213 करोड़ रुपए) ही खर्च कर पाई है और स्मार्ट सिटी की मूल परियोजना में फेर बदल कर केवल चेहते ठेकेदारों को फायदा देने के लिए सड़कों में डंगे लगाने का ही कार्य किया जा रहा है।
सचिव ने बताया कि इसमें मुख्य योजनाओं जिसमे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट व ट्रासंपोर्ट, पुरानी सब्जी मंडी, अनाज मण्डी व लक्कड़ मण्डी को स्थान्तरित कर इनके स्थान पर आधुनिक बहुउद्देश्यीय परिसरों का निर्माण, रिपन अस्पताल का पुनर्निर्माण आदि जनसरोकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बिल्कुल नजरअंदाज किया गया है।
विश्व बैंक की सहायता से पेयजल व सीवरेज के जीर्णोद्धार की परियोजना भी जमीनी स्तर पर नहीं दिखाई दे रही है व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण टूटीकंडी से माल रोड तक रोपवे परियोजना स्वीकृति के बावजूद भी सरकार आरम्भ ही नहीं कर पाई है जबकि इसके साथ ही स्वीकृत की गई धर्मशाला में रोपवे ने कार्य करना आरम्भ भी कर दिया है।
उन्होंने सरकार व नगर निगम की इस लचर कार्यशैली से इनका शहर के विकास के प्रति नकारात्मक रवैया उजागर हुआ है।
सीपीएम आगामी नगर निगम व विधानसभा के चुनावों में भाजपा की आम जनविरोधी नीतियों व विकास के प्रति नकरात्मक रवैये व विफल कार्यप्रणाली को जनता के समक्ष उजागर करेगी और जनहित की वैकल्पिक नीतियों के साथ जनता के समक्ष एक सशक्त विकल्प पेश करेगी।
शिमला
मुख्यमंत्री ने ढली में 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की रखी आधारशिला

शिमला- शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजधनी में कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ढली में लगभग 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ढली की पुरानी सुरंग 1852 ई. में निर्मित की गई थी और अब 147 मीटर लंबी इस नई डबल लेन सुरंग से यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर का निरंतर विकास होने से इसका व्यापक विस्तार हुआ है और ऐसे में प्रभावी यातायात प्रबन्धन के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह परियोजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिमला शहर के लिए 70 करोड़ रुपए की लागत की पेयजल आपूर्ति योजना रिकॉर्ड समयावधि में पूर्ण करके शहर में पेयजल संकट की समस्या का निराकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहर के लिए 1813 करोड़ रुपए की एक नई पेयजल आपूर्ति परियोजना भी तैयार की जा रही है जिसका कार्य पूर्ण होने पर शहर में आगामी 100 वर्षों तक पानी की समस्या का हल हो सकेगा।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि नई सुंरग के निर्मित होने से इस मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही और सुगम हो सकेगी। यह सुंरग शिमला जिला के कसुम्पटी और शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत सड़कों को चौड़ा करने, पैदल पुलों, फुटपाथ, पार्किंग इत्यादि से संबंधित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत सभी कार्य तीव्र गति से पूर्ण हो।
अन्य खबरे
शिमला साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी मामलों में वापिस करवाए 1 लाख 40 हजार रुपए

शिमला- साइबर सेल शिमला को ऑनलाइन ठगी मामलें में एक बड़ी सफलता मिली है।
नवंबर 2021 में नारकंडा पुलिस चौकी में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके अनुसार शातिरों ने केवाईसी अपडेट करने के लिए शिकायतकर्ता से ओटीपी मांगा था और शिकायतकर्ता ने ओटीपी शेयर कर दिया जिसके बाद ओटीपी शेयर करने से शिकायतकर्ता के खाते से 1 लाख 40 हजार रुपए कट गए। इस ठगी मामलें में शिमला साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए यह राशि शिकायकर्ताओं के खाते में वापिस करवा दी हैं।
शिमला पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता है। आप अपने खाते की जानकारी जैसे कि ओटीपी (OTP)/सीवीवी (CVV)इत्यादि सांझा न करें और किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर इसकी सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस थाना या पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर आवश्य दर्ज करवाएं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी साइबर सेल शिमला ने ठगी के मामलें में तुरंत कार्रवाई करते हुए शिकायकर्ताओं के खाते में करीब 85 हजार रुपए वापिस करवाए थे।
राजनीति
नगर निगम चुनावों के लिए चुनावी घोषणा पत्र में जनहित के मुद्दों तरजीह देगी कांग्रेस,तैयारियां शुरु

शिमला- प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिमला नगर निगम चुनावों के लिये अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके चलते आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर की अध्यक्षता में मेनीफेस्टो ,घोषणा पत्र कमेटी की एक बैठक हुई।
बैठक में घोषणा पत्र को लेकर आपसी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान राठौर ने नगर निगम के मेनीफेस्टो, घोषणा पत्र के प्रारूप पर चर्चा करते हुए कहा कि घोषणा पत्र में जनहित से जुड़े मुद्दों को विशेष प्रमुखता दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसमें नगर निगम में शामिल किए गए उन नए क्षेत्रों में लोगों को राहत व सुविधा देने का विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए जिन्हें वर्तमान नगर निगम ने कुछ नहीं दिया है।उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम की कार्यप्रणाली से लोग दुःखी है।
उन्होंने अपना कोई भी चुनावी वायदा पूरा नहीं किया, इसलिए इन्हें सत्ता से बाहर करने के लिये सभी को एकजुटता के साथ पूर्व में प्रदेश के चार नगर निगम चुनावों की तरह ही प्रयास करने होंगे।
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