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जंग लगी मशीनों से हो रही शिमला पेयजल की जांच, शहर में सभी प्रयोगशालाएं चौपट

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शिमला- शहर में पीलिया फैला है। पानी की तमाम जांच रिपोर्ट सवालों के घेरे में हैं। पेयजल की गुणवत्ता जांचने को राजधानी में स्थापित भी प्रयोगशालाएं खस्ताहाल हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की प्रयोगशालाओं में जंग लगी मशीनों से पेयजल की जांच हो रही है। हालात इतने बदतर हैं कि रिपोर्ट टाइप करने तक की व्यवस्था नहीं है।

पानी की जांच रिपोर्ट हाथ से लिख कर जारी की जा रही हैं। गलत रीडिंग दर्ज होने पर की गई कटिंग रिपोर्टों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है।

एक बार फिर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग ने अपनी नाकामियां छिपाने के लिए टीम को ढली स्थित प्रयोगशाला में एंट्री करने से रोका। गौरतलब है कि शहर में पीलिया के हर रोज पचास से साठ मामले आ रहे हैं।

डीडीयू लैब

दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की लैब के बाहर टेस्ट करवाने के लिए मरीजों की लंबी कतारें लगी हैं। लैब के भीतर कर्मचारी मरीजों के सैंपल ले रहे हैं। पेयजल की गुणवत्ता जांचने के लिए लैब के दरवाजे के ठीक सामने आटोक्लेव मशीन लगाई गई थी। जिंदल कंपनी की सालों पुरानी इस मशीन में बुरी तरह जंग लगा हुआ है। पानी की जांच के लिए वाटर मीडिया तैयार करने में इस मशीन का इस्तेमाल होता है। लैब में पानी की जांच के बाद हाथ से रीडिंग नोट की जाती है।

नगर निगम लैब

रिज मैदान के पास नगर निगम की प्रयोगशाला में कर्मचारी ब्लड सैंपल की जांच कर रहे हैं। यह पूछने पर कि पानी के सैंपलों की जांच कैसे की जाती है। कर्मचारी ने लैब की अलमारी से क्लोरीन की जांच में इस्तेमाल होने वाला उपकरण क्लोरोस्कोप निकाल कर दिखाया।

क्लोरोफार्म की जांच के लिए आटोक्लेव मशीन भी लैब में मौजूद थी। डीडीयू की आटोक्लेव मशीन की तुलना में नगर निगम की मशीन की हालत बेहतर थी, हालांकि मशीन में तैयार किए गए वाटर मीडिया की ट्यूब, जंग लगी स्टैंड में रखी गई थी।

आईपीएच लैब ढली आईपीएच की लैब में तैनात कर्मचारियों ने यह कह कर टीम को भीतर आने से रोक दिया कि ‘बड़े साहब के आदेश हैं, मीडिया वालों को अंदर न आने दिया जाए’ कर्मचारियों ने आग्रह किया कि उनकी नौकरी का सवाल है कृपया भीतर न जाएं।

कर्मचारियों में अपने अफसरों का खौफ साफ दिख रहा था। अपनी नालायकी छिपाने के लिए आईपीएच के बड़े अधिकारियों ने लैब में तैनात कर्मचारियों को मीडिया से बात तक न करने के निर्देश दिए थे। इसलिए मीडिया कर्मियों से कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर बात तक नहीं की। न ही किसी तरह की कोई टिप्पणी की।

राजधानी में पीलिया 30 नए मामले

राजधानी शिमला में शनिवार को पीलिया के 30 नए मामले सामने आए। स्टेट सर्विलेंस ऑफिसर डा. राकेश रोशन भारद्वाज ने बताया कि यह मामले शहर के तीनों अस्पतालों में उपचार के लिए आए पीलिया रोगियों के पॉजिटिव मामलों के आंकड़े हैं। अब तक एक हजार से अधिक लोग पीलिया की चपेट में आ चुके हैं।

वहीं घोड़ा चौकी से डीडीयू अस्पताल में पीलिया का टेस्ट करवाने आए नरेश कुमार ने बताया कि कुछ दिनों से पीलिया रोग ने शहर में कोहराम मचा रखा है। उन्हें भी पीलिया हुआ है इसलिए टेस्ट करवाने आए हैं। समरहिल से डीडीयू लैब में पीलिया का टेस्ट करवाने आए अनिल और चांदनी ने बताया कि उनके क्षेत्रों से भी भारी संख्या में रोग पीलिया रोग की चपेट में आ चुके हैं।

अस्पताल में रोजाना भारी संख्या में पीलिया के रोगी उनके क्षेत्रों से उपचार के लिए आ रहे हैं। लक्कड़ बाजार में रहने वाले मुश्ताक ने बताया कि उपचार के लिए अस्पताल आया हूं। उन्हें डर है कि कहीं उन्हें भी पीलिया रोग न हो जाए इसलिए टेस्ट करवाने आया हूं।

इलाज से संतुष्ट नहीं पीलिया के मरीज

शहर में फैले पीलिया ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों को कटघरे में ला खड़ा किया है। डीडीयूएच की मौजूदा स्वास्थ्य प्रणाली के प्रति रोष प्रकट करते हुए एक होटल में कार्यरत अर्की के पीलिया पीड़ित टेकचंद ने बताया कि वह एक सप्ताह से अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं।

लेकिन उन्हें उचित इलाज नहीं मिल रहा। उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं है। इस कारण उनकी सेहत दिनप्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। बेटे के इलाज के लिए आए पंथाघाटी निवासी पंकज शर्मा ने बताया कि उन्हें अस्पताल में लंबी कतारों में धक्के खाने पड़े। बाद में टेस्ट के लिए लिखा लेकिन तब तक समय हो चुका था।

बताया कि अस्पताल प्रशासन सिफारिशों के बल पर मरीजों का इलाज कर रहा है। इसकी शिकायत वह डीसी से कर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई मांगेंगे। पनीश गांव की सत्या देवी ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज को लेकर कोताही बरतने और महंगी दवाइयों के नाम पर ठगने का आरोप लगाया है।

सीवरेज प्लांट के लिए नहीं बनी सड़क, कैसे हटे मैला

विजय खाची, शिमला। मल्याणा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट मुख्य सड़क से करीब डेढ़ किलोमीटर नीचे है। शोधन के बाद हर रोज सैकड़ों कुंतल सूखा मैला यहां जमा होता है। इसे हटाने के लिए प्लांट तक एक सड़क चाहिए ताकि ट्रक में भरकर इसे बाहर निकाला जाए। लेकिन जब से प्लांट लगा तब से यहां कोई सड़क नहीं बनी।

मैला वहीं पड़ा रहता है और बारिश में यह पानी के साथ बह कर अश्वनी खड्ड की तरफ चला जाता है। हिमाचल हाईकोर्ट ने जुलाई 2009 को आदेश दिए दिए थे यहां तुरंत सड़क बनाई जाए। लेकिन सरकारी अमले की लापरवाही देखिए सड़क के लिए एक गैंती तक नहीं चली।

सड़क न बनाने की वजह जो भी रही हो लेकिन यह तय है कि सरकार में बैठे जिम्मेदार अफसरों को आम जनता के स्वास्थ्य की कितनी चिंता है। ट्रीटमेंट प्लांट को सड़क से जोड़ना इसलिए जरूरी था ताकि यहां से स्लज की ढुलाई गाड़ी से की जा सके। सड़क न होने से स्लज प्लांट के पास ही पड़ा है।

बारिश के दौरान यह रिसकर अश्वनी खड्ड की ओर जाने वाले नाले में मिल जाता है। शासन में बैठे हुक्मरानों और अफसरों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई करती है इस पर जनता की नजरें टिकी हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि मल्याणा सीवरेज प्लांट तक जब सड़क की सुविधा ही नहीं है तो प्लांट से स्लज को कैसे किसी दूसरी जगह पर ले जाया जाता।

आईपीएच के सामने ऐसी क्या दिक्कतें थी कि वह आज तक सड़क नहीं निकाल पाया। जन एवं सिंचाई स्वास्थ्य विभाग शिमला के अफसरों ने कभी मल्याणा सीवरेज प्लांट तक सड़क का निर्माण करने की जरूरत नहीं समझी। क्या अफसरों को लगता है कि खुले में जमा स्लज को खड्ड में बहाना चाहिए।

ठेकेदार पुलिस की पकड़ से दूर, अग्रिम जमानत की फिराक में

गिरफ्तारी के डर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ठेकेदार अक्षय डोगर ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। जमानत पर 27 जनवरी को सुनवाई होगी। अदालत ने शनिवार को इस मामले में गिरफ्तार जेई प्रणीत कुमार और सुपरवाइजर मनोज वर्मा को भी पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस हिरासत में 48 घंटे रहने पर आरोपी डीम्ड सस्पेंड हो गए हैं।

पुलिस की अब पूरी कोशिश है कि वह ठेकेदार को गिरफ्तार कर लें ताकि इस मामले से जुड़े कई और सफेदपोशों के चेहरों से पर्दा उठ पाए। हालांकि शुरुआती पूछताछ में एसआईटी को पकड़े गए आरोपी से कई अहम जानकारियां मिली हैं जो इस केस में कई और अफसरों को जांच के दायरे में लाकर खड़ा कर रहे हैं।

एसआईटी अब तक ठेकेदार को पकड़ नहीं पाई है। ठेकेदार के परिजनों से पूछताछ की गई है। पुलिस को अंदेशा है कि परिजनों को ठेकेदार के बारे में पता है। आरोपी जेई और सुपरवाइजर ने पूछताछ में खुद को बेकसूर बताया है। ठेकेदार पर आरोपों का ठीकरा फोड़ा है। आईपीएच कर्मचारी संघ भी गिरफ्तारी के विरोध में आ गए हैं। उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर कहा गया है कि बेवजह निचले स्तर के कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में खराब मशीनों और दूसरी कमियों के बारे में आईपीएच के उच्च अफसरों को इत्तला कर दी गई थी इस स्थिति में पुलिस उन अफसरों को गिरफ्तार करें और कर्मचारियों को तंग न करें। उपायुक्त को सौंपा गया ज्ञापन पुलिस अधीक्षक को आगामी कार्रवाई के लिए दे दिया है।

अगर ठेकेदार आने वाले दिनों में पुलिस की गिरफ्त में नहीं आता तो आरोपी को जमानत के लिए 27 जनवरी को खुद पेश होना होगा। इस मामले में शिकायत कर्ता डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर के भी आने वाले दिनों में एसआईटी बयान लेगी। उधर, इस बारे में एसपी शिमला डी डब्ल्यू नेगी ने कहा कि दोनों आरोपी 27 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर हैं और ठेकेदार की तलाश की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग भी लेगा पानी के सैंपल

शहर में बढ़ते पीलिया मामलों को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग भी पूरे जिले भर में पानी के सैंपल लेने जा रहा है। यह जिम्मेवारी विभाग ने बीएमओ को सौंप गई है और वह अपने रोजाना पानी के सैंपल लेकर पानी की गुणवत्ता जांच करेंगे। स्टेट सर्विलेंस ऑफिसर डा. राकेश रोशन भारद्वाज ने बताया कि आईपीएच, नगर निगम के साथ स्वास्थ्य महकमा भी पानी के सैंपल एकत्र करेगा।

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गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा

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बिलासपुर-जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी देते हुए कहा कि गोविंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरम्भ कर दिया गया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हेली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।

वहीं जिला ऊना के अंदरौली में गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। जिसे शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवतः इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक जल क्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोविंद सागर झील कार्निवल का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां- परागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जल क्रीड़ा– गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है।

पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाउस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है।

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शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड

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शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने तीन काउंटर, बुकिंग काउंटर मॉल रोड शिमला, पुराना बस अड्डा शिमला व अन्तर्राज्य बस अड्डा टूटीकंडी शिमला में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) यात्रियों को जारी करने हेतू सुविधा उपलब्ध करवा दी है।

अब इच्छुक व्यक्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपरोक्त बुकिंग काउंटर से अपने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी करवा सकते हैं।

इस कार्ड का मूल्य 100 रु होगा और इसका उपयोग यात्री हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रा पत्र लेने के लिए कर सकेंगे।

इस कार्ड के उपयोग के लिए किसी प्रकार की इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में यह कार्ड शिमला लोकल की बसों में उपयोग किया जा सकेगा तथा अगले चरण में यह सुविधा हिमाचल पथ परिवहन निगम के अन्य क्षेत्रों की बस सेवा में भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।

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हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय : पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम होंगे घोषित।

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Himachal-Cabinet-Meeting-Decision-20-sept

शिमला-मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक शुक्रवार को आयोजित हुई । इस बैठक में परीक्षा के परिणामों ,खाली पदों को भरने और अन्य कईं महत्वपूर्ण फैसलों पर स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम घोषित करने के लिए अधिकृत किया है। जांच एवं अदालती कार्यवाही के अंतिम परिणाम के दृष्टिगत पोस्ट कोड 903 के पांच पद और पोस्ट कोड 939 के तहत छह पद रिक्त रखे गए हैं।

जल विद्युत परियोजनाएं :

780 मेगावाट की जंगी थोपन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपने को स्वीकृति प्रदान की गई।
1630 मेगावाट की रेणुकाजी और 270 मेगावाट की थाना प्लौन पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को आवंटित करने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश में रोगी कल्याण समितियों का होगा सुदृढ़ीकरण:

मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ.(कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समितियों के सुदृढ़ीकरण के लिए सिफारिशें प्रदान करने संबंधी मंत्रिमंडलीय उप-समिति के गठन को स्वीकृति प्रदान की। इस उप-समिति के सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा होंगे।

कांगड़ा और सिरमौर में बनेंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक:

जिला कांगड़ा के नागरिक अस्पताल देहरा और सिरमौर जिले के नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब में 50-50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की गई, वहीं देहरा में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता और खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय स्थापित करने को भी मंजूरी प्रदान की गई है।

एससीईआरटी और डाईट संस्थानों में सुदृढ़ीकरण का निर्णय :

सोलन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को राज्य स्तर पर स्कूल और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शीर्ष संस्थान के रूप में स्तरोन्नत करने को भी मंजूरी दी गई।

शिक्षकों की कार्यशैली में अधिक गुणवत्ता लाने के लिए 12 जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) के सुदृढ़ीकरण का निर्णय लिया गया है।

एक प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलेगा शैक्षिक ऋण :

बैठक में मेधावी छात्रों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डॉ. यशवंत सिंह परमार ऋण योजना को विस्तार प्रदान करने का निर्णय लिया गया है । इसके अंतर्गत विदेशों के शैक्षणिक संस्थानों में पेशेवर और व्यावसायिक पाठयक्रमों की शिक्षा ग्रहण करने वाले इच्छुक पात्र मेधावी छात्रों को इस योजना का लाभ देने का भी निर्णय लिया गया। इस योजना के तहत, राज्य सरकार एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान करती है।

इन रिक्त पदों पर होंगी भर्तियाँ :

  • बैठक में वन विभाग में सहायक वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया।
  • मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 33 पदों को भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
  • जिला लाहौल-स्पीति के सिस्सु में नया पुलिस थाना खोलने तथा इसके संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 18 पद,चम्बा के हथली में नई पुलिस चौकी के लिए विभिन्न श्रेणियों के छः पदों को सृजित कर भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई ।
  • गृह विभाग में दो पुलिस उप-अधीक्षक,जिला कारागार मण्डी में औषध वितरक का एक पद,सहायक निदेशक (जीव विज्ञान और सीरम विज्ञान) का एक पद तथा प्रयोगशाला सहायक (रसायन व विष विज्ञान) के तीन पद भरने का निर्णय लिया गया।
  • हिमाचल प्रदेश महाधिवक्ता कार्यालय के लिए विभिन्न श्रेणियों के 10 पदों को भरने का भी निर्णय लिया गया।
  • शिमला के शोघी और जिला सोलन के कसौली,जाबली,बरोटीवाला,नालागढ़ और बद्दी में ईएसआई चिकित्सा संस्थानों के लिए छः चिकित्सा अधिकारियों (डेंटल) के पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान की गई।
  • इसके अलावा मंत्रिमण्डल ने फोरेसिंक सेवा विभाग को परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए छः मोबाइल फॉरेसिंक वैन प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की है।
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