Connect with us

Featured

अपने ही चुनाव क्षेत्र में छुप-2 कर आते है नीरज भारती जहाँ 30 साल से लोग कर रहे पक्की सड़क और बस का इंतज़ार

Published

on

Jwali-Vidhansabha-Road

पिछले 30 सालों से इस सड़क पर ना ही बस आयी है और न कोई एम्बुलेंस आती है जिस कारण मरीज को खुद ही उठा कर उपचार केंद्र तक ले जाना पड़ता है। इस सड़क का निरिक्षण करने नहीं आता कोई नेता या सरकारी अधिकारी

तरुण शर्मा|शिमला:- एक आसान सा सवाल- हम वोट क्योँ करते है? या तो हम उम्मीदवार को जिताने के लिए वोट करते है या इस उम्मीद में करते है कि वे चुनाव जितने के बाद उस क्षेत्र के लिए विकास करेगा।

हमारे देश में चुनी हुई सरकार व प्रत्याशी केवल एक सिद्धान्त पर ही काम करते है। चुनाव जितने के लिए जनता की नब्ज़ पकड़ो,लोक-लुभावनी घोषणाएं करो,और जब चुनाव जितने के बाद पांचवा साल आये तो उन्ही अधूरी घोषणाओं को दोहरा कर लोगो को झुनझुना थामा दो। यह एक तरह से जनता के विश्वास और भावनाओं के साथ धोखा करना है।

ज्वाली क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगो ने हिमाचल वॉचर से संपर्क किया और बताया कि प्रदेश में 1992 से लेकर जितनी भी सरकारें आयीं उन्होंने यहाँ के स्थानीय लोगो की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में आने वाली चनणी सड़क गांववासियों ने प्रोफेसर चन्दर कुमार की मदद से सन् 1992 में बनाई थी। जबकि यह कार्य सराकर को करना चाहिए था। इस सड़क को करीब 25 साल हो गए है लेकिन आज भी यह सड़क पक्का होने का इंतज़ार कर रही है।

विडियो

ग्रामीणों का कहना है कि इस गाँव की भोली भाली जनता अनुसूचित जनजाति से सम्बन्ध रखती है। इस गाँव कि जनसंख्या लगभग 500 है। यदि यह चनणी सड़क पक्की होती है तो इस गाँव के साथ लगते सिहुनि ,पलोटा ,बलदोया के सैकेड़ों लोगो को भी फायदा होगा।

Chandni-Road-Kangra

नीरज भारती अपने बड़बोलेपन से दिये गए बयानों के कारण विवादों में घिरे रहते हैं। स्थानीय लोगो द्वारा भेजे गए सड़क (चनणी) के चित्रों और विडियो को देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इस सड़क की हालात कितनी खराब है। यह सड़क भारती के चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत आती है जिसका उद्धार अभी तक माननीय विधायक के हाथो नहीं हो पाया है।

निवसियों का कहना है कि यह हाल ही की समस्या नहीं है और 1992 से लेकर अब तक ज्यो की त्यों बनी हुई है। चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की इस सड़क की हालत को सबने नज़रअंदाज़ ही किया।

स्थानीय लोगो ने हिमाचल वॉचर को बताया कि जब भी प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते है उस समय तो हर प्रत्याशी यह कहकर वोट मांगता है कि अगली बार इस सड़क को तारकोल के साथ पक्का किया जायेगा,लेकिन अफसोस की बात यह है कि लोग इसी झांसे में आकर अपना कीमती वोट इन नेताओं को दे देते हैं।

neeraj-bharti-mla-jwali

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से भारी बारीश हो रही है और बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं भी चल रही है। इस सड़क को देख कर आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते है कि स्कूल जाने वाले बच्चे कीचड़ का सामना करते हुए कितनी मुश्किलो के बिच परीक्षा देने जाते होंगें। लोगो का कहना है कि आपातकाल की स्थिति में भी इस सड़क से निकलना बेहद मुश्किल है अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाये या कोई गर्भवती महिला को ऐसे बरसात के मौसम में अस्पताल ले जाना पड़े तो क्या हाल होगा। ग्रामीणों का कहना है कि इस रस्ते से एम्बुलेंस भी नहीं आती, जिस कारण मरीज को खुद ही उठा कर उपचार केंद्र तक ले जाना पड़ता है।

पढ़िए विस्तार से,क्या है यह मामला

ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय निवासी ज्ञानेश्वर राजकुमार शर्मा जो की पेशे से अध्यापक हैं। उन्होंने हिमाचल वॉचर से फोन पर बात कर बताया कि 1992 में इस चनणी सड़क को स्थानीय लोगो ने खुद बनाया था और उस समय हिमाचल में राष्ट्रपति साशन लगा हुआ था! जबकि 3 दिसम्बर 1993 से हिमाचल में कांग्रेस सरकार सत्ता में आयी, उस समय भी लोगो को ठगा गया। उसके बाद 1998 में हिमाचल में भाजपा सरकार आयी लेकिन उन्होंने भी इस समस्या को अनदेखा किया।

1998 से लेकर 2017 तक सरकारें आयी गयी लेकिन इस सड़क की हालात ज्यों की त्यों बनी हुई है। स्थानीय लोगो ने बताया कि बारिश के समय कीचड़ में चलना बेहद कठिन हो जाता है। कोई भी नेता भी इस तरफ आने से कतराता हैं। आमतौर पर भी इस कच्चे रस्ते में चलना आसान नहीं है। लोगो ने यह भी बताया की इस सड़क में कोई बस नहीं आती। जिसके कारण लोगो को करीब 3 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है।

स्थानीय लोगो का कहना है कि उनके विधायक यानि नीरज भारती अपने चुनाव क्षेत्र में रात को छुप छुप के आते हैं ताकि किसी को उनके आने की कानो-कान खबर न मिले। लोगो का कहना है कि इस सड़क को ठीक करवाने के लिए कई सालों से वे दरख्वास्त कर रहे हैं लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।

गाँव वालो का कहना है कि नीरज भारती से सड़क ठीक करवाने के लिए उस समय कहा था जब वे विधयाक का चुनाव लड़ रहे थे। उस समय वतर्मान विधायक नीरज भारती ने कहा था की जब तक यह चनणी सड़क काली नहीं हो जाती (तारकोल से पक्का होना) तब तक वे व्यक्तिगत तौर पर इस चुनाव क्षेत्र में नहीं आयँगे (जिसका पालन नीरज भारती अभी तक कर रहे हैं। बस कभी कभी रात को छिप छिपा के आ जाते हैं)।

हिमाचल वॉचर ने विधायक नीरज भारती को संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

ग्रामीणों ने हिमाचल वॉचर को बताया कि किसी कारण वश पहले उन्हें इस सड़क को पक्का करने की एनओसी नहीं मिल रहा था। लेकिन अब उन्हें एनओसी मिल चुकी है बावजूद इसके सड़क पक्का करने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ।

स्थानीय लोगो का यह भी कहना है कि 2 हफ्ते पहले जवाली के अध्यक्ष ने कहा था कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद इस सड़क का उद्घाटन करने अप्रैल में आयँगे। स्थानीय निवासी ज्ञानेश्वर राजकुमार शर्मा ने आज से एक साल पहले हिमाचल प्रदेश सचिवालय को ई-समाधान (E Samadhan)के जरिये सड़क की समस्या से अवगत करवाया था जिसके प्रतिउत्तर में यह कहा गया था कि जवाली के पीडब्ल्यूडी इंजीनयर नरेश शर्मा से मिलो।

E-Samadhan

ई-समाधान करने वाले प्रार्थी ने हिमाचल वॉचर को बताया कि जब उन्होंने इंजीनयर से सड़क की समस्या के बारे में पूछा तो उनका जवाब यह था कि उन्हें इसके बारे में कुछ भी पता नहीं। प्रार्थी ने यह भी कहा कि एक साल हो चूका है लेकिन अभी तक पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया है और न ही कोई अधिकारी इस सड़क का निरीक्षण करने के लिए आता है।

जैसे जैसे हिमाचल विधानसभा के चुनाव नज़दीक आ रहे हैं वैसे वैसे लोगों को सड़क के ठीक होने के झूठे दिलासे फिर से शुरू होते दिखाई दे रहे है।

यहाँ तक कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ने काँगड़ा दौरे के दौरान यह घोषणा की थी कि जिले की ज्वाली बिधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली चनणी सड़क को पक्का किया जायेगा। लेकिन लोगो का कहना है कि वे अब कसी भी नेता के झूठे वादों के बहकावे में नहीं आएंगे। गुस्साए लोगो का यह भी कहना है कि अगर तीन महीने के भीतर इस सड़क का काम शुरू नही होता है तो सभी ग्रामवासी इस विधानसभा चुनाव में नोटा(NOTA)का इस्तेमाल करके चुनाव का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि समय रहते इस सड़क को ठीक करवाया जाये।

Featured

हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे

Published

on

nauni university himachal pradesh

शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।

संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।

डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।

अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।

डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।

Continue Reading

Featured

हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण

Published

on

hp police

पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।

शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।

राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।

सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।

कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।

सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।

आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।

सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।

Continue Reading

Featured

किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद

Published

on

kinnaur trekker deaths

शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो  पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।

यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो  पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।

Continue Reading

Featured

अन्य खबरे12 hours ago

बिजली बोर्ड में पद समाप्ति के खिलाफ कर्मचारियों की राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

शिमला:  बिजली बोर्ड में चल रही पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया पर बिजली बोर्ड कर्मचारी व अभियंता जॉइंट फ्रंट...

hp carbon credit committee hp carbon credit committee
अन्य खबरे12 hours ago

कार्बन बाजार से अतिरिक्त राजस्व जुटाएगा हिमाचल: मुख्यमंत्री

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार नें बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन की अध्यक्षता में कार्बन...

अन्य खबरे3 days ago

गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड : सूरज हत्या मामले में आईजी जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद

शिमला : बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में...

अन्य खबरे6 days ago

हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: भांग की खेती पर पायलट अध्ययन को मंजूरी,सरकार ने बदले दो संस्थानों के नाम

कांगड़ा : धर्मशाला में आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कईं अहम निर्णय...

अन्य खबरे7 days ago

मनाली विंटर कार्निवाल में 19 वर्षीय युवक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

कुल्लू: मनाली विंटर कार्निवाल की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में मनु रंगशाला में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया...

First Dharamshala solar power project First Dharamshala solar power project
अन्य खबरे2 weeks ago

धर्मशाला में पहली 750 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजना शुरु, प्रतिदिन तैयार होगी 2,000 यूनिट बिजली

कांगड़ा: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 17 जनवरी को धर्मशाला में स्थापित की गई पहली 750 किलोवाट की सौर ऊर्जा...

HRTC driver suicide video HRTC driver suicide video
अन्य खबरे2 weeks ago

एचआरटीसी चालक ने की आत्महत्या, दम तोड़ने से पहले बनाए विडिओ में रीजनल मैनेजर पर लगाए गंभीर आरोप

मंडी: हिमाचल पथ परिवहन निगम के धर्मपुर डिपो के एक चालक ने लोहड़ी पर्व की पूर्व संध्या पर ज़हरीला पदार्थ...

Shimla Town Hall Cafe Shimla Town Hall Cafe
अन्य खबरे3 weeks ago

एक बार फिर खुलेगा शिमला टाउन हॉल में हाई एंड कैफे, हाईकोर्ट ने हटाई रोक।

शिमला : प्रदेश उच्च न्यायालय ने टाउन हॉल शिमला में हाई एंड कैफे खोलने के विरोध में दायर याचिका को...

hp cabinet meeting january 9, 2024 hp cabinet meeting january 9, 2024
अन्य खबरे3 weeks ago

हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: जारी हुए बीपीएल सूची के नए मापदंड, नशे से निपटने के लिए बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स

शिमला– मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रिमंडल...

Road accidents himachal pradesh in 2024 Road accidents himachal pradesh in 2024
अन्य खबरे3 weeks ago

वर्ष 2024 में हिमाचल में कम हुई सड़क दुर्घटनाएं : मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला-वर्ष 2023 की तुलना में हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष...

Trending