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हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: भांग की खेती पर पायलट अध्ययन को मंजूरी,सरकार ने बदले दो संस्थानों के नाम

कांगड़ा : धर्मशाला में आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कईं अहम निर्णय लिए गए।
तांदी गांव में आग प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज:
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023 में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए लाए गए विशेष राहत पैकेज को जिला कुल्लू के तांदी गांव में आग की घटना से प्रभावित परिवारों के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया। पैकेज के तहत तांदी गांव के प्रभावित परिवारों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रुपये और गौशालाओं के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रभावित परिवारों को 30 जून, 2025 तक मकान के किराए के भुगतान के लिए 5,000 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाएगी।
रोबोटिक सर्जरी के लिए मशीनरी और उपकरणों की खरीद :
मंत्रिमंडल ने एम्स, नई दिल्ली की तर्ज पर अटल सुपर स्पेशिएलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान (एआइएमएसएस) चमियाणा और डॉ राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, कांगड़ा में रोबोटिक सर्जरी के लिए 56 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनरी और उपकरणों की खरीद को भी स्वीकृति प्रदान की।
कशमल एक्सटरेक्शन की अनुमति :
मंत्रिमंडल ने वन विभाग के पिछले आदेश में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर 15 फरवरी, 2025 की कट-ऑफ तिथि के साथ कश्मल की जड़ों के एक्सटरेक्शन की अनुमति प्रदान की। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश वन उपज पारगमन (लेंड रूटस) नियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार 4 जनवरी, 2025 से पहले खुले स्थानों से निकाले गए वन उत्पादों के परिवहन के लिए 15 फरवरी, 2025 तक की अनुमति प्रदान की।
सुपर लग्जरी बसों की खरीद को मंजूरी :
बैठक में दो नए मंडल ननखड़ी और खोलीघाट के साथ खराहन सेक्शन बनाकर लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग वृत शाहपुर को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए 24 वातानुकूलित सुपर लग्जरी बसों की खरीद को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने बेहतर प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने को भी मंजूरी दी।
भांग की खेती पर एक पायलट अध्ययन को मंजूरी:
मंत्रिमंडल ने चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, जिला कांगड़ा और डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, जिला सोलन द्वारा संयुक्त रूप से भांग की खेती पर एक पायलट अध्ययन को मंजूरी दी। यह अध्ययन भांग की खेती के विषय में भविष्य की रूपरेखा का मूल्यांकन और सिफारिश करेगा। इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग को इस पहल के लिए नोडल विभाग नामित किया गया।
कर्मचारियों को राज्य कैडर के दायरे में लाने को मंजूरी:
मंत्रिमंडल ने उपायुक्त कार्यालयों में चालकों, सभी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ-साथ तीन मंडलायुक्तों, निदेशक भूमि अभिलेख, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर (मंडी), भू-एकत्रीकरण निदेशालय (शिमला), बंदोबस्त कार्यालय कांगड़ा और बंदोबस्त कार्यालय शिमला के कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को राज्य कैडर के दायरे में लाने को मंजूरी दी।
इन संस्थानों के बदले गए नाम:
बैठक में जिला शिमला में राजकीय महाविद्यालय सीमा का नाम राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय सीमा, जीजीएसएसएस, खेल छात्रावास (कन्या) जुब्बल को श्री रामलाल ठाकुर जीजीएसएसएस खेल छात्रावास (कन्या) और ऊना जिला के राजकीय महाविद्यालय खड्ड का नाम मोहन लाल दत्त राजकीय महाविद्यालय खड्ड रखने को भी मंजूरी दी गई। बैठक में रूकी हुई जल विद्युत परियोजनाओं को शुरू करने और शिक्षा विभाग के निदेशालयों के पुनर्गठन पर भी विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
कुल्लू में रोपवे की स्थापना :
कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच एक रोपवे की स्थापना को बैठक में मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारियों के 9 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
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नागरिक सेवा पोर्टल: व्यापार लाईसेंस, सम्पत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित अनेक सेवाएं होंगी ऑनलाइन

शिमला-राज्य सरकार ने शहरी विकास विभाग के कार्यक्रम ‘स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर’ पहल और ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। एक राज्य एक पोर्टल पहल के तहत यह पोर्टल citizenseva.hp.gov.in प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।
जारी की गई जानकारी के अनुसार स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर कार्यक्रम के तहत शहरी स्थानीय निकायों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और कचरे के प्रबन्धन के लिए विभिन्न पहल की जाएंगी। नागरिक सेवा पोर्टल के तहत विभिन्न ऑनलाईन जन सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी।
नागरिक सेवा पोर्टल आरम्भ करने का उद्देश्य राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में एक एकीकृत एण्ड-टू-एण्ड ऑनलाइन समाधान प्रदान करना है। इसके माध्यम से पहले 9 आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें से 7 सेवाएं नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगी और दो शहरी स्थानीय निकायों के प्रबंधन के लिए डिजाइन की गई हैं। इसके माध्यम से व्यापार लाईसेंस, सम्पत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित अनेक जन सेवाएं लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। आने वाले समय में इस प्लेटफार्म के माध्यम से 45 सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
शहरी क्षेत्रों के घरों के गारबेज आई.डी. बनाए जाएंगे
सिटीजन सेवा पोर्टल के माध्यम से कूड़ा संग्रहण और बिल जारी करने के लिए शहरी क्षेत्रों के 2 लाख 82 हजार घरों के गारबेज आई.डी. बनाए जाएंगे। भविष्य में इन सभी पंजीकृत इकाइयों को डिजिटल पहचान प्लेट्स प्रदान की जाएंगी।
प्रदेश सरकार के अनुसार ईज़-ऑफ लिविंग को सर्वोच्च अधिमान दे रही है। पहले सभी स्थानीय निकायों में कार्य परम्परागत रूप से ही किए जा रहे थे। अब इनकी कार्यशैली मेें बदलाव लाया गया है, जिससे इनकी दक्षता में भी बढ़ोतरी हुई है।
शिमला शहर को ईज़-ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त
सरकार के अनुसार शिमला शहर को ईज़-ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त हुआ है और आपसी सहयोग से हिमाचल प्रदेश को ई-गवर्नेंस और नागरिक सशक्तिकरण का मॉडल राज्य बनाया जाएगा।
शिमला शहर में पायलट आधार पर प्रोजेक्ट होगा शुरू
शिमला शहर में पेयजल को स्वच्छ बनानेे के लिए पायलट आधार पर प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें ओजोन और यूवी तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 10 फरवरी, 2025 से सभी शहरी स्थानीय निकायों में सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिए वार्ड स्तर पर समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। सभी शहरी स्थानीय निकायों में स्वच्छ शहर समृद्ध शहर के रूप में दो माह तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
नवनिर्मित शहरी स्थानीय निकायों को कचरा संग्रहण वाहन खरीदने के लिए 10.62 लाख रुपये प्रति निकाय वित्तीय सहायता कर प्रावधान किया गया है। साथ ही स्थानीय निकायों को ऑनलाईन भुगतान के लिए पीओएस मशीनें भी प्रदान की गई।
सरकार के अनुसार शहरी विकास विभाग ने आईआईटी रोपड़ और जीआईजेड के साथ शहरी सतत पहलों के दृष्टिगत दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य शोध, नवाचार कचरा प्रबन्धन तकनीकों सहित अन्य विषयों पर आपसी साझेदारी व समन्वय से कार्य करना है ताकि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यापक स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें।
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हिमाचल प्रदेश में बनेगा उत्तर भारत का पहला एक मेगावाट ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र

सोलन: बुधवार को नालागढ़ तहसील के दभोटा में उत्तर भारत के पहले एक मेगावाट क्षमता के ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखी गई। राज्य सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार 9.04 करोड़ रुपये की इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ऑयल इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान से विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों को एक वर्ष की समयावधि के भीतर इस परियोजना को पूरा करने के निर्देश दिए है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल, 2023 को आयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके तहत सौर ऊर्जा, जियो थर्मल ऊर्जा और कम्प्रेस्ड बायो गैस के विकास की दिशा में कार्य किया जाएगा।
इस संयंत्र के लिए दभोटा में 4 हजार वर्ग मीटर की भूमि का चयन किया गया है। यह संयंत्र इलेक्ट्रोलाइट के रूप में क्षारीय पोटाशियम हाइड्रोक्साइड घोल का उपयोग कर इलेक्ट्रोलाइसिस के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इस विधि से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकीय तंत्र का निर्माण होगा।
इस संयंत्र की प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की क्षमता है जिसके लिए प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 13 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। भूमिगत जल के रूप में ट्यूबवेल के माध्यम से पानी की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के लिए लगभग 52.01 यूनिट बिजली की खपत होगी। संयंत्र द्वारा वार्षिक 1,54,395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादित होने की संभावना है।
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मंडी जिला में एक निजी गौशाला में गाय की संदिग्ध मौत, अमानवीय कृत्य का आरोप

मंडी: सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली भौर पंचायत में 3 फरवरी को निजी गौशाला में एक गाय की संदिग्ध हालत में मृत्यु का मामला सामने आया है। आरोप है कि गाय के साथ पहले कुकर्म जैसे अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया गया और उसके बाद गाय की हत्या कर दी गई। पूरे इलाके के लोग इस इस जघन्य अपराध से हैरान हैं।
जानकारी के अनुसार हलेल गांव निवासी रामकृष्ण की गौशाला में दिल को झकझोर करने वाली इस घटना को अंजाम दिया गया है। गाय के पिछले पैर रस्सी से बंधे हुए थे। गौशाला में गाय के साथ उसका छोटा बछड़ा भी बंधा था, जिसे किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया गया है। रामकृष्ण के बेटे तरुण ने सुबह गौशाला का दरवाजा खोला तो उसने गाय को फर्श पर पड़े देखा और गाय के मुंह से झाग निकली हुई थी। गाय का गला किसी ने मजबूती से लकड़ी के पिलर के साथ रस्सी मजबूती से बांध कर घोंट दिया था। रामकृष्ण ने गाय के साथ अमानवीय कृत्य के आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है।
मंडी जिला के धनोटू थाना के तहत यह मामला सामने आया है। घटना की सूचना मिलने के बाद थाना की टीम ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल पर कईं साक्ष्य जुटाएं हैं। वहीं पशुपालन विभाग द्नारा गाय का पोस्टमार्टम करने के उपरांत वेटनरी डॉक्टरों ने आगामी परीक्षण के लिए सैंपल पुलिस टीम को सौंप दिए हैं। BNS की धारा 325 और पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मंडी साक्षी वर्मा ने मामले में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है। उनका कहना है “मामले की जांच जारी है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”
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