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प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के अनुबंध आधार पर भरे जायंगे कई पद, पढ़िए मंत्रिमंडल के निर्णंय

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट के फैसले जनवरी 14, 2022: कोई नया कोविड प्रतिबंध नहीं,और ट्रांसपोर्टरों को कर छूट की मंजूरी
शिमला- आज शुक्रवार को प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति-2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति के अन्तर्गत स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा विकास की परिकल्पना की गई है और विशेष तौर पर पन विद्युत, सौर ऊर्जा और अन्य हरित ऊर्जा स्रोतों के तीव्र दोहन से वर्ष 2030 तक 10 हजार मेगावाट अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति में हरित ऊर्जा स्रोतों के तीव्र विकास के लिए चार सूत्रीय योजना के अन्तर्गत राज्य, संयुक्त, केन्द्रीय और निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
इस नीति का उद्देश्य राज्य में पर्याप्त और प्रभावशाली पारेषण (ट्रांसमिशन) नेटवर्क स्थापित करने के लिए ट्रांसमिशन मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा जिससे जल और सौर ऊर्जा परियोजनाओं की योजना और समयबद्ध क्रियान्वयन में सुविधा उपलब्ध हो सकेगी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन, बायोमास और अन्य गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के दोहन पर विशेष बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती खेल नीति-2021 को स्वीकृति प्रदान की है जिसके अन्तर्गत उच्च गुणवत्ता की खेल आधारभूत संरचना के विकास, रख-रखाव और उपयोग पर विशेष बल दिया गया है।
इसके अतिरिक्त सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देते हुए खेल अधोसंरचना के निर्माण, शैक्षणिक संस्थानों से समन्वय स्थापित करते हुए खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने और उच्च मानकों के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षण, प्रोत्साहन और समर्थन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा इस नीति का उद्देश्य खेलों के दूरगामी विकास के दृष्टिगत प्रशिक्षण में वैज्ञानिक अनुसंधान को शामिल करना और खेल प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें सम्मान देना तथा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले महिला एवं पुरूष खिलाड़ियों को पुरस्कृत करना है।
मंत्रिमंडल ने तृतीय श्रेणी की सीधी भर्ती में 15 अंकों की मूल्याकंन प्रक्रिया समाप्त कर लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के महत्त्व में बढ़ोतरी कर इसे 85 से बढ़ाकर 100 अंक करने का भी निर्णय लिया ताकि भर्ती प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके।
मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत ट्रांसपोटर्स को राहत प्रदान करते हुए विभिन्न श्रेणी के वाहनों के टोकन टैक्स, स्पेशल रोड टैक्स (एसआरटी) और यात्री कर में शत-प्रतिशत छूट देने अथवा माफ करने की स्वीकृति प्रदान की।
उन्होंने यह भी कहा कि 1 अगस्त, 2020 से 30 जून, 2021 तक की अवधि के लिए यात्री वाहनों, टैक्सी, मैक्सी, ऑटो और अनुबंध पर यात्री बसों, संस्थागत बसों के बकाया 50 प्रतिशत टोकन टैक्स को माफ करने तथा कॉन्ट्रेक्ट कैरेज बसों का शत-प्रतिशत टोकन टैक्स और यात्री वाहनों का एसआरटी माफ करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 की अवधि के लिए यात्री वाहनों, कॉन्ट्रेक्ट कैरेज और संस्थागत बसों के शत-प्रतिशत टोकन टैक्स और यात्री वाहनों के एसआरटी को माफ करने का भी निर्णय लिया। बैठक में कॉन्ट्रेक्ट कैरेज और संस्थागत बसों के 1 अप्रैल, 2020 से 30 नवम्बर, 2021 की अवधि के शत-प्रतिशत यात्री कर को माफ करने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने राजस्व विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 108 पद,उद्योग विभाग में रेशम निरीक्षक के 42 पद,मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 13,राजस्व विभाग में सांख्यिकी सहायक के तीन पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने की मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने मंडी जिला के धर्मपुर में लोक निर्माण विभाग का नया वृत्त खोलने और इसके लिए आवश्यक पदों के सृजन और भर्ती को भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के शाहपुर में लोक निर्माण विभाग का नया मंडल और दाड़िनी में उप-मंडल खोलने और इन कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों के सृजन और भर्ती जाएगी ।
मंत्रिमण्डल ने जिला मण्डी में जल शक्ति विभाग, उप-मण्डल टीहरा के डरवाड़ के अन्तर्गत नया अनुभाग खोलने तथा आवश्यक पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की है।
मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के पुनर्गठन को अनुमति प्रदान की है । विभाग द्वारा वित्त विभाग के साथ परामर्श और पुनर्गठन प्रस्ताव के तादात्म्य में चरणबद्ध ढंग से विभिन्न पदों का सृजन और उन्हें भरा जाएगा।
बैठक में जिला मण्डी में जल शक्ति विभाग, उप-मण्डल केलोधार के अन्तर्गत केलोधार में नया अनुभाग खोलने तथा आवश्यक पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने आमजन की सुविधा के लिए स्वीकृत मापदण्डों में छूट देते हुए न्यू शिमला के सेक्टर 6 में लायंस क्लब और हाऊसिंग ब्लॉक 46 के मध्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन के निर्माण की योजना को स्वीकृति किया ।
मंत्रिमण्डल ने जिला कुल्लू के चमारला गांव का नाम बदलकर धाराबाग और जिला हमीरपुर के चमारकड़ का नाम धनेड़-1 और जिला शिमला के बन्दूर का नाम विक्तादी करने को मंजूरी दी।
बैठक में लाहौल-स्पिति जिला में गत वर्ष 27 से 30 जुलाई तक भारी बारिश के कारण कृषि एवं बागवानी को हुए नुकसान से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई।
किसानों को 25 से 50 प्रतिशत नुकसान के लिए 2000 रुपये प्रति बीघा, 50 से 75 प्रतिशत तक नुकसान के लिए 2500 रुपये प्रति बीघा और कृषि एवं बागवानी फसलों को 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान के लिए 3000 रुपये प्रति बीघा प्रदान किए जाएंगे।
भू-स्खलन/बाढ़/हिमस्खलन के कारण भूमि को हुए नुकसान के लिए किसानों को 3000 रुपये प्रति बीघा और कृषि व बागवानी भूमि से गाद निकालने के लिए 1000 रुपये प्रति बीघा प्रदान किए जाएंगे।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।