शिमला- इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला में दूरदराज के क्षेत्रों से आए मरीजों को अब पैसे देकर होटलों व धर्मशाला में रुकना पड़ेगा। आईजीएमसी में मरीजों की सुविधा के लिए बना आशियाना प्रशासन ने छीन लिया है। मरीजों की सुविधा लिए आईजीएमसी परिसर में बनाए गए ग्रीन हाऊस में अब आर्थो ओपीडी खुलने जा रही है। इसके लिए काम भी शुरू हो गया है। इस दौरान उपचार करवाने आए मरीजों को ग्रीन हाऊस से बाहर कर दिया गया। इस कारण मरीजों को अब खुले आसमान के नीचे रात गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
लोगों की सुविधा के लिए ग्रीन हाउस बनाया गया था और लोग ओपीडी में सुबह जल्दी बारी आने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से एक दिन पहले ही पहुंच जाते थे और रात ग्रीन हाउस में गुजारते थे। इतना ही नहीं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए मरीज जिन्हें अस्पताल में बैड नहीं मिल पाता था, वह भी यहीं पर बैड मिलने तक इंतजार करते थे। इसके अलावा रात को मरीज के साथ आए तीमारदार भी दिन के समय ग्रीन हाउस में आराम करते हैं। आइजीएमसी में 100 से अधिक मरीजों के लिए सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब यह सारी सुविधाएं मरीजों व तीमारदारों से छिन गई हैं और मरीजों को अस्पताल में अब मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा।
ग्रीन हाउस में ओपीडी का काम शुरू होने के बाद अब लोग प्रशासन को कोस रहे हैं कि गरीब आदमी का आइजीएमसी में उपचार के लिए आना मुश्किल हो जाएगा। सर्दियों में बाहर रात काटना भी मुश्किल है और गरीब लोगों के लिए कमरा भी महंगा पड़ता है, ऐसे में मरीजों को उपचार के लिए आना संभव नहीं होगा। दूरदराज से मरीज इसी उम्मीद से आइजीएमसी एक दिन पहले पहुंच जाते थे कि ग्रीन हाउस में रात गुजारने के बाद सुबह जल्दी ओपीडी में नंबर लगाएंगे, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा।
स्टेचर भी किए बाहर
ग्रीन हाउस के अंदर मरीजों की सुविधा के लिए रखे गए स्टेचर व व्हील चेयर भी बाहर कर दी गई हैं और जल्द ही इसमें ओपीडी का ताला लग जाएगा। आर्थो ओपीडी भी जल्द ही खुल जाएगी। ऐसे में मरीजों को अब दर-दर भटकना पड़ेगा और रात गुजारना मुश्किल हो जाएगा।
क्या कहते हैं लोग
जिला कुल्लू से आए ओपी नेगी ने कहा कि आइजीएमसी में पहले ही बैड की कमी है। मरीज दूरदराज से उपचार करवाने आते हैं। दो-तीन दिन यहां पर लग जाते हैं, ऐसे में अधिकतर लोग ग्रीन हाउस में ही ठहरते थे। गरीब लोगों के लिए यह बहुत बड़ा आसरा था।
सरकाघाट से आई संतोष ने कहा कि आईजीएमसी प्रशासन को चाहिए कि या तो इस तरह की सुविधा कहीं और उपलब्ध करवाई जाए या ओपीडी ही कहीं और बनाई जाए। गरीब लोगों पर आईजीएमसी प्रशासन का निर्णय बहुत भारी पड़ेगा।
कुपवी से आए संजय ने कहा कि हर आदमी के लिए होटल में कमरा लेना मुश्किल है। अधिकतर लोग इसी के सहारे आईजीएमसी आते हैं। पहले प्रशासन को इस तरह की सुविधा कहीं और उपलब्ध करवानी चाहिए, फिर ओपीडी का काम शुरू करना चाहिए था। बहुत मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।