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कैबिनेट मे बेरोजगारों को रोज़गार और कर्मचारी हित के हुए फैसले, पढ़िए कैबिनेट के निर्णय
मंत्रिमण्डल ने एससीएचआईएस योजना को दी स्वीकृति, हिप्र विद्युत बोर्ड 100 किलोवाट तक की जलविद्युत परियोजनाओं में हिमाचलियों से खरीदेगा बिजली,शिमला स्मार्ट सिटी के लिए एसपीवी का गठन, शिलाई अध्यापकों की अनुदान सहायता राशि में वृद्धि,आरकेएस के तहत तीन वर्ष सेवाकाल के उपरांत किए जाएंगे नियमित
शिमला हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज प्रदेश सचिवालय में बैठक आयोजित हुई। कैबिनेट बैठक अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की। इस कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए।
पढ़िए कैबिनेट बैठक लिए गए फैसले
मंत्रिमण्डल ने 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुके दृष्टि बाधित व्यक्तियों के पक्ष में सीधी भर्ती कोटा पदों के विरूद्ध सेवाएं तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों की सीधी भर्ती के लिए शैक्षणिक तथा अन्य योग्यता में छूट देने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमण्डल ने दृष्टि बाधितों के लिए कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) पदों के लिए सीधी भर्ती के लिए निर्धारित अन्य योग्यता में अर्थात कम्प्यूटर साईंस में डिप्लोमा में भी छूट दी है। चयनित दृष्टिबाधित व्यक्ति नियुक्ति के उपरांत भर्ती नियमों के दृष्टिगत वांछित डिप्लोमा पूरा करने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जाएगा तथा सम्बन्धित विभाग द्वारा उन्हें बुनियादी कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पीजीटी (आईटी) अध्यापक अब निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा मौजूदा भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को निरस्त कर भर्ती किए जाएंगे तथा इस सम्बन्ध में एक समिति गठित की जाएगी और मामला लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
मंत्रिमण्डल ने 60 वर्ष तथा इससे अधिक आयु के नागरिकों, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत नामांकित हैं, के उपयोग के लिए अतिरिक्त बीमा कवर के माध्यम से उपचारात्मक वृद्ध स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की आसान पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को भी स्वीकृति प्रदान की।
योजना पात्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभान्वित परिवार में 30 हजार रुपये प्रति वर्ष प्रति वरिष्ठ नागरिक को अतिरिक्त कवरेज प्रदान करेगी। योजना के अन्तर्गत लाभार्थी किसी भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए सूचिबद्ध अस्पतालों में कैशलैस उपचार प्राप्त रकने के योग्य होगा।वर्तमान में राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत 1,30,587 वरिष्ठ नागरिकों को नामांकित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल कीआयोजित बैठक में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुरूप भर्ती की उपयुक्त प्रक्रिया अपनाकर अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर के माध्यम से रोगी कल्याण समितियों के तहत नियुक्त स्टाफ नर्सां तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को राज्य के अन्य अनुबंध कर्मचारियों की तर्ज पर तीन वर्ष के सेवाकाल के उपरांत नियमितिकरण के लिए संस्तुति की जाएगी।
हिमाचलियों को लाभान्वित करने तथा दूरवर्ती क्षेत्रों की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हिमाचलियों द्वारा स्थापित 100 किलोवाट तक की लघु जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया कि ऐसी परियोजनाओं से हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड सीमित बिजली खरीदेगा।
इन परियोजनाओं के लिए रॉयल्टी की दर प्रथम 12 वर्षों के लिए 2 प्रतिशत, 13 से 30 वर्षां के लिए 12 प्रतिशत तथा 31 से 40 वर्षों के लिए 18 प्रतिशत होगी।
विद्युत उत्पादकों को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए मंत्रिमण्डल ने उन परियोजना के लिए जिनकी स्थापित क्षमता, क्षमता वृद्धि के उपरांत 5 मेगावाट से अधिक हो, के प्रभार को 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट से एक लाख रुपये प्रति मेगावाट तक कम करने अथवा दर्शाया गया उत्तरार्द्ध प्रीमियम जो भी अधिक हो।
यह प्रावधान केवल उन परियोजनाओं के लिए लागू होगा, जहां क्षमता में वृद्धि करने के लिए संशोधित क्षमता अनुबंध हस्ताक्षरित नहीं किए गए हों तथा उन सभी परियोजनाओं के लिए जिनकी इस प्रावधान की अधिसूचना के उपरांत क्षमता वृद्धि होगी। उपरोक्त प्रावधान उन परियोजनाओं के लिए लागू नहीं होंगे, जहां संशोधित क्षमता समझौतों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
मंत्रिमण्डल ने शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यान्वयन के लिए विशेष प्रयोजन संस्था (एसपीवी) की स्थापना के लिए मंजूरी प्रदान की। शिमला स्मार्ट सिटी में शहर सलाहकार फोरम के रूप में एक मजबूत सलाहकार तंत्र होगा, जिसमें योजनाबद्ध और कार्यान्वयन के लिए सभी चरणों में एसपीवी को समर्थन देने के लिए सभी हितधारकों का समावेश होगा।
कैबिनेट मीटिंग में भविष्य में विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय को 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रतिमाह करने को मंजूरी प्रदान की। यह पुलिस अधिकारी राज्य पुलिस और जम्मू व कश्मीर की सीमावर्ती जिलों चम्बा तथा लाहौल-स्पीति की दुर्गम एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करते हैं। भारत सरकार द्वारा उपरोक्त जिलों में 518 विशेष पुलिस अधिकारियों की सेवाओं को मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट मीटिंग के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
मंत्रिमण्डल ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार पीटीए के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हासिल करने की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष अर्थात 16 अगस्त, 2021 करने तथा पीटीए (जीआईए) को आठ दिनों के बजाया 10 दिनों का चिकित्सा अवकाश तथा 10 दिनों का आकस्मिक अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल ने छूटे हुए 97 पैरा अध्यापकों को सम्बन्धित पदों का नियमित स्केल प्रदान करने को मंजूरी दी।
बैठक में प्राथमिक सहायक अध्यापकों को कलैण्डर वर्ष में 10 दिन का चिकित्सा अवकाश तथा 10 दिन का आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त निजी अनुरोध पर खाली पद के विरूद्ध एक मुश्त स्थानान्तरण की नीति बनाने को मंजूरी प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने मिड-डे-मील योजना के तहत तैनात रसोइए एवं सहायकों को 1500 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्रदान करने तथा सिलाई अध्यापिकाओं के सहायता अनुदान को बढ़ाकर 6300 रुपये करने का भी निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल ने गत माह आयोजित बैठक में मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सेब का प्रापण मूल्य 6.75 रुपये प्रति किलोग्राम करने का मंजूरी प्रदान की थी और अब किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए इसे बढ़ाकर 7 रुपये प्रति किलोग्राम करने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा के धीरा मे एसडीएम कार्यालय तथा मण्डी जिले के नेरचौक में उप कोषागार कार्यालय खोलने को मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज मण्डी तथा पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज चम्बा के लिए आउटसोर्स आधार पर श्रमशक्ति हायर करने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, पात्र उम्मीदवारों की उपलब्धता की शर्त पर नीट-यूजी मैरिट आधार पर तिब्बती शरणार्थियों में से मेडिकल कॉलेज नाहन में एक सीट तथा चम्बा मेडिकल कॉलेज में दो सीटें प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमण्डल ने सोलन जिला के पंजेहड़ा में उप तहसील खोलने, शिमला ग्रामीण के भदबानी तथा शिमला जिले के कोटखाई के महासू व बगाहर, किन्नौर जिला के पंगी तथा कल्पा, मण्डी के परवाड़ा, धरोट (चच्योट) बड़ा गांव (पधर), कारला (नीहरी), सोलन के बड़ोग, घड़सी (उप तहसील कृष्णगढ़) तथा सहरोल (अर्की) में नया पटवार वृत्त खोलने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा जिले के लगदू में उप तहसील खोलने, शिमला जिला के जांगला तथा सरस्वती नगर में उप तहसील खोलने तथा सोलन जिला की उपतहसील रामशहर को तहसील में स्तरोन्नत करने को मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने हाल ही में की गई घोषणा के अनुरूप मण्डी जिला के पधर में स्टाफ सहित उप रोजगार कार्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने निरीक्षणों की और प्रभावी योजना के लिए श्रम एवं रोजगार हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व उद्योग इत्यादि विभागों को सम्मिलित करते हुए व्यापार को सरल करने के लिए हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय निरीक्षण व्यवस्था की स्थापना को मंजूरी प्रदान की।
पंचायतों के अभिवेदन के अनुसार मंत्रिमण्डल ने ग्राम पंचायत खटनौल (शिमला) की परिसीमा का क्षेत्र पुलिस स्टेशन सुन्नी के अन्तर्गत तथा मैहतपुर की ग्राम पंचायत चंगर-हंडोला को पुलिस स्टेशन ऊना तथा ग्राम पंचायत संतोषगढ़ को ऊना सदर पुलिस स्टेशन के अन्तर्गत स्थानान्तरित करने को मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने सोलन जिला के बनलगी (कुठाड़) तथा कांगड़ा जिला के डाडासीबा तथा देहरा में प्रत्येक अग्निशमन चौकी के लिए निर्धारित पद्धति के अनुसार 7-7 तकनीकी पदों के सृजन सहित अग्निशमन चौकियां खोलने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में टेलीमेडिशन परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण करने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कांगड़ा जिला के राजकीय उच्च पाठशाला (छात्रा) रैहन को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की भी स्वीकृति प्रदान की।
कैबिनेट बैठक में सिरमौर जिले के मां नगरकोटी मेला नारंग, राम नावमी मेला नैना टिक्कर, गुग्गा नवीं मेला पाबियाना (धवाग) तथा मण्डी जिला के माता गड़ा दुर्गा गुसैन मेले को जिला स्तरीय मेले घोषित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
पद सृजित व भरने
मंत्रिमण्डल ने सरप्लस पूल से परिवर्तित करने सहित विभिन्न विषयों में सहायक प्रोफेसरों (कालेज कैडर) के 262 पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुरूप अनुबन्ध आधार पर भरने को अपनी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में ग्राम पंचायतों की प्रत्येक क्रियाशील सिंचाई तथा पेयजल योजनाओं में कम से कम एक स्टाफ कर्मचारी को सुनिश्चित बनाने के लिए 500 जल रक्षक तैनात करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। वह दिन में दो बार जल वितरण तथा भंडारण टैंकों के कलोरिनेशन, सूक्ष्म मुरम्मत करने तथा विभाग को रिसाव की रिपोर्ट करने के अलावा भंडारण टैंकों की सफाई व कीटाणु रहित बनाना सुनिश्चित करेंगे।
मंत्रिमण्डल ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में छूट देते हुए शहरी एवं ग्राम नियोजन विभाग में वरिष्ठ योजना ड्राफ्समेन श्रेणी-2 के 2 पदों को भरने को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के नापतोल संगठन में अनुबन्ध आधार पर निरीक्षक विधिक माप-पद्धति के चार पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने नए खोले गए राजकीय जवाहर लाल नेहरू ललित कला महाविद्यालय चौड़ा मैदान शिमला में सरप्लस पूल से सेवादार के तीन पद और चौकीदार के दो पद भरने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक व विशेष रूप से सक्षम निदेशालय में अनुबन्ध आधार पर आशुलिपिकों के दो पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने महिला एवं बाल विकास विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी प्रोग्रामर के एक पद के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (सूचना प्रौद्योगिकी) के दो रिक्त पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने के अतिरिक्त दिहाड़ी आधार पर चतुर्थ श्रेणी के तीन पदों को भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने डॉ. वाई.एस. परमार उद्यानिकी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन में अनुबन्ध आधार पर लोक सम्पर्क अधिकारी के एक पद को भरने के लिए स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में बागवानी विभाग में प्रयोगशाला सहायक के 10 पदों को भरने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने ऐसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में जहां 25 व 25 से अधिक विद्यार्थियों ने संगीत विषय को चुना है, में संगीत प्रवक्ताओं के पदों को सृजित व भरने पर सहमति प्रदान की।
स्वास्थ्य
बैठक में ऊना जिला के स्वास्थ्य उप-केन्द्र चमेरी को एक पद चिकित्सा अधिकारी, एक पद फार्मासिस्ट व एक पद चतुर्थ श्रेणी सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने और स्वास्थ्य उप केन्द्र चमेरी को इसी ग्राम पंचायत के भीतर बदलने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने ऊना जिला के ईएसआई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गगरेट को 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में पदों के सृजन सहित स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में नागरिक अस्पताल डलहौजी को 18 पदों के सृजन सहित 50 बिस्तरों के अस्पताल में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमण्डल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोपालपुर को 12 पदों के सृजन सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में शिमला जिला जुब्बल के कुठाड़ी में तीन पदों के साथ सृजन सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप सोलन जिला के चंडी पशु औषधालय को पशु अस्पताल में स्तरोन्नत करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में देहरा खण्ड के गांव खबली तथा रोहडू तहसील की रतनाड़ी ग्राम पंचायत के जाखड़ गांव में प्रत्येक में चार पदों के साथ आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने आईजीएमसी तथा टांडा मेडिकल कालेज कांगड़ा में संकाय स्टाफ के साथ अस्पताल प्रशासन विभाग सृजित करने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में कुल्लू जिला के भुंतर के नागरिक अस्पताल तेगुबेहड के लिए पैरा मेडिकल स्टाफ के 19 पद स्वीकृत किए गए।
मंत्रिमण्डल ने केन्द्रीय क्षेत्र योजना के अन्तर्गत 6 पदों को सृजित कर प्रदेश के लिए सचल खाद्य जांच प्रयोगशालाएं उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया।
बैठक में सिरमौर जिला के मिसरवाला में दो पदों को सृजित कर स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई।
अधिनियम/नियम
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (प्रशासनिक ट्रिब्यूनल अधिकारियों व अन्य कर्मचारियों के भर्ती एवं पदोन्नति तथा अन्य सेवाएं की शर्तें) नियम-2-17 को बनाने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2014 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। संशोधन के तहत अधिनियम की धारा-12 (6) के तहत कुलपति को तीन वर्षों की अवधि के लिए नियुक्त किया जाएगा और वह आगामी तीन वर्षों के लिए पुनर्नियुक्ति के लिए भी योग्य होगा, परन्तु उसकी आयु 70 वर्ष से अधिक न हो।
मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में मध्यम, लधु व सूक्ष्म उद्योगों को फिर से चालू करने के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की। इस सम्बन्ध में एक उप-समिति गठित की जाएगी।
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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