जंहा डीसी कुल्लू निजी स्कूलों में कर रहे छापेमारी, डीसी शिमला ने अभिभावकों के खिलाफ ही जड़े कई मुक्कदमें:अभिभावक मंच
शिमला– वीरवार को लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल तारा हॉल के बाहर प्रदर्शन के बाद आज छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी व भारी फीसों के खिलाफ डीएवी स्कूल न्यू शिमला पर जोरदार प्रदर्शन किया! मंच पिछले डेढ़ माह से शिमला के लगभग सभी बड़े प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुका है! साथ ही साथ, मंच उच्च शिक्षा निर्देशालय का भी घेरओ कर चुका है!
अब मंच ने 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय में एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहा है! वीरवार को हुए प्रदर्शन के दौरान मंच के सदस्यों ने स्कूल के बाहर मौजूद अभिभावकों में पैम्फलेट बांटे व अभिभावकों से 8 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय में होने वाले विशाल धरने में शामिल होने की अपील की। मंच ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि वह निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए शीघ्र ही कानून व पॉलिसी लाये तथा रेगुलेटरी कमिशन का गठन करे।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने डीसी कुल्लू द्वारा की जा रही निजी स्कूलों की छापेमारी व स्कूलों के अंदर चल रही किताबों व ड्रेस की दुकानों को सील करने के कदम का स्वागत किया है व इसे अभिभावकों को राहत देने वाला कदम बताया है। उन्होंने शिमला के उपायुक्त की कड़ी निंदा की जिन्हें चौदह सूत्रीय मांग पत्र सौंपने के बावजूद उन्होंने निजी स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने 18 मार्च की अधिसूचना को लागू करवाने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया।
मंच ने आरोप लगाया कि इसके बजाय उन्होंने अभिभावकों के आंदोलन को दबाने के लिए चुनाव आयोग की अधिसूचना को ही बदलकर रख दिया व अभिभावकों पर मुकद्दमे बनाना शुरू कर दिए। चुनाव आयोग ने अधिसूचना में केवल हथियारबन्द भीड़ के इकट्ठा होने पर रोक लगाई थी जबकि डीसी शिमला ने उसे जान बूझकर बदल दिया व शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने वाले साधारण लोगों पर भी पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी। इस तरह शिमला के उपायुक्त ने न केवल शिक्षा के अधिकार कानून के तहत अपनी जिम्मेवारी से हाथ पीछे खींचे अपितु निर्दोष अभिभावकों पर मुकद्दमे दर्ज करके निजी स्कूलों के हितों की भी पूर्ति की।
उन्होंने कहा कि छात्र अभिभावक मंच के आंदोलन के बाद 18 मार्च की अधिसूचना जारी हुई। इसके फलस्वरूप ही शिक्षा निदेशक को स्कूलों द्वारा वर्दी,जूते,किताबें आदि बेचने पर आबकारी एवम कराधान विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहना पड़ा। अब शिक्षा निदेशक ने उपनिदेशकों को आदेश दिए हैं कि स्कूल प्रबंधकों के साथ जिला स्तर पर अंतिम बैठक पांच अप्रैल से पहले पूर्ण की जाए जिसमें स्कूलों से ऑडिट रिपोर्ट,शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन,पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष की गई फीस वृद्धि,किताबों,जूतों व वर्दी को बेचने सम्बन्धी जानकारी जुटाई जाए। जो स्कूल मनमानी से बाज नहीं आते हैं उन पर 15 अप्रैल से सख्त कार्रवाई शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि कुल्लू के वर्तमान डीसी जब शिमला के एडीसी थे तो उनकी अध्यक्षता में शिमला के निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने व उनके सही संचालन के लिए एक कमेटी बनी थी,उन्होंने उसकी सिफारिशें भी तत्कालीन सरकार को सौंपी थीं परन्तु प्रदेश सरकार ने उन सिफारिशों को लागू करने के बजाए कूड़ेदान में डाल दिया। उन्होंने मांग की है कि उक्त रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने हिमाचल उच्च न्यायालय से गुज़ारिश की है कि वह 27 अप्रैल 2016 के हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों की लागू करवाये व अवहेलना करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाये।
वक्ताओं ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि वे 18 मार्च 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना लागू करवाएं व जो स्कूल इसकी अवहेलना कर रहे हैं उनकी मान्यता रद्द की जाए व उन पर हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना के कारण काँटेम्पट ऑफ कोर्ट के तहत आपराधिक मुकद्दमे दर्ज किए जाएं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उसके संरक्षण के कारण ही निजी स्कूल कुकुरमत्तों की तरह फल फूल रहे हैं व शिक्षा के बाजारीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं।
सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अध्यापकों ने परिजन और बच्चों को कोरोना संक्रमण व बचाव से करवाया अवगत
मंडी-बस सेवायें बंद होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। इसी कारण परिजनों और बच्चों और अध्यापकों को स्कूलों तक पहुँचने में दिक्कत का सामना करना पड़। स्कूलों में छात्रों और उनके परिजनों के बीच उचित दूरी बनाये रखना और उनके हाथ बार-बार सैनिटाइज करवाना भी स्कूलों के आगे एक चुनौती थी।
इस प्रवेश प्रक्रिया के दौरान राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदर नगर में भी 12 मई 2020 से 16 मई 2020 तक ऑफलाइन प्रवेश का दौर रहा। इस दौरान प्रधानाचार्य मनोज वालिया व समस्त स्टाफ ने बच्चों तथा अभिभावक गण को कोरोना वायरस के संक्रमण व उससे बचाव के बारे में अवगत करवाया।
प्रधानाचार्य मनोज वालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पाठशाला की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी ललिता बंगिया व राजकुमारी तथा स्वयंसेवी छात्राओं ने नए सत्र की कक्षा में प्रवेश हेतु आई छात्राओं व उनके अभिभावकों को सामाजिक दूरी को बनाए रखने की व्यवस्था की गई तथा प्रवेश हेतु आई हुई छात्राओं व अभिभावकों के हाथ समय-समय पर सैनिटाइज करवाए गए।
होटल ईस्टबोर्न के 120 मजदूरों का इपीएफ 2016 के बाद नहीं हुआ जमा, ब्रिज व्यू रीजेंसी, ली रॉयल, तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, वुडविले पैलेस में भी इपीएफ में गड़बड़
शिमला-आज दिनांक 22 अगस्त को हिमाचल के अलग-अलग होटलों से 200 कर्मचारियों ने ईपीएफओ विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कियाI
कर्मचारियों का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन शिमला शहर के विभिन्न होटलों में इपीएफ की समस्याओं को लेकर किया गया जिसमें मुख्य समस्या होटल ईस्ट बोर्न, होटल ब्रिज व्यू रीजेंसी, होटल ली रॉयल, होटल तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, होटल वुडविले पैलेस की हैI
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा महासचिव विनोद ने कहा कि ईस्टबोर्न में लगभग 120 मजदूर कार्यरत है जिसका इपीएफ 2016 से प्रबंधन द्वारा अभी तक जमा नहीं किया गया है और वैसा ही हाल ब्रिज व्यू में भी हैI
वहां पर भी एक साल से प्रबंधक द्वारा पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया हैI विनोद ने कहा कि वही होटल ले रॉयल में मजदूरों का पीएफ का पैसा जिस एक्ट के तहत कटना चाहिए था वह मालिक नहीं काट रहा है और होटल ली रॉयल का इपीएफ वेस्ट बंगाल में जमा किया जाता है जिससे मजदूरों को समस्या का हो रही हैI विनोद ने कहा कि तोशाली में भी मजदूरों का पीएफ के पैसे में कटौती की जा रही है जोकि यूनियन को बिल्कुल मंजूर नहीं होगाी
विनोद ने कहा कि यूनियन ने पीएफ कमिश्नर को इन समस्याओं से अवगत करवाया और पीएफ कमिश्नर ने वादा किया कि 31 अगस्त तक सभी होटलों में प्रबंधन द्वारा की जा रही गड़बड़ियों की पूरी जांच की जाएगी और जहां भी मालिक को द्वारा मजदूरों का पैसा जमा नहीं किया जा रहा है उन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगीI
इस प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, सीटू जिला सचिव अजय दुलटा, सीटू जिला प्रधान कुलदीप डोगरा, सीटू जिला उपाध्यक्ष किशोरी डलवालिया,अध्यक्ष बालकराम, कोषाध्यक्ष पवन शर्मा व अन्य साथी कपिल नेगी विक्रम शर्मा सतपाल राकेश चमन मौजूद थे
शिमला जिला में सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर, बागवानों को सेब मंडियों तक पहुंचाने में में आ रही परेशानी
शिमला-हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से बहुत क्षति हुई हैी इस दौरान 63 जाने गई हैI प्रदेश में आज सैंकड़ो सड़के बन्द पड़ी है राष्ट्रीय उच्चमार्ग व अन्य मुख्य मार्गो पर भी सफर अभी तक जोखिम भरा है। इस आपदा से प्रदेश के लगभग सभी जिले प्रभावित हुए हैं परन्तु शिमला,कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर,हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन आदि जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़के सुचारू नही है। जिससे क्षेत्र के बागवानों को सेब मण्डिया तक पहुंचाने में बेहद परेशानी हो रही हैी
यह कहना है भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी शिमला के सचिव व पूर्व मेयर संजय चौहान का। उन्होंने प्रदेश सर्कार से इस क्षति का तुरंत आंकलन करवा कर इसकी क्षतिपूर्ति की मांग की है।
उन्होंने कहा कि शिमला जिला के चौपाल, रोहड़ू, रामपुर व ठियोग तहसीलों में अधिक जान व माल की क्षति हुई है। आज भी चौपाल, चिढ़गांव रामपुर तहसील के अधिकांश क्षेत्र अन्य हिस्सों से कटे हुए हैं। शिमला जिला में अधिकांश सम्पर्क मार्ग या तो बन्द है या सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं। जिला में सेब का सीजन पूरे यौवन पर है तथा सड़को का सुचारू रूप से कार्य न करना बागवानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर आ गया है।
चौहान ने कहा कि रोहड़ू – देहरादून वाया हाटकोटी मार्ग बंद होने से बागवानों को बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि जुब्बल,रोहड़ू,चिढ़गांव आदि क्षेत्रों से अधिकांश सेब इसी मार्ग से मण्डिया में भेजा जाता है।
पार्टी ने मांग की है कि आपदा से हुई इस क्षति का आंकलन तुरंत करवाया जाए तथा प्रभावितों को इसका उचित मुआवजा तुरंत दिया जाए। इसके अतिरिक्त बन्द पड़े सभी मुख्य व लिंक मार्गो को तुरंत खोला जाए ताकि बागवानों को उनका सेब मण्डिया तक पहुचाने में आ रही परेशानी को समाप्त किया जाए। चौहान ने कहा कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठती तो पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।