Featured
वीडियो- कोटखाई रेप-मर्डर केस:कोटखाई पुलिस थाने में हत्या के बाद भड़के दंगे,बाजार बंद

शिमला- कोटखाई की गुड़िया की रेप के बाद हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी की कोटखाई पुलिस थाने में हत्या हो गई है। मिली जानकारी के मुताबिक हत्या बीती रात अंजाम दी गई। लोकआप में हुई आरोपी की हत्या के बात कोटखाई में स्तिथि तन्वापूर्ण हो गई है।
वीडियो
Rioting in Kotkhai: Angry mob vandalizes police station
Warning: The video is recorded by one of locals and may contain inappropriate language. Amid rioting situation in #Kotkhai, police reportedly resorted to #lathicharge. People vandalized the police station. Some policemen were injured and others had to flee the station to save themselves. Video : Chetan Chauhan #justiceforgudiya #shimla #crime #rioting #himachal
Himachal Watcher ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಬುಧವಾರ, ಜುಲೈ 19, 2017
गुस्साए लोगों ने कोटखाई पुलिस स्टेशन का घेराव किया है और पुलिस से हाथापाई भी हुई है। गुस्से से भड़के लोगो ने पुलिस पर पथराव किया है जिसमे पुलिस के कई जवान घायल हो गए है। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस द्वारा हवाई फायर भी की गयी है।लोगो ने जगह जगह प्रदर्शन किया जा रहा है भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी है। वहीं ठियोग ठाणे में भी गुस्सए लोगों ने पथराव किया है।
चित्र/वीडियो- कोटखाई रेप-मर्डर केस: गुम्मा और शिमला सहित कई स्थानों पर गुड़िया को इंसाफ दिलाने सड़कों पर उतरा जन सैलाब
एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने कहा कि तथ्य जांच में सामने आएंगे कि क्यों हत्या की गई और हत्या वास्तव में किसने की है।पुलिस इस बीच, एसपी ने पूरा पुलिस स्टेशन को लाइन हाजिर कर दिया है और कोटखाई थाने में दूसरा स्टाफ भेजा गया है।
वीडियो
पुलिस लाकअप में हुई हत्या ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा दिए हैं और जेल और लाकअप में इनकी सुरक्षा और ड्यूटी में कथित तौर पर बरती गई खामी भी उजागर की है। गुड़िया मामले में गिरफ्तार 5 रेप के आरोपियों को पुलिस ने एक ही लाकअप में रखा था।
पढ़ें:कोटखाई रेप-मर्डर केस: गुस्साए लोगों के सामने हारी सरकार, सीबीआई को सौंपी जांच
कोटखाई पुलिस थाने में एक आरोपी की हत्या
कोटखाई की गुड़िया की रेप के बाद हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी की हत्या हो गई है। हत्या कोटखाई पुलिस थाने में हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक हत्या बीती रात अंजाम दी गई। इससे अब यह मामला और उलझता जा रहा है।
गुड़िया मामले के आरोपी कोटखाई पुलिस थाने में बंद हैं। जानकारी के अनुसार बीती रात दोनों आरोपियों की आपस में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और एक आरोपी ने नेपाली मूल के दूसरे आरोपी को मार दिया। इनमें झगड़ा क्यों हुआ, यह जांच का विषय है। पुलिस लाकअप में सूरत नामक युवक की हत्या हुई है और शुरूआती जांच में हत्या का आरोप राजू नामक दूसरे आरोपी पर है। राजू भी इनके साथ गुड़िया मामले में गिरफ्तार है।
इस घटना से गुड़िया मामले में नया मोड़ आ गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि नेपाली को क्यों मारा और पुलिस ने उसे बचाने में देरी क्यों हुई। क्या यह नेपाली कुछ तथ्य बताना चाहता था, जो शायद राजू नहीं चाहता था। अब यह सवाल जांच का विषय है।
पढ़ें:कोटखाई रेप-मर्डर केस में 2 और लोग पुलिस की हिरासत में , मेडिकल के लिए रिपन अस्पताल लाया गया
पुलिस लाकअप में कैसे एक आरोपी की हत्या हो गई और वारदात के वक्त पुलिस कहां थी और क्या कर रही थी, यह भी सवाल खड़ा हो गया है। पुलिस अभी गुड़िया के मामले में उलझी हुई थी कि अब इसके समक्ष नया मामला आ गया है और यह भी गुड़िया के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी की हत्या का है।
उधर, एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने संपर्क करने पर इस वारदात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि तथ्य जांच में सामने आएंगे कि क्यों हत्या की गई और हत्या वास्तव में किसने की है। इस बीच, पुलिस ने नेपाली के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी लाया गया है।
पढ़ें:कोटखाई रेप व मर्डर केस की गुत्थी सुलझी, 55 घंटे में एसआईटी ने पकडे 6 आरोपी
नेपाली की पुलिस लाकअप में हुई हत्या ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा दिए हैं और जेल और लाकअप में इनकी सुरक्षा और ड्यूटी में कथित तौर पर बरती गई खामी भी उजागर की है। अब यह सब जांच का विषय है और इसके लिए पुलिस जल्द ही जांच का आदेश भी दे सकती है।
गुड़िया प्रकरण पर राज्यपाल ने लिया कड़ा संज्ञान
वहीं राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने हाल ही में शिमला जिले के कोटखाई में गुड़िया प्रकरण को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है। राज्यपाल ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में की जा रही कार्यवाही की दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने डीजपी सोमेश गोयल को राजभवन तलब किया है। राज्यपाल ने डीजीपी को बुधवार शाम पांच बजे तक आना को कहा है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल डीजीपी से गुड़िया मामले की सारी जानकारी लेंगे।
मुख्य सचिव को आज लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा है कि यह एक अत्यंत संवेदनशील मामला है, जिससे प्रदेश की जनभावनाएं आहत हुई हैं। लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है ।यह आवश्यक है कि देवभूमि में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए ऐसे कदम उठाए जाएं, जिनसे स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस घटना के एक आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। राज्यपाल ने कहा कि इस समूचे घटनाक्रम को लेकर विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधिमण्डल उनसे मिल रहे हैं और ज्ञापनों के माध्यम से दोषियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग उठा रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करके जनता में पैदा हो रहे असंतोष को नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाए ताकि जनता का कानून व्यवस्था पर भी विश्वास बना रहे।
चित्र साभार:MBM
Featured
हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे

शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
Featured
हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण

पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
Featured
किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद

शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
-
अन्य खबरे3 months ago
पुरानी पेंशन बहाली व आउटसोर्स के लिए स्थायी नीति बनाने के साथ ही कर्मचारियों पर किए गए मुकदमे वापिस ले सरकार: सपीआईएम
-
अन्य खबरे3 months ago
राज्यपाल से शिकायत के बाद बदला बोर्ड का निर्णय,हटाई दिव्यांग विद्यार्थियों पर लगाई गैरकानूनी शर्तें: प्रो श्रीवास्तव
-
कैम्पस वॉच3 months ago
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नाटक के माध्यम से एबीवीपी ने महिलाओं को उनके अधिकारों की दी जानकारी
-
अन्य खबरे3 months ago
कोरोना में इस्तेमाल किए जा रहे मास्क अब समुद्री जीव जंतुओं की ले रहे जान:डॉ. जिस्टू
-
अन्य खबरे3 months ago
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने का मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
-
अन्य खबरे3 months ago
दिव्यांगों के साथ मनमानी,स्कूल शिक्षा बोर्ड कानून और सरकार के आदेशों को ना मानने की राज्यपाल को दी शिकायत
-
अन्य खबरे3 months ago
कैनेडी चौक पर मुख्यमंत्री ने किया स्मार्ट बस स्टॉप का लोकार्पण
-
अन्य खबरे3 months ago
हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले