“एक छत्त दिलवा दो, मैं ठण्ड में मर जाऊंगा” सोलन के एक हवा-घर में रह रहे बेघर, बीमार बुजुर्ग की प्रशाशन से गुहार
बायां हाथ और पैर फालिज (Paralysis) से बेकार हो गया है और दांया पैर गैंगरीन (Gangrene) से सड़ रहा है, रुंधे गले से वह गुहार लगाता है कि मेरा इलाज करवा दो, मैं ठण्ड में मर जाऊंगा
शिमला- पिछले गुरुवार को शिमला के एक दयालु निवासी को जिला सोलन में वाकनाघाट के पास सड़क के किनारे फटे कपड़ो में बैठे, ठण्ड से ठिठुरता एक बुजुर्ग मिला। उसे देख व्यक्ति को लगा की बुजुर्ग को तत्काल मदद की जरूरत है! सबसे पहले दिनेश ठाकुर (40) ने बुर्जुग की खराब हालात देख उन्हें सहारा दिया। दिनेश भारतीय सेना (डोगरा रेजिमेंट) से एक सेवानिवृत्त सैनिक है और वर्तमान में शलाघाट (सोलन) में टायर रेट्रिडिंग (tyre retreading) का व्यापार चला रहें हैं!
दिनेश बुजुर्ग को शलाघाट (सोलन) के हवा घर में आये, उन्हें खाना दिया और उन्हें गद्दा और कम्बल दिया। दिनेश ने फ़ोन पर हिमाचल वॉचर को बतया कि उन्होंने बुजुर्ग से बात की थी और पता चला कि उनके बायां हाथ में लकवा मार गया है और उनके दाहिने पैर में गैंग्रीन है।
शलाघाट (सोलन) का हवा घर जिसमे बुजुर्ग ने आश्रय लिया है
उनकी आँखें में मोतियाबिंद के संभव लक्षण देखे गए हैं । पिछले गुरुवार से दिनेश उन्हें भोजन व हर तरह की मदद दे रहे हैं। लेकिन बुजुर्ग की हालात को देखते हुए उन्हें तुरंत चिकित्सा और बेहतर आश्रय मिलना आवश्यक है। दिनेश ने बताया कि उन्होंने मदद के लिए शिमला स्थित गैर सरकारी संगठन उमंग फाउंडेशन का दरवाजा खटखटाया।
संभव मोतियाबिंद के कारण आँखों की परेशानी की ओर इशारा करते हुए बुजुर्ग
वहीँ उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने उक्त स्थान का दुआरा कर बुजुर्ग से बात की तथा सोलन के उपायुक्त राकेश कंवर को पत्र लिख कर मांग की है कि शालाघाट में उक्त रेन शेल्टर में रह रहे 72 वर्षीय बीमार व विकलांग साधू को तुरंत बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम में भेजा जाए और उसका ईलाज करवाया जाए। भीषण ठण्ड और बीमारी के कारण उसकी जान को खतरा हो सकता है।
दाहिने पैर में गैंगरीन और बाएं बाजू में लकवे के कारण ठीक से चलने में असमर्थ बुजुर्ग
अजय श्रीवास्तव ने बताया कि वे राष्ट्रीय उच्च मार्ग 22 पर शालाघाट में रेन शेल्टर में बुजुर्ग साधू परमहंस हनुमान दास से मिले। उसे बाएं हिस्से में फालिज है और दायां पैर गैंगरीन से सड़ रहा है। साधू हनुमान दास ने बताया कि वह मूलतः मध्यप्रदेश का रहने वाला है। बचपन में पिता की मृत्यु के बाद इलाहाबाद के सप्तऋषि अखाड़े के महंत रामदास से संन्यास की दीक्षा लेकर वहीँ रहने लगा था। चालीस वर्ष पूर्व गुरु की मृत्यु होने पर वह देश भर में धार्मिक स्थानों के भ्रमण पर निकल पड़ा और अनेक वर्षों तक हिमाचल में चूड़धार में भी रहा।
श्रीवास्तव के साथ उमंग फाउंडेशन के सुरेन्द्र कुमार, विपाशा और हिमाचल वॉचर से तरुण शारदा भी मॉजूद थे।
दाहिने पैर में गैंगरीन की वजह से बुजुर्ग का जीवन खतरे में
बुजुर्ग ने उमंग फाउंडेशन की टीम से कहा कि पहले वह दो घंटे रोज़ पूजा-पाठ करता करता था और रामायण का पाठ किये बिना भोजन नहीं करता था। वह कहता है, अब बीमार और बेसहारा हो गया हूँ। बायां हाथ और पैर फालिज से बेकार हो गया है और दांया पैर गैंगरीन से सड़ रहा है। रुंधे गले से वह गुहार लगाता है कि मुझे बचालो, मेरा इलाज करवा दो, मैं ठण्ड में मर जाऊंगा।
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शोघी के दिनेश ठाकुर कई दिनों से उसे खाना पहुंचा रहे हैं और उन्होंने ही उसे कम्बल दिए। कहीं सड़क पर खुले में पड़ा देख कर उन्होंने उसे रेन शेल्टर में रख दिया था। सोलन के उपायुक्त राकेश कँवर ने अजय श्रीवास्तव से कहा कि वे तुरंत साधू हनुमान दास को वृद्धाश्रम भिजवाने के लिए कदम उठाएंगे।
अजय श्रीवास्तव और सुरिंदर कुमार बुजुर्ग आदमी से बात करते हुए
उमंग फाउंडेशन ने बेघर बुजुर्गों, बेसहारा महिलाओं और मनोरोगियों को ठंड से बचाने के लिए 1 जनवरी से अभियान चलाया है। इसके तहत बेसहारा हालत में खुले में रह रहे लोगों को कम्बल दिए जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षित आश्रय में भिजवाया जायेगा।
सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अध्यापकों ने परिजन और बच्चों को कोरोना संक्रमण व बचाव से करवाया अवगत
मंडी-बस सेवायें बंद होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। इसी कारण परिजनों और बच्चों और अध्यापकों को स्कूलों तक पहुँचने में दिक्कत का सामना करना पड़। स्कूलों में छात्रों और उनके परिजनों के बीच उचित दूरी बनाये रखना और उनके हाथ बार-बार सैनिटाइज करवाना भी स्कूलों के आगे एक चुनौती थी।
इस प्रवेश प्रक्रिया के दौरान राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदर नगर में भी 12 मई 2020 से 16 मई 2020 तक ऑफलाइन प्रवेश का दौर रहा। इस दौरान प्रधानाचार्य मनोज वालिया व समस्त स्टाफ ने बच्चों तथा अभिभावक गण को कोरोना वायरस के संक्रमण व उससे बचाव के बारे में अवगत करवाया।
प्रधानाचार्य मनोज वालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पाठशाला की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी ललिता बंगिया व राजकुमारी तथा स्वयंसेवी छात्राओं ने नए सत्र की कक्षा में प्रवेश हेतु आई छात्राओं व उनके अभिभावकों को सामाजिक दूरी को बनाए रखने की व्यवस्था की गई तथा प्रवेश हेतु आई हुई छात्राओं व अभिभावकों के हाथ समय-समय पर सैनिटाइज करवाए गए।
होटल ईस्टबोर्न के 120 मजदूरों का इपीएफ 2016 के बाद नहीं हुआ जमा, ब्रिज व्यू रीजेंसी, ली रॉयल, तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, वुडविले पैलेस में भी इपीएफ में गड़बड़
शिमला-आज दिनांक 22 अगस्त को हिमाचल के अलग-अलग होटलों से 200 कर्मचारियों ने ईपीएफओ विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कियाI
कर्मचारियों का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन शिमला शहर के विभिन्न होटलों में इपीएफ की समस्याओं को लेकर किया गया जिसमें मुख्य समस्या होटल ईस्ट बोर्न, होटल ब्रिज व्यू रीजेंसी, होटल ली रॉयल, होटल तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, होटल वुडविले पैलेस की हैI
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा महासचिव विनोद ने कहा कि ईस्टबोर्न में लगभग 120 मजदूर कार्यरत है जिसका इपीएफ 2016 से प्रबंधन द्वारा अभी तक जमा नहीं किया गया है और वैसा ही हाल ब्रिज व्यू में भी हैI
वहां पर भी एक साल से प्रबंधक द्वारा पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया हैI विनोद ने कहा कि वही होटल ले रॉयल में मजदूरों का पीएफ का पैसा जिस एक्ट के तहत कटना चाहिए था वह मालिक नहीं काट रहा है और होटल ली रॉयल का इपीएफ वेस्ट बंगाल में जमा किया जाता है जिससे मजदूरों को समस्या का हो रही हैI विनोद ने कहा कि तोशाली में भी मजदूरों का पीएफ के पैसे में कटौती की जा रही है जोकि यूनियन को बिल्कुल मंजूर नहीं होगाी
विनोद ने कहा कि यूनियन ने पीएफ कमिश्नर को इन समस्याओं से अवगत करवाया और पीएफ कमिश्नर ने वादा किया कि 31 अगस्त तक सभी होटलों में प्रबंधन द्वारा की जा रही गड़बड़ियों की पूरी जांच की जाएगी और जहां भी मालिक को द्वारा मजदूरों का पैसा जमा नहीं किया जा रहा है उन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगीI
इस प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, सीटू जिला सचिव अजय दुलटा, सीटू जिला प्रधान कुलदीप डोगरा, सीटू जिला उपाध्यक्ष किशोरी डलवालिया,अध्यक्ष बालकराम, कोषाध्यक्ष पवन शर्मा व अन्य साथी कपिल नेगी विक्रम शर्मा सतपाल राकेश चमन मौजूद थे
शिमला जिला में सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर, बागवानों को सेब मंडियों तक पहुंचाने में में आ रही परेशानी
शिमला-हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से बहुत क्षति हुई हैी इस दौरान 63 जाने गई हैI प्रदेश में आज सैंकड़ो सड़के बन्द पड़ी है राष्ट्रीय उच्चमार्ग व अन्य मुख्य मार्गो पर भी सफर अभी तक जोखिम भरा है। इस आपदा से प्रदेश के लगभग सभी जिले प्रभावित हुए हैं परन्तु शिमला,कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर,हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन आदि जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़के सुचारू नही है। जिससे क्षेत्र के बागवानों को सेब मण्डिया तक पहुंचाने में बेहद परेशानी हो रही हैी
यह कहना है भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी शिमला के सचिव व पूर्व मेयर संजय चौहान का। उन्होंने प्रदेश सर्कार से इस क्षति का तुरंत आंकलन करवा कर इसकी क्षतिपूर्ति की मांग की है।
उन्होंने कहा कि शिमला जिला के चौपाल, रोहड़ू, रामपुर व ठियोग तहसीलों में अधिक जान व माल की क्षति हुई है। आज भी चौपाल, चिढ़गांव रामपुर तहसील के अधिकांश क्षेत्र अन्य हिस्सों से कटे हुए हैं। शिमला जिला में अधिकांश सम्पर्क मार्ग या तो बन्द है या सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं। जिला में सेब का सीजन पूरे यौवन पर है तथा सड़को का सुचारू रूप से कार्य न करना बागवानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर आ गया है।
चौहान ने कहा कि रोहड़ू – देहरादून वाया हाटकोटी मार्ग बंद होने से बागवानों को बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि जुब्बल,रोहड़ू,चिढ़गांव आदि क्षेत्रों से अधिकांश सेब इसी मार्ग से मण्डिया में भेजा जाता है।
पार्टी ने मांग की है कि आपदा से हुई इस क्षति का आंकलन तुरंत करवाया जाए तथा प्रभावितों को इसका उचित मुआवजा तुरंत दिया जाए। इसके अतिरिक्त बन्द पड़े सभी मुख्य व लिंक मार्गो को तुरंत खोला जाए ताकि बागवानों को उनका सेब मण्डिया तक पहुचाने में आ रही परेशानी को समाप्त किया जाए। चौहान ने कहा कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठती तो पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।