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हाईकोर्ट रोक के बावजूद रोहडू में सेब कटान के विरोध में प्रदर्शन, डीएफओ की जीप का घेराव
शिमला- हाईकोर्ट की रोक के बावजूद वन भूमि पर सेब कटान के विरोध में सेब उत्पादक संघ और किसान सभा ने शुक्रवार को रोहडू में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने डीएफओ रोहडू की जीप रोक कर विरोध जताया। बाद में पुलिस ने डीएफओ की गाड़ी को प्रदर्शनकारियों के घेरे से निकाला। इन प्रदर्शनकारियों पर अदालत की अवमानना का मामला चल सकता है।
बागवानों ने करीब 11 बजे रोहडू के रामलीला मैदान से आंदोलन की रणनीति बनाई। इसके बाद जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार छोटे गरीब किसानों के लिए कोई स्थायी नीति नहीं बना रही है।
बागवान नेता राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार के मुंह से दोहरी भाषा निकल रही है। इसलिए सेब बगीचों पर बेरोकटोक वन विभाग की आरी चल रही है। आरोप लगाया कि सरकार छोटे गरीब किसानों के भूमि संबंधित मामले न्यायालय में तर्क के साथ नहीं उठा रही है।
सरकार छोटे और गरीब किसानों के कब्जे वाली भूमि को नियमित करने की व्यवस्था करे। यदि प्रदेश की भूमि को उद्योग के लिए पट्टे पर दिया जा सकता तो बागवानों को उनके कब्जे वाली भूमि लीज पर देने की व्यवस्था की जाए।
कहा कि वन विभाग के अधिकारी अपना कानून चला रहे हैं। बागवानों ने रैली निकालकर चौक पर करीब एक घंटे पर जनसभा को संबोधित किया। उसके बाद एसडीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी की गई। एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया।
डीएफओ की गाड़ी रोककर जताया रोष- करीब दो बजे अतिक्रमण के विरोध में जनसभा चल रही थी। इस दौरान डीएफओ रोहडू चमनलाल राव आवास से कार्यालय की ओर अपनी जीप में जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने डीएफओ की जीप को रोक कर सामने नारेबाजी शुरू की। डीएफओ वाहन से बाहर नहीं उतरे। सामने उपस्थित पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों को हटा कर जाप को मौके से आगे निकाला।
हाईकोर्ट की रोक के बावजूद किया प्रदर्शन- जंगल की जमीन कब्जाने वालों के किसी भी प्रकार के धरने प्रदर्शन पर प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर सरकारी भूमि पर लगाए गए पेड़ों को काटने से रोकने का किसी भी व्यक्ति, संस्था या राजनीतिक दल ने प्रयास किया तो उसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
इसके बावजूद शुक्रवार को रोहड़ू में प्रदर्शन हुआ है। हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों और एनजीओ को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि कानून के खिलाफ जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी को आदेश दिए हैं कि अवैध कब्जे हटाने वाले क्षेत्रों में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएं।
Photo: India Express/Representational
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विधायक हल साल बतायें अपनी संपत्ति व आय के स्रोत, विधानसभा के मानसून सत्र में इससे संबंधी संकल्प पर हो चर्चा
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जनता के प्रति जवाबदेह बनते हुए अपनी संपत्ति सार्वजनिक करें विधायक
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29 अगस्त को गैर कार्य दिवस में संपत्ति व देनदारियों संबंधी संकल्प पर चर्चा कराए सरकार
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विधानसभा के वेब पोर्टल पर विधायकों को सालाना बतानी चाहिए अपनी संपत्ति व आय के स्रोत
शिमला-विधायकों को अपने नैतिक जीवन में जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। विधायक जब पांच साल बाद चुनाव लड़ते हैं, उस समय शपथपत्र देकर अपनी चल, अचल संपत्ति व सभी देनदारियां सार्वजनिक करते हैं। विधायकों की संपत्ति बढ़ने पर जनता उन्हें शक की नजर से देखती है। इसलिए विधायकों को हर साल अपनी संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक करनी चाहिए। साथ ही आय के स्रोत भी बताने चाहिए, जिससे कि पारदर्शिता बनी रही। यह कहना है हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सूक्खू का।
सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने विधानसभा में संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में वह संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक करने संबंधी संकल्प लाए हैं। 29 अगस्त को गैर कार्य दिवस में सरकार उनके संकल्प पर नियम-101 के तहत चर्चा कराए। चूंकि, यह विधायकों का बहुत ही बेहतर प्रयास है कि वे अपनी संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक कर जनता के समक्ष उदाहरण पेश करना चाहते हैं। लेकिन, सरकार उनके संकल्प पर चर्चा नहीं कराना चाह रही है।
सूक्खू ने ने कहा कि स्पीकर ने वीरवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाकर उनके संकल्प पर चर्चा न कराने की जानकारी दी है। सूक्खू ने बताया कि कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व सदस्य के नाते वह खुद बैठक में मौजूद थे। स्पीकर राजीव बिंदल ने सरकार के निर्णय की बैठक में जैसे ही जानकारी दी, मुकेश व उन्होंने उस पर आपत्ति जताई और संकल्प लाने का आग्रह किया।
स्पीकर व सरकार के न मानने पर मुकेश व वह बैठक छोड़कर निकल आए। सरकार उनके संकल्प पर गंभीरता से विचार करे। सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने कहा कि संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक होने से विधायकों का मान-सम्मान और बढ़ेगा। सभी विधायकों की पब्लिक लाइफ पारदर्शी होना जरूरी है। नैतिकता के आधार पर सभी विधायक सालाना अपनी संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक करें।
सूक्खू ने कहा कि सरकार इसके लिए एक वेबसाइट तैयार करवाए। विधानसभा के वेब पोर्टल पर भी विधायक अपनी संपत्ति व देनदारियां घोषित करें, जिससे कोई उन पर उंगली न उठा सके।
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होटल ईस्टबोर्न के 120 मजदूरों का इपीएफ 2016 के बाद नहीं हुआ जमा, ब्रिज व्यू रीजेंसी, ली रॉयल, तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, वुडविले पैलेस में भी इपीएफ में गड़बड़
शिमला-आज दिनांक 22 अगस्त को हिमाचल के अलग-अलग होटलों से 200 कर्मचारियों ने ईपीएफओ विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कियाI
कर्मचारियों का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन शिमला शहर के विभिन्न होटलों में इपीएफ की समस्याओं को लेकर किया गया जिसमें मुख्य समस्या होटल ईस्ट बोर्न, होटल ब्रिज व्यू रीजेंसी, होटल ली रॉयल, होटल तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, होटल वुडविले पैलेस की हैI
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा महासचिव विनोद ने कहा कि ईस्टबोर्न में लगभग 120 मजदूर कार्यरत है जिसका इपीएफ 2016 से प्रबंधन द्वारा अभी तक जमा नहीं किया गया है और वैसा ही हाल ब्रिज व्यू में भी हैI
वहां पर भी एक साल से प्रबंधक द्वारा पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया हैI विनोद ने कहा कि वही होटल ले रॉयल में मजदूरों का पीएफ का पैसा जिस एक्ट के तहत कटना चाहिए था वह मालिक नहीं काट रहा है और होटल ली रॉयल का इपीएफ वेस्ट बंगाल में जमा किया जाता है जिससे मजदूरों को समस्या का हो रही हैI विनोद ने कहा कि तोशाली में भी मजदूरों का पीएफ के पैसे में कटौती की जा रही है जोकि यूनियन को बिल्कुल मंजूर नहीं होगाी
विनोद ने कहा कि यूनियन ने पीएफ कमिश्नर को इन समस्याओं से अवगत करवाया और पीएफ कमिश्नर ने वादा किया कि 31 अगस्त तक सभी होटलों में प्रबंधन द्वारा की जा रही गड़बड़ियों की पूरी जांच की जाएगी और जहां भी मालिक को द्वारा मजदूरों का पैसा जमा नहीं किया जा रहा है उन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगीI
इस प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, सीटू जिला सचिव अजय दुलटा, सीटू जिला प्रधान कुलदीप डोगरा, सीटू जिला उपाध्यक्ष किशोरी डलवालिया,अध्यक्ष बालकराम, कोषाध्यक्ष पवन शर्मा व अन्य साथी कपिल नेगी विक्रम शर्मा सतपाल राकेश चमन मौजूद थे
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शिमला जिला में सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर, बागवानों को सेब मंडियों तक पहुंचाने में में आ रही परेशानी
शिमला-हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से बहुत क्षति हुई हैी इस दौरान 63 जाने गई हैI प्रदेश में आज सैंकड़ो सड़के बन्द पड़ी है राष्ट्रीय उच्चमार्ग व अन्य मुख्य मार्गो पर भी सफर अभी तक जोखिम भरा है। इस आपदा से प्रदेश के लगभग सभी जिले प्रभावित हुए हैं परन्तु शिमला,कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर,हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन आदि जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़के सुचारू नही है। जिससे क्षेत्र के बागवानों को सेब मण्डिया तक पहुंचाने में बेहद परेशानी हो रही हैी
यह कहना है भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी शिमला के सचिव व पूर्व मेयर संजय चौहान का। उन्होंने प्रदेश सर्कार से इस क्षति का तुरंत आंकलन करवा कर इसकी क्षतिपूर्ति की मांग की है।
उन्होंने कहा कि शिमला जिला के चौपाल, रोहड़ू, रामपुर व ठियोग तहसीलों में अधिक जान व माल की क्षति हुई है। आज भी चौपाल, चिढ़गांव रामपुर तहसील के अधिकांश क्षेत्र अन्य हिस्सों से कटे हुए हैं। शिमला जिला में अधिकांश सम्पर्क मार्ग या तो बन्द है या सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं। जिला में सेब का सीजन पूरे यौवन पर है तथा सड़को का सुचारू रूप से कार्य न करना बागवानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर आ गया है।
चौहान ने कहा कि रोहड़ू – देहरादून वाया हाटकोटी मार्ग बंद होने से बागवानों को बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि जुब्बल,रोहड़ू,चिढ़गांव आदि क्षेत्रों से अधिकांश सेब इसी मार्ग से मण्डिया में भेजा जाता है।
पार्टी ने मांग की है कि आपदा से हुई इस क्षति का आंकलन तुरंत करवाया जाए तथा प्रभावितों को इसका उचित मुआवजा तुरंत दिया जाए। इसके अतिरिक्त बन्द पड़े सभी मुख्य व लिंक मार्गो को तुरंत खोला जाए ताकि बागवानों को उनका सेब मण्डिया तक पहुचाने में आ रही परेशानी को समाप्त किया जाए। चौहान ने कहा कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठती तो पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।
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