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टांडा मेडिकल कालेज को देश का प्रमुख संस्थान बनाने के लिए प्रयासरत है सरकार :वीरभद्र सिंह

“राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा उत्तर भारत में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे मेडिकल काॅलेजों में प्रथम स्थान पर है। सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में टांडा मेडिकल कालेज का 18वां तथा देश भर में इस मैडिकल कालेज का 28वां स्थान है तथा सरकारी मेडिकल काॅलेजों में यह एकमात्र ऐसा काॅलेज है, जो ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित है”
वीरभद्र सिंह ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा, कांगड़ा श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान बनकर उभरा है और प्रदेश सरकार इस महाविद्यालय को देश का प्रमुख चिकित्सा संस्थान बनाने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालयए टांडा में वार्षिक दिवस समारोह ‘ष्यूटोपिया-2013’ को सम्बोधित कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा उत्तर भारत में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे मेडिकल काॅलेजों में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में टांडा मेडिकल कालेज का 18वां तथा देश भर में इस मैडिकल कालेज का 28वां स्थान है तथा सरकारी मेडिकल काॅलेजों में यह एकमात्र ऐसा काॅलेज हैए जो ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित है।
उन्होंने कहा कि यहां 150 करोड़ रुपये की लागत से सुपर स्पेशियलिटी खण्ड का कार्य पूरा होन वाला है। प्रदेश सरकार टांडा मेडिकल कालेज में सभी मूलभूत एवं विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है और इस दिशा में सत्त प्रयास किए जा रहे हैं। यहां कीमोथैरेपी,न्यूरोलाॅजी, गैस्ट्रोएंटीरोलाॅजी तथा कार्डियोथोरैसिक शल्य चिकित्सा को सुदृढ़ किया जाएगा। इस चिकित्सा महाविद्यालय में अन्य विशेषज्ञ सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि मरीजों को एक ही स्थान पर चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 वर्ष पूर्व पालमपुर में मेडिकल कालेज स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था किन्तु वहां समुचित भूमि उपलब्ध न होने के कारण टांडा में मेडिकल कालेज की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस संस्थान की स्थापना के लिए समुचित धन राशि उपलब्ध करवाई ताकि क्षेत्र के लोगों को श्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकें। आज टांडा मेडिकल कालेज उत्तर भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक बन कर उभरा है। इस चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार की आधारशिला भी उन्हीं द्वारा रखी गई थी।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि टांडा मेडिकल कालेज के छात्रों की सुविधा के लिए यहां के पुस्तकालय को दिन-रात खुला रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि टांडा से 53 मील तक सोलर लाईट स्थापित की जाएगी ताकि छात्रोंए कर्मचारियों, शिक्षकों और आम लोगों को सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्थान के लिए और भूमि अधिगृहित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भवन एवं अधोसंरचना के रखरखाव के लिए पूर्व भाजपा सरकार द्वारा स्थानांतरित किए गए लोक निर्माण विभाग के उपमण्डल को पुनः यहां वापिस स्थापित करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग तथा विद्युत उपमण्डल भी पुनः खोले जाएंगे। राज्य सरकार रखरखाव एवं सुधार के लिए संख्या 131002013-पब .2. समुचित धन राशि उपलब्ध करवाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टांडा चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रावासों की मुरम्मत के लिए भी समुचित धन राशि उपलब्ध करवाएगी। वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में स्थित बड़ोह महाविद्यालय को सरकार के नियंत्रण में लेने की घोषणा की। उन्होंने टांडा चिकित्सा महाविद्यालय के मेधावी छात्रों को पुरस्कृत भी किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कालेज में सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 50 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की।
परिवहन मंत्री जीण्एसण्बाली ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालयए टांडा स्थापित करने एवं विकसित करने का श्रेय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को जाता है। उन्होने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार सदैव इसका श्रेय लेने का प्रयास करती रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस संस्थान का दौरा कर यहां उपलब्ध सुविधाओं और महाविद्यालय एवं अस्पताल के स्तर की सराहना की थी। बाली ने कहा कि टांडा मेडिकल कालेज को देश का सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान बनाना उनका सपना है।
उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा महाविद्यालय में रोगियों और चिकित्सकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने इस महाविद्यालय के विकास के लिए उदार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया।
महाविद्यालय केन्द्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष शैलेन गुलेरिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कालेज के छात्रों की उपलब्धियों की जानकारी प्रदान की। चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डा.अनिल चैहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। शहरी विकास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा, विधायक संजय रतन, अजय महाजन, पवन काजल, पूर्व मंत्री चन्द्र कुमार, पूर्व विधायक सुरेन्द्र काकू, केन्द्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा के कुलपति प्रो. फुरकान कमर, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष जगदीश सिपहिया, राज्य वन निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, कालेज केन्द्रीय छात्र संघ की उपाध्यक्ष कात्यायिनी दत्त, महासचिव तान्या ठाकुर, छात्र, अविभावक, संकाय सदस्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
Image:upinderkaur
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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