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विभागों द्वारा विकास कार्यों में लाई जाएगी तेजी: मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

“मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के सभी सचिवों के साथ आयोजित बैठक में सभी विभागों को विभागीय कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश जारी किए है जिससे राज्य के लोगों को सही और उचित सुविधाएं मुहिया करवाई जा सके”
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में विशेषकर राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित बनाई जाएगी जिससे राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में लोगों की स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं दिलावाई जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी आवश्यक सेवाओं के रिक्त पदों को भी प्राथमिकता पर भरा जाएगा।
वहीं उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को राज्य के सभी सड़क मार्गांे की स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए क्योंकि प्रदेश में सड़कंे संचार का प्रमुख साधन हैं। उन्होंने सम्पर्क मार्गांे एवं ग्रामीण सड़कों के रख.रखाव को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
वीरभद्र सिंह ने निर्देश दिए कि न्यायिक मामलों को बिना विलंब निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि इन मामलों में राय के लिए परामर्शी विभागों को सात दिनों से अधिक समय नहीं लेना चाहिए और राय में विभिन्नता होने की स्थिति में मुख्य सचिव परामर्शी विभागों की बैठक आयोजित कर भावी कार्यवाही सुनिश्चित बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने विभागों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं की नियमित समीक्षा के निर्देश देते हुए कहा कि शत.प्रतिशत भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धियां सुनिश्चित बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए कि दिल्ली दौरे के दौरान वे विभागों के मामलों को संबंधित मंत्रालयों के समक्ष उठाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक प्रशासनिक सचिव को प्रत्येक जि़ला का प्रभारी बनाया है। संबंधित जि़ला प्रभारी को पंद्रह दिनों की अवधि में एक बार जि़ला मुख्यालय का दौरा करना चाहिए। इसके अलावा जिला के प्रमुख मामलों पर उपायुक्तों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ त्रैमासिक वीडियो कांफ्रेसिंग का भी आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने सचिवों को प्रगति का नियमित अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बजट अभिभाषण में राज्य इनोवेशन फंड की घोषणा को एक माह के भीतर क्रियाशील बनाने के निर्देश दिए। वन मामलों की समय पर स्वीकृति के अनुश्रवण के लिए प्रत्येक जिला में एक अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल को प्रभारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव वित्त इस संबंध में एक सप्ताह में हुई प्रगति के बारे में उन्हें अवगत करवाएंगे। उन्होंने प्रशासनिक सचिवों को प्रत्येक महीने विकास कार्यांे की प्राथमिकता तैयार करने तथा प्रगति रिपोर्ट को समय≤ पर प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।
वीरभद्र सिंह ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मिलने वाली खाद्य सामग्री को लेकर लोगांे को पेश आ रही समस्याओं के संदर्भ में प्रकाशित समाचारों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को समय पर पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। इस संबंध में सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि लोक मित्र केंद्र के संचालकों ने अपनी समस्याओं के निदान के लिए न्यायालय की शरण ली है। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को इस मामले को सुलझाने के निर्देश दिए ताकि सेवा प्रदाता प्रभावित न हों।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनके कार्यालय ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त नई योजनाओं के प्रस्तावों के बारे में टिप्पणियां भेजीं हैं। ये सभी प्रस्ताव और मामले प्राथमिकता के आधार पर निपटाए जाने चाहिए और इनमें किसी भी प्रकार का विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष के अंतर्गत प्राप्त पांच प्रतिशत धनराशि को उपकरणों एवं मशीनों की खरीद पर खर्च किया जा सकता है। उन्होंने मुख्य सचिव को इस मामले पर विचार करने के निर्देश दिए ताकि यह पता चल सके कि क्या इस धनराशि को फायर टेंडर के खरीद के लिए उपयोग में लाया जा सकता है अथवा नहीं।
मुख्य सचिव एस. राॅय ने कहा कि सभी सचिव मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं और प्रदेश में विकास कार्यांे में तेजी लाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी विभाग निर्धारित लक्ष्यों को तय समय सीमा में पूरा कर लेंगे।
लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव नरेंद्र चैहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 285 करोड़ रुपये हाल ही में प्राप्त हुए हैं जिससे 171 ग्रामीण सड़कों को पक्का किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तारकोल खरीदने के लिए 41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और अन्य राज्यों के परामर्श से निर्माण सामग्री खरीदने की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सभी घोषणाओं के अनुरूप कार्य प्रगति पर है।
स्वास्थ्य सचिव अली रजा रिजवी ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार विद्यार्थियों का प्राधिकृत स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क उपचार किया जाएगा। सरकारी संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को निःशुल्क उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है और इस वित्त वर्ष के दौरान निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाने पर 35 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.सी फारका ने सभी सचिवों से आग्रह किया कि जन शिकायतों का समय पर निपटारा किया जाए।
Source:Department of Information & Public Relations, Himachal Pradesh
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।