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भाजपा के 2019 घोषणा पत्र से स्मार्ट सिटी, बुलेट ट्रेन गायब, न विदेशों से 80 लाख करोड़ कालाधन लाने का कोई वर्णन
शिमला-पिछले कल भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किये गए चुनावी घोषणा पत्र पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के विश्वास में विष घोल दिया है और देश को आप पर भरोसा करना भारी पड़ा है। कांग्रेस ने भाजपा के स्वर्ण पात्र को झांसा पत्र करार दिया है और 2014 में की गयी घोषणाओं के बारे में जवाब मांगे हैं!
कांग्रेस ने कहा कि इस बात की पुष्टि स्वयं बीजेपी का 2014 का घोषणापत्र बनाने वाले मुरली मनोहर जोशी जी ने की है। उनसे जब पूछा कि मोदी सरकार के काम पर कितने नंबर देंगे, तो वे कहते हैं, “कॉपी में कुछ लिखा हो, तब तो नंबर दूँ।”
कांग्रेस ने कहा कि काम के नाम पर मोदी नाम के विद्यार्थी ने काॅपी कोरी छोड़ी है। जब कोई अपना काम नहीं करता है तो बहानेबाजी करता है। कांग्रेस ने कहा कि 5 साल बस यही हुआ है! भाजपा ने अपनी नाकामी का इल्जाम दूसरों पर मढ़ती रही और रोज नए बहाने बनाती गयी!
हर साल 2 रोज़गार का वादा, यानि 5 साल में 10 करोड़
कांग्रेस ने कहा कि उल्टा 4,70,00,000 नौकरियां चली गईं और बेरोजगारी की दर 45 साल में सबसे अधिक है और युवाओं को भविष्य अंधकार में है!
किसान को लागत + 50 % मुनाफा देने का
कांग्रेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दिया कि यह कभी नहीं हो सकता। कृषि की विकास दर गिरकर मात्र 2.9 प्रतिशत हो गई है, और किसान फसल की कीमत के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी जी ने बस जुमलों की खेती की है। 2019 के संकल्प पत्र में एमएसपी का उल्लेख ही नहीं है। वादा किया है, 2022 तक किसानों की आय दोगुना करेंगे, पर उसके लिए इस कृषि विकास दर से 28 लग जाएंगे।
80 लाख करोड़ कला धन वापिस लाना
कांग्रेस ने कहा कि देश के हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रु. जमा कराने का वादा किया गया था। 15 लाख रुपया आना तो दूर, नोटबंदी ने देश की जनता की गाढ़ी कमाई लूट ली। कांग्रेस ने कहा कि दूसरी ओर ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे भगोड़े देश के बैंकों का 1 लाख करोड़ लूटकर विदेश भाग गए।
देश को इकनोमिक पावर बनाना
कांग्रेस ने कहा कि वास्तविकता में देश को कर्ज में डुबो दिया। 2014 में देश पर कर्ज था, 54,90,763 करोड़। 2018 में देश पर कर्ज है, 82,03,253 करोड़। 5 साल में मोदी सरकार ने कर्ज लिया – 27,12,490 करोड़।
कांग्रेस ने कहा कि 5 साल में मोदी जी ने हर रोज 1486 करोड़ कर्ज लिया व हर महीने 45,208 रु. कर्ज लिया। कांग्रेस ने पुछा है कि यह है मोदीजी का कर्ज में डुबोने वाला अर्थशास्त्र।
दलित, आदिवासियों, पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाना
कांग्रेस ने कहा कि उल्टा दलितों के आरक्षण पर हमला किया, एससी-एसटी सबप्लान खत्म कर दलितों व आदिवासियों को सरकार के संसाधनों में हिस्सेदारी से वंचित किया। ऊना, फरीदाबाद, सहारनपुर, हैदराबाद विश्वविद्यालय ष्रोहित वैमुलारु जैसी दलित अत्याचार की घटनाओं ने देश का दिल दहला दिया। हर 12 मिनट में एक दलित पर अत्याचार व हर 24 घंटे में एक दलित महिला से अनाचार । कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सर्कार ने उल्टा आदिवासियों से वन-भूमि का अधिकार छीना है।
बेटी बचाना, बेटी पढ़ाना
कांग्रेस ने कहा कि वास्तविकता में यह ‘भाजपा से बेटी बचाओ’ बनकर रह गया। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 15 साल से कम उम्र की 632 लाख बेटियां। हर बेटी के हिस्से आया ‘बेटी बचाओ स्कीम’ का मात्र 5 पैसा। यह है बेटियों से क्रूर मजाक। कांग्रेस ने कहा कि दूसरी ओर भाजपा ने बेटियों केदोषियों को दिया संरक्षण। कठुआ की दरिंदगी, उन्नाव बलात्कार कांड, नलिया सेक्स रैकेट, मुजफ्फरपुर व प्रतापगढ़ बालिका गृह कांड ने देश की आत्मा को शर्मसार कर दिया।
सस्ता पेट्रोल और डीजल
कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आने से पहले मोदी जी ने कहा – ‘बहुत हुई पेट्रोल डीज़ल की
मार’। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब सत्ता में आए तो पेट्रोल डीज़ल पर एक्साईज़ ड्यूटी बढ़ाकर जनता की जेब से 12 लाख करोड़ लूट लिया।
100 स्मार्ट सिटी बनाना
कांग्रेस ने कहा कि एक भी स्मार्ट सिटी नहीं बन पाई है। आरटीआई में खुलासा हुआ कि 5 साल में
स्मार्ट सिटी का मात्र 7 प्रतिशत बजट ही खर्च हो पाया। यही हाल ‘अमृत’, ‘हाउसिंग फाॅर आल , ‘हृदय’
जैसी योजनाओं का भी हुआ।
सेना की मजबूती
कांग्रेस ने कहा कि सेना के शौर्य का राजनैतिक इस्तेमाल तो खूब किया पर भारतीय सेना और
सैनिक मोदी सरकार की अनदेखी का शिकार बन गए। संसदीय समिति ने बताया कि रक्षा बजट 57 वर्षों में
सबसे कम है व 68 प्रतिशत सेना के हथियार पुराने हो चुके हैं। कांग्रेस ने कहा कि एक तरफ तो सेना की वर्दी और राशन के बजट में कटौती कर डाली, तो दूसरी तरफ ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को ‘वन रैंक, 5 पेंशन’ बना डाला।
एक डॉलर = 40 रुपये करना
कांग्रेस ने कहा कि 2014 में मोदी जी भारतीय मुद्रा यानि रुपये की तुलना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की उम्र से कर मजाक उड़ाया करते थे। कहा कि भारत की मुद्रा को सबसे मजबूत कर दूंगा। कांग्रेस ने कहा कि पर पांच साल की मोदी सरकार में रुपया एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बना है। अब 1 डाॅलर 70 रुपया के बराबर है!
गंगा नंदी की सफाई करना
कांग्रेस ने कहा कि पांच साल में नमामि गंगे का 80 प्रतिशत बजट खर्च ही नहीं हो पाया। बनारस में गंगा माँ और दूषित हो गईं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि इस गति से गंगा मैया को साफ करने में 100 साल और लगेंगे।
कांग्रेस ने कहा कि 2019 के घोषणा पत्र से स्मार्ट सिटी गायब है, बुलेट ट्रेन गायब है और विदेशों से 80 लाख करोड़ कालाधन लाने का वर्णन ही नहीं है, मानो ये सारे काम पूरे हो चुके हैं।
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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