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राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता के लिए प्रतिबद्ध:जयराम ठाकुर

शिमला- महिला सशक्तिकरण के बिना हम दीर्घकालिक आर्थिक विकास की कल्पना नहीं कर सकते हैं और किसी भी राष्ट्र की सामाजिक उन्नति और आर्थिक विकास को आंकने के लिए लैंगिक समावेशन मुख्य कारक होता है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज मंडी जिला के जोगिंद्रनगर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही मुख्य योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा देती जैंडर बजट स्टेटमेंट अलग से प्रस्तुत की गई है।
उन्होंने कहा कि इस वक्तव्य से हमें महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की निगरानी में सहायता मिलेगी और इन योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं के परामर्श से इनकी समीक्षा भी की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों को बिना किसी आय सीमा के सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने का निर्णय लिया है। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा अपने पहले बजट में गरीब परिवारों को निःशुल्क गैस कुनेक्शन उपलब्ध करवाने के लिए गृहिणी सुविधा योजना प्रारम्भ की गई थी। इस योजना के अर्न्तगत अभी तक 3.25 लाख से अधिक निःशुल्क गैस कुनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवार से संबंधित कन्या को शगुुन योजना के अन्तर्गत उनके विवाह पर 31 हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वाबलम्बन योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमियों को 35 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि व सिलाई अध्यापिकाओं, मिड-डे-मील वर्कर, जलवाहक (शिक्षा विभाग), जल रक्षक, मल्टीपर्पज वर्कर, पैरा फिटर और पम्प ऑपरेटर के मानदेय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकताओं को अब प्रतिमाह 9000 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6000 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 4600 रुपये, आशा वर्कर को 4700 रुपये, सिलाई अध्यापिका को 7850 रुपये, मिड-डे मील वर्कर को 3400 रुपये, शिक्षा विभाग में जल वाहक को 3800 रुपये और पैरा फिटर एवं पम्प ऑपरेटर को 5400 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में भी 50 रुपये बढ़ोतरी कर इसे 350 रुपये प्रतिदिन किया गया है। इससे प्रत्येक दिहाड़ीदार को प्रतिमाह 1500 रुपये की अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की समाज में 50 फीसदी भागीदारी है और वे एक सशक्त एवं जीवंत समाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और समाज में महिलाओं को सदैव सर्वोच्च स्थान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान महिलाओं ने महिला मण्डलों एवं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से इस वायरस के प्रसार पर नियंत्रण में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां महिलाओं ने अपना परचम न लहराया हो।
इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने ग्राम पंचायत जलपैहड़ के सेरू में पशु अस्पताल खोलने और नागरिक अस्पताल जोगिन्द्रनगर व लडभड़ोल में अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए जोगिन्द्रनगर में बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय योरा को उच्च विद्यालय में स्तरोन्नत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक शिशु को अन्न खिलाकर अन्न प्राशन कार्यक्रम में भी भाग लिया। वहीं अपने-अपने क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत भी किया।
उन्होंने हमीरपुर जिला की शीतल वर्मा को शिक्षा, कुल्लू जिला की खुशबू भारद्वाज को महिला सशक्तिकरण व श्वेता शर्मा को कला एवं संस्कृति के उत्थान, हमीरपुर जिला की रेखा शर्मा को सामाजिक एवं बाल कल्याण, शिमला जिला की संगीता खुराना को नशा निवारण, चंबा जिला की कंचन कुमारी को आधार पंजीकरण में उल्लेखनीय योगदान और कांगड़ा जिला की नीना अवस्थी को कोविड महामारी में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया है ताकि विकास प्रक्रिया में उनकी भूमिका सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए अपने परिवार,राज्य और राष्ट्र को गौरवान्वित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपना कार्यभार संभालते ही महिलाओं को संकट के समय त्वरित सहायता उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत गुड़िया हेल्पलाइन शुरू की थी।
जोगेन्द्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने मुख्यमंत्री से नागरिक अस्पताल जोगेन्द्रनगर एवं लडभड़ोल में दो अल्ट्रासांउड मशीने और जोगेन्द्रनगर में पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया।
रेलवे बोर्ड के सदस्य पंकज जम्वाल ने ]मुख्यमंत्री से जोगिन्द्रनगर अस्पताल में अल्ट्रासांउड मशीन उपलबध करवाने का भी आग्रह किया।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।