शिमला
शिमला के निजी स्कूल पर फीस लेकर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी देने का आरोप
![shimla private schools](https://hindi.himachalwatcher.com/wp-content/uploads/2022/02/shimla-private-schools.jpg)
शिमला- राजधानी शिमला के एक निजी स्कूल ने अभिभावकों द्वारा सरकार की अधिसूचना के आधार पर फीस जमा करवाने के बाबजूद भी स्कूल ने बच्चों का रिजल्ट रोक दिया और स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी भी दे दी। यह कहना है अभिभावक प्रतिनिधिमंडल का।
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने अपने बच्चों की फीस जमा करवाई थी बाबजूद इसके स्कूल ने बच्चों के रिजल्ट रोक दिए।
इस सिलसिले में आज अभिभावकों ने विद्यालय की प्रिंसिपल से मुलाकात कर बच्चों के परिणाम घोषित करने का आग्रह किया को लेकिन प्रिंसिपल ने न सिर्फ़ सरकार की 2019 की अधिसूचना को मानने से ही इनकार कर दिया बल्कि बच्चों का रिजल्ट भी अभिभावकों को देने से साफ इन्कार कर दिया और अभिभावकों को बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी भी दी,जिसेसे छात्र-अभिभावक काफ़ी परेशान है।
अभिभावकों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से पहले भी अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में तीन-चार बार अपना रिप्रेसेंटेशन भी सौंपा था,लेकिन उन्हें स्कूल की तरफ से आज तक कोई भी प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई।
उन्होंने यह भी बताया कि इसके बाबजूद अधिकतर अभिभावकों ने वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ट्यूशन फीस जमा करवा दी थी, क्योंकि सरकार की 2019 की अधिसूचना के अनुसार स्कूलों में फीस वृद्धि के लिए अभिभावक जनरल हाउस में स्वीकृति करवाना होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के अधिकतर निजी स्कूलों में हिमाचल सरकार की इस अधिसूचना की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है,और बिना किसी जनरल हाउस की स्वीकृति के अभिभावकों को मनमर्ज़ी की बड़ाई गई फीसों को जमा करवाने का दबाब बनाया जा रहा है, जो कि न सिर्फ गलत है बल्कि ग़ैरकानूनी भी है।
स्कूल प्रबंधन से मिलने पहुंचे अभिभावकों ने यहां जारी संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने वर्ष, 2019 की अधिसूचना के अनुसार अपनी फीस जमा करवाई है,क्योंकि कोविड-19 के कारण बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन ही हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल की तरफ से बिना जनरल हाउस बुलाए और पी.टी.ए. गठित किए ही फीस में बढ़ौतरी की गई है, जो कि सरासर गलत है और ग़ैरकानूनी भी है,जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीँ किया जाएगा।
उन्होंने स्कूल प्रबंधन से साल 2019 की अधिसूचना के अनुसार फीस लेने और बच्चों के रिजल्ट को जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने की मांग की है।
अभिभावकों ने यह भी कहा कि प्रदेश के शिक्षामंत्री गोबिंद ठाकुर पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि कोरोना काल मे निजी स्कूल संचालक ऑनलाइन पढ़ाई करवाने पर अभिभवकों से पूरी फीस नही वसूल सकते है। अगर इस मामले में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करती है,तो अभिभावक मज़बूरन इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने को भी तैयार है।
शिमला
मुख्यमंत्री ने ढली में 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की रखी आधारशिला
![dhalli double lane tunnel](https://hindi.himachalwatcher.com/wp-content/uploads/2022/03/dhalli-double-lane-tunnel.jpg)
शिमला- शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजधनी में कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ढली में लगभग 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ढली की पुरानी सुरंग 1852 ई. में निर्मित की गई थी और अब 147 मीटर लंबी इस नई डबल लेन सुरंग से यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर का निरंतर विकास होने से इसका व्यापक विस्तार हुआ है और ऐसे में प्रभावी यातायात प्रबन्धन के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह परियोजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिमला शहर के लिए 70 करोड़ रुपए की लागत की पेयजल आपूर्ति योजना रिकॉर्ड समयावधि में पूर्ण करके शहर में पेयजल संकट की समस्या का निराकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहर के लिए 1813 करोड़ रुपए की एक नई पेयजल आपूर्ति परियोजना भी तैयार की जा रही है जिसका कार्य पूर्ण होने पर शहर में आगामी 100 वर्षों तक पानी की समस्या का हल हो सकेगा।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि नई सुंरग के निर्मित होने से इस मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही और सुगम हो सकेगी। यह सुंरग शिमला जिला के कसुम्पटी और शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत सड़कों को चौड़ा करने, पैदल पुलों, फुटपाथ, पार्किंग इत्यादि से संबंधित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत सभी कार्य तीव्र गति से पूर्ण हो।
अन्य खबरे
शिमला साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी मामलों में वापिस करवाए 1 लाख 40 हजार रुपए
![shimla police cyber cell](https://hindi.himachalwatcher.com/wp-content/uploads/2022/03/shimla-police-cyber-cell.jpg)
शिमला- साइबर सेल शिमला को ऑनलाइन ठगी मामलें में एक बड़ी सफलता मिली है।
नवंबर 2021 में नारकंडा पुलिस चौकी में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके अनुसार शातिरों ने केवाईसी अपडेट करने के लिए शिकायतकर्ता से ओटीपी मांगा था और शिकायतकर्ता ने ओटीपी शेयर कर दिया जिसके बाद ओटीपी शेयर करने से शिकायतकर्ता के खाते से 1 लाख 40 हजार रुपए कट गए। इस ठगी मामलें में शिमला साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए यह राशि शिकायकर्ताओं के खाते में वापिस करवा दी हैं।
शिमला पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता है। आप अपने खाते की जानकारी जैसे कि ओटीपी (OTP)/सीवीवी (CVV)इत्यादि सांझा न करें और किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर इसकी सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस थाना या पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर आवश्य दर्ज करवाएं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी साइबर सेल शिमला ने ठगी के मामलें में तुरंत कार्रवाई करते हुए शिकायकर्ताओं के खाते में करीब 85 हजार रुपए वापिस करवाए थे।
राजनीति
नगर निगम चुनावों के लिए चुनावी घोषणा पत्र में जनहित के मुद्दों तरजीह देगी कांग्रेस,तैयारियां शुरु
![mc shimla elections](https://hindi.himachalwatcher.com/wp-content/uploads/2022/03/mc-shimla-elections-1.jpg)
शिमला- प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिमला नगर निगम चुनावों के लिये अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके चलते आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर की अध्यक्षता में मेनीफेस्टो ,घोषणा पत्र कमेटी की एक बैठक हुई।
बैठक में घोषणा पत्र को लेकर आपसी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान राठौर ने नगर निगम के मेनीफेस्टो, घोषणा पत्र के प्रारूप पर चर्चा करते हुए कहा कि घोषणा पत्र में जनहित से जुड़े मुद्दों को विशेष प्रमुखता दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसमें नगर निगम में शामिल किए गए उन नए क्षेत्रों में लोगों को राहत व सुविधा देने का विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए जिन्हें वर्तमान नगर निगम ने कुछ नहीं दिया है।उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम की कार्यप्रणाली से लोग दुःखी है।
उन्होंने अपना कोई भी चुनावी वायदा पूरा नहीं किया, इसलिए इन्हें सत्ता से बाहर करने के लिये सभी को एकजुटता के साथ पूर्व में प्रदेश के चार नगर निगम चुनावों की तरह ही प्रयास करने होंगे।