शिमला
शिमला शहर में ग्रीन एरिया में भी बन सकेगा ढाई मंजिला भवन, शहर के लिए बनाए गए नए डेवलमेंट प्लान में किया गया है प्रावधान
शिमला- अब शिमला शहर में ग्रीन एरिया में भी लोग भवन निर्माण कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए कुछ नियम होंगें जिनको ध्यान में रखते हुए ही भवन निर्माण किया जाएगा। शहर में 17 ग्रीन एरिया में आवासीय भवन बनाए जा सकेंगे।
यह प्रावधान शिमला शहर के लिए बनाए गए नए डेवलपमेंट प्लान में किया गया है। शिमला शहर के लिए 40 साल बाद नया डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है।
मंगलवार को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला के बचत भवन में नए डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है और अब नए डेवलमेंट प्लान पर आपत्तियां ओर सुझाव लिए जाएंगे। इसके लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
शहरी विकास विभाग की ओर से अमृत योजना के तहत GIS के तहत ये ड्राफ्ट तैयार किया है।ड्राफ्ट की कॉपी टीसीपी कार्यालय, नगर निगम कार्यालय के अलावा वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि लोग इस नए डेवलपमेंट प्लान को पढ़ सके। विभाग जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा।
प्लान के मुताबिक राजधानी के 17 ग्रीन एरिया में आवासीय भवन बनाने की छूट मिल सकती है। ढाई मंजिला भवन बनेंगे, इसमें दो मंजिला और एटिक शामिल होगा। पुराने भवन जो बने हुए हैं, उन्हें ओल्ड लाइन पर मंजूर किया जा सकेगा।
ग्रीन एरिया में हरे पेड़ों को काटने व गिराने पर रोक रहेगी। इसके साथ के दो वर्ग मीटर के दायर में भवन का निर्माण नहीं हो सकेगा। वन भूमि से भवन की दूरी पांच मीटर रखना अनिवार्य होगा।
इन क्षेत्रों में चेंज आफ लैंड और बिल्डिंग यूज की अनुमति नहीं दी जाएगी। ज्यादा से ज्यादा कटिग एक साथ साढ़े तीन मीटर ही हो सकेगी।
यहां पर बनने वाले भवनों में सोलर प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिग सभी भवनों के लिए लगाना अनिवार्य किया जाएगा। नॉन कोर एरिया में 3 फ्लोर पार्किंग, ऐटिक बनाने की अनुमति प्रस्तावित है। शहर और प्लानिग एरिया के लिए ये पहला डेवलपमेंट प्लान होगा।
शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 40 साल बाद शिमला शहर के लिए डेवलपमेंट प्लान बनाया जा रहा है। 1979 में शिमला का अंतरिम डेवलपमेंट प्लान बना था। इसके बाद आज तक प्लान नहीं बन सका। अब उस पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी राज्य सरकार को तुरंत प्लान बनाने के लिए कहा था। जिसके बाद इस पर काम शुरू किया गया और डेवलपमेंट का प्लान तैयार कर लिया गया है और अब एक महीने का समय आपत्ति दर्ज करने का दिया गया है उसके बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा।
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शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने तीन काउंटर, बुकिंग काउंटर मॉल रोड शिमला, पुराना बस अड्डा शिमला व अन्तर्राज्य बस अड्डा टूटीकंडी शिमला में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) यात्रियों को जारी करने हेतू सुविधा उपलब्ध करवा दी है।
अब इच्छुक व्यक्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपरोक्त बुकिंग काउंटर से अपने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी करवा सकते हैं।
इस कार्ड का मूल्य 100 रु होगा और इसका उपयोग यात्री हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रा पत्र लेने के लिए कर सकेंगे।
इस कार्ड के उपयोग के लिए किसी प्रकार की इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में यह कार्ड शिमला लोकल की बसों में उपयोग किया जा सकेगा तथा अगले चरण में यह सुविधा हिमाचल पथ परिवहन निगम के अन्य क्षेत्रों की बस सेवा में भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने ढली में 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की रखी आधारशिला
शिमला- शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजधनी में कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ढली में लगभग 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ढली की पुरानी सुरंग 1852 ई. में निर्मित की गई थी और अब 147 मीटर लंबी इस नई डबल लेन सुरंग से यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर का निरंतर विकास होने से इसका व्यापक विस्तार हुआ है और ऐसे में प्रभावी यातायात प्रबन्धन के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह परियोजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिमला शहर के लिए 70 करोड़ रुपए की लागत की पेयजल आपूर्ति योजना रिकॉर्ड समयावधि में पूर्ण करके शहर में पेयजल संकट की समस्या का निराकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहर के लिए 1813 करोड़ रुपए की एक नई पेयजल आपूर्ति परियोजना भी तैयार की जा रही है जिसका कार्य पूर्ण होने पर शहर में आगामी 100 वर्षों तक पानी की समस्या का हल हो सकेगा।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि नई सुंरग के निर्मित होने से इस मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही और सुगम हो सकेगी। यह सुंरग शिमला जिला के कसुम्पटी और शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत सड़कों को चौड़ा करने, पैदल पुलों, फुटपाथ, पार्किंग इत्यादि से संबंधित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत सभी कार्य तीव्र गति से पूर्ण हो।
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शिमला साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी मामलों में वापिस करवाए 1 लाख 40 हजार रुपए
शिमला- साइबर सेल शिमला को ऑनलाइन ठगी मामलें में एक बड़ी सफलता मिली है।
नवंबर 2021 में नारकंडा पुलिस चौकी में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके अनुसार शातिरों ने केवाईसी अपडेट करने के लिए शिकायतकर्ता से ओटीपी मांगा था और शिकायतकर्ता ने ओटीपी शेयर कर दिया जिसके बाद ओटीपी शेयर करने से शिकायतकर्ता के खाते से 1 लाख 40 हजार रुपए कट गए। इस ठगी मामलें में शिमला साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए यह राशि शिकायकर्ताओं के खाते में वापिस करवा दी हैं।
शिमला पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता है। आप अपने खाते की जानकारी जैसे कि ओटीपी (OTP)/सीवीवी (CVV)इत्यादि सांझा न करें और किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर इसकी सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस थाना या पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर आवश्य दर्ज करवाएं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी साइबर सेल शिमला ने ठगी के मामलें में तुरंत कार्रवाई करते हुए शिकायकर्ताओं के खाते में करीब 85 हजार रुपए वापिस करवाए थे।