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शिमला में भारी बर्फ़बारी से बिगड़े हालात, शनिवार 5 फरबरी को रहेगा स्थानीय अवकाश,डीसी ने जारी की अधिसूचना

आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए पुलिस सहायता कक्ष 01772812344, 112 या नजदीकी पुलिस थाना में संपर्क करें।
शिमला- राजधानी शिमला में हुई भारी बर्फ़बारी अब परेशानी बन गई है। दो दिनों से लगातार हो रही बर्फ़बारी से राजधानी पूरी तरह से जाम हो गई है। हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन ने शनिवार 5 फरबरी को शिमला में स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है।
जारी अधिसूचना के आधार पर शिमला में कल स्थानीय अवकाश रहेगा और सभी सरकारी कार्यालय, बोर्ड, निगम, शैक्षणिक संस्थान, ऑटोनोमस इंस्टिट्यूट सभी बंद रहेंगे.मात्र आपातकालीन सेवाओ के विभागों में यह अवकाश मान्य नहीं होगा।
बर्फ़बारी से आलम यह है कि ना तो सड़कों पर वाहन चल रहे है ना ही घरों में बिजली सुचारू रूप से मिल पा रही है ना ही पानी की सप्लाई इस बर्फ़बारी के बीच हो पा रही है।
बर्फ़बारी इतनी ज्यादा है कि अब रास्तों पर पैदल चलना भी ख़तरे से खाली नहीं है। बर्फ़बारी के चलते जगह जगह पेड़ गिर रहे हैऔर इससे दुर्घटना होने का भी ख़तरा बना हुआ है।
शिमला शहर सहित जिला में बर्फबारी के चलते अधिकतर सड़कें अवरुद्ध है ऐसे में कर्मियों को कार्यालय तक पहुंचने में दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से आम जन की सुरक्षा को देखते हुए यह अवकाश घोषित किया गया है। इसको लेकर अधिसूचना भी उपायुक्त आदित्य नेगी ने देर शाम जारी कर दी है।
बता दें कि शुक्रवार को भी बर्फ़बारी के चलते शिमला शहर में वाहनों की आवाजाही बन्द रही जिसके चलते कई किलोमीटर पैदल चल कर कर्मचारियों को अपने कार्यकाल पहुंचना पड़ा, हालांकि अब मौसम साफ हो गया है लेकिन सड़को पर बर्फ़ अभी जमी हुई है और कल दोहपर तक ही सड़को को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जा सकता है।
शिमला उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि जिला में दो दिन से काफी बर्फ़बारी हुई है जिसके चलते सड़कें बन्द है। सड़कों से बर्फ़ हटाने का कार्य शुरू कर दिया है और शनिवार दोहपर तक वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकती है। ऐसे में शिमला में शनिवार को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। लोगों से भी अपील की गई है कि वह जिला प्रशासन का सहयोग करें।
वहीं शिमला पुलिस ने भी जनता से अपील की है कि बर्फ जमने और फिसलन के कारण रात और सुबह के समय यात्रा न करें। तापमान में अधिक गिरावट होने से सड़कों पर बर्फ जमने और फिसलन की स्तिथि पैदा हो गई है। आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए पुलिस सहायता कक्ष 01772812344, 112 या नजदीकी पुलिस थाना में संपर्क करें।
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मंडी जिला में एक निजी गौशाला में गाय की संदिग्ध मौत, अमानवीय कृत्य का आरोप

मंडी: सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली भौर पंचायत में 3 फरवरी को निजी गौशाला में एक गाय की संदिग्ध हालत में मृत्यु का मामला सामने आया है। आरोप है कि गाय के साथ पहले कुकर्म जैसे अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया गया और उसके बाद गाय की हत्या कर दी गई। पूरे इलाके के लोग इस इस जघन्य अपराध से हैरान हैं।
जानकारी के अनुसार हलेल गांव निवासी रामकृष्ण की गौशाला में दिल को झकझोर करने वाली इस घटना को अंजाम दिया गया है। गाय के पिछले पैर रस्सी से बंधे हुए थे। गौशाला में गाय के साथ उसका छोटा बछड़ा भी बंधा था, जिसे किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया गया है। रामकृष्ण के बेटे तरुण ने सुबह गौशाला का दरवाजा खोला तो उसने गाय को फर्श पर पड़े देखा और गाय के मुंह से झाग निकली हुई थी। गाय का गला किसी ने मजबूती से लकड़ी के पिलर के साथ रस्सी मजबूती से बांध कर घोंट दिया था। रामकृष्ण ने गाय के साथ अमानवीय कृत्य के आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है।
मंडी जिला के धनोटू थाना के तहत यह मामला सामने आया है। घटना की सूचना मिलने के बाद थाना की टीम ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल पर कईं साक्ष्य जुटाएं हैं। वहीं पशुपालन विभाग द्नारा गाय का पोस्टमार्टम करने के उपरांत वेटनरी डॉक्टरों ने आगामी परीक्षण के लिए सैंपल पुलिस टीम को सौंप दिए हैं। BNS की धारा 325 और पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मंडी साक्षी वर्मा ने मामले में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है। उनका कहना है “मामले की जांच जारी है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”
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अब सरल फार्म भरकर आसानी से प्राकृतिक खेती से जुड़ सकेंगे हिमाचल के किसान

शिमला -हिमाचल सरकार ने विधायक प्राथमिकता बैठक के दौरान राज्य में प्राकृतिक खेती में किसानों के पंजीकरण के लिए सरल फार्म लांच किया है। सरकार के अनुसार किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से यह फार्म भर सकेंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार इच्छुक किसान अब इस फार्म को भरकर प्राकृतिक खेती से जुड़ सकते हैं। पंजीकरण फार्म में किसानों की भूमि, उगाई जाने वाली फसलों, पशुओं की नस्ल और प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण से संबंधित कुछ अन्य विवरण होंगे। यह फार्म प्रदेश की सभी पंचायतों में किसानों को वितरित किए जाएंगे। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में वर्ष 2025-26 में प्राकृतिक खेती को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
आत्मा( ATMA) स्टाफ पंजीकृत फार्म का सत्यापन करेगा
कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि आत्मा ( ATMA) स्टाफ किसानों द्वारा भरे गए फार्म का सत्यापन करेगा। उन्होंने कहा कि फार्म को PK3Y पोर्टल के सीटारा-एनएफ (प्राकृतिक खेती के कृषि संसाधन विशलेषण का प्रमाणित मूल्याकंन उपकरण) से जोड़ा जाएगा।
‘हिम भोग’ ब्रांड नाम से उपलब्ध है मक्की का आटा
जारी की गई जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने हाल ही में 1508 किसानों से 398.976 मीट्रिक टन प्राकृतिक रूप से उगाई गई मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी है। प्रदेश, देश में मक्की पर सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने कहा कि आगामी सीजन में प्राकृतिक रूप से उत्पादित गेहूं की खरीद के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। लोगों को प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्की के आटे के एक किलोग्राम और पांच किलोग्राम के पैकेट ‘हिम भोग’ ब्रांड नाम से उपलब्ध करवाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने कहा 1054 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 1 फरवरी, 2025 तक 38.225 मीट्रिक टन मक्की के आटे की बिक्री की गई है और हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड की थोक इकाइयों के माध्यम से 73.52 मीट्रिक टन आटा बेचा गया है।
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बेटे ने दवा बताकर मां को लगा दी चिट्टे की लत, नशे के लिए बेच दिए गहने, बर्तन और पेड़

मंडी: हिमाचल प्रदेश में चिट्टे का जाल इस हद तक फैल चुका है कि कईं परिवार इसकी चपेट में आकर तबाह हो चुके है। चिट्टे की लत के कारण युवाओं के मां बाप से लड़ने झगड़ने ,चोरी-चकारी और तस्करी करने की खबरें आम हो चुकी हैं। पर अब एक चौंकानें वाला मामला सामने आया है जहां बेटे ने अपनी लत के चलते मां को ही चिट्टे की लत लगा दी।
सलापड़ क्षेत्र में एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक युवक ने घुटनों के दर्द की दवाई बताकर अपनी मां को चिट्टा देना शुरु किया। जब महिला को दर्द से राहत मिली तो उसने फिर से दवा की मांग की। इसी तरह बेटे ने अपनी मां को चिट्टे का आदि बना दिया। इसके बाद मां-बेटे ने नशे के लिए बार-बार रिश्तेदारों से उधार लेना शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए है कि परिवार ने नशे के लिए गहने, बर्तन, यहां तक की पेड़ तक बेच दिए।
रिश्तेदारों ने भी एक वक्त के बाद उधार देने से मना कर दिया। रिश्तेदारों को मां-बेटे के व्यवहार पर शक होने लगा। रिश्तेदारों ने परिवार की शादीशुदा दो बेटियों को मां-बेटे के बारे में अवगत करवाया। अब परिवार की दोनों बेटियां अपनी मां और भाई को नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश में जुटी है।
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