शिमला
लिफ्ट के समीप बने आजीविका भवन में रेहड़ी, फड़ी व तहबाजारी करने वालों को ही आबंटित की जाए दुकानें: सीपीएम

शिमला- नगर निगम शिमला द्वारा लिफ्ट के समीप तहबाजारी करने वालो के लिए बनाए गए आजीविका भवन में बनाई गई सभी दुकाने को तहबाजारी करने वालों को न देने के निर्णय की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने कड़ी निंदा की है।
पार्टी ने कहा कि नगर निगम का यह निर्णय आजीविका भवन की परियोजना के लिए तय नियमों की अवहेलना करता है तथा इससे भाजपा शासित नगर निगम का गरीब विरोधी चेहरा भी उजागर हुआ है।
पार्टी के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि पार्टी यह मांग करती है कि नगर निगम अपने इस गरीब जनविरोधी निर्णय को तुरन्त निरस्त करे और सभी दुकानों को शहर में रेहड़ी फड़ी व तहबाजारी करने वाले पात्र को ही आबंटित किया जाए।
उन्होंने कहा अगर निगम इस निर्णय को नहीं बदलता है तो सीपीएम नगर निगम के इसके विरुद्ध में आंदोलन चलाएगी।
जिला सचिव ने कहा कि पूर्व नगर निगम ने वर्ष 2015 में शहर में सड़कों पर रेहड़ी फड़ी व तहबाजारी लगाने वालों के पुनर्वास के लिए एक महत्वकांक्षी परियोजना बनाई थी जिसमे लिफ्ट के पास पुराने जर्जर बेकरी भवन को तोड़कर यहाँ पर तहबाजारी करने वालों को बसाने के लिए 3.93 करोड़ रुपए की लागत से आजीविका भवन बनाकर इसमे 222 दुकाने व 12 बेकरी बनाई जानी थी।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना को सदन में स्वीकृत कर केंद्र सरकार से शहरी गरीब को रोजगार व पुर्नवास योजना के अंतर्गत चेलेंज फण्ड से इसके लिये 2.5 करोड़ रुपए व राज्य सरकार से 50 लाख का प्रावधान करवा कर 2016 में इसका निर्माण आरम्भ करवाया था तथा इसे दिसम्बर, 2017 तक पूर्ण कर इन दुकानों को तहबाजारी करने वालों को आबंटित करने का लक्ष्य रखा गया था।
उन्होंने बताया इसका प्रारूप इस प्रकार से तैयार करवाया गया था कि यह विश्व की आधुनिकतम बाजारों में एक हो तथा इसमें दो लिफ्ट व 45 गाड़ियों की पार्किंग व अन्य सभी आधुनिक सुविधाओं काभी प्रावधान किया गया था।
लेकिन जून, 2017 में भाजपा के नगर निगम में आने के पश्चात इसका निर्माण कार्य बिल्कुल धीमी गति से चलाया गया तथा इस परियोजना में लगभग पांच वर्षों की देरी की गई जिससे इसकी लागत कीमत भी बढ़ गई और सड़क पर रेहड़ी फड़ी व तहबाजारी करने वालों को समय रहते अपना रोजगार सुरक्षित करने की सुविधा से वंचित रहना पड़ा है।
पार्टी ने कहा कि अब जब यह भवन बनकर तैयार हो रहा है और इसमें दुकानों के आबंटन का कार्य करना है तो नगर निगम शिमला इस परियोजना को बनाते समय भवन निर्माण व सामाजिक दायित्व के निर्वाहन को देखते हुए तय किये गए सभी नियमों को दरकिनार कर रही है।
संजय ने कहा कि अब इसमें 71 दुकानों को खुली नीलामी से देने और अपना कार्यालय खोलने के निर्णय से सड़क पर रेहड़ी फड़ी व तहबाजारी करने वालों के हक़ मारा जा रहा है।
उन्होंने कहा इससे स्पष्ट है कि अब भाजपा शासित नगर निगम गरीब के हक़ को नजरअंदाज कर नियमों की अवहेलना करते हुए साधन सम्पन्न व अपने चेहतों को इन दुकानों को आबंटित कर जनविरोधी कार्यों को अंजाम दे रही है।
सीपीएम ने कहा कि इसके साथ ही नगर निगम भवन निर्माण के तय नियमों को दरकिनार कर पार्किंग को व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल करने का निर्णय लेकर खुद ही नियमों की अवहेलना कर रही है। क्योंकि भवन निर्माण के नियमों के तहत किसी भी चिन्हित पार्किंग में व्यवसायिक गतिविधि निषेध है और इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।
संजय ने कहा कि सीपीएम प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि नगर निगम शिमला के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर लिए गये इस गरीब विरोधी निर्णय को बदलने के लिए तुरन्त हस्तक्षेप करे तथा नगर निगम के इस निर्णय को निरस्त कर आजीविका भवन में बनी सभी दुकानों को शहर में रेहड़ी फड़ी व तहबाजारी करने वाले पात्र को ही आबंटित करने के निर्देश जारी कर अपने दायित्व का निर्वाहन करे।
उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार इस मामले में तुरन्त कार्यवाही या कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो पार्टी सरकार व नगर निगम की इन गरीब विरोधी नीतियों के विरुद्ध जनता को लामबंद कर आंदोलन करेगी।
शिमला
मुख्यमंत्री ने ढली में 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की रखी आधारशिला

शिमला- शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजधनी में कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ढली में लगभग 49 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली डबल लेन सुंरग की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ढली की पुरानी सुरंग 1852 ई. में निर्मित की गई थी और अब 147 मीटर लंबी इस नई डबल लेन सुरंग से यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर का निरंतर विकास होने से इसका व्यापक विस्तार हुआ है और ऐसे में प्रभावी यातायात प्रबन्धन के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह परियोजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिमला शहर के लिए 70 करोड़ रुपए की लागत की पेयजल आपूर्ति योजना रिकॉर्ड समयावधि में पूर्ण करके शहर में पेयजल संकट की समस्या का निराकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि शहर के लिए 1813 करोड़ रुपए की एक नई पेयजल आपूर्ति परियोजना भी तैयार की जा रही है जिसका कार्य पूर्ण होने पर शहर में आगामी 100 वर्षों तक पानी की समस्या का हल हो सकेगा।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि नई सुंरग के निर्मित होने से इस मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही और सुगम हो सकेगी। यह सुंरग शिमला जिला के कसुम्पटी और शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत सड़कों को चौड़ा करने, पैदल पुलों, फुटपाथ, पार्किंग इत्यादि से संबंधित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत सभी कार्य तीव्र गति से पूर्ण हो।
अन्य खबरे
शिमला साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी मामलों में वापिस करवाए 1 लाख 40 हजार रुपए

शिमला- साइबर सेल शिमला को ऑनलाइन ठगी मामलें में एक बड़ी सफलता मिली है।
नवंबर 2021 में नारकंडा पुलिस चौकी में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके अनुसार शातिरों ने केवाईसी अपडेट करने के लिए शिकायतकर्ता से ओटीपी मांगा था और शिकायतकर्ता ने ओटीपी शेयर कर दिया जिसके बाद ओटीपी शेयर करने से शिकायतकर्ता के खाते से 1 लाख 40 हजार रुपए कट गए। इस ठगी मामलें में शिमला साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए यह राशि शिकायकर्ताओं के खाते में वापिस करवा दी हैं।
शिमला पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता है। आप अपने खाते की जानकारी जैसे कि ओटीपी (OTP)/सीवीवी (CVV)इत्यादि सांझा न करें और किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर इसकी सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस थाना या पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर आवश्य दर्ज करवाएं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी साइबर सेल शिमला ने ठगी के मामलें में तुरंत कार्रवाई करते हुए शिकायकर्ताओं के खाते में करीब 85 हजार रुपए वापिस करवाए थे।
राजनीति
नगर निगम चुनावों के लिए चुनावी घोषणा पत्र में जनहित के मुद्दों तरजीह देगी कांग्रेस,तैयारियां शुरु

शिमला- प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिमला नगर निगम चुनावों के लिये अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके चलते आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर की अध्यक्षता में मेनीफेस्टो ,घोषणा पत्र कमेटी की एक बैठक हुई।
बैठक में घोषणा पत्र को लेकर आपसी विचार विमर्श किया गया। इस दौरान राठौर ने नगर निगम के मेनीफेस्टो, घोषणा पत्र के प्रारूप पर चर्चा करते हुए कहा कि घोषणा पत्र में जनहित से जुड़े मुद्दों को विशेष प्रमुखता दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसमें नगर निगम में शामिल किए गए उन नए क्षेत्रों में लोगों को राहत व सुविधा देने का विशेष उल्लेख किया जाना चाहिए जिन्हें वर्तमान नगर निगम ने कुछ नहीं दिया है।उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम की कार्यप्रणाली से लोग दुःखी है।
उन्होंने अपना कोई भी चुनावी वायदा पूरा नहीं किया, इसलिए इन्हें सत्ता से बाहर करने के लिये सभी को एकजुटता के साथ पूर्व में प्रदेश के चार नगर निगम चुनावों की तरह ही प्रयास करने होंगे।