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जयराम ठाकुर ने केन्द्रीय मंत्रियों से मिल कर उनके समक्ष रखे राज्य से जुड़े सुझाव: पढ़िए किस मंत्री से किस मुद्दे पर हुई बात

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने नई दिल्ली के दौरे के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल. मंडाविया, केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से भेंट की और प्रदेश में प्रदेश में रेललाइन व बजट, स्वास्थ्य, प्रदेश को विशेष केन्द्रीय सहायता प्रदान करने और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री की केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हुई मुलाकात में उन्होंने पूंजीगत व्यय के लिए राज्य को विशेष केंद्रीय सहायता देने और अर्थव्यवस्था की स्थिति अनुकूल बनाए रखने के लिए भी सहायता प्रदान करने का निवेदन किया।
उन्होंने वित्त मंत्री स मंडी हवाई अड्डा निर्माण के लिए भी विशेष केंद्रीय सहायता की मांग की, जिसपर केंद्रीय वित्त मंत्री ने उन्हें इस विषय में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
केंद्रीय विद्युत,नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट की और उनसे स्मार्ट मीटर, पंप भंडारण, ऊर्जा नीति, जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना सहित ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के लिए जल विद्युत उत्पादन वाले राज्यों के साथ विस्तृत संवाद का आग्रह किया। ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री को प्रदेश को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हुई मुलाकात
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ हुई बैठक में उन्होंने प्रदेश में रेल विस्तार और रेल लाईन विस्तार इत्यादि के अहम मुद्दों पर बात की।
उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री से पर्यटन की दृष्टि से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग को स्तरोन्नत करने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि इस रेल की गति बहुत धीमी है और रेल में नए कोच जोड़े जाने चाहिए, क्योंकि मौजूदा कोच बहुत पुराने हैं। उन्होंने कालका-शिमला रूट पर स्टेट ऑफ आर्ट रेल शुरू करने का सुझाव दिया।
वहीं केंद्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री को भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन को शीघ्र पूरा करने के लिए बजट बढ़ाने का आश्वासन दिया। उन्होंने स्टेट ऑफ आर्ट ट्रेन को पीपीपी मोड पर शुरू करने का प्रस्ताव भी भेजने को भी कहा।
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि राज्य की मांगों को पूरा करने के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी। उन्होंने बताया कि मंत्रालय शीघ्र ऊना-हमीरपुर रेललाइन के लिए राज्य को प्रस्ताव भेजेगा।
जयराम ने केंद्रीय रेल मंत्री को भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन के कार्य में तेजी लाने का आग्रह करते हुए कहा कि इसका लेह तक विस्तार करना सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने बताय कि इस लाइन का पूर्ण सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और उन्होंने आगामी कार्रवाई का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बद्दी-चंडीगढ़ रेललाइन पर कार्य शीघ्र शुरू करने की भी मांग की है, उन्होने केंद्र रेल मंत्री को बताया कि इस भूमि का अधिग्रहण कार्य हो चुका है और यह बद्दी-अमृतसर-कोलकाता के गलियारे से जुड़ने और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
उन्होंने जगाधरी-पांवटा साहिब रेललाइन के सर्वे का भी आग्रह किया,जो कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र को बद्दी-अमृतसर-कोलकाता गलियारे से जोड़ने में सहायक होगा साथ ही साथ मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री से राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार का भी आग्रह किया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल.मंडाविया से भेंट
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल. मंडाविया से मुलाकता की और उनसे पहाड़ी क्षेत्रों में प्रतिक्रिया समय कम करने के लिए 50 एम्बुलेंस स्वीकृत करने का आग्रह किया।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को राज्य में आशा कार्यकर्ताओं की कमी के बारे में अवगत करवाया और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के तहत 58 आशा कार्यकताओं तथा राज्य के शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में और गुणवत्ता लाने के लिए गैर एनयूएचएम घटक के तहत 176 आशा कार्यकर्ताओं के पद स्वीकृत करने और साथ ही साथ राज्य को बल्क ड्रग पार्क प्रदान करने जिससे औद्योगिकरण को बढ़ावा मिलेगा का भी आग्रह किया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भी राज्य के विभिन्न मुद्दों पर अपने बहुमूल्य सुझाव केंद्र मंत्रियो के समक्ष रखे।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।