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हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल के निर्णय: कोरोना पाबंदियां जारी रहेंगी, 14 सितम्बर तक बंद रहेंगें स्कूल

शिमला– शनिवार को प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की और वर्तमान पाबन्दियों को जारी रखने का निर्णय लिया। प्रदेश में 14 सितम्बर तक स्कूल बंद रहेंगें। बैठक में हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार (रोजगार नियमन एवं सेवा शर्त) नियम, 2008 में संशोधन और सम्मिलित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। कामगारों के पहली से आठवीं कक्षा तक की लड़कियों को पढ़ाई के लिए दिए जाने वाले 8000 रुपये और लड़कों को 5000 रुपये के स्थान पर अब दोनों के लिए 8400 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह नौवीं से बारहवीं कक्षा की लड़कियों को दिए जाने वाले प्रतिवर्ष 11000 रुपये तथा लड़कों को प्रतिवर्ष 8000 रुपये के स्थान पर इन विद्यार्थियों को 12-12 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।
इसी प्रकार स्नातक कक्षा की लड़कियों को 16000 रुपये के स्थान पर 36000 रुपये प्रतिवर्ष तथा लड़कों को भी 12000 रुपये के स्थान पर 36000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। स्नातकोत्तर कक्षा की लड़कियों के लिए 21000 रुपये के स्थान पर 60000 रुपये तथा लड़कों के लिए 17000 रुपये के स्थान पर 60000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। डिप्लोमा कोर्स करने वाली लड़कियों को पूर्व में दिए जा रहे 21000 रुपये व लड़कों को 17000 रुपये के स्थान पर 48000 रुपये प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। व्यवसायिक पाठ्यक्रमों व डिग्री करने वाली लड़कियों को पूर्व में दिए जा रहे 36000 रुपये के स्थान पर 60000 रुपये तथा लड़कों को 27000 रुपये के स्थान पर 60000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। इसी प्रकार पीएचडी अनुसंधान कार्य करने वाली लड़कियों को पूर्व में दिए जा रहे 36000 रुपये के स्थान पर 1.20 लाख रुपये और लड़कों को 27000 रुपये के स्थान पर 1.20 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
प्रदेश मंत्रिमण्डल ने नई योजना बालिका जन्म उपहार योजना आरम्भ करने का भी निर्णय लिया, जिसके तहत बालिका के जन्म पर 51,000, रुपये की एफडीआर की जाएगी, जो अधिकतम दो बालिकाओं के जन्म पर देय होगी। इसी प्रकार विशेष रूप से सक्षम व मानसिक रूप से मंद बच्चों के लिए बाल कल्याण योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत या उससे अधिक की विकलांगता वाले बच्चों को 20,000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। मंत्रिमण्डल ने पंजीकृत लाभार्थियों की विधवाओं के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन आरम्भ करने का भी निर्णय लिया।
बैठक में छात्रावास सुविधा योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया गया जिसके तहत पंजीकृत भवन एवं सन्निर्माण कामगार को किसी भी छात्रावास में रहने वाले अपने बच्चों के रहने और खाने का खर्च वहन करने के लिए अधिकतम 20000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। पंजीकृत लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 1,50000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
मंत्रिमण्डल ने फोरलेन निर्माण परियोजना से सम्बन्धित भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा सम्बन्धी मुददों के समाधान के लिए जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल उप-समिति का गठन करने को अपनी मंजूरी दी, जिसके सदस्य शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर तथा वन मंत्री राकेश पठानिया होंगे। उप-समिति पड़ोसी राज्यों में सम्बन्धित नीति का अध्ययन करेगी।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के पक्ष में राज्य सरकार की नो डिफाॅल्ट गारंटी के नवीनीकरण के लिए क्रेडिट सीमा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 60 करोड़ रुपये करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में प्रत्येक नवगठित नगर निगम सोलन, मण्डी और पालमपुर में विभिन्न श्रेणियों के 15 पदों के सृजन और भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। प्रत्येक नवगठित नगर निगम में कनिष्ठ अभियंता के दो पद, स्वच्छता पर्यवेक्षक के दो पद, ड्राफ्ट्समैन के स्थान पर जूनियर ड्राफ्ट्समैन का एक पद, पीए के स्थान पर डाटा एंट्री ऑपरेटर के तीन पद और जेओए (आईटी) के चार पद भरने का निर्णय लिया गया। इन पदों की आउटसोर्स आधार पर भर्ती की जाएगी जब तक इन पदों को नियमित आधार पर नहीं भरा जाता।
बैठक में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के दो पदों को नियमित आधार पर हिमाचल प्रदेश संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2021 द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने लोक निर्माण विभाग में कनिष्ठ तकनीशियन (विद्युत) के 12 पदों को अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत विकास खण्ड परागपुर, काजा, बैजनाथ और घुमारवीं में चालकों के चार पदों को भरने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने चैधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में एसोसिएट निदेशक के 6 पदों को भरने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिला के पच्छाद क्षेत्र के विश्राम गृह भवन सराहां में अतिरिक्त तीन कमरों के निर्माण को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में मण्डी जिला के बलद्वाड़ा में लोक निर्माण विभाग के नए विश्राम गृह के निर्माण को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने विभिन्न श्रेणियों के 11 पदों के सृजन के साथ मण्डी जिले के थलौट में लोक निर्माण विभाग का नया मंडल सृजित करने का निर्णय लिया।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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