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हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय: काॅलेजों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को किया जायेगा प्रमोट, सामाजिक समाराहों में ज्यादा लोग ले सकेंगे हिस्सा

शिमला- प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को आयोजित की गई जिसमे कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में सभी सामाजिक, अकादमिक, मनोरंजन, राजनीतिक, सांस्कृतिक समारोहों सहित विवाह एवं अन्य समाराहों में लोगों की उपस्थिति की संख्या में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। अब इन्डोर समारोहों में कुल क्षमता के 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी, जबकि खुले स्थान पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मैदान की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों की उपस्थिति की अनुमति दी जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रमुख पर्यटन स्थलों पर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक कोविड उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में 2 से 13 अगस्त, 2021 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित करने के लिए राज्यपाल को सिफारिश भेजने का निर्णय भी लिया गया है।मंत्रिमंडल ने कोविड-19 के कारण अपने माता व पिता दोनों को खोने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अंतर्गत लाने को अनुमति प्रदान की ताकि उन्हें प्रतिमाह 1500 रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। बैठक में आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय को 2000 रुपये से बढ़ाकर 2750 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया जिससे राज्य की लगभग 7964 आशा कार्यकर्ता लाभान्वित होंगी।
मंत्रिमंडल ने काॅलेजों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया। महाविद्यालयों में नए दाखिले और नवीकरण इस वर्ष जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में आरंभ होगा जबकि नए शैक्षिक वर्ष के लिए स्नातक कक्षाएं 16 अगस्त, 2021 से आरम्भ होंगी।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने के लिए तय किया है कि तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षाओं के प्रश्नपत्र हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड तैयार करेगा। इन कक्षाओं की मार्किंग और परीक्षा परिणाम क्लस्टर, खंड व जिला स्तर पर घोषित किए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा के लिए 2018 से 2020 बैच को स्कूल इंटर्नशिप में छह सप्ताह की छूट प्रदान करने को मंजूरी प्रदान की है। बैठक में सभी विद्यालयों को आगामी आदेशों तक बंद रखने का निर्णय लिया गया जबकि ऑनलाइन कक्षाएं पूर्व की भांति जारी रहेंगी।
मंत्रिमंडल ने शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों के टीकाकरण की प्रगति की सराहना की। बैठक में जानकारी दी गई कि 30 जून, 2021 तक 90 प्रतिशत शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों का टीकाकरण कर लिया गया है। महाविद्यालयों के लगभग 25 हजार विद्यार्थियों का टीकाकरण 28 व 29 जून, 2021 को किया गया है। यह भी जानकारी दी गई कि 30 जून, 2021 तक महाविद्यलयों के अंतिम वर्ष के लगभग 80 प्रतिशत विद्यार्थियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि अनाथ बच्चों और 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को बिना प्रीमियम हिमकेयर योजना के अन्तर्गत लाया जाएगा। इससे 1500 अनाथ बच्चे और 70 वर्ष से अधिक आयु वाले 16304 वरिष्ठजन लाभान्वित होंगे।
मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा जिला में 200 बिस्तरों की क्षमता वाले नागरिक अस्पताल नुरपुर के उचित प्रबन्धन के लिए चिकित्सा अधीक्षक का एक पद सृजित करने का निर्णय लिया। जिला कांगड़ा के डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, टांडा में जन सुविधा के लिए 12.50 करोड़ रुपये की लागत से एमआरआई मशीन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, इस महाविद्यालय के रेडियोग्राफी विभाग में रेडियोग्राफर के दो पद सृजित करने व इन्हें भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिमण्डल ने जिला मण्डी के नेर चैक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर, चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता और मनोविज्ञानी का एक-एक पद, पैलिएटिव केयर सर्विसिज में चिकित्सा अधिकारियों के दो व स्टाफ नर्सों के पांच पद, चिकित्सा कैंसर सेवाओं में सहायक प्रोफेसर का एक पद और सामान्य शल्य चिकित्सा में सहायक प्रोफेसर का एक पद भरने की मंजूरी प्रदान की है। जिला चम्बा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मड़ी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में स्तरोन्नत करने तथा इस केन्द्र के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के पांच पद भरने को मंजूरी दी गई। मंत्रिमण्डल ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल, शिमला में प्रसूति एवं स्त्री रोग प्रोफेसर का एक पद सृजित करने व भरने की स्वीकृति दी है।
मंत्रिमण्डल ने जनता की सुविधा के लिए जिला शिमला के कुफरी स्थित यातायात पुलिस सहायता कक्ष को स्थायी पुलिस चैकी में परिवर्तित करने को अपनी मंजूरी प्रदान की। हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के सिरमौर जिला के राजगढ़ स्थित विश्राम गृह में चार अतिरिक्त कमरों के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की गई है तथा मत्स्य पालन विभाग के बिलासपुर मुख्यालय में अतिरिक्त अथवा संयुक्त निदेशक का एक पद सृजित करने का निर्णय लिया जिसे हिमाचल प्रदेश प्रशासिनक सेवा (एचएएस) के अधिकारी से भरा जाएगा।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।