हर वर्ष एडमिशन फीस का बोझ डाल गर्ल एजुकेशन की राह में बाधाएं उत्पन्न कर रहा शिमला का निजी स्कूल: अभिभावक
दसवीं में एनुअल फीस उन्नतीस हज़ार रुपये थी परन्तु जब उन्हीं छात्राओं ने प्लस वन में एडमिशन ली तो उनकी फीस में सीधा पच्चीस हजार रुपये का इज़ाफ़ा करके उनसे चौबन हज़ार रुपये वसूले गए|
शिमला–प्राइवेट स्कूलों में इन्स्पेक्शन्स के बावजूद शिकायतें सामने आ रही है जंहा से पता चल रहा है कि फीसों में बढ़ोतरी जारी है। स्कूल अभी भी छात्रों से सालाना एडमिशन फीस वसूल रहे हैं ।छात्र-अभिभावक मंच ने चेलसी स्कूल में प्लस वन क्लास में दस हज़ार रुपये एडमिशन फीस वसूलने पर विरोध प्रकट किया है। मंच ने स्कूल की रसीद की एक फोटो मीडिया को दी है।
मंच ने तुरन्त इस फीस को कुल फीस में मर्ज करने की मांग की है और कहा है कि अन्यथा चेलसी स्कूल के बाहर अभिभावक मोर्चेबन्दी करेंगे।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि चेलसी स्कूल लगातार मनमानी व लूट करता रहा है। इस स्कूल की तानाशाही व मनमानी कुछ वर्ष पूर्व भी छात्राओं की मानसिक प्रताड़ना पर सवालों के घेरे में रही थी। कई राष्ट्रीय स्तर की मानवाधिकार संस्थाओं व बच्चों की संस्थाओं ने भी स्कूल की कार्यप्रणाली पर प्रश्रचिन्ह लगाया था। परन्तु यह स्कूल इसके बावजूद भी मनमानी करने से नहीं रुक रहा है व मनमानी जारी है।
अभिभावकों का कहना है कि इस स्कूल स्कूल से ही दसवीं करने के बाद जब छात्राओं ने जब प्लस वन में एडमिशन ली तो उनसे एडमिशन फीस के मद में दस हज़ार रुपये वसूले गए। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि यह स्कूल नर्सरी,पहली,छठी,नौंवी व ग्यारहवीं कक्षाओं में छात्राओं से एडमिशन फीस लेकर ही लगभग पचहत्तर लाख रुपये का डाका अभिभावकों की जेब पर डालता है।
अभिभावकों का कहना है कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग द्वारा की गई इंस्पेक्शन में भी इन सब बातों पर पर्दा डाला गया है। दसवीं में इस स्कूल की एनुअल फीस उन्नतीस हज़ार रुपये थी परन्तु जब उन्हीं छात्राओं ने प्लस वन में एडमिशन ली तो उनकी फीस में सीधा पच्चीस हजार रुपये का इज़ाफ़ा करके उनसे चौबन हज़ार रुपये वसूले गए। संयोजक मेहरा ने कहा कि इस तरह दस हज़ार रुपये एडमिशन फीस की लूट के साथ ही एक वर्ष में पच्चीस हजार रुपये की सीधी लूट की गई। मेहरा ने आरोप लगाया है कि चेल्सी स्कूल ने पच्चीस हज़ार रुपये की फीस बढ़ोतरी करके अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण किया है। छात्राएं लगातार नर्सरी से इसी स्कूल में पढ़ रही हैं परन्तु बार-बार उनसे एडमिशन फीस लेने का क्या तुक बनता है।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पूछा है कि इंस्पेक्शन की रिपोर्ट कब आएगी। क्या तब जब सारे अभिभावक ठगे जा चुके होंगे। अभिभावकों ने शक ज़ाहिर किये है कि कहीं इंस्पेक्शन प्रक्रिया व इंस्पेक्शन रिपोर्ट अभिभावकों से छलावा तो नहीं। उन्होंने पुछा है कि आखिर कब तक अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी,लूट व भारी फीसों के लिए बलि का बकरा बनते रहेंगे।
मंच का आरोप है कि शिक्षा विभाग क्यों जानबूझकर इंस्पेक्शन रिपोर्ट में देरी कर रहा है। मेहरा ने कहा कि चेलसी स्कूल सीबीएसई की 2005 की गाइडलाइनज़ की भी पालना नहीं कर रहा है जिसके अनुसार अगर किसी की दो ही बेटियां हैं व वे दोनों बेटियां एक ही स्कूल में पढ़ती हैं तो एक बेटी की फीस बिल्कुल माफ़ होनी चाहिए।
मंच का ये भी आरोप है कि इस स्कूल में केंद्र व प्रदेश सरकार की सिंगल गर्ल चाइल्ड पॉलिसी के तहत भी फीस में कोई छूट नहीं दी जा रही है। इस तरह गर्ल एजुकेशन को प्रोमोट करने के लिए यह स्कूल कोई कार्य नहीं कर रहा है। इसके विपरीत हर वर्ष एडमिशन फीस का बोझ बच्चियों पर डाल कर गर्ल एजुकेशन की राह में बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं।
सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अध्यापकों ने परिजन और बच्चों को कोरोना संक्रमण व बचाव से करवाया अवगत
मंडी-बस सेवायें बंद होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। इसी कारण परिजनों और बच्चों और अध्यापकों को स्कूलों तक पहुँचने में दिक्कत का सामना करना पड़। स्कूलों में छात्रों और उनके परिजनों के बीच उचित दूरी बनाये रखना और उनके हाथ बार-बार सैनिटाइज करवाना भी स्कूलों के आगे एक चुनौती थी।
इस प्रवेश प्रक्रिया के दौरान राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदर नगर में भी 12 मई 2020 से 16 मई 2020 तक ऑफलाइन प्रवेश का दौर रहा। इस दौरान प्रधानाचार्य मनोज वालिया व समस्त स्टाफ ने बच्चों तथा अभिभावक गण को कोरोना वायरस के संक्रमण व उससे बचाव के बारे में अवगत करवाया।
प्रधानाचार्य मनोज वालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पाठशाला की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी ललिता बंगिया व राजकुमारी तथा स्वयंसेवी छात्राओं ने नए सत्र की कक्षा में प्रवेश हेतु आई छात्राओं व उनके अभिभावकों को सामाजिक दूरी को बनाए रखने की व्यवस्था की गई तथा प्रवेश हेतु आई हुई छात्राओं व अभिभावकों के हाथ समय-समय पर सैनिटाइज करवाए गए।
होटल ईस्टबोर्न के 120 मजदूरों का इपीएफ 2016 के बाद नहीं हुआ जमा, ब्रिज व्यू रीजेंसी, ली रॉयल, तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, वुडविले पैलेस में भी इपीएफ में गड़बड़
शिमला-आज दिनांक 22 अगस्त को हिमाचल के अलग-अलग होटलों से 200 कर्मचारियों ने ईपीएफओ विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कियाI
कर्मचारियों का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन शिमला शहर के विभिन्न होटलों में इपीएफ की समस्याओं को लेकर किया गया जिसमें मुख्य समस्या होटल ईस्ट बोर्न, होटल ब्रिज व्यू रीजेंसी, होटल ली रॉयल, होटल तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, होटल वुडविले पैलेस की हैI
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा महासचिव विनोद ने कहा कि ईस्टबोर्न में लगभग 120 मजदूर कार्यरत है जिसका इपीएफ 2016 से प्रबंधन द्वारा अभी तक जमा नहीं किया गया है और वैसा ही हाल ब्रिज व्यू में भी हैI
वहां पर भी एक साल से प्रबंधक द्वारा पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया हैI विनोद ने कहा कि वही होटल ले रॉयल में मजदूरों का पीएफ का पैसा जिस एक्ट के तहत कटना चाहिए था वह मालिक नहीं काट रहा है और होटल ली रॉयल का इपीएफ वेस्ट बंगाल में जमा किया जाता है जिससे मजदूरों को समस्या का हो रही हैI विनोद ने कहा कि तोशाली में भी मजदूरों का पीएफ के पैसे में कटौती की जा रही है जोकि यूनियन को बिल्कुल मंजूर नहीं होगाी
विनोद ने कहा कि यूनियन ने पीएफ कमिश्नर को इन समस्याओं से अवगत करवाया और पीएफ कमिश्नर ने वादा किया कि 31 अगस्त तक सभी होटलों में प्रबंधन द्वारा की जा रही गड़बड़ियों की पूरी जांच की जाएगी और जहां भी मालिक को द्वारा मजदूरों का पैसा जमा नहीं किया जा रहा है उन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगीI
इस प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, सीटू जिला सचिव अजय दुलटा, सीटू जिला प्रधान कुलदीप डोगरा, सीटू जिला उपाध्यक्ष किशोरी डलवालिया,अध्यक्ष बालकराम, कोषाध्यक्ष पवन शर्मा व अन्य साथी कपिल नेगी विक्रम शर्मा सतपाल राकेश चमन मौजूद थे
शिमला जिला में सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर, बागवानों को सेब मंडियों तक पहुंचाने में में आ रही परेशानी
शिमला-हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से बहुत क्षति हुई हैी इस दौरान 63 जाने गई हैI प्रदेश में आज सैंकड़ो सड़के बन्द पड़ी है राष्ट्रीय उच्चमार्ग व अन्य मुख्य मार्गो पर भी सफर अभी तक जोखिम भरा है। इस आपदा से प्रदेश के लगभग सभी जिले प्रभावित हुए हैं परन्तु शिमला,कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर,हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन आदि जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़के सुचारू नही है। जिससे क्षेत्र के बागवानों को सेब मण्डिया तक पहुंचाने में बेहद परेशानी हो रही हैी
यह कहना है भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी शिमला के सचिव व पूर्व मेयर संजय चौहान का। उन्होंने प्रदेश सर्कार से इस क्षति का तुरंत आंकलन करवा कर इसकी क्षतिपूर्ति की मांग की है।
उन्होंने कहा कि शिमला जिला के चौपाल, रोहड़ू, रामपुर व ठियोग तहसीलों में अधिक जान व माल की क्षति हुई है। आज भी चौपाल, चिढ़गांव रामपुर तहसील के अधिकांश क्षेत्र अन्य हिस्सों से कटे हुए हैं। शिमला जिला में अधिकांश सम्पर्क मार्ग या तो बन्द है या सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं। जिला में सेब का सीजन पूरे यौवन पर है तथा सड़को का सुचारू रूप से कार्य न करना बागवानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर आ गया है।
चौहान ने कहा कि रोहड़ू – देहरादून वाया हाटकोटी मार्ग बंद होने से बागवानों को बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि जुब्बल,रोहड़ू,चिढ़गांव आदि क्षेत्रों से अधिकांश सेब इसी मार्ग से मण्डिया में भेजा जाता है।
पार्टी ने मांग की है कि आपदा से हुई इस क्षति का आंकलन तुरंत करवाया जाए तथा प्रभावितों को इसका उचित मुआवजा तुरंत दिया जाए। इसके अतिरिक्त बन्द पड़े सभी मुख्य व लिंक मार्गो को तुरंत खोला जाए ताकि बागवानों को उनका सेब मण्डिया तक पहुचाने में आ रही परेशानी को समाप्त किया जाए। चौहान ने कहा कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठती तो पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।