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जब तक हैण्डपम्प-ट्रांसफार्मर,खम्बे नहीं हटेंगे कैसे होगी सड़क चौड़ी : विकास समिति टूटू
अतिक्रमण हटाने के मामले में टुटू की जनता में भारी रोष! मानसिक दवाब में दिन-रात सड़क किनारे के वासी अतिक्रमण मामलों में विभाग दोगली नीति अपना रहा है! आरोप- एक तरफ सड़क बीचो बीच बालूगंज शराब की दूकान को परमिशन,दूसरी ओर तोड़ रहे हैं घरों के रास्ते,न्यायालय हो अँधेरे में रख कर एक तरफ़ा कार्यवाही कर रहा है विभाग!
शिमला- अवैध निर्माण के मामले में शिमला-नालागढ़ सड़क पर लोगों ने अपने कहीं अपने आशियाने और कहीं मकानो की सीढ़ियां व् छज्जे खुद ब खुद तोड़ने शुरू कर दिए हैं लेकिन स्थानीय जनता में फिर भी सरकार व् उच्च न्यायालय के आदेशों के प्रति रोष व्यापत है ! सड़क किनारे सीढ़ियां व् छज्जे गिरा रहे कुछ भवन मालिकों का कहना है कि बेशक हमने अपने घरों को आने-जाने के रास्ते तो बेशक तोड़दिए लेकिन मौके पर सड़क चौड़ी होने के कोई आसार नजर नहीं आतें हैं जिससे न्यायालय के आदेशों की अनुपालना को प्रदेश सरकार का लोक निर्माण विभाग अमल में ला सके ! वहीँ विकास समिति टुटू ने विभाग की इस कार्यवाही के प्रति गहरा रोष प्रकट किया है !
विकास समिति अध्यक्ष नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि विभाग सड़क सुरक्षा और सड़क को चौड़ी करने के लिए बिलकुल भी गंभीर नहीं दिखाई देता है ! उन्होंने कहा कि जब तक सड़क के बीचो बीच लगे सरकारी विभागों के हैण्डपम्प -ट्रांसफार्मर -खम्बे इत्यादि विभाग द्वारा हटाये नहीं जाते तो ऐसे में भवन मालिकों की सीढ़ियों व् रास्तों छज्जों को तोड़ना जनहित में नहीं है ! उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यवाही राष्ट्र सम्पति का नुक्सान है !
वहीँ समिति के प्रेस सचिव सुरेन्द्र बाटला का कहना है कि स्थानीय जनता और भवन मालिक भी चाहते है कि सड़क को आज के समय में चौड़ा किया जाना चाहिए लेकिन विभाग को इस मार्ग पर टुटू क्षेत्र में अपनी भूमि होने की स्पष्टता ही नहीं है और कहीं खुली सड़क होने के बावजूद भी विभाग 20 से लेकर 40 मीटर तक की सड़क की भूमि होने का दावा करती है तो कहीं मात्र 5 मीटर सड़क चौड़ाई होने पर ही सड़क भूमि बाकी न बची होने पर ही संतुष्ट नजर आती है !
टुटू विकास समिति टुटू के अध्यक्ष नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने लाखों रुपये का एरियर सड़क किनारे बसे लोगों को बिना तथ्य इक्क्ठे किये वर्तमान दरों के आधार पर थमा दिए हैं जबकि निर्माण आज से लगभग 30 -40 वर्ष पूर्व हुआ है और सच्चाई यह है की शिमला -नालागढ़ सड़क किनारे की आज से लगभग 30- 40 वर्ष पूर्व विभाग कोई सुध नहीं लेता था !
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण मामले में विभाग दोगली नीति अपना रहा है जबकि एक ओर भवनों के रास्ते तोड़ने उतारू हुआ है वहीँ दूसरी ओर इसी सब डिवीजन के अधीन विभाग ने पिछले दिनों बालूगंज जंगल के बीचो बीच सड़क किनारे प्रभावशाली ठेकेदारों को कारोबार चलाने के लिए सड़क की सरकारी भूमि पर ढारे बनाने की इजाजत भी दी है जिसे की विभाग सड़क के बीचो -बीच ऐसे निर्माण को आज भी
वैध मानता है !
समिति के प्रैस सचिव सुरेन्द्र कुमार ने कहा विभाग के आला अधिकारियों को कई मर्तबा जहाँ सड़क को चौड़ा करना अति अनिवार्य है के लिए आग्रह किया गया है लेकिन विभाग के आला अफसर गंभीर नहीं है !
व्यापार मंडल टुटू ने भी दुकानों को आने-जाने वाले रास्तों को तोड़ने के नोटिस देने को जनहित में सही नहीं ठहराया है इससे लोगों का कारोबार भी प्रभावित होगा ! व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि कई बार विभाग को इस मार्ग के बाधित बिजली के पोल व् सड़क किनारे छोटे -छोटे अवरोधों को दूर करने की मांग की गई है ताकि तंग स्थलों पर सड़क को चौड़ा किया जा सके जहाँ रोजाना ट्रैफिक जाम लगता है लेकिन अभी तक पिछले कई वर्षों में कार्यवाही जीरो है ! उन्होंने कहा कि मौके पर लोक निर्माण विभाग द्वारा की गई पैमाइश व् लगाई गई येलो लाईन के दायरे में भवन मालिको के रास्ते या दुकानो को जाने वाली सीढ़ियां या रैम्प इत्यादि ही शामिल है और विभाग को चाहिुए की अतिक्रमण को हटाने की जगह साथ-साथ सड़क को चौड़ा करे ताकि भवन या दुकानों को आने-जाने के लिए खुद-ब -खुद सड़क किनारे से रास्ता मिल जाए !
विकास समिति टुटू के अध्यक्ष नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि टुटू चौक पर सड़क को चौड़ा करने में सबसे बड़ी बाधा लोअर -टुटू को जाने वाला निगम का पैदल मार्ग है जब तक उसे बदला नहीं जाता सड़क की चौड़ाई होना सम्भवं नहीं ! उन्होंने कहा की वह माननीय न्यायालय के आदेशों का मान-सम्मान करते है और आमजनता भी चाहती है कि रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से भी जनता को राहत मिले विशेषकर जब एम्बुलेंस जैसी आपातकाल सेवायें प्रभावित होती हैं लेकिन अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग को अपनी भूमि को काबिज करने तथा चौड़ा करने के आदेश जारी होने चाहिए ! उन्होंने कहा कि प्राय: देखा गया है कि सड़क किनारे भवनों को आने -जाने वाले पक्के ब्रिज व् रास्ते तोड़ दिए जाते है और उन स्थलों को चौड़ा करने की जगह मालिको को स्टील ब्रिज बनाने की इजाजत दे दी जाती है जो कि सिर्फ राष्ट्र संपत्ति का नुकसान है ! गुप्ता ने कहा कि न्यायालय के आदेशों को ढाल बना कर विभाग कई मर्तवा बेक़सूर को भी कसूरवार साबित करने की कोशिश करता है जो कि न्यायसंगत नहीं है !
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?