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भविष्य में होने वाले चुनावों के मध्यनजर मुख्य सुझाव

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मुख्य चुनाव आयुक्त ,भारतवर्ष,दिल्ली !
मुख्य चुनाव अधिकारी ,हिमाचल प्रदेश !

विषय : जनहित में सुझाव व स्कूल उपलब्ध हैं!ऑनलाइन मत बनाने व वोट ट्रांसफ़र करने की सुविधा दी जाये!जहां सम्भव हो सके -सड़क के साथ सरकारी भवनों में पोलिंग बूथ बनाये जाएँ!

मान्यवर,

अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश दुर्गम क्षेत्र/ पहाड़ी राज्य में 7.5.2014 (बुधवार ) को लोक सभा चुनाव सम्पन्न हुये ! महोदय मैने भी अपने परिवार के सबसे बड़े बुजुर्गों पिता श्री प्यारेलाल गुप्ता उम्र,94 वर्ष व चाचा श्री बालमुकन्द गुप्ता उम्र 88 वर्ष सहित टूटू (शिमला ग्रामीण चुनाव क्षेत्र ) में बूथ नंबर 64/98 व् क्रमश : 64/99 में मतदान किया!

महोदय,आज के आधुनिक युग में इस दौरान मैने कुछ खामिया पाई जो कि मैँ इस आशा के साथ आपको प्रेषित कर रहा हूँ कि आप जनहित में अवश्य कोई बदलाव करेंगे जिससे भविष्य में किसी मतदाता को कोई परेशानी न हो!

महोदय,टूटू वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल व प्राईमरी स्कूल एक ही परिसर मेँ मौजूद है और इस परिसर के लिये क़ोई वाहन योग्य सड़क सुविधा भी नहीं हैं और सिर्फ़ उतराई /चढ़ाई का पैदल रास्ता तय कर ही पहुंचा जा सकता है जहाँ हमेशा पिछले लम्बे अर्से से लोकसभा/विधानसभा/निगम चुनावो के लिये पोलिंग बूथ बनाये जाते हैं!

महोदय, इस मर्तबा भी इस परिसर में लोक सभा चुनाव के लिये पांच पोलिंग बूथ नंबर 64/98,64/99,64/100,64/101,64/102 बनाये गए थे ! इनमे से दो पोलिंग बूथ नम्बर 64/101 व् 64/102 बहुत दूर इलाके के बनाये गये थे जिन इलाकों के मतदाता पोलिंग बूथ से पाँच या छ: किलोमीटर दूरी पर रहते हैं जिनका इस स्कूल परिसर /स्थान में पोलिंग बूथ बनाने का कोई औचित्य नहीं है,जबकि इन इलाकों के नजदीक सड़क के साथ कई सरकारी दफतर तथा सरकारी स्कूल के भवन उपलब्ध हैं!

महोदय ,हमारा मानना है कि यदि नजदीक और सुविधाजनक पोलिंग बूथ मतदाताओं के इलाके के आसपास बना दिया तो इससे मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि होगी और मतदाता खासकर (बुजुर्ग /अपंग/नेत्रहीन) को काफी सुविधा होगी!

महोदय, इसी के मध्यनजर हमारा आपको सुझाव है कि भविष्य में होने वाले राज्य स्तरीय चुनावोँ (निगम /विधानसभा ) तथा लोक सभा चुनावों से पहले निम्न सुझावों पर विचारविमर्श कर जनसुविधाओं को और अधिक सुविधाजनक किया जाये!

महोदय,आपके ध्यानार्थ यह भी लाया जा रहा है कि वैसे भी पोलिंग पार्टियाँ प्रत्येक बूथ की अलग -अलग होती हैं और एक ही स्थान पर पांच -छ बूथ बनाने का आज के समय में कोई औचित्य नहीं हैं हो सकता है पूर्व में सरकारी भवन उपलब्ध न होने पर चुनाव आयोग /विभाग ने ऐसी व्यवस्था की हो जिसे अभी तक नहीँ बदला गया है जिसे की आज के समय में बदला जाना अति आवश्यक है!

सुझाव-1 : 64/101 पोलिंग बूथ जो सिर्फ मजठाई/बरिहाल इलाके के मतदाताओं के लिये बनाया गया है उसे लोकसभा और विधानसभा इलेक्शन के लिये राजकीय प्राथमिक पाठशाला,बरिहाल स्कूल मेँ ही बनाया जाये!

सुझाव न.-2 : 64 /102 पोलिंग बूथ जो सिर्फ न्यू-टूटू /फोरेस्ट कॉलोनी चक्कर/मिल्क प्लांट /रेलवेस्टेशन क्षेत्र के लिये बनाया गया है उसे लोक निर्माण विभाग के सब -डिवीजन टूटू परिसर में बनाया जाये! (नोट : इस सरकारी भवन में पूर्व में भी पोलिंग बूथ बनाया जाता है )

सुझाव-3 : बुजुर्गों /वरिष्ठ नागरिकों /अपंगों / नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए इलाके के किसी भी बूथ (खासकर सड़क किनारे वाले बूथ ) में मतदान करने का अधिकार दिया जाना चाहिये या चलने में असमर्थ व्यक्ति से ऑप्शन लेकर उसका मतदान केंद्र बदलने का प्रावधान किया जाना चाहिये जिसके लिये ऐसे मतदाता से उसका मार्फ़त पता लिया जा सकता है!

सुझाव-4 : आज के आधुनिक युग में आन-लाईन वोट ट्रांसफर तथा ऑनलाइन नईं वोंट बनाने प्रावधान किया जाये ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदाता बन सकें और चुनाव होने पर अपने मत के अधिकार का इस्तेमाल कर सके!

फ्राड मतदाता न बने इसके लिए फोटो स्कैन ऑप्शन तथा कोईं भी एक पहचान पत्र का ब्योरा ऑनलाइन भरने का प्रावधान अनिवार्य किया जाना चाहिये ताकि जनता इस सुविधा का नाजायज लाभ न उठा सके!

सुझाव-5 : पंचायत /निगम/विधान सभा/लोकसभा चुनावों में मतदान करने के लिये जारी चुनाव पहचान पत्र आधार कार्ड /पैन कार्ड की तरह एक स्थाई नंबर दे कर जारी किया जाये ताकि क्सिी मतदाता को कोईं असुविधा न हो ! महोदय ,अक्सर देखा गया है कि जब कोेई चुनाव करमचारी/अधिकारी घर-घर जाकर लोगों के निगम व पंचायत स्तर/विधानसभा /लोकसभा के वोट बनाने आते हैं तो वह इस गलत फैहमी में रह जाते है कि हमारा वोट तो बन गया है और यह सभी चुनावों के लिये मान्य होगा जिस कारण उन्हे सूची में नाम न होने के कारण पोलिंग बूथ में वोट न डालने पर बूथ से निराश होकर लौटना पड़ता है!
-नागेन्द्र गुप्ता

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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

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शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।

टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।

लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।

सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।

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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

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शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।

उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।

विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।

उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है। 

विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है। 

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।

इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।

इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।

इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।

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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

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शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।

इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।

लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।

नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।

इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।

राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।

लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।

जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।

शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।

विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।

राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।

मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।

मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।

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