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टांडा मैडीकल कालेज की व्यवस्था – डाक्टर वार्ड से गायब, रात भर दर्द से चीखती रही महिला

रात भर डाक्टर वार्ड से गायब
वैबसाईट भी अपडेट नहीं – 2010 -2013 में अपडेट हैं कन्टैक्ट साईट
प्रिंसिपल का मोबाईल नम्बर भी मौजूद नहीं वैबसाईट पर..
उच्च स्तरीय जांच की मांग
रात 11.30 बजे वट्सऐप पर चैट करते हुए मुझे एक जानकार महिला ने कहा कि महिला वार्ड जो चौथे फलोर पर स्थित है उसके बैड नंबर 16 में मोनिका नाम कि एक महिला पिछले आधे घंटे से मारे दर्द के चीख -चिल्ला रही है आप कुछ करो यहाँ अभी तक कोई नर्स व् डाक्टर उसको देखने नहीं पहुंचा है यह जानकारी विकास समिति टूटू के अध्यक्ष नागेन्द्र गुप्ता ने एक प्रैस को जारी ब्यान में कही ! उन्होंने कहा कि उन्होंने तुरंत टांडा प्रशासन का नम्बर न होने पर डी.सी.कांगड़ा का घर का नंबर उस महिला साथी को दे दिया जिसने उनसे सम्पर्क साधा ! उक्त महिला ने डी.सी.कांगड़ा से लैंड लाईन नंबर 01892-224950 पर सम्पर्क किया और रात बारह बजे मदद माँगी इस पर डी.सी.कांगड़ा ने कोई तसल्ली बक्श उत्तर न दिया यह बात उक्त महिला ने मुझे बताई ! नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि उन्होंने देर रात्रि जैसे कैसे एस.पी.काँगड़ा के घर / थाना कांगड़ा तथा चौकी टांडा से सम्पर्क साधा और टांडा मैडीकल कालेज के प्रशासन का नम्बर तलाशने की कोशिश की ताकि पीड़ित महिला को उचित उपचार मिल सके परन्तु लाख कोशिश करने पर भी सम्पर्क न हो सका !
12 घंटे तक कोई डाक्टर नहीं आया। ज़ब एम्.एस से सम्पर्क किया गया तो 12 बजें डाक्टरों की टीम आती है और मरीज(मोनिका) के अटैंडेंट को बोलती है हमारे पास आपकी बीमारी का कोई इलाज नहीं इसे कहीं और जगह ले जाओ ! बेचारी गरीब मोनिका कहाँ जाए पेट में बच्चा ज़िंदा भी है या नहीं ,,पता नहीं,मैडीकल स्पेस्लिस्ट डॉ.कपूर का कहना है कि मरीज लीवर की बीमारी से ग्रस्त है !
समिति अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने टांडा मैडीकल कालेज की बैबसाईट खोली और उस पर प्रिंसिपल और एम्.एस के लैंड -लाईन नम्बर डायल किये परन्तु कोई भी नंबर नहीं उठा ! नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि ऐमरजैंसी सेवा टांडा में आरती नाम की महिला कर्मचारी ने फोन उठाया और उन्होंने एम् एस का नंबर 94180 -82247 बताया तथा अपने को किसी डाक्टर से सम्पर्क करने को असमर्थ बताया ! इस पर उक्त मोबाईल नंबर पर सम्पर्क साधने पर इस नंबर पर घंटी तो बजती रही परन्तु किसी ने नंबर न उठाया !
नागेन्द्र गुप्ता ने कहा कि किसी भी नंबर पर सम्पर्क न होने की सूरत में उक्त महिला की जान बचाने की सूरत में शिमला के एम् एस रमेश कुमार को सम्पर्क किया और उनसे टांडा के किसी डाक्टर को सम्पर्क कर वार्ड में भेजने को कहा ! इस कार्यवाही में रात के दो बज गए परन्तु 11.30 बजे से दो बजे तक टांडा स्थिति मैडीकल कालेज के किसी भी डाक्टर या प्रशासन से सम्पर्क न हो सका !
समिति अध्यक्ष ने कहा कि सुबह 6 बजे पुन उक्त जानकार महिला से जब सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने बताया कि रात भर कोई भी डाक्टर मोनिका की देखभाल को नहीं आया और अब उसे कहीं वार्ड से बाहर ले गए हैं ! उक्त महिला के अनुसार मोनिका का डिलीवरी केस है और शायद उसका बच्चा पेट के अंदर ही मर चुका है जिस कारण उसे रात भर तेज प्रसव पीड़ा हो रही थी !
समिति अध्यक्ष ने कहा कि बहुत ही खेद का विषय है कि प्रिंसिपल का मोबाईल नबंर वैबसाईट पर नहीं ,,प्रिंसिपल /एम् एस का घर का लैंड लाईन नम्बर भी नहीं उठा ,,रात भर डाक्टर उपलब्ध न हुआ और टांडा मैडीकल कालेज की बैबसाईट भी अपडेट नहीं है जिस कारण आम जनता को सही समय पर सम्पर्क साधने के लिए सही पता ठिकाना नहीं मिलता है ! मांग है कि इस सब प्रकरण की उच्च सतरीय जांच की जाए !
-नागेन्द्र गुप्ता
Image:static.panoramio
नोट :
ज्यादा जानकारी के लिए मेरी जानकार महिला वीरा शर्मा जो स्वयं उपचारा धीन है से ( 94187 -83897 ) पर नाम न छापने की शर्त पर सम्पर्क किया जा सकता है !
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।