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श्रद्धालुओं व पर्यटकों को सुविधा देने के लिए चूड़धार में किया जायेगा हेलिपेड का निर्माण: मुख्यमंत्री

“प्रदेश के प्रसिद्ध महत्वपूर्ण धार्मिक व पर्यटक स्थल चूड़धार में यहां आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्वेश्य से कालाबाग में एक हेलिपेड का निर्माण किया जाएगा वहीं शिरगुल देवता मंदिर निर्माण के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान राशि भी प्रदान की जाएगी”
गेयटी थियेटर में चूड़ेश्वर सेवा समिति ए चूड़धार के 12 वें वार्षिक समागम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिहं ने कहा कि प्रदेश के सिरमौर जिला का प्रसिद्ध चूड़धार मंदिर प्रदेश में धार्मिक पर्यटक स्थल के रुप में जाना जाता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सिरमौर जिला के कालाबाग में एक हेलिपेड का निर्माण किया जाएगा। यह हेलिपेड इसी वित्त वर्ष में निर्मित किया जाएगा और इसके साथ ही शिरगुल देवता मंदिर के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा जिससे मंदिर के निर्माण के कार्य को जल्द पुरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि शिरगुल देवता मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी लाकर इसे इस वर्ष के अंत तक पूरा किया जाएगा। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को उचित सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सेकें।
वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यटन तथा वन विभाग को सिरमौर जिला के सराहन से कालाबाग तक रज्जू मार्ग स्थापित करने की व्यावहारिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नौराधार से चूड़धार तक सड़क का निमार्ण कार्य शीघ्र पुनः आरम्भ कर दिया जाएगा।
वीरभद्र सिंह ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड को तरांह खड्ड से चूड़धार के लिए उठाऊ जल आपूर्ति योजना के कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जिला प्रशासन को कुपवी से चूड़धार और सराहन बिजिट महाराज मंदिर से चूड़धार तक के पैदल मार्ग को सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को मंडाह घाटी से खड़ाच तक मोटर योग्य सड़क के निर्माण के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने चूड़धार मंदिर के रास्ते के सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने स्वच्छ पर्यावरण व प्राकृतिक सौंदर्य के लिये विश्व भर में प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण व पर्यटन को प्रोत्साहित करने और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने चूड़ेश्वर सेवा समिति द्वारा चूड़धार में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएं सृजित करने के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चूड़ेश्वर सेवा समिति के सदस्यों को सम्मानित भी किया।
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मंडी जिला में एक निजी गौशाला में गाय की संदिग्ध मौत, अमानवीय कृत्य का आरोप

मंडी: सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली भौर पंचायत में 3 फरवरी को निजी गौशाला में एक गाय की संदिग्ध हालत में मृत्यु का मामला सामने आया है। आरोप है कि गाय के साथ पहले कुकर्म जैसे अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया गया और उसके बाद गाय की हत्या कर दी गई। पूरे इलाके के लोग इस इस जघन्य अपराध से हैरान हैं।
जानकारी के अनुसार हलेल गांव निवासी रामकृष्ण की गौशाला में दिल को झकझोर करने वाली इस घटना को अंजाम दिया गया है। गाय के पिछले पैर रस्सी से बंधे हुए थे। गौशाला में गाय के साथ उसका छोटा बछड़ा भी बंधा था, जिसे किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया गया है। रामकृष्ण के बेटे तरुण ने सुबह गौशाला का दरवाजा खोला तो उसने गाय को फर्श पर पड़े देखा और गाय के मुंह से झाग निकली हुई थी। गाय का गला किसी ने मजबूती से लकड़ी के पिलर के साथ रस्सी मजबूती से बांध कर घोंट दिया था। रामकृष्ण ने गाय के साथ अमानवीय कृत्य के आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है।
मंडी जिला के धनोटू थाना के तहत यह मामला सामने आया है। घटना की सूचना मिलने के बाद थाना की टीम ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल पर कईं साक्ष्य जुटाएं हैं। वहीं पशुपालन विभाग द्नारा गाय का पोस्टमार्टम करने के उपरांत वेटनरी डॉक्टरों ने आगामी परीक्षण के लिए सैंपल पुलिस टीम को सौंप दिए हैं। BNS की धारा 325 और पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मंडी साक्षी वर्मा ने मामले में जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया है। उनका कहना है “मामले की जांच जारी है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”
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अब सरल फार्म भरकर आसानी से प्राकृतिक खेती से जुड़ सकेंगे हिमाचल के किसान

शिमला -हिमाचल सरकार ने विधायक प्राथमिकता बैठक के दौरान राज्य में प्राकृतिक खेती में किसानों के पंजीकरण के लिए सरल फार्म लांच किया है। सरकार के अनुसार किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से यह फार्म भर सकेंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार इच्छुक किसान अब इस फार्म को भरकर प्राकृतिक खेती से जुड़ सकते हैं। पंजीकरण फार्म में किसानों की भूमि, उगाई जाने वाली फसलों, पशुओं की नस्ल और प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण से संबंधित कुछ अन्य विवरण होंगे। यह फार्म प्रदेश की सभी पंचायतों में किसानों को वितरित किए जाएंगे। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में वर्ष 2025-26 में प्राकृतिक खेती को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
आत्मा( ATMA) स्टाफ पंजीकृत फार्म का सत्यापन करेगा
कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि आत्मा ( ATMA) स्टाफ किसानों द्वारा भरे गए फार्म का सत्यापन करेगा। उन्होंने कहा कि फार्म को PK3Y पोर्टल के सीटारा-एनएफ (प्राकृतिक खेती के कृषि संसाधन विशलेषण का प्रमाणित मूल्याकंन उपकरण) से जोड़ा जाएगा।
‘हिम भोग’ ब्रांड नाम से उपलब्ध है मक्की का आटा
जारी की गई जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने हाल ही में 1508 किसानों से 398.976 मीट्रिक टन प्राकृतिक रूप से उगाई गई मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी है। प्रदेश, देश में मक्की पर सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने कहा कि आगामी सीजन में प्राकृतिक रूप से उत्पादित गेहूं की खरीद के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। लोगों को प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्की के आटे के एक किलोग्राम और पांच किलोग्राम के पैकेट ‘हिम भोग’ ब्रांड नाम से उपलब्ध करवाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने कहा 1054 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 1 फरवरी, 2025 तक 38.225 मीट्रिक टन मक्की के आटे की बिक्री की गई है और हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड की थोक इकाइयों के माध्यम से 73.52 मीट्रिक टन आटा बेचा गया है।
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बेटे ने दवा बताकर मां को लगा दी चिट्टे की लत, नशे के लिए बेच दिए गहने, बर्तन और पेड़

मंडी: हिमाचल प्रदेश में चिट्टे का जाल इस हद तक फैल चुका है कि कईं परिवार इसकी चपेट में आकर तबाह हो चुके है। चिट्टे की लत के कारण युवाओं के मां बाप से लड़ने झगड़ने ,चोरी-चकारी और तस्करी करने की खबरें आम हो चुकी हैं। पर अब एक चौंकानें वाला मामला सामने आया है जहां बेटे ने अपनी लत के चलते मां को ही चिट्टे की लत लगा दी।
सलापड़ क्षेत्र में एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक युवक ने घुटनों के दर्द की दवाई बताकर अपनी मां को चिट्टा देना शुरु किया। जब महिला को दर्द से राहत मिली तो उसने फिर से दवा की मांग की। इसी तरह बेटे ने अपनी मां को चिट्टे का आदि बना दिया। इसके बाद मां-बेटे ने नशे के लिए बार-बार रिश्तेदारों से उधार लेना शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए है कि परिवार ने नशे के लिए गहने, बर्तन, यहां तक की पेड़ तक बेच दिए।
रिश्तेदारों ने भी एक वक्त के बाद उधार देने से मना कर दिया। रिश्तेदारों को मां-बेटे के व्यवहार पर शक होने लगा। रिश्तेदारों ने परिवार की शादीशुदा दो बेटियों को मां-बेटे के बारे में अवगत करवाया। अब परिवार की दोनों बेटियां अपनी मां और भाई को नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश में जुटी है।
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