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शिमला पुलिस फायरिंग में युवक की मौत पर मिल रहें है अलग-अलग मत

“बीते दिन शिमला में तारादेवी बाईपास रोड़ पर पुलिस की गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई थी जबकि एक युवक घायल है। वहीं इस घटना का शिमला की जनता ने विरोध किया था और कई संगठन सड़को पर उतर आए थे। हर कोई पुलिस से उनकी इस तरह की कार्यवाही पर जवाब मांग रहा था , पुलिस भी गुस्साए लोगों को शांत करने की कोशिश कर रही थी और इसके लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज का सहारा भी लिया गया था”
“क्या था पुरा मामला”
मना जा रहा है कि पुलिस के अनुसार यह घटना पुलिस महकमें के जंक यार्ड में हुई जहां जब्त की गई गाडि़यों को रखा जाता है और बुधवार रात कांस्टेबल रणबीर और राहुल वहां डयूटी पर तैनात थे। तभी रात के करिब साढे़ दस बजे उदयवीर सिंह पवंर , हर्ष शर्मा और नितिन नाम के युवक एक कार में वहां पहुचे जहां जंक यार्ड में हर्ष शर्मा की एस्टीम कार भी करीब एक साल से जब्त कर यहां रखी गई थी , और वहां आकर हर्ष की जब्त कार के पास खड़े हो गए। पुलिस के अनुसार युवक चोरी की नियत से वहां आए थे , और जब पुलिस द्वारा युवकों को रोकने की कोशिश की गई तो वो पुलिस से मारपीट करने लगे । इस पर कांस्टेबल ने पहले हवाई फायर किया । जब युवक नहीं माने तो कांस्टेबल ने गोली मारी जो युवक के पेट के आसपास लगकर दूसरी तरफ निकल गई और एक अन्य युवक को भी गोली लगी पुलिस घायलों को लेकर आईजीएमसी पंहुची, जहां उदयवीर नामक युवक की मौत हो गई।
“इस पुरे घटनाकम्र के बारे में अलग -अलग है अखबारों के मत”
”अमर उजाला“ में इस पुरी घटना के बारे में जो बतया गया है उसके अनुसार पुलिस की दी जानकारि में हर्ष शर्मा की एस्टीम कार करीब एक साल से जब्त करके जंक यार्ड में रखी हुई थी और बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे के हर्ष शर्मा, उदयवीर और नितिन नामक युवक जंक यार्ड के पास पंहुचे और हर्ष की जब्त की गई गाड़ी के पास खड़े हो गए , उस समय वंहा कांस्टेबल रणवीर और राहुल डयूटी पर तैनात थे। पुलिस के अनुसार वो युवक चोरी के इरादे से वहां आए थे और जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश कि तो युवक मारपीट पर उतारु हो गए। जिसे रोकने के लिए कांस्टेबल ने पहले हवा में फायर किया और जब यूवक नहीं माने तो कांस्टेबल ने पैर में गोली मारने के इरादे से गोली चलाई, जो अधंेरे के कारण युवक के पेट के आसपास लगकर दूसरी तरफ निकल गई।
वहीं दूसरी और ”दिव्य हिमाचल“ की जानकारी के अनुसार पुलिस से मिली जानकारि के अनुसार रात के साढ़े 11 बजे उदयवीर (प्रिंस) अपने दो दोस्तांे हर्ष और नितिन के साथ तारादेवी बाईपास पार्किंग पर पहुंचा था। इन्होंने यहां खड़े वाहनों से स्पेयर पार्टस चोरी करने की कोशिश की । जब डयूटी पर तैनात कांस्टेबल रणवीर और राहुल ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की कोशिश की तो इनमें से नितिन तो हत्थे चढ़ गया लेकिन अन्य दो दोस्त हर्ष और उदयवीर (प्रिंस) भाग निकले । पुलिस के मुताबिक कुछ देर बाद प्रिंस और हर्ष सेंटरों कार नंबर (एचपी-52ए-1545) में सवार होकर आए और इन दोनों ने पुुलिस पर हमला करके नितिन को छुडाने का प्रयास किया और इसी बीच पुलिस को आत्मरक्षा के लिए गोली चलानी पड़ी , जो अंधेंरे के कारण हर्ष और उदयवीर (प्रिंस) को लग गई।
वहीं एक अन्य अखबार “दैनिक भास्कर” ने इस पुरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है कि चक्कर में रहने वाले उदय सिंह पंवर अपने दो दोस्तों हर्ष शर्मा और नितिन के साथ बुधवार रात करीब 11 बजे शोघी से शिमला की ओर आ रहे थे। इसी दौरान हर्ष शर्मा ने बताया कि उसकी एक सेंट्रों कार पिछले साल पुलिस ने इंपाउंड कर ली थी और इसे तारादेवी के साथ लगते कैंची मोड़ में पुलिस हिरासत में रखा गया था। तो हर्ष ने कहा कि चलकर गाड़ी देखते हैं। यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने इन्हें पकड़ लिया और इस पर दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई और एक कांस्टेबल ने इन युवकों पर फायर कर दिया। इसमें उदय और हर्ष जख्मी हो गए । जहां उदय ने अस्पताल में दम तोड़ दिया ।
अब इन सब अखबारों में घटना के बारे में अलग -अलग जानकारी दी गई जिससे ये पूरा मामला है क्या और इसकी पुरी सच्चाई क्या है , इसका पता लगाना मुश्किल हो गया है। जिलाधीश ने इस पुरी घटना के लिए मेजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैै और पुलिस ने दो कांस्टेबलों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। वहीं युवकों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा किया गया है जिसमें कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 307 ,353 ,332,379,311 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
“इस घटना में पुलिस अफसरों का क्या कहना है”
एसपी चंद्र शेखर पंडि़त: कांस्टेबल की गोली से ही युवक की मौत हुई है। दोनों पक्षों की और से क्रास एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की जाचं की जा रही है।
“मृतक के परिजनों के पुलिस के खिलाफ क्या है आरोप”
हमारे बेटे ने ऐसा क्या अपराध किया कि पुलिस को गोली चलानी पड़ी?
समय से अस्पताल क्यों नहीं लाया गया ?
पुलिस ने मामले को सुबह तक क्यों छुपाया और परिजनों को समय रहते क्यों सुचित नहीं किया गया?
वहीं इस पुरी घटना की जांच का जिम्मा जिला दड़ाधिकारी दिनेश मल्होत्रा ने सीआरपीसी धारा 174 के तहत जारी के आधार पर अतिरिक्त जिला दड़ाधिकारी डा.नरेश कुमार लट्ठ को घटना की जांच के आदेश दि
ए है और इस घटना पर वो पंद्रह दिन के भीतर रिपोर्ट देगें।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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