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नोटबंदी फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी का पुतला फूँक कांग्रेस ने हिमाचल में किया ज़ोरदार प्रदर्शन
शिमला- आज शिमला में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सैंकडों कार्यकर्ताओं ने लिफ्ट के समीप कार्ट रोड पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विरोध-प्रर्दशन किया और नारेवाजी करते हुए प्रधानमंत्री का पुतला फुंका। इस दौरान कांग्रेस कार्यकताओं ने जमकर कर प्रधानमंत्री के किलाफ नारेबाजी की और कार्ट रोड़ से माल रोड की तरफ जाने लेगे तथा तथा कार्ट रोड़ पर जाम लगा दिया। कांग्रेस ने कहा की ये फैसला जल्बाजी में बिना किसी तैयारी के साथ आम जनता पर थोपे दिया गया जिसकी वजह से साडी अर्थवव्स्ता चरमरा गयी है और आम आदमी को मुसीबतों का सामना करना पद रहा है!
पुलिस ने कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने से रोकते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू समेत सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
इसी तरह आज कांग्रेस के आवह्न पर पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर विरोध-प्रदर्शन कर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का पुतला फुंका तथा नोट बन्दी से आम नागरिको को हो रही असुविधा के मद्देनजर केन्द्र सरकार के खिलाफ उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 8 नवम्बर 2016 को आधी रात से प्रधानमंत्री द्वारा देश में नोटबन्दी का फैसला बहुत ही जल्दवाजी और बिना तैयारी के लिया गया है। उन्होंनें कहा कि कालेधन का उपयोग रोकने की मंशा से लिये गये नोट बन्दी के इस फैसले का हम समर्थन करते है, परन्तु इस फैसले देश के आम नागरिकों को हो रही असुविधा का हम पुरजोर विरोध करते हैं। उन्होंनें कहा कि शुरूआत में इस फैसले से जहां लोगों में उत्साह था वहीं समय गुजरने के साथ बैगर कोई तैयारी के व जल्दवाजी में लिये गये नोटबन्दी जैसे अपरिपक्व फैसले से आम नागरिकों को अपने खून-पसीने की कमाई को बैंको के सामने कई दिनों तक भूखे-प्यासे कतार में खडे होने के बाद भी अपनी जरूरत का पैसा नसीब नही हो पा रहा है।
न ही पर्याप्त नोटो की छपाई की गई न ही बैंकों तक नये नोट पंहुचाये
उन्होंनें कहा कि इसे फैसले को लेकर केन्द्र सरकार की बत-इन्तजांमी साफ देखने को मिल रही है फैसला लेने से पहले सरकार ने कोई भी तैयारी नही की गई न ही पर्याप्त नोटो की छपाई की गई न ही बैंकों तक नये नोट पंहुचाये और न ही एटीएम को दुरूस्त किया गया बस बिना सोचे-समझें अधुरी तैयारी के ही नोटबन्दी का फैसला देश पर थोपा गया। उन्होंनें कहा कि मोदी सरकार की इस बत-इन्तजांमी का खामयाजा आम नागरिको को मानसिक एवं शारीरिक पीडा से गुजरना पड रहा है और 50 अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पडा है। वहीं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि देश के वित मंत्री ने ये माना है कि नोट छपाई का कार्य पिछले 6 महिनो से चल रहा था तो ये बडे अचम्भे की बात है कि एक माह पहले बनाये गये भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर अर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाले नये नोट कहां से आये।
5% लोगों को निशाना बनाने के लिए बाकी 95 % आम जनता को डाला परेशानी में
सुक्खू ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने नोटबन्दी के फैसले से मात्र 5 फीदसी लोगों को निशाना बनाने के लिए बाकी 95 प्रतिशत आम जनता को परेशानी में डाल दिया है। उन्होंनें कहा कि इस फैसले से देश का कोई भी ऐसा वर्ग नही है जिसे नुकसान न पंहुचा हो या परेशानी न हुई हो जैसे छोट व्यापारी, मजदूर, दिहाडीदार, किसान, बागवान व आम जनता इससे प्रभावित हुई है। इससे देश की अर्थव्वयस्था प्रभावित हुई है और व्यपार ठप पडा है तथा लोगों पैसो की कमी के कारण अपने बच्चों की शादियां तक नही कर पा रहे हैं और आम जनता अपनी मुलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने ही खून-पसीने की कमाई को निकालने के लिए अपना सारा काम छोड बैंकों के बाहर कतार में खडा है बावजूद इसके लोगों को कई दिन और कई घण्टे लाईन में लग कर बैंकों से पैसा नही मिल पा रहा है और पूरे देश में आर्थिक आपातकाल की स्थिती बनी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नही दे पा रहे संसद में जवाब
उन्होंनें कहा कि आज फैसले से 16 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिती में कोई सुधार नही आया है और आज भी बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लम्बी-लम्बी कतारे। उन्होंनें कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाषणों में तो खुब बालते है परन्तु संसद में इसका जवाब नही दे रहें हैं। उन्होंनें कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में आकर इसका जवाब देना चाहिए और इस फैसले से देश के आम नागरिकों को जो सुविधा हो रही है उसकी जिम्मेवारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व वित मंत्री अरूण जेतली को देश से माफी मांगनी चाहिए।
आने वाले समय देश की अर्थव्यवस्था को लेगेगा बहुत बडा झटका
सुक्खू कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए रोज प्रेस के माध्यम से नोटबन्दी के निर्णय में अपने फैसले बदल रही है, और जो नई दरे देने के फैसले सरकार ले रही है हकीकत में उसका फायदा आम जनता को नही मिल रहा है। उन्होंनें कहा कि सरकार अपने इस फैसले को सही तरिके से लागू करने में विफल रही है और आने वाले समय में नोटबन्दी के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत बडा झटका लेगेगा।
धरने में सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरभजन सिंह भज्जी, कोषाध्यक्ष एवं पार्षद सुरेन्द्र चैहान, मीडिया विभाग के चैयरमैन नरेश चैहान सहित सहित सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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