शिक्षा
अभिभावकों के विरोध के बाद शिक्षा निदेशालय ने प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने का फैसला निजी स्कूलों पर छोड़ा
शिमला-प्रदेश में प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों की पंद्रह नवंबर से शुरू होने वाली नियमित कक्षाओं के आदेश को सरकार ने बदल दिया है। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से उपायुक्त शिमला, सभी जिला उपनिदेशकों और निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों को पत्र जारी कर निजी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने का फैसला स्वयं लेने की छूट दी गई है।
सरकार ने निजी स्कूल प्रबंधन को एसएमसी-पीटीए से चर्चा कर इस संदर्भ में आगामी फैसला लेने की मंजूरी दे दी है। प्रदेश के शीतकालीन छुट्टियों वाले सीबीएसई और आईसीएसई के निजी स्कूलों के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। प्राइमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कूलों में ना बुलाने पर ऑनलाइन कक्षाएं नियमित तौर पर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने यह फैंसला निजी स्कूलों में बच्चे पढ़ाने वाले अभिभावकों के विरोध पर लिया है। पिछले दिन छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिमला जिला व अन्य शीतकालीन सत्र के छात्रों की कक्षाओं व ऑनलाइन वार्षिक परीक्षाओं को लेकर उच्चतर शिक्षा निदेशक द्वारा की गई अधिसूचना का स्वागत किया है लेकिन इसे आधा-अधूरा करार दिया है। मंच ने इस अधिसूचना को प्राइमरी कक्षाओं के साथ ही नौंवीं कक्षा तक लागू करने की मांग की है। मंच ने इस आदेश को हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के स्कूलों के लिए भी लागू करने की मांग की है।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि शिमला शहर व प्रदेश के अन्य शीतकालीन स्कूलों में केवल पन्द्रह दिन तक चलने वाली कक्षाएं व वार्षिक परीक्षाएं स्कूलों में न करवाकर ऑनलाइन माध्यम से ही करवाई जाएं। उन्होंने इस संदर्भ में तुरन्त ही निर्णय लेने की मांग की है। क्योंकि शिमला के कुछ स्कूलों में दो दिन बाद 15 नवम्बर 2021 से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री के ओएसडी से भी बातचीत की है।
उन्होंने कहा है कि उच्चतर शिक्षा निदेशक के आदेशों में ऑनलाइन परीक्षाओं का कोई जिक्र नहीं है। ऑनलाइन कक्षाओं का आदेश भी स्कूल प्रबंधन व पीटीए पर छोड़ दिया गया है। यह आदेश भी केवल सीबीएसई व आईसीएससी के प्राइमरी स्कूलों के लिए है, जिसे नौंवीं कक्षा तक लागू करना चाहिए था। यह आदेश आधा-अधूरा है जिसे मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करके बेहतर बनाना चाहिए।
मेहरा ने कहा है कि ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन स्कूलों के सत्र में काफी अंतर है। ग्रीष्मकालीन स्कूलों का साढ़े तीन महीने का सत्र अभी शेष है जबकि शिमला के शीतकालीन स्कूलों में पांच दिन की कक्षाओं के बाद छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में शिमला में केवल दस से पन्द्रह दिन के लिए स्कूलों को खोलने का कोई औचित्य नहीं बनता है।
उन्होंने कहा है कि जब पूरा वर्ष भर छात्रों ने सौ प्रतिशत पढ़ाई ऑनलाइन कक्षाओं से की है तो फिर दस दिन की वार्षिक परीक्षाओं को ऑफलाइन माध्यम से स्कूलों में करवाने का कोई भी ठोस कारण नहीं बनता है। सरकार के इस निर्णय से छात्रों व अभिभावकों को बेवजह आर्थिक व मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि अभिभावक कोरोना महामारी से पहले ही काफी घबराए हुए हैं। शिमला शहर में कोरोना व अन्य वायरल संक्रमण के मामले भी लगातार बड़ रहे हैं। ऐसे में बच्चों के कोरोना संक्रमण की जद में आने का काफी गम्भीर खतरा बना हुआ है। स्कूल खुलने से अभिभावकों पर नई ड्रेस खरीदने का भी हज़ारों रुपये का आर्थिक बोझ पड़ने वाला है जबकि इसके बाद तीन महीने के लिए स्कूल शीतकालीन अवकाश के लिए बंद रहेंगे। इस तरह छात्रों व अभिभावकों को बेवजह आर्थिक व मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
शिक्षा
टर्म-2 परीक्षा की कंपार्टमेंट-इंप्रूवमेंट परीक्षा के लिए अब 25 तक करें आवेदन
शिमला- हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से मार्च-अप्रैल 2022 में संचालित की जाने वाली नियमित परीक्षार्थियों की टर्म-2 परीक्षा के लिए कंपार्टमेंट, एडिशनल विषय, अंग्रेजी केवल, इंप्रूवमेंट ऑफ परफोरमेंस के पात्र परीक्षार्थियों के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन भरने की तिथि अब 25 फरवरी तक बढ़ा दी गई है।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि अब छात्र 25 फरवरी तक प्रवेश पत्र भर सकते है और विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक तिथि को बढ़ा दिया गया है।
डॉ. सोनी ने बताया कि मैट्रिक और जमा दो श्रेणी के पात्र परीक्षार्थी अपने प्रवेश पत्र संबंधित विद्यालय के माध्यम से विलंब शुल्क 100 रुपये के साथ 28 फरवरी तक केवल ऑनलाइन प्रेषित करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मार्च 2022 में संचालित की जाने वाली नौवीं और 11वीं कक्षाओं की द्वितीय अवधि परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कक्षा बार प्रश्नपत्र मांग, शुल्क प्राप्ति के लिए ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन विद्यालयों के लिए अंतिम तिथि को 28 फरवरी की गई है।
शिक्षा
प्रदेश के स्कूलों में शुरू की जाए योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं: एबीवीपी
शिमला- प्रदेश के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं शुरू करने की मांग लंबे समय से होती आ रही है,लेकिन अभी तक प्रदेश के स्कूलों में यह कक्षाएं शुरू नहीं हो पा रही है। अब एक बार फिर से एबीवीपी ने सरकार से प्रदेश के स्कूलों ने योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करने की मांग की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई के अध्यक्ष आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार को राज्य के प्रत्येक विद्यालय में योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए।
आकाश नेगी ने कहा कि आजकल के तनाव भरे जीवन को सरल बनाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है और कोरोना सहित अन्य बीमारियों के इलाज में योग पद्धति को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवा भी अपने आप को फिट रखने के लिए योग की शरण ले रहे हैं। योग व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती प्रदान कर रहा है।
विद्यार्थी परिषद ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। बाल्यकाल एक ऐसी अवस्था होती है जब मानसिक-भावनात्मक और बौद्धिक विकास की प्रक्रिया गति पकडती है।
मन किसी एक बात पर ठहर नहीं पाता और दिमाग सवालों से भर उठता है। इस उम्र में किशोर अपनी रचनात्मकता के शीर्ष पर होते हैं, लेकिन अगर चूक हो जाए तो विध्वंसक होने में भी देर नहीं लगती। ऐसे में उनके जीवन कि दशा और दिशा बदलने में योग और मनोविज्ञान से मदद मिलेगी।
इकाई अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार इन विषयों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करती है तो इस कदम से नए रोजगार भी सृजित होंगे। प्रत्येक वर्ष बहुत से छात्र विश्वविद्यालय से योग और मनोविज्ञान विभाग से उत्तीर्ण होकर निकलते हैं। उन छात्रों को प्रदेश के स्कूलों में नियुक्ति प्रदान कर के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाओं को सुचारु रूप से चलाया सकता हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को मध्यनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार को योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं प्रत्येक विद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करनी चाहिए और विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उनकी इस मांग को पूरा करेगी।
शिक्षा
तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की परीक्षाओं और प्रैक्टिकल का शेड्यूल जारी, 23 फरवरी से शुरू होंगीं परीक्षाएं
शिमला- हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के पाठ्यक्रम एन-2017 के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होंगी। इसी पाठ्यक्रम की थ्योरी की परीक्षाएं 14 फरवरी से करवाई जाएंगी और प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी और थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगीं।
तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव आरके शर्मा ने जानकारी दी कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम एन-2017 के तहत प्रथम सेमेस्टर की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 14 फरवरी तथा थ्योरी की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने बताया कि दूसरे,चौथे और छठे सेमेस्टर (री-अपीयर),प्रथम व दूसरे वर्ष डी फार्मेसी (री-अपीयर) तथा पाठ्यक्रम एन-2012 के पहले से छठे सेमेस्टर (स्पेशल चांस) के विद्यार्थियों की थ्योरी की परीक्षाएं भी 14 फरवरी से शुरू होंगी।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सभी सरकारी और निजी बहुतकनीकी संस्थानों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर भी सूचना उपलब्ध है।
शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के कारण बोर्ड ने जनवरी में परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। अब सरकार के निर्देशों के बाद बोर्ड ने इन्हें करवाने का निर्णय लिया है।
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