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हिमाचल में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के दो लाख से अधिक बच्चों का हो चुका है टीकाकरण:मुख्यमंत्री

शिमला- मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज गुरुवार को चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा, नागरिक अस्पताल चुआरी, चम्बा, दीन दयाल उपाध्याय शिमला, कमला नेहरू अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल रामपुर और नागरिक अस्पताल रोहड़ू में 6.60 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 6 पीएसए संयंत्रों और 10 करोड़ रुपये की लागत से दो सी.टी. स्कैन मशीनों का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इन पीएसए संयंत्रों का लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से किया।
इन 6 संयंत्रों में से पांच पीएम केयर्स के माध्यम से और एक सीएसआर के माध्यम से स्थापित किया गया है। उन्होंने पांच-पांच करोड़ रुपये की लागत से एक-एक सिटी स्केन मशीन जिसे जनता को समर्पित किया गया है जिनमे से एक सी.टी स्कैन मशीन सिरमौर जिला के नाहन चिकित्सा महाविद्यालय में और दूसरी चम्बा जिला के चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित की गयी है। दोनों मशीनों में 128 स्लाइस है, जिससे अधिक तीव्रता से बीमारी का सूक्ष्मता से निरीक्षण करने में सहायता मिलेगी।
इन मशीनों के माध्यम से चम्बा और सिरमौर जिला के लोगों को उनके घरों के निकट बेहतर नैदानिक सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने नाहन चिकित्सा महाविद्यालय के लिए आधुनिक तकनीकयुक्त डिजिटल एक्स-रे मशीन का भी उदघाटन किया।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत तीन नए स्वास्थ्य कार्यक्रमों का भी शुभारम्भ किया। मिशन दृष्टि के अन्तर्गत 6ठीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की आंखों की जाॅंच की जाएगी और आवश्यकतानुसार उन्हें निःशुल्क चश्में प्रदान किए जायंगे।
आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत स्कूल हैल्थ एण्ड वैलनेस प्रोग्राम के तहत दो अध्यापकों को प्रत्येक विद्यालय के लिए स्वास्थ्य और वैलनेस एम्बेसडर नियुक्त किया जाएगा और उन्हें किशोर अवस्था से जुड़े 11 विषयों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
ये एम्बेसडर प्रत्येक कक्षा के कम से कम दो विद्यार्थियों को हैल्थ एण्ड वैलनेस मैसेंजर के रूप में तैयार करेंगे। वर्तमान में यह कार्यक्रम प्रदेश के छः जिलों मण्डी, कांगड़ा, ऊना, चम्बा और सिरमौर जिलों के 3017 स्कूलों में आरम्भ किया जा रहा है और बाद में इन्हें अन्य जिलों में भी आरम्भ किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक प्रदेश को क्षय रोग मुक्त राज्य बनाना है। उन्होंने क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम से सम्बन्धित दिशा निर्देशों वाली पुस्तिकाओं और स्वास्थ्य विभाग के अन्य प्रकाशनों का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आज 41 पीएसए संयंत्र, 11,543 डी-टाइप, 3,837 बी-टाइप और 1400 ए-टाइप ऑक्सीजन सिलेण्डर तथा 95 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन क्षमता का उत्पादन करने वाले 5000 से अधिक ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर हैं। उन्होंने कहा कि एक समय प्रदेश में केवल दो ऑक्सीजन संयंत्र शिमला और टाण्डा में स्थापित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्षय रोग के उन्मूलन के लिए तत्परता से कार्य कर रही है, जिसके लिए राज्य में सी.बी.नेट मशीनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग के मरीजों को प्रतिमाह 1500 रुपये की आर्थिक सहायता के अतिरिक्त उपचार की अवधि के दौरान भारत सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले तीन दिनों के दौरान प्रदेश मेें 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के दो लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है और राज्य सभी पात्र बच्चों का टीकाकरण शीघ्रता से पूर्ण करेगा और इस उपलब्धि को हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में तीव्र वृद्धि एक चिन्ता का विषय है। उन्होंने लोगों से कोविड अनुरूप व्यवहार सुनिश्चित करने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि रोकथाम उपचार से बेहतर है। प्रदेश सरकार ने इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कुछ प्रतिबन्ध लगाए हैं और प्रदेश सरकार स्थिति से भली-भांति परिचित है और किसी भी संभावित घटना से निपटने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.राजीव सैजल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आज शुरू किए गए कार्यक्रम में कहा कि राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई तकनीक मेडिसन ईवेंट और रिमांइडर माॅनिटर (एमईआरएम) बाॅक्स भी शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य निश्चित रूप से देश में पहला क्षय रोग मुक्त राज्य बनने का लक्ष्य हासिल करेगा।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।