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शिमला के ऐतिहासिक राज्य पुस्तकालय की जगह बुक कैफे खाेलने के प्रस्ताव का विरोध

शिमला– शिमला नगर निगम हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित ऐतिहासिक राज्य पुस्तकालय को तोड़ कर वंहा कैफ़े बनाने का प्रस्ताव लेकर आया है। इस प्रस्ताव के अनुसार नगर निगम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इस भवन का जीर्णोद्वार करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 2.25 करोड़ रुपये खर्च होने है जीर्णोद्वार के बाद इस भवन में पहले की तरह पुस्तकालय चलेगा। इसके टॉप फ्लोर पर पुस्तकालय होगा जबकि ग्राउंड फ्लोर में कैफे होगा।
इस प्रस्ताव पर छात्रों और कई लोगों ने रोष जताया है और आरोप लगाया है कि नगर निगम जीर्णोद्धार के नाम पर इसे कैफ़े में तब्दील करना चाहता है और पुस्तकालय को बंद करना चाहता है। इसके विराेध में मंगलवार काे रिज मैदान पर कई छात्रों ने इकट्ठा होकर इसका जमकर विराेध किया। इसके दौरान छात्र मेयर से मिलने भी गए। पर मेयर ऑफिस में नहीं मिली। छात्राें ने आराेप लगाया कि जीर्णाेद्धार के नाम पर नगर निगम छात्राें काे गुमराह कर रहा है। उन्हाेंने कहा कि छात्रों का हक छीना जा रहा है। उन्हाेंने कहा कि नगर निगम इस पुस्तकालय में बुक कैफे खाेलना चाहता है।
धरने के दाैरान छात्र अजय राणा, सुनील ठाकुर, महेंद्र शर्मा, विवेक ने कहा कि शहर में काेई ऐसी जगह नहीं है, जहां पर छात्र सुकून से पढ़ाई कर सके। यह पुस्तकालय ही एक ऐसी जगह थी, जहां पर वह अपने एग्जाम की तैयारियाें के लिए आते थे। मगर अब इसे कैफे बनाने की तैयारी की जा रही है। उन्हाेंने कहा कि नगर निगम का यह निर्णय पूरी तरह से गलत है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिमला में विधानसभा के पास बनी लाइब्रेरी में भी जगह नही होती, उसके बाद वह यहां आते हैं। पर राज्य पुस्तकालय में भी जगह नही मिलती है। ऐसी सूरत में राज्य पुस्तकालय को कैफेटेरिया बनाना गलत है जिसे छात्र हरगिज बर्दास्त नही करेंगे।
वहीं वरिष्ठ नागरिक संजय कुमार वर्मा और वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि उन्हाेंने भी अपनी स्टूडेंट लाइफ इसी लाइब्रेरी में गुजारी है। अभी भी वह यहां पर आते रहते हैं। उन्हाेंने कहा कि लाइब्रेरी एक ऐतिहासिक जगह है और रिज काे चर्च और लाइब्रेरी से ही जाना जाता है। ऐसे में इसे बंद करना गलत निर्णय है।
सीपीआईएम (CPIM ) ने यह कहा
सीपीआईएम लोकल कमेटी ने कहा है कि शिमला सरकार व नगर निगम राज्य पुस्तकालय को रिपेयर के नाम पर लाइब्रेरी को बंद ना करे। अगर लाइब्रेरी को रिपेयर करना ही चाहते है तो उससे पहले सरकार व नगर निगम छात्रों के साथ लिखित में समझौता करे की पुस्तकालय को बंद नही किया जाएगा और इसका संचालन जो अभी शिक्षा विभाग कर रहा है भविष्य में भी शिक्षा विभाग ही करे ना की नगर निगम और अगर मरमत का कार्य करना है तो उसकी भी तय सीमा निर्धारित की जाए क्योंकि ये छात्रों के भविष्य का प्रश्न है। सरकार को तुरंत इस फैसले को वापिस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे भी पुस्तकालय का अभाव है 30 हजार रजिस्टर छात्र है जो की बहुत बड़ी संख्या है इसलिए सरकार व नगर निगम को और पुस्तकालय भी खोलने चाहिए।
एसएफआई ने भी किया विराेध
शिमला में स्थित राज्य पुस्तकालय को कैफे में तब्दील करने के फैसले का एसएफआई ने भी कड़ा विराेध किया है। एसएफआई के राज्याध्यक्ष रमन थारटा और राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा है कि मौजूदा सरकार का शिक्षा और उससे जुड़े संस्थानों से कोई सरोकार नही है। प्रदेश सरकार जहां एक ओर शिखर की ओर हिमाचल का नारा देकर राष्ट्रीय स्तर पर फर्जी आंकड़े पेश कर शिक्षा क्षेत्र में वाहवाही लूटने लगी है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह के फैसले लेकर प्रदेश की शैक्षणिक छवि को धूमिल करने का कार्य कर रही है। यह प्रदेश की धरोहर ऐतिहासिक राज्य पुस्तकालय को आज एक ढाबे में तब्दील करने वाली सरकार की मंशा से साफ जाहिर होता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले ही पुस्तकालयों की संख्या कम है बजाए नए पुस्तकालय खोलने के सरकार पुराने पुस्तकालय को भी बंद कर जीर्णोद्धार के नाम से अपनी शिक्षा विरोधी नीतियों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। उन्हाेंने मांग उठाई कि सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर इस प्रस्ताव को शीघ्र वापिस लें, अन्यथा एसएफआई काे मजबूरन आंदाेलन करना पड़ेगा।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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