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सरबजीत सिंह बॉबी की संस्था पर आईजीएमसी प्रशासन ने लगाया बिजली,पानी चोरी और अराजकता फ़ैलाने का आरोप

शिमला– शिमला के आईजीएमसी (IGMC) हॉस्पिटल में ऑलमाइटी ब्लेसिंग्स (Almighty Blesings) संस्था द्वारा चलाए जाने वाले लंगर को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ ली है। जिस तरीके से पुलिस बल का प्रयोग कर लंगर बंद करवाया गया उसने लगभग सभी लोगों को हैरानी में डाल दिया है। आम लोगों के साथ-2 कांग्रेस भी इस का कड़ा विरोध कर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि सात साल से जरूरतमंद लोगों की सेवा करके संस्था ने कौन सा अपराध कर दिया जो पुलिस बल का प्रयोग कर अस्पताल प्रशाशन ने लंगर बंद करवा दिया। प्रशासन पर आरोप लगया जा रहा है कि किसी अपने चहते को ये जगह मुहैया करवाने के लिए ये सब किया गया है।
पर आईजीएमसी के एम एस डॉक्टर जनक राज ने संस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने संस्था द्वारा लंगर के आयोजन के लिए इस्तेमाल हो रहे अस्पताल के बिजली और पानी को चोरी करार दिया है और संस्था को आ रहे धन के स्त्रोतों पर भी सवाल खड़े किये हैं। उनका मानना है की ये सब कार्य भले इंसान की करनी नहीं लग रहे। उन्होंने ने ये भी आरोप लगाए कि संस्था सेवा के नाम पर अराजकता फैला रही है।
जनक ने मीडिया से सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा है कि यह मुद्दा वर्तमान समय का नहीं है। 2014 में सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे की ना कोई जगह दी जाए ना ही कोई अन्य गतिविधि की इजाज़त दी है केवल बनी बनायी चाय और खिचड़ी को बाँटने की इजाज़त दी गयी थी। वर्ष 2016 में इस संस्था ने चाय बिस्किट बाँटने का कार्य शुरू किया था। उसके बाद इन्होने कैंसर अस्पताल के अंदर खाना बनाने का कार्य शुरू किया। वहाँ पर एक आग की घटना हुई थी और उस वक्त संस्था के संस्थापक ने लंगर बंद करने की घोषणा की थी। उसके बाद 16 दिसम्बर 2016 को डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल ने पत्र के माध्यम से सूचित किया था कि यह जो निर्माण कार्य हो रहा है यह गैर क़ानूनी है और इसका ढांचा कच्चा है यहां पर किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसके लिए संस्था स्वयं जिम्मेवार होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2016 में सरकार ने अस्पताल प्रशासन को इस संस्था को पहले से बने खाने को बाँटने के लिए जगह देने पर सोच विचार करने के लिए कहा था। लेकिन ऐसा कोई भी निर्णय अस्पताल द्वारा नहीं लिया गया था। उन्होंने यह भी कहा की अस्पताल के पास बहुत सारी एनजीओ (NGO) के आवेदन आते रहते है की हमे भी दान पुण्य करने के लिए जगह दी जाये। उन्होंने यह भी कहा कि भावनाओं से व्यवस्था नहीं चलती है व्यावस्था को चलने के लिए कानून और नियमो के अनुरूप कार्य करना होता है। सेवा के नाम पर अराजकता को नहीं पनपने दिया जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके साथ आये लोगो को मिल रही मदद के खिलाफ अस्पताल प्रशासन बिलकुल भी नहीं है। अस्पताल केवल नियमानुसार अपनी सम्पति को लेने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा,पानी की चोरी, बिजली की चोरी, ये एक नेक नियत के इंसान के कार्य नहीं हो सकते। 22 जनवरी 2021 को इस संथा ने स्वयं घोषणा की थी कि 31 मार्च 2021 तक यह लंगर बंद कर देंगें।
उन्होंने यह भी कहा की यह संस्था जो भी कार्य कर रही है, संस्था या व्यक्ति विशेष अपनी आमदनी से नहीं कर रहे हैं। इसको लोगो के सहयोग के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा की लोगों के द्वारा दी गयी सहायता राशि का प्रयोग कहाँ हुआ और कैसे हुआ ये जानने का अधिकार उनको है। और किसी भी संस्था को प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता के बारें में जानकारी इंडियन सोसाटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत देनी पड़ती है। एमएस ने कहा कि इतने बड़े सेवाकार्य को चलाने के लिए काफी धन की आवश्यकता होती है। पैसा कहाँ से आ रहा है,कौन पैसा दे रहा है। इस संस्था ने प्रतिदिन तीन हजार लोगों को खाना खिलाने का दावा किया है और निशुल्क एम्बुलेंस की भी सुविधा दी है। जब यह संस्था आईजीएमसी के नाम पर काम कर रही है तो अस्पताल प्रशासन को जानने का यह अधिकार है। 21 जुलाई 2021 को उच्च न्यायलय ने संज्ञान लिया है कि प्रदेश भर के अवैध कब्जों पर हलफनामा दायर हो।
उन्होंने सरकार से मांग की है की इस सारे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय मजिस्ट्रेट जाँच करवाई जाये। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास प्रतिदिन भिन्न-2 संस्थाओं से जगह को आवंटित करने के आवेदन आते रहते है कि अगर उनको जगह दी है तो हमें भी जगह दी जाये। एमएस ने यह भी कहा कि अस्पताल प्रशासन से संस्था के संस्थापक खुली वार्तालाप करें। ये जाँच करने का अधिकार अस्पताल प्रशासन को है कि इतना सारा ताम झाम जो किया जा रहा है उसका फंडिग सोर्स क्या है। कहीं कोई असमाजिक तत्व इसमें सहयोग तो नहीं कर रहे, कहीं किसी गलत धारणा से कोई कार्य तो नहीं हो रहा। जनता के सामने सारा लेखा जोखा रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल प्रशासन फ्री में मिल रहे लंगर के खिलाफ बिलकुल भी नहीं है।
क्या है युथ कांग्रेस का कहना
हिमाचल प्रदेश युथ कांग्रेस ने आज प्रेस वार्ता में प्रदेश सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा है कि ऐसी क्या वजह रही होगी की आईजीएमसी प्रशासन ऑलमाइटी संस्था का सारा सामान उठाकर सड़कों पर बिखेर देती है। इन्होने सरकार पर आरोप लगाया की सरकार अपने लोगों को व्यवस्थित करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। हाल ही मे आईजीएमसी प्रशाशन ने एक मीटिंग आयोजित की और उस मीटिंग में यह प्रस्ताव पारित किया है कि इस लंगर को किसी और को दिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बात यह नहीं है कि यह लंगर किसी और को दिया जायेगा, वह भी सेवा करेगा,यह भी सेवा कर रहे है। इस लिए प्रशाशन इस लंगर को जल्द से जल्द खाली करने की मुहीम कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि यह सरकार हर संस्थान को बर्बाद करने में तुली है और हर संस्थान का भगवाकरण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा की युवा कांग्रेस सर्वजीत सिंह बॉबी का पूर्ण रूप से समर्थन करेगी।
क्या है कांग्रेस यंग ब्रिगेड का कहना
कांग्रेस यंग ब्रिगेड ने भी आईजीएमसी के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन मुर्दाबाद, प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। अध्यक्ष वीरेंद्र बांसटू ने कहा कि पिछले सात साल से गरीब जनता का पेट भर रहे सर्वजीत सिंह बॉबी के लंगर को अवैध बताना गलत है। उन्होंने कहा कि लंगर पर राजनीति नही होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व अन्य क्षेत्रों से जुड़े कई लोगों ने यहां पर लंगर सेवा दी है। लेकिन 7 साल बाद अब जाकर आईजीएमसी प्रशासन को होश आई है। उन्होंने कहा कि अगर लंगर को बहाल नही किया जाता है तो आगामी समय मे प्रदेश की जनता इसके खिलाफ आंदोलन करेगी। बता दें कि लंगर चलाने वाले सर्वजीत सिंह बॉबी मौजूदा समय में बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
क्या है लोगो का कहना
इसी बीच आम लोग भी संस्था के समर्थन में आये हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि किस तरह उन्हें इस संस्था ने बुरे समय में मदद की थी।
ऐसे ही एक व्यक्ति ने कहा कि: “पिछले लोकडाउन में लोग अस्पताल में फंसे थे। मुझे पता है कि तब यहां कैसी स्थिति थी। उस समय खाने पीने की कोई सुविधा नहीं थी। पैसा होते हुई भी कहीं खाना नहीं मिल रहा था। तब सर्वजीत सिंह बॉबी ने ही उनकी मदद की थी और साथ ही साथ में मरीजों को भी खाना पैक करके दिया था। आज सरकार गरीबों के साथ अन्याय कर रही है। जो इन्होने बिजली पानी लिया वो वह घर तो नहीं ले गए लोगो की सेवा के लिए उपयोग किया है। सरदार ने इसको कोई होटल नहीं बनाया यह सब गरीब लोगों की सेवा के लिए कर रहे हैं। ”
उन्होंने सरकार को इस विषय में गहराई से सोचने का निवेदन किया है।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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