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कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषी नीलू को हुई उम्र कैद, पर परिजन फैंसले से नाखुश, कहा असली गुनेहगार अभी भी बहार

शिमला- प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए गुड़िया दुष्कर्म और हत्या के मामले का फैसला 18 जून 2021 को सुनाया गया। शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायधीश शिमला, राजीव भरद्वाज के कोर्ट ने दोपहर दो बजे इस मामले की सुनवाई की और नीलू चिरानी को दोषी साबित करते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी नीलू को 10,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। जब यह फैसला सुनाया गया था तो उस समय दोषी नीलू भी कोर्ट में मौजूद था। इस मामले में 28 अप्रैल को ही अनिल कुमार उर्फ नीलू को दोषी करार दिया जा चुका था। अदालत का यह फैसला वारदात के चार साल के बाद आया है।
दोषी ने मीडिया से यह कहा
मीडिया से बातचीत करते हुए दोषी नीलू चिरानी ने कहा है की सीबीआई ने मुझे फंसाया है और मैं बिल्कुल निर्दोष हूँ। और उसने यह भी कहा की वह गुड़िया को जानता तक नहीं था। वह अपनी इस लड़ाई को उच्च न्यायालय में लेकर जायेगा। उसके परिजनों ने भी मिडिया से कहा की उनको अभी तक न्याय नहीं मिल रहा। संगीन आरोप लगते हुए नीलू ने मीडिया से कहा कि उन्हें जाँच एजेंसी की तरफ से जान से मरने की धमकी तक दी गयी ।
फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में करेंगे अपील
नीलू के अधिवक्ता ने न्यायालय का फैसला आने पर कहा है की वह इस फैंसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। क्योंकि जाँच एजेंसी नीलू चिरानी के खिलाफ मौका ए वारदात पर मौजूदगी को लेकर कोई भी ठोस प्रमाण अदालत में पेश नहीं कर पाई है
गुड़िया के परिजन फैंसले से नाखुश
गुड़िया के परिजनों ने कहा कि चार साल के बाद भी उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला है। अब वह मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाएंगे। जब तक बेटी को इंसाफ नहीं मिलता, तब तक वह वह कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने सारे प्रकरण का गुनहगार चिरानी नीलू को बनाकर अपना पल्लू झाड़ लिया है,क्योंकि इतने बड़े अपराध के पीछे एक व्यक्ति ला हाथ नहीं हो सकता। इस अपराध में एक से अधिक व्यक्ति शामिल थे। और उन्होंने यह भी कहा की मामले की जांच ठीक से हुई होती तो आज असली गुनहगार सलाखों के पीछे होते। इसलिए मामले की फिर से जांच होनी चाहिए। क्योंकि असली गुनहगार आज भी बिना किसी डर के बाहर घूम रहे है।
यह मामला शिमला जिले के कोटखाई का है यहां 4 जुलाई 2017 को महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा घर वापसी के दौरान अचानक लापता हो गयी थी। 5 जुलाई को उसके परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। तलाश के दौरान 6 जुलाई 2017 को 16 साल की गुड़िया की लाश नग्न अवस्था में हलाईला के जंगल में मिली थी और पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी थी। 7 जुलाई को गुड़िया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी तो उसमे दुष्कर्म की पुष्टि की गयी। 10 जुलाई को सरकार ने आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था। और 11 जुलाई को चार युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तथा 13 जुलाई को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 55 घंटे के भीतर मामला सुलझाने का दावा किया, और 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। 14 जुलाई को जनता काफी भड़क गयी थी, तत्तकालीन वीरभद्र सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
18 जुलाई की आधी रात को पुलिस हिरासत में आरोपी सूरज की मौत हो गयी। जिसके कारण 19 जुलाई को कोटखाई थाना जनता के द्वारा फूंका गया था। केंद्र ने जब सीबीआई जांच की सिफारिश पर कोई गौर नहीं किया तो राज्य सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए तो 22 जुलाई को सीबीआई ने दिल्ली में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए तथा इस मामले की जांच शुरू की। 29 अगस्त को सीबीआई ने आइजी समेत आठ पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया था। तथा 16 नवंबर को शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। 25 नवंबर को सीबीआई ने सूरज कस्टोडियल डेथ मामले पर एसआइटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने आरोपी नीलू कोटखाई से गिरफ्तार किया था। 25 अप्रैल 2018 को-सीबीआई ने हाईकोर्ट में फाइनल स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी। 29 मई को सीबीआई ने नीलू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और 28 अप्रैल 2021 को आरोपी को दोषी करार दिया गया। अब 18 जून 2021 को कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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