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हिप्र मंत्रिमण्डल के निर्णय: हिमाचल मे धारा 144 और कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता हटी, बसें चलाने को मंजूरी

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शिमला – आज हिमाचल प्रदेश सर्कार की मंत्रिमंडल की बैठक में   कई अहम निर्णय लिए गए।  दुकानें खोलने का समय बढ़ा दिया गया है।  14 जून से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दुकाने खोलने का समय तय किया गया है जबकि शनिवार और रविवार को जरूरी सामान की दुकानों को छोड़कर सभी  दुकानें बंद  रहेंगी।

प्रदेश में धारा 144 हटा ली गई है और राज्य में प्रवेश करने के लिए आरटीपीसीआर परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश भर में शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सोमवार 14 जून से सरकारी दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारी आएंगे। अभी तक 30 फीसदी कर्मचारी दफ्तरों में आ रहे थे। प्रदेश में मंदिर अभी भी बंद रहेंगे।

प्रदेश में 23 जून से सभी चिकित्सा महाविद्यालय,आयुर्वेदिक महाविद्यालय और दंत महाविद्यालय खोले जायेंगे तथा 28 जून से फार्मेसी और नर्सिंग स्कूल खुलेंगे।

मंत्रिमण्डल ने 50 प्रतिशत क्षमता के साथ राज्य में सार्वजनिक परिवहन को अनुमति प्रदान की। बसें सुबह 9 बजे से शाम 5 तक चलेगी।

प्रदेश में कोरोना महामारी के दृष्टिगत मंत्रिमण्डल ने यूजीसी द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार स्नातक तथा शास्त्री के अंतिम वर्ष की परिक्षाएं जुलाई, 2021 में आयोजित करवाने का निर्णय लिया है। मंत्रिमण्डल ने अंतिम वर्ष की परिक्षाएं समाप्त होने पर स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष अगस्त माह के प्रथम सप्ताह से शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्नातक की कक्षाएं आरम्भ करने का भी निर्णय लिया गया।

मंत्रिमण्डल ने परिवहन क्षेत्र को लगभग 40 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की है, जिसके अन्तर्गत स्टेज कैरिज ओप्रेटर के लिए कार्यशील पूंजी पर ब्याज अनुदान योजना शामिल है। इसके तहत प्रति बस 2 लाख रुपये की ऋण राशि और अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ऋण राशि बस आपरेटरों को कार्यशील पूंजी के रूप में प्रदान की जाएगी। ऋण की अवधि 5 वर्ष के लिए होगी, जिसमें एक वर्ष अधिस्थगन अवधि का होगा। इसके अन्तर्गत 75 प्रतिशत ब्याज अनुदान रहेगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। दूसरे वर्ष में ब्याज पर 50 प्रतिशत का ब्याज अनुदान दिया जाएगा, जो राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना पर सरकार की ओर से करीब 11 करोड़ रुपए की राहत प्रदान की गई है।

मंत्रिमण्डल ने स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, ऑटोरिक्शा और इंस्टीट्यूशन बसों को भी आवश्यक राहत प्रदान करते हुए 1 अगस्त, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक विशेष रोड टैक्स और टोकन के भुगतान पर 50 प्रतिशत की राहत दी है। परिवहन क्षेत्र को इस निर्णय से लगभग 20 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।

बैठक में 1 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 तक तीन महीने की अवधि के दौरान स्पैशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स पर 50 प्रतिशत राहत प्रदान करने का भी निर्णय लिया। इस निर्णय से स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, ऑटोरिक्शा, कांट्रेक्ट कैरिज बसें और संस्थानों की बसों को 8 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। कोरोना के संकट काल में परिवहन क्षेत्र को सरकार द्वारा प्रदान की गई इस राहत से राज्य के सभी लोगों को लाभ होगा और परिवहन क्षेत्र के लिए भी यह एक बड़ी सहायता साबित होगी।

इन पदों को भरने की दी मंजूरी

1. जल शक्ति विभाग में 486 पेयजल एवं 31 सिंचाई योजनाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए विभागीय पैरा वर्कर्स नीति के तहत विभिन्न श्रेणियों के 2322 पदों को भरने को मंजूरी दी।

2. उद्योग विभाग के जियोलोजिकल विंग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबन्ध आधार पर माइनिंग गार्ड के चार पद भरने का भी निर्णय लिया गया।

3 .  हिमाचल प्रदेश निर्वाचन विभाग में सीधी भर्ती द्वारा अनुबंध आधार पर जूनियर ऑफिसर  असिस्टेंट (आईटी) के सात पद भरने का निर्णय लिया।

4. बैठक में आईजीएमसी शिमला ट्राॅमा/टर्शरी  केयर सेंटर व आईजीएमसी शिमला के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक चमियाना के सुचारू संचालन और प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 401 पदों को सृजित कर भरने के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों के 328 पद आउटसोर्स के आधार पर भरने का निर्णय लिया गया।

5. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में विभाग को बेहतर रूप से संचालित करने के लिए अनुबन्ध आधार पर निरीक्षक ग्रेड-1 के तीन पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई |

6. उपायुक्त कार्यालय चम्बा में दैनिक वेतन भोगी आधार पर चालक के दो पद भरने का निर्णय लिया गया।

7. राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिन्द्रनगर में दैनिक वेतन भोगी आधार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दो पद भरने का निर्णय लिया।

8. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र थुनाग मंडी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने के साथ इसे कार्यशील करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के तीन पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया है।

9. सिस्टर निवेदिता राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय शिमला में रीडर एवं एसोसिएट प्रोफेसर का एक पद भरने का निर्णय लिया गया।

10. हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग हमीरपुर जोन मुख्य अभियंता कार्यालय में उप-नियंत्रक वित्त एवं लेखाकार का एक पद सृजित करने को स्वीकृति प्रदान की गई।

11. जिला ऊना के गगरेट में नवनिर्मित उपमंडल निर्वाचन कार्यालय में जूनियर ऑफ़िसर अस्सिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के एक-एक पद सृजित करने का भी निर्णय लिया गया। जूनियर ऑफ़िसर अस्सिस्टेंट का पद अनुबंध के आधार पर, जबकि चतुर्थ श्रेणी का पद दैनिक वेतन आधार पर भरा जाएगा।

12. कांगड़ा जिला में 200 बिस्तर क्षमता के नागरिक अस्पताल नुरपुर के सुचारू संचालन के लिए चिकित्सा अधीक्षक का एक पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया।

बैठक में जिला ऊना के पंडोगा में 200 बिस्तरों वाले, राधा स्वामी सत्संग परौर पालमपुर में 500 बिस्तरों वाले, जिला मण्डी के खलियार में राधा स्वामी सत्संग और जिला सोलन में राधा स्वामी सत्संग आंजी में 200 बिस्तरों वाले मेकशिफ्ट अस्पतालों की जनहित में संचालन की कार्योत्तर अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया। 60 स्टाफ नर्स,   6 वार्ड सिस्टर, 30 वार्ड ब्वाॅय, 20 स्वीपर, 15 सुरक्षाकर्मी, 10 हाउस कीपिंग व्यक्ति और 5 डीईओ आउटसोर्स के माध्यम से उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया गया।

मंत्रिमण्डल ने एसएमसी के अन्तर्गत नियुक्त सभी श्रेणियों के अध्यापकों के मानदेय में 1 अप्रैल, 2021 से 500 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया।

बैठक में प्राथमिक शिक्षा विभाग में मिड-डे मील योजना के अन्तर्गत कुक-कम-हेल्पर के मानदेय में 1 अप्रैल, 2021 से 300 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।

उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए योजना में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि पर्यटन इकाई ऑपरेटरों  को प्रचलित बाजार दरों से कम ब्याज दरों पर कार्यशील पूंजी प्राप्त हो सके। संशोधित योजना के तहत प्रथम वर्ष में 75 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा पांच वर्षों तक भुगतान अवधि बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इस नवीन योजना में रोपवे और ट्रैवल एजेंट जैसी अन्य श्रेणियों को भी शामिल किया गया है।

कोविड महामारी के कारण मृत्यु होने पर परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत शामिल करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत प्रायोरिटी हाउसहोल्ड को चिन्हित करने के लिए 1 अगस्त, 2013 को जारी दिशा-निर्देशों में ऐसे परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए छूट दी जाएगी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना 2019 में सेवा उद्यमों और सम्बन्धित मालवाहक वाहनों को संयुक्त सम्बन्धित गतिविधियों के रूप में जोड़ने के लिए आवश्यक सुधार किए जाने की स्वीकृति दी। योजना के तहत वर्तमान में संयंत्र तथा मशीनरी में 40 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा को बढ़ाकर 60 लाख रुपये तथा वर्तमान में 60 लाख रुपये की कुल परियोजना लागत को अधिकतम एक करोड़ रुपये करने का प्रावधान किया गया। इसके अतिरिक्त, 40 लाख की ऋण राशि के बजाय अब 60 लाख की ऋण राशि पर पांच प्रतिशत ब्याज उपदान तीन वर्ष के लिए प्रदान किया जाएगा।

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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

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शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।

टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।

लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।

सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।

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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

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शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।

उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।

विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।

उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है। 

विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है। 

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।

इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।

इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।

इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।

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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

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शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।

इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।

लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।

नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।

इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।

राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।

लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।

जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।

शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।

विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।

राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।

मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।

मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।

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