विश्वविद्यालय कैंपस में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर, प्रशासन के सामने पुख्ता सबूत पेश करने के बावजूद अधिकारियों को सरंक्षण
शिमला-एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन,कुलपति व प्रदेश सरकार का लगातार छात्रों की समस्यायों को नज़रंदाज़ करने व लगातार छात्र विरोधी फरमान जारी करने के विरोध में समरहिल चौक पर मुंह पर काली पटिया बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
सुबह से ही एस एफ आई के छात्र हाथो में विभिन्न मांगो को प्रदर्शित करते पोस्टर पकड़कर खड़े रहे।कैंपस सचिव जीवन ठाकुर ने बताया कि आज विश्वविद्यालय अपना स्थापना दिवस समारोह मना रहा है,ओर दूसरी ओर छात्र मांगो को लेकर आंदोलनरत है। छात्रों ने प्रदर्शन का अनूठा रूप दिखाया,क्योंकि कुलपति ने कैंपस में तानाशाह एजेंडा लागू कर धरने प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा रखा है। एस एफ आई ने कहा कि छात्र मुख्यत कैंपस में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग कर रहे है क्योंकि लगातार कैंपस में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
एस एफ आई ने कहा कि कैंपस में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है । पी एच डी के अंदर अवैध रूप से फर्जी प्रवेश हो रहा है ।एस एफ आई ने प्रशासन के सामने पुख्ता सबूत पेश भी किए लेकिन प्रशासन अपने चहेते अधिकारियों को सरंक्षण दे रहा है । स्थापना दिवस के अवसर पर आज एस एफ आई ने मुख्यमंत्री को भी मांग पत्र सौंपकर छात्र मांगो को उठाया।एस एफ आई ने मांगपत्र के माध्यम से एस सी ए चुनाव को जल्द बहाल करने की मांग की। इसके साथ साथ एस एफ आई के छात्रों से हो रहे सौतेले व्यवहार को भी प्रमुखता से उठाया ।
एस एफ आई ने आरोप लगाया कि क्योंकि कुलपति विशेष विचारधारा को सरंक्षण दे रहे है।जिसका जीता जागता प्रमाण पिछले कल ए बी वी पी के छात्रों का निष्काषन बहाली करना है।हालांकि एस एफ आई निष्काषन बहाली के विरोध में नहीं है,लेकिन विचारधारा को निष्काषन बहाली का पैमाना बनाना आखिर कहां तक जायज है?एस एफ आई के सात छात्र पिछले पांच सालों से निष्कासित है ।एस एफ आई ने मांग की है कि इन छात्रों का निष्काषन भी जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
एस एफ आई ने कहा कि कैंपस में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक संघ संबंधित छात्र संगठन के पदाधिकारियों में शामिल है।कैंपस में बिना किसी डर के प्राध्यापक छात्र राजनीति में सरेआम हिस्सा ले रहे है। एस एफ आई मांग की है कि ऐसे प्राध्यापको पर कड़ी कार्रवाई की जाए।कैंपस को धांधलियों का गढ़ बनाने वाले अधिकारियों पर भी एस एफ आई ने करवाई की मांग की है क्योंकि इन लोगो की वजह से शैक्षणिक स्तर में भारी गिरावट आई है ,तथा विश्विद्यालय की छवि भी धूमिल हो रही है।विश्वविद्यालय में छात्रावासो का आभाव है। प्रशासन सभी छात्रों को हॉस्टल सुविधा देने में नाकाम है।
एस एफ आई नए हॉस्टलों के निर्माण की मांग की है तथा वर्तमान में गर्ल्स होस्टल में बन्द हुई इंटर हॉस्टल आउटिंग ,तथा ब्वॉयज हॉस्टल के छात्रों को रात के समय लाइब्रेरी ना देने वाले निर्णय को जल्द वापिस लेने की मांग की है।कैंपस अध्यक्ष विक्रम ठाकुर ने कहा कि लंबे समय से इन्हीं मांगो को प्रमुखता से प्रशासन के समक्ष उठाया था।लेकिन फिर भी अभी तक प्रशासन ने कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की।बल्कि आवाज़ उठाने वाले छात्रों को प्रताड़ित करने में ही ध्यान दिया। एस एफ आई ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से उम्मीद करते है कि इन मांगो पर जल्द से जल्द छात्र हितेषी पहल को अंजाम दिया जाएगा । छात्रों ने चेतावनी कि यदि ऐसा नहीं होता तो एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के अंदर आंदोलन को खड़ा करेगी
सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अध्यापकों ने परिजन और बच्चों को कोरोना संक्रमण व बचाव से करवाया अवगत
मंडी-बस सेवायें बंद होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। इसी कारण परिजनों और बच्चों और अध्यापकों को स्कूलों तक पहुँचने में दिक्कत का सामना करना पड़। स्कूलों में छात्रों और उनके परिजनों के बीच उचित दूरी बनाये रखना और उनके हाथ बार-बार सैनिटाइज करवाना भी स्कूलों के आगे एक चुनौती थी।
इस प्रवेश प्रक्रिया के दौरान राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदर नगर में भी 12 मई 2020 से 16 मई 2020 तक ऑफलाइन प्रवेश का दौर रहा। इस दौरान प्रधानाचार्य मनोज वालिया व समस्त स्टाफ ने बच्चों तथा अभिभावक गण को कोरोना वायरस के संक्रमण व उससे बचाव के बारे में अवगत करवाया।
प्रधानाचार्य मनोज वालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पाठशाला की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी ललिता बंगिया व राजकुमारी तथा स्वयंसेवी छात्राओं ने नए सत्र की कक्षा में प्रवेश हेतु आई छात्राओं व उनके अभिभावकों को सामाजिक दूरी को बनाए रखने की व्यवस्था की गई तथा प्रवेश हेतु आई हुई छात्राओं व अभिभावकों के हाथ समय-समय पर सैनिटाइज करवाए गए।
होटल ईस्टबोर्न के 120 मजदूरों का इपीएफ 2016 के बाद नहीं हुआ जमा, ब्रिज व्यू रीजेंसी, ली रॉयल, तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, वुडविले पैलेस में भी इपीएफ में गड़बड़
शिमला-आज दिनांक 22 अगस्त को हिमाचल के अलग-अलग होटलों से 200 कर्मचारियों ने ईपीएफओ विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कियाI
कर्मचारियों का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन शिमला शहर के विभिन्न होटलों में इपीएफ की समस्याओं को लेकर किया गया जिसमें मुख्य समस्या होटल ईस्ट बोर्न, होटल ब्रिज व्यू रीजेंसी, होटल ली रॉयल, होटल तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, होटल वुडविले पैलेस की हैI
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा महासचिव विनोद ने कहा कि ईस्टबोर्न में लगभग 120 मजदूर कार्यरत है जिसका इपीएफ 2016 से प्रबंधन द्वारा अभी तक जमा नहीं किया गया है और वैसा ही हाल ब्रिज व्यू में भी हैI
वहां पर भी एक साल से प्रबंधक द्वारा पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया हैI विनोद ने कहा कि वही होटल ले रॉयल में मजदूरों का पीएफ का पैसा जिस एक्ट के तहत कटना चाहिए था वह मालिक नहीं काट रहा है और होटल ली रॉयल का इपीएफ वेस्ट बंगाल में जमा किया जाता है जिससे मजदूरों को समस्या का हो रही हैI विनोद ने कहा कि तोशाली में भी मजदूरों का पीएफ के पैसे में कटौती की जा रही है जोकि यूनियन को बिल्कुल मंजूर नहीं होगाी
विनोद ने कहा कि यूनियन ने पीएफ कमिश्नर को इन समस्याओं से अवगत करवाया और पीएफ कमिश्नर ने वादा किया कि 31 अगस्त तक सभी होटलों में प्रबंधन द्वारा की जा रही गड़बड़ियों की पूरी जांच की जाएगी और जहां भी मालिक को द्वारा मजदूरों का पैसा जमा नहीं किया जा रहा है उन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगीI
इस प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, सीटू जिला सचिव अजय दुलटा, सीटू जिला प्रधान कुलदीप डोगरा, सीटू जिला उपाध्यक्ष किशोरी डलवालिया,अध्यक्ष बालकराम, कोषाध्यक्ष पवन शर्मा व अन्य साथी कपिल नेगी विक्रम शर्मा सतपाल राकेश चमन मौजूद थे
शिमला जिला में सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर, बागवानों को सेब मंडियों तक पहुंचाने में में आ रही परेशानी
शिमला-हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से बहुत क्षति हुई हैी इस दौरान 63 जाने गई हैI प्रदेश में आज सैंकड़ो सड़के बन्द पड़ी है राष्ट्रीय उच्चमार्ग व अन्य मुख्य मार्गो पर भी सफर अभी तक जोखिम भरा है। इस आपदा से प्रदेश के लगभग सभी जिले प्रभावित हुए हैं परन्तु शिमला,कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर,हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन आदि जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़के सुचारू नही है। जिससे क्षेत्र के बागवानों को सेब मण्डिया तक पहुंचाने में बेहद परेशानी हो रही हैी
यह कहना है भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की ज़िला कमेटी शिमला के सचिव व पूर्व मेयर संजय चौहान का। उन्होंने प्रदेश सर्कार से इस क्षति का तुरंत आंकलन करवा कर इसकी क्षतिपूर्ति की मांग की है।
उन्होंने कहा कि शिमला जिला के चौपाल, रोहड़ू, रामपुर व ठियोग तहसीलों में अधिक जान व माल की क्षति हुई है। आज भी चौपाल, चिढ़गांव रामपुर तहसील के अधिकांश क्षेत्र अन्य हिस्सों से कटे हुए हैं। शिमला जिला में अधिकांश सम्पर्क मार्ग या तो बन्द है या सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहे हैं। जिला में सेब का सीजन पूरे यौवन पर है तथा सड़को का सुचारू रूप से कार्य न करना बागवानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़क मार्ग सुचारू न होने से सेब सड़ने की कगार पर आ गया है।
चौहान ने कहा कि रोहड़ू – देहरादून वाया हाटकोटी मार्ग बंद होने से बागवानों को बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि जुब्बल,रोहड़ू,चिढ़गांव आदि क्षेत्रों से अधिकांश सेब इसी मार्ग से मण्डिया में भेजा जाता है।
पार्टी ने मांग की है कि आपदा से हुई इस क्षति का आंकलन तुरंत करवाया जाए तथा प्रभावितों को इसका उचित मुआवजा तुरंत दिया जाए। इसके अतिरिक्त बन्द पड़े सभी मुख्य व लिंक मार्गो को तुरंत खोला जाए ताकि बागवानों को उनका सेब मण्डिया तक पहुचाने में आ रही परेशानी को समाप्त किया जाए। चौहान ने कहा कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठती तो पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।