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कांग्रेस नेता ने लांघी गुण्डागर्दी की तमाम सीमाएं, पुलिस प्रशासन बना मूक दर्शक: भाजपा
शिमला- हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती पूर्व मंत्री रिखी राम कौण्डल तथा भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्र धर्माणी ने बिलासपुर विधयाक बम्बर ठाकुर के बड़े पुत्र द्वारा अपने साथियों सहित मिलकर तीन युवकों पर जानलेवा हमला करने की बात पर कहा कि प्रदेश सरकार आतंक के सहारे शासन कर रही है। कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश में गुण्डागर्दी की तमाम सीमाएं लांघ दी है। पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है और अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करने के वजाए उन्हें संरक्षण प्रदान कर रहा है। जिससे आम आदमी भयभीत और आतंकित है और असुरक्षा के साथ जी रहा है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि आए दिन हो रही अपराधिक घटनाओं में सत्ताधारियों की संलिप्तता स्पष्ट नजर आती है वावजूद उन पर कोई कार्यवाही किए जाने के वजाए निर्दाेशों को प्रताड़ित किया जा रहा है। बिलासपुर में घटित अपराधिक वारदात में विधायक पुत्र की संलिप्तता के बारे में सब जानते हैं परन्तु कोई कानूनी कार्यवाही के वजाए विधायक पुत्र को बचाने की पुरजोर कोशिशें हो रही है इससे पूर्व भी विधायक द्वारा सरकारी कर्मचारियों को डराने धमकाने के प्रर्याप्त सबूत हैं फिर भी उन पर कोई कार्यवाही न होना इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि अब प्रदेश में कानून नहीं बल्कि जंगल राज चल रहा है।
पढ़िए क्या है ये है मामला
बिलासपुर शहर के डियारा सैक्टर में वीरवार देर रात को सब्जी का काम करने वाले 3 युवक एक कार में बैठकर जा रहे थे कि हनुमान मंदिर के पास पहुंचने पर विधायक बंबर ठाकुर के बड़े बेटे ने अपने साथियों सहित कार को रोककर इन पर तेजधार हथियार व डंडों से हमला कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए तथा पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी।
सूचना मिलते ही सिटी चौकी प्रभारी भी मौके पर पहुंचे तथा मामले को संभालने की कोशिश की। इसके बाद थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि भीड़ व अंधेरे का लाभ उठाते हुए हमलावर मौके से फरार हो गए। इस दौरान बंबर ठाकुर भी मौके पर पहुंचे तथा अपने बेटे को गाड़ी में बैठाकर ले गए। नेता की इस हरकत पर स्थानीय जनता भड़क गई तथा रात को 2 बजे तक लोग सिटी चौकी के पास डटे रहे। मामले के तूल पकडऩे पर हरकत में आई पुलिस ने 6 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों को मिली जमानत, बिना सुचना पुलिस ने गुस्साई भीड़ पर बरसाए डंडे
3 सब्जी विक्रेताओं पर किए गए हमले के आरोपियों को जमानत मिल जाने के बाद डियारा सैक्टर में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। आरोपी अनिल उर्फ पिंटू के डियारा सैक्टर स्थित उसके क्वार्टर में पहुंचने की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग उसके क्वार्टर के बाहर सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित हो गए तथा उसे बाहर निकाल कर किसी दूसरे स्थान पर भेजने की मांग करने लगे। देर रात हुई घटना में गुस्साई भीड़ और पुलिस में गहमागहमी हो गई, जिसके चलते पत्थरबाजी भी हुई।
मारपीट के आरोपियों को पुलिस पकड़कर थाने ले गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा था तथा मौके पर पहुंचते ही पुलिस ने बिना किसी सूचना के डंडे बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा की गई इस डंडेबाजी का शिकार हुई पीड़ित ने बताया कि पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। डियारा सैक्टर पूरी तरह पुलिस छावनी में तबदील हो गया था तथा जिला प्रशासन ने साथ लगते पुलिस थाना बरमाणा से भी पुलिस बल मौके पर बुला लिया था।
भााजपा का यह कहा कि पिछले 3 वर्षों में हिमाचल प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में तीन गुणा ज्यादा बृद्धि हुई है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधिक घटनाओं में वेतहाशा बृद्धि के साथ अब प्रदेश आंतकियों की शरण स्थली भी बनता जा रहा है। कुल्लू में आईएसआईएस का संदिग्ध उग्रवादी व जतोग कैंट में देश विरोधी नारों ने सिद्ध कर दिया है कि प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति सुधार पाने में नाकाम साबित हुई है।
विदेशी पर्यकटों के साथ बलात्कार व प्रदेश भर में महिलाओं द्वारा आत्महत्या की घटनाओं में बृद्धि प्रदेश के बिगड़ते हालात के बारे में बता रहे हैं। सरकार की इस नाकामी से हिमाचल प्रदेश की छवि पर गहरा आघात पहुॅचा है। देवभूमि की छवि अपराध भूमि की वन रही है। यह कांग्रेस सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है।
भाजपा ने कहा कि बिलासपुर के सैक्टर 11 में हुए घटनाको करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए और मुख्यमंत्री को तुरन्त प्रभाव से विधायक से त्यागपत्र लेना चाहिए ताकि लोगों को अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधि को उनकी सुरक्षा करने के वजाए उन्हें आतंकित करने का दण्ड मिल सके। भाजपा नेताओं ने कहा कि विधायक द्वारा इससे पहले भी डीएफओ और एक डाक्टर के साथ दुरव्याहार किया जा चुका है पर सरकार विधायक पर कार्यवाई करने के वजाए सरकार मूकदर्शक बने बैठी है।
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।