मंडी
केन्द्रीय विद्यालय संधोल में प्रवेश के लिये 25 अक्तूबर से 10 नवम्बर तक मिलेंगे रजिस्ट्रेशन फार्म, शिक्षक पदों के लिये साक्षातकार 28 अक्तूबर को
हमीरपुर- केन्द्रीय विद्यालय, संधोल (मण्डी) में शैक्षणिक सत्र 2016-17 के लिये कक्षा प्रथम, दूसरी, तीसरी, चौथी तथा पांचवी में अपने बच्चों को दाखिल करवाने के लिये पंजीकरण फार्म अभिभावक 25 अक्तूबर से 10 नवम्बर तक केन्द्रीय विद्यालय, संधोल के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में प्राप्त कर सकते है अथवा स्कूल की वैबसाईट से फॉर्म डाऊनलोडकर सकते हैं यह जानकारी विद्यालय के प्राचार्य ने दी ।
विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि प्रवेश पाने वाले बच्चे की आयु 31 मार्च, 2016 को कक्षा पहली के लिये 5 वर्ष, दूसरी के लिये 6 वर्ष, तीसरी के लिये 7 वर्ष तथा चौथी के लिये 8 वर्ष और पांचवी के लिये 9 वर्ष होना अनिवार्य है। उपरोक्त कक्षाओं के लिये प्रवेश पंजीकरण 10 नवम्बर, 2016 तक रहेगा। उन्होंने बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया है कि अपने बच्चे का पंजीकरण फार्म 10 अक्तूबर (बीरवार) तक विद्यालय में जमा करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि सभी कक्षाओं के लिये प्रवेश हेतू चयनित बच्चों के नाम 15 नवम्बर को घोषित कर दिए जाएंगे।
केन्द्रीय विद्यालय संधोल में साक्षातकार 28 अक्तूबर को
शैक्षणिक सत्र 2016-17 के लिये प्राथमिक शिक्षक, संगणक प्रशिक्षक और संगीत नृत्य,खेल कूद योगा विशेषज्ञ के अस्थाई पदों के लिये साक्षात्कार 28 अक्तूबर (शुक्रवार) को 9 बजे विद्यालय परिसर में आयोजित की जाएगी।
प्राथमिक शिक्षक के लिये न्यूनतम योग्यता दस जमा दो (12th) एवं जेबीटी,एनटीटीई, बीए,बीएससी,बीएड न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ तथा संगणक प्रशिक्षक के लिये नयूनतम योग्यता एमसीए,बीसीए,एमएसी पीजीडीसीए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ और संगीत नृत्य,खेलकूद योगा विशेषज्ञ के लिये न्यूनतम योग्यता संबन्धित विषय में डिग्री व उत्कृष्ट उपलब्धि एवं अनुभव होना आवश्यक है।
प्राथमिक शिक्षक पद के लिये केविस, सीबीएससी के नियमानुसार सिर्फ सी टेट (पेपर-1) पास अभ्यर्थी ही योग्य होंगे और उन्हें साक्षात्कार के दौरान उक्त संबन्धित सी टैट (पेपर-1) की प्रति जो सीबीएसीस द्वारा जारी किया गया हो साथ लाना होगा।
साक्षात्कार के समय अभ्यर्थी अपने साथ सभी आवश्यक मूल प्रमाण-पत्र साथ लाएं और पासपोर्ट साईज की दो नवीनतम फोटो साथ में आवेदन पत्र के साथ संलग्र हेतू साथ लाएं। उन्होंने कहा है कि समस्त इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी साक्षात्मकार के लिये विद्यालय परिसर में 8:30 बजे आनी उपस्थिति सुनिश्चित करें,दोपहर 12:30 बजे के पश्चात किसी भी अभ्यर्थी का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। साक्षात्कार के लिये आने के लिये विद्यालय द्वारा किसी भी प्रकार क यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता देय नहीं होगा।
Photo: Sandhol.Com
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मंडी एरपोर्ट: बल्ह में उपजाऊ भूमि पर न बनाया जाए हवाई अड्डा
हिमाचल प्रदेश में कृषि के लिए सिर्फ 11 प्रतिशत ही जमीन है और सैटेलाइट चित्र के अनुसार यह जमीन 16 प्रतिशत है।
शिमला- हिमाचल प्रदेश सीपीआई (एम) के सचिव डा० ओंकार शाद ने मंडी में बनने वाले बल्ह एअरपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बल्ह हवाई अड्डा जरूर बनना चाहिए लेकिन सरकार को एयरपोर्ट बनाने के लिए उस भूमि का चयन करना चाहिए जो भूमि बहुत कम उपजाऊ हो।
डा० शाद ने यह भी कहा कि क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कृषि के लिए सिर्फ 11 प्रतिशत ही जमीन है और सैटेलाइट चित्र के अनुसार यह जमीन 16 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 1 लाख बीघा कृषि जमीन प्रदेश की हाइडल प्रोजेक्ट्स के लिए खत्म हुई है और आज भी उजड़े लोग दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं उन्हें अभी तक अपने गवाई जमीन का पुरा मुआबजा नही मिला है।
उन्होंने कहा कि यह हवाई अड्डा बनना चाहिए और प्रदेश के सभी लोग भी इसका समर्थन करते हैं परन्तु एयरपोर्ट बनने के लिए ज्यादा उपजाऊ भूमि न लगे।
डा० शाद ने कहा कि प्रदेश अनाज में आत्म निर्भर नहीं है तथा अनाज की बाहर से आपूर्ति करने पडती है। उन्हों कहा कि बल्ह को मिनी पंजाब के नाम से भी जाना जाता है लेकिन प्रदेश सरकार लोंगो को उजाड़ कर हवाई अड्डा बनाना चाहती है।
सचिव ने यह भी जानकारी दी कि देश का भूमि अधिग्रहण कानून 2013 भी 3 फसलों वाली जमीन अधिग्रहण करने की भी इजाजत नहीं देता है। इस हवाई अड्डा के लिए 12 गांव के 2000 परिवारों के 10000 लोग 2000 के करीब प्रवासी मजदुर भी पूरी तरह से उजड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस जमीन पर लोग एक साल में तीन नकदी फसलों को उगाते हैं और अपना रोजगार कमाते हैं इस तरह की जमीन प्रदेश में बहुत कम है तो क्या हवाई अड्डा ऐसी जगह बनाना सही है?
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार एक तरफ़ तो देश में नवउदारवादी नीतियों लागू कर कर रही है और देश के हवाई अड्डों ,रेलवे स्टेशन,जमीन, सरकारी कारखानों, बैंको ,बीमा कंपनीयों तथा दूसरी संसाधनों को बेचा जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांगड़ा का गगल हवाई अड्डा भी अमृतसर हवाई अड्डा के साथ बिक रहा है,तो क्या बल्ह हवाई अड्डा भी किसानों की जमीन ले कर उन्हें उजाड़ कर फिर पूँजीपतियों को ही दिया जाएगा?।
डा० ओंकार शाद ने कहा कि सीपीएम बल्ह में हवाई अड्डे का विरोध करती है तथा इसे मंडी में किसी दूसरी जगह में बनाया जाये,इसके लिए विकल्प है।
सीपीएम ने लोंगो से अपील की है कि बल्ह में हवाई अड्डे का वह विरोध करें तथा अपनी जमीनों की रक्षा करें।
मंडी
जहरीली शराब मामलें में मुख्य सरगना कालू समेत तीन लोग गिरफ्तार, अभी भी पी रहे लोग नकली शराब
शिमला– हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाले सलापड़ क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से अब तक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पुलिस ने मामले में जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जिनमें पूर्व पंचायत प्रधान भी शामिल था।
:-विस्तार से पढ़िए क्या है मंडी में जहरीली शराब का यह पूरा मामला और मरने वालों का आंकड़ा
वहीँ पुलिस की एसआईटी ने शुक्रवार देर रात जहरीली शराब से जुड़े मुख्य सरगना कालू उर्फ नरेंद्र कुमार समेत बैजनाथ से अजय कुमार व पालमपुर से गौरव इन तीनआरोपियों को देर रात गिरफ्तार किया है।
शराब पीने हुई 7 लोगों की मौत के बाद कालू उर्फ नरेंद्र कुमार भूमिगत हो गया था। वह सुंदरनगर उपमंडल की भनवाड़ पंचायत के छज्वार गांव का रहने वाला है।
हिमाचल की एक दैनिक अख़बार के मुताबिक इस पूरे गिरोह का मुख्य सरगना कालू (उर्फ नरेंद्र कुमार) है और वह पिछले 12 साल से शराब का अवैध कारोबार कर रहा है। । वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों को शराब की खेप भी उपलब्ध करवाता था। पुलिस द्वारा पकडे गए अन्य दो और आरोपी अजय कुमार और गौरव इस कारोबार में उसके पार्टनर थे।
अब इस मुख्य आरोपी और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद यह उम्मीद जगी है कि एसआईटी इन तीनों गहन पूछताछ करके इस कारोबार से जुड़े और अन्य संलिप्त आरोपियों को पकड़ सकती है। एसआईटी को यह भी जानने में मदद मिलेगी कि आरोपी नकली शराब कहां तैयार करवाते थे और कहां से इसकी खेप आती थी।
सुंदरनगर में अब भी पी रहे हैं लोग नकली संतरा ब्रांड की शराब
वहीं इस घटना के बाद भी सुंदरनगर में कुछ लोग नकली संतरा ब्रांड की शराब का सेवन करने गुरेज नहीं कर रहे हैं। शुक्रवार को सुंदरनगर शहर में ही लोक निर्माण विभाग की वर्षाशालिका में कुछ लोगों शराब पी रहे थे जिसकी सुचना पुलिस को स्थानीय लोगों ने दी थी।
सुचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची जिसके तुरंत बाद शराब पीने वाले लोग वहां से भाग गए। वर्षाशालिका से पुलिस ने और 4 बोतल नकली संतरा ब्रांड जिसमें बीआरवी फूलस लिखा है उसे बरामद किया।
ज्ञात रहे कि शराब पीने से हुई मौतों के बाद आबकारी विभाग ने सलापड़ के एक ठेके को बंद कर दिया है। यहां तक की क्षेत्र में अगले आदेश तक संतरा ब्रांड की शराब बेचने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी सख्ती के बाद भी यह नकली संतरा शराब कहां से आई?।
आपको बता दें कि कांगड़ा में बनने वाली शराब पर बीआरवी फूड्स लिखा है, जबकि मिलावट/निकली शराब की बोतल पर बीआरवी फूलस लिखा है ।
एसडीएम धर्मेश रमोत्रा ने बताया नरेश चौक के निकट नकली संतरा ब्रांड शराब की बोतलें मिलने की जानकारी आने पर पुलिस को भेजा गया था। वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि बरामद बोतलों में जो थोड़ी बहुत शराब पाई गई, उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। एसडीएम ने लोगों से आह्वान किया कि वे माफिया को पकड़ने में प्रशासन और पुलिस का सहयोग करें।
आबकारी विभाग की जांच में खुलासा हजारों लीटर स्प्रिट गायब
आबकारी विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिला मंडी में शराब के एक बाटलिंग प्लांट में हजारों लीटर स्प्रिट रिकॉर्ड से ही गायब है । विभाग को सूचना थी कि प्लांट में तय नियमों की अनदेखी करते हुए शराब के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्पिरिट का रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है।
वहीं जांचा में पाया कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रिट रिकॉर्ड से लगभग 11000 लीटर कम है। दूसरी तरफ, शराब के इस्तेमाल में होने वाला ब्लेंड 7000 लीटर अधिक पाया गया है।
मंडी
मंडी में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 7, चार लोग गिरफ्तार
शिमला- मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाले सलापड़ क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कुल 7 लोगों की मौत हो गई है जबकि तीन की हालत नाजुक है जिनका उपचार चल रहा है।
अब तक जहरीली शराब पीकर तबीयत बिगड़ने के 14 मामले आ चुके हैं। पुलिस ने पूर्व प्रधान समेत चार लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार इन सभी लोगों ने ये शराब किसी ठेके से नहीं खरीदी है, बल्कि शराब माफिया द्वारा इसे चंडीगढ़ से लाकर यहां अवैध रूप से बेचा गया था, जिसका सेवन इन लोगों ने घर जाकर किया था। शराब का सेवन करने के बाद इन सभी की तबीयत खराब होने लगी। परिजनों ने इन्हें तुरंत प्रभाव से अस्पताल पहुंचाया।
शराब की जो खाली पेटियां नालों व झाडिय़ों में पेटियां फेंकी गई हैं, वह असली हैं। यह पेटियां वीआरवी कंपनी संसारपुर टैरेस (जिला कांगड़ा) की हैं, जबकि इसके अंदर की शराब नकली थी।
नकली शराब का पता न चले और पकड़ में न आए इसके लिए शराब माफिया असली लेवल वाली पेटियों का इस्तेमाल करते थे।
पुलिस इसकी चीज की जांच कर रही है कि यह नकली शराब चंडीगढ़ व पंजाब में कहां बनी है। संसारपुर टैरेस कंपनी की संतरा ब्रांड की बोतल पर वीआरवी फूडस, जबकि नकली शराब की बोतल पर वीआरवी फूलस लिखा हुआ है।
आबकारी विभाग की जांच में खुलासा हजारों लीटर स्प्रिट गायब
आबकारी विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिला मंडी में शराब के एक बाटलिंग प्लांट में हजारों लीटर स्प्रिट रिकॉर्ड से ही गायब है ।
विभाग को सूचना थी कि प्लांट में तय नियमों की अनदेखी करते हुए शराब के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्पिरिट का रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है 18 जनवरी को कार्रवाई करते हुए बॉटलिंग प्लांट का औचक निरीक्षण विभाग के एक विशेष दस्ते ने किया।
जांचा में पाया कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रिट रिकॉर्ड से लगभग 11000 लीटर कम है। दूसरी तरफ, शराब के इस्तेमाल में होने वाला ब्लेंड 7000 लीटर अधिक पाया गया है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के संयुक्त निदेशक उज्ज्वल राणा ने बताया कि इसकी रिपोर्ट बनाकर आगामी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दी है।
पुलिस ने आबकारी विभाग व फारेंसिक विशेषज्ञों के साथ सलापड़ व कांगू की कई दुकानों से देसी शराब की 52 व अंग्रेजी की चार खाली पेटियां बरामद की और विभिन्न ठेकों से शराब के 56 सैंपल भरे गए हैं।
आबकारी विभाग ने सलापड़ के एक ठेके को बंद कर दिया है। यहां तक की क्षेत्र में अगले आदेशों तक संतरा ब्रांड की शराब बेचने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।
विस्तार से जानिए इस पुरे मामले को:
जानकारी के अनुसार मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ और कांगू क्षेत्र में मंगलवार रात को शराब पीने के बाद बुधवार सुबह नौ लोगों में उल्टी, बेहोशी और जी मचलने के लक्षण आए थे जिन्हे सुंदरनगर अस्पताल लाया गया था। इसके बाद गंभीर हालत में नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उन्हें रेफर किया गया और बुधवार दोपहर को पांच लोगों ने दम तोड़ दिया था।
शुरुआती जांच के अनुसार इन सभी लोगों ने सलापड़ और आसपास के क्षेत्रों से ठेके, दुकान और घर से कांगड़ा और चंडीगढ़ में बनी शराब खरीदी थी।
शराब पीने के देर रात सभी का स्वास्थ्य बिगडऩा शुरू हो गया था।
बेचैनी,सिरदर्द, उल्टी व आंखों में धुंधला दिखाई देने की शिकायत के बाद दो इन्हे बुधवार तड़के नागरिक अस्पताल सुंदरनगर ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत को देखकर नेरचौक मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जहाँ पर दो की मौत हो गई।
कुछ देर बाद सात अन्य लोगों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें भी नेरचौक मेडिकल कालेज लाया गया। वहां तीन लोगों की मौत हो गई थी।
यहां तक की जिला प्रशासन ने शराब पीने के बाद बीमार हुए लोगों को ढूंढने के लिए गुरुवार को एक अभियान चलाया जिसके अंतर्गत सुंदरनगर उपमंडल में दस लाउडस्पीकर वाले वाहन चलाकर लोगों को जागरूक किया गया।
प्रसाशन ने लोगों से आग्रह किया कि अगर उनके घर में शराब पीने से किसी की तबीयत बिगड़ी है तो इसकी जानकारी तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दे दी जाये। और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराएं।
प्रशासन ने इस बात की आशंका जताई है कि क्षेत्र में कई और लोग ऐसे हो सकते हैं, जिन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया हो। वे लोग घरों से बाहर नहीं आ रहे हैं। लाउडस्पीकर वाले वाहन से आग्रह किया जा रहा है कि अगर कहीं अवैध शराब के कारोबार की सूचना है तो उसकी जानकारी भी पुलिस के साथ साझा करें।
वहीं आंगनबाड़ी और आशा वर्कर भी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं, ताकि बीमार रोगियों की पहचान की जा सके और समय से उनका उपचार किया जा सके।
एसपी मंडी, शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि पुलिस ने पुलिस ने सलापड़ पंचायत के पूर्व प्रधान जगदीश चंद, वर्तमान पंचायत प्रधान के ससुर अच्छर सिंह पुत्र बहादुर सिंह समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। मलोह पंचायत के छज्वार गांव से गिरफ्तार तीसरे आरोपी सोहन लाल उर्फ रवि से पुलिस ने संतरा ब्रांड की नकली शराब की 12 बोतल बरामद की हैं।
चौथा आरोपी प्रदीप कुमार उर्फ दीप सलापड़ पंचायत के सरोह गांव का रहने वाला हैं। चारों करीब एक साल से देसी व अंग्रेजी शराब अवैध रूप से दुकानों और घरों में सप्लाई करते थे। एसपी मंडी, शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि पुलिस ने चारों को देर शाम सुंदरनगर की अदालत में पेश किया, अदालत से चार दिन का पुलिस रिमांड मिला है।
वहीं सरकार ने मृतकों के परिजनों को 8-8 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। 4 लाख प्रदेश सरकार और 4 लाख जिला प्रशासन की ओर से मिलेंगे। विधायक राकेश जम्वाल ने बताया कि मृतकों के परिजनों को फौरी सहायता के रूप में 50-50 हजार रुपये की राशि दी है।
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