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पीलिया की समस्या को लेकर विधानसभा का घेराव, मुख्यमन्त्री ने दिया सीवरेज ट्रीटमेंट बोर्ड बनाने का आश्वासन
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पिछले डेढ़ वर्षों में 8 सर्कुलर देने तथा नेशनल इंस्टीटियूट आॅफ वायरोलोजी पुणे द्वारा वर्ष 2008 में गंभीर सुझाव देने के बावजूद पिछले 7 वर्षों में पीलिया जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए जिसका प्रतिबिम्बन वर्ष 2009, 2011, 2013, 2015 व 2016 में पीलिया रोग के फैलाव के रूप में हुआ।
शिमला- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने पीलिया की समस्या को लेकर पंचायत भवन से लेकर विधानसभा चैक तक रैली का आयोजन किया व विधानसभा का घेराव किया। इस रैली में सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया!
प्रदर्शन के बाद पार्टी का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमन्त्री वीरभद्र सिंह से मिला व और उन्हें ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने ये भी कहा कि दरअसल पीलिया का मुख्य कारण पीने के पानी में सीवरेज के पानी का मिलना है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स एसटीपी में गन्दे पानी को साफ करने के लिए सही तरीका नहीं अपनाया जा रहा है और बिना साफ किया पानी छोड़ने की वजह से बार-बार पेयजल के स्रोत दूषित हो रहे हैं। खासतौर पर इस बार अश्वनी खड्ड से सप्लाई होने वाले पानी में यह समस्या ज्यादा आई है।
पार्टी का कहना है कि उन्होंने मुख्यमन्त्री से मांग की है कि शिमला में पीलिया की समस्या के पूर्ण समाधान के लिए तुरन्त ठोस कदम उठाए जाएं। पार्टी सचिव विजेन्द्र मेहरा ने कहा कि मुख्यमन्त्री ने पार्टी के सुझाव पर हिमाचल में सीवरेज ट्रीटमेंट बोर्ड गठित करने का आश्वासन दिया है।
पार्टी ने कांग्रेस व भाजपा सरकारों पीलिया की समस्या के लिए बराबर जिम्मेवार ठहराया है जिन्होंने 2008 में माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों को लागू न कर हज़ारों लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया। इन दोनों सरकारों की ठेका परस्त नीतियों के कारण लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।
पार्टी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शिमला शहर में हज़ारों लोग पीलिया रोग से ग्रस्त हैं व कुछ की मौत भी हो चुकी है। यह बीमारी शिमला से होते हुए सोलन व अन्य जगह भी पहुंच चुकी है। इस बीमारी के फैलने के पीछे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की अव्यवस्था तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली प्रमुख कारणों में से एक है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पिछले डेढ़ वर्षों में 8 सर्कुलर देने तथा नेशनल इंस्टीटियूट आॅफ वायरोलोजी पुणे द्वारा वर्ष 2008 में गंभीर सुझाव देने के बावजूद पिछले 7 वर्षों में पीलिया जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए जिसका प्रतिबिम्बन वर्ष 2009, 2011, 2013, 2015 व 2016 में पीलिया रोग के फैलाव के रूप में हुआ। इस वर्ष तो इस रोग की चपेट में हज़ारों लोग आ गए हैं जो कल्याणकारी राज्य की भूमिका तथा लोगों के जीने के संवैधानिक अधिकार की रक्षा करने की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है।
शिमला शहर और इसके आसपास की पंचायतों में फैले पीलिया से ग्रस्त लोगों का आंकड़ा कई हज़ारों में पहुंच चुका है। 22 लोग अपनी जान तक गवां चुके हैं। हालांकि यह कोई नई पैदा हुई स्थिति नहीं है। यह हर साल की समस्या है तथा सर्दी और बरसात दोनों मौसमों में इसके फैलने की संभावनाएं रहती हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी ने पीलिया पर गंभीर होकर कहा कि पीलिया होने के कई कारण है शहर और इसके इर्द-गिर्द क्षेत्रों में जिस तेजी से निर्माण हुआ है और आबादी का विस्तार हुआ है उस अनुपात में बहुत से घर अभी सीवरेज की मुख्य लाइनों से नहीं जुड़े हैं। उनके सेप्टिक टैंकों की गन्दगी कभी खुद रिस कर और कभी जानबूझ कर बरसात के दिनों में नालों में बहकर इस समस्या को और बढ़ा रही हैं। निर्माण कार्य के लिए बाहर से आए हज़ारों मज़दूर और रोज़ी-रोज़गार के लिए अन्य छोटे-छोटे काम धन्धे करने वालों के लिए न तो उस अनुपात में मकान मालिकों द्वारा शौचालयों की व्यवस्था की गई है और न ही सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था है। ऐसे में खुले में शौच जाना उनकी मजबूरी भी है और जो जलस्रोतों के दूषित होने का एक और कारण आने वाली गर्मियों के महीनों में शहर में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से यह समस्या और बढ़ेगी तथा पानी की कमी होगी। इसलिए समस्या के समाधान के लिए ठोस योजना बनाने वैकल्पिक व्यवस्था की ज़रूरत है।
पार्टी ने निम्नलिखित सुझाावों के साथ प्रदेष सरकार से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस नीति बनाते हुए तुरंत हस्तक्षेप की मांग की हैः-
पेयजल से सम्बन्धित सुझाव
पीलिया के इस पूरे प्रकरण को ‘आपदा’ समझकर भरांडी व बीण खड्ड से पानी उठाने के लिए पाइपों से पानी अश्वनी खड्ड पम्पिंग स्टेशन में लाकर एक माह के भीतर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
गुम्मा एवं सैंज खडड से पानी की अतिरिक्त आपूर्ति को सुनिश्चित करना तथा बिजली की सुदृढ़ व्यवस्था करना ताकि बरसात में ट्रिपिंग के कारण फिल्टर में गाद की समस्या पैदा न हो।
शिमला शहर की जनसंख्या, पर्यटकों एवं दैनिक कार्यों के लिए शहर पर निर्भरता की दृष्टि से स्थायी समाधान हेतु पेयजल प्रवाह स्कीम के तहत चंाशल परियोजना को शुरू किया जाए।
सुरक्षित पानी की पर्याप्त आपूर्ति तथा समुचित वितरण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए जो
यथासमय प्रशासनिक एवं वित्तीय स्तर पर प्रभावी निर्णय लेने के लिए अधिकृत हो।
सीवरेज से सम्बन्धित सुझाव
सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों का ठेकाकरण बंद किया जाए तथा इनका प्रबंधन सरकार के अधीन लाकर विभाग के माध्यम से किया जाए।
सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के व्यवस्थित संचालन के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए तथा आवश्यक परीक्षणों/टैस्टों के लिए प्रयोगशालाओं को स्थापित किया जाए।
लम्बित पड़े कार्यों जैसे ट्रीटमेंट प्लांट्स तक सड़क बनाने,स्लज बैड बनाने, स्लज प्रैस को क्रियशील करने आदि की व्यवस्था
को अतिशीघ्र पूरा किया जाए तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों से निकली स्लज का उपयुक्त प्रबंधन किया जाए।
प्रत्येक घर को सीवरेज कनेक्टिविटी से जोड़ना।
प्रदेष स्तर पर विषेषज्ञों को शामिल करते हुए अलग से ‘सीवरेज ट्रीटमेंट बोर्ड’ का गठन किया जाए, जो पूरे प्रदेष में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स एसटीपी का प्रबंधन तथा निगरानी (डवदपजवतपदह) करे।
Photo: File Photo/Himachal Watcher
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मंत्रिमंडल के निर्णय: वन मित्रों की भर्ती को मंजूरी, 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त समाप्त
शिमला – मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में वन मित्रों की रूकी हुई भर्ती को मंजूरी प्रदान की गई, इंदौरा में फायर स्टेशन को मंजूरी, लाहौल स्पीति के शिंकुला में पुलिस पोस्ट की मंजूरी इसके अलावा अन्य मामलों पर स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 10 अंकों के व्यक्तिगत साक्षात्कार की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 2023 में हाल ही में किए गए संशोधन के अनुरूप ईको टूरिज्म नीति-2017 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया है।
हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के भरें जाएंगे पद : –
बैठक में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 नर्सिंग कर्मियों के पद सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपैडिक्स, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर के छह पद और असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 पद सृजित कर भरने का निर्णय भी लिया गया।
इन विभागों में भी भरें जाएंगे पद :-
हमीरपुर जिला के नादौन में एक नया उप-मंडल पुलिस अधिकारी कार्यालय खोलने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में पांच पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक नई अग्निशमन चौकी की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 13 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान गई।
लाहौल-स्पीति जिला के केलांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिंकुला में एक नई पुलिस चौकी की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों में छह पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी।
राज्य के छह हरित गलियारों के साथ ई.वी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क का विस्तार :-
मंत्रिमंडल ने राज्य के छह ग्रीन कॉरिडोर के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को निजी हितधारकों को शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की। वर्तमान में, ग्रीन ग्रीन कॉरिडोर पर 77 ईवी चार्जिंग स्टेशन पहले से ही कार्यशील हैं। मंत्रिमंडल ने वाहन फिटनेस आकलन के लिए स्वचलित परीक्षण स्टेशन की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसमें उन्नत स्वचलित उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशें स्वीकार : –
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 450 मेगावॉट शोंगटोंग कड़छम विद्युत परियोजना के संबंध में मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसमें कम्पनी को वित्त वर्ष 2026-27 तक परियोजना को पूरा करना सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं।
पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन :–
शिमला शहर में पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत संचालित पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल उप-समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की गई। समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस समिति के सदस्य होंगे। शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह समिति लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टुटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी।
मंत्रिमंडल ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का प्रशासनिक नियंत्रण अतिरिक्त महानिदेशक (होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा) को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम दो वर्षों की अवधि के लिए होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।
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गोबिंद सागर झील में क्रूज़ ट्रायल शुरू, अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध होगी सुविधा
बिलासपुर-जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी देते हुए कहा कि गोविंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरम्भ कर दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हेली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
वहीं जिला ऊना के अंदरौली में गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। जिसे शुरू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवतः इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक जल क्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोविंद सागर झील कार्निवल का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां- परागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जल क्रीड़ा– गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाउस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है।
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शिमला में एचआरटीसी ने शुरू की मोबिलिटी कार्ड की सुविधा,जानिए कहां बनेगा कार्ड
शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने तीन काउंटर, बुकिंग काउंटर मॉल रोड शिमला, पुराना बस अड्डा शिमला व अन्तर्राज्य बस अड्डा टूटीकंडी शिमला में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) यात्रियों को जारी करने हेतू सुविधा उपलब्ध करवा दी है।
अब इच्छुक व्यक्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपरोक्त बुकिंग काउंटर से अपने नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी करवा सकते हैं।
इस कार्ड का मूल्य 100 रु होगा और इसका उपयोग यात्री हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में यात्रा पत्र लेने के लिए कर सकेंगे।
इस कार्ड के उपयोग के लिए किसी प्रकार की इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता नहीं होगी। शुरुआत में यह कार्ड शिमला लोकल की बसों में उपयोग किया जा सकेगा तथा अगले चरण में यह सुविधा हिमाचल पथ परिवहन निगम के अन्य क्षेत्रों की बस सेवा में भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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