पूर्व सैनिक कल्याण योजनाओं का प्रभावी कार्यान्यवयन सुनिशिचत बनाएं : राज्यपाल
राज्यपाल उर्मिला सिंह की अध्यक्षता में राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड की 24वीं बैठक तथा पुनर्संचना के लिए विशेष निधि की प्रशासकीय एवं प्रबन्धन तथा पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिए राज्य प्रबन्धन समिति की 42वीं बैठक आयोजित की गर्इ। बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी उपसिथत रहे।
इस अवसर पर उर्मिला सिंह ने पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने तथा सेवा निवृत्ति के पश्चात उनके प्रभावी पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने सैन्य बलों में पूर्व सैनिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके हितों की हर कीमत पर रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की कल्याणकारी योजनाओं का तीव्र एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिशिचत बनाया जाएगा।
उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे पगों की सराहना कीए जिनमें सरकारी नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण , उनके बच्चों के लिए छात्रवृति योजनाएं, स्वरोजगार के लिए ऋण सुविधाओं के साथ.साथ अनेक अन्य प्रोत्साहन भी शामिल हैं। उन्होंने बोर्ड की नियमित बैठकों के आयोजन पर बल देते हुए कहा कि समय पर योजनाओं का मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सुनिशिचत बनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने लम्बे समय से लमिबत वन रैंक.वन पैंशन के मामले को स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने इस निर्णय के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे बड़ी संख्या में प्रदेश के पूर्व सैनिक लाभानिवत होंगे।
मुख्यमंत्री ने सेवारत सैनिकों , पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने समय≤ पर शौर्य पुरस्कार विजेताओं को दिए जाने वाले वार्षिकी में वृद्धि की है। वर्ष 2006 में उनके कार्यकाल के दौरान परमवीर चक्र विजेताओं की वार्षिकी 4500 रुपये से बढ़़ाकर 1,25,000 रुपये, अशोक चक्र विजेताओं की वार्षिकी 4000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये , महावीर चक्र विजेताओं की वार्षिकी 3600 रुपये से एक लाख रुपये, कीर्ति चक्र विजेताओं की वार्षिकी 3300 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये, वीर चक्र विजेताओं की वार्षिकी 2700 रुपये से बढ़ाकर 50,000 तथा शौर्य चक्र विजेताओं की वार्षिकी 2400 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने के लिए पग उठाए गए।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि अन्य सभी शौर्य एवं प्रतिषिठत पुरस्कार विजेताओं को दी जाने वाले वार्षिकी को दोगुना किया गया है। नये शौर्य पुरस्कार विजेताओं को नकद पुरस्कार , वार्षिकी एवं भूमि के बदले अनुदान के स्थान पर एक मुश्त अनुग्रह राशि उपलब्ध करवार्इ जा रही है।
परमवीर चक्र एवं अशोक चक्र विजेताओं के लिए 25 लाख रुपये, महावीर चक्र एवं कीर्ति चक्र विजेताओं के लिए 15 लाख रुपये तथा वीर चक्र एवं शौर्य चक्र विजेताओं के लिए 10 लाख रुपये की एक मुश्त अनुग्रह राशि उपलब्ध करवार्इ जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास एवं कल्याण के लिए 34 विभिन्न कल्याण योजनाएं भी आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के सेवा निवृत सैनिकों अथवा उनकी विधवाओं को 750 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता उपलब्ध करवार्इ जा रही है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों एवं उनकी विधवाओं, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तथा जो केन्द्र व प्रदेश सरकार की कोर्इ अन्य पैंशन नहीं प्राप्त कर रहे हैं, को अप्रैल 2013 से 500 रुपये प्रतिमाह पैंशनवृद्धि प्रदान की है। राष्ट्रीय आपातकाल में सेवाएं देने वाले सैनिकों के अभिभावकों की युद्ध जागीर की राशि को भी 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सैनिक कल्याण कोष से विभिन्न मामलों में अनुग्रह राशि उपलब्ध करवार्इ जा रही है। सैन्य कार्रवार्इ के दौरान शहीद सैनिक के परिवारों को तीन लाख रुपये, 50 प्रतिशत से अधिक अपंगता को प्राप्त सैनिकों को एक लाख तथा 50 प्रतिशत से कम अपंग सैनिकों को 50 हजार रुपये उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। अन्य कारणों से हुर्इ मृत्यु के मामले में 25 हजार रुपये तथा कार्रवार्इ के दौरान शहीद अर्धसैनिक बल के कर्मी को एक लाख रुपये प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के शौर्य पुरस्कार विजेताओं और युद्ध विधवाओं को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में निशुल्क परिवहन सुविधा प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारेां के कल्याण के लिए अनेक उपाय सुनिशिचत बनाने का आश्वासन दिया था। सरकार ने चुनाव घोषणा.पत्र को नीति दस्तावेज के रूप में अपनाया। इन आश्वासनों में पूर्व सैनिक बहुल क्षेत्रों में सीएसडी एवं र्इसीएचएस सुविधाओं का विस्तार, पीडीएस केन्द्रों में पूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण तथा प्रदेश में चल रही सभी डिलक्स एवं वाल्वो बसों में शौर्य पुरस्कार विजेताओं को निशुल्क परिवहन सुविधा शामिल है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा कर्नल धनीराम शांडिल, जिनके पास सैनिक कल्याण विभाग का कार्यभार भी है, ने कहा कि पूर्व सैनिकों, कार्यरत सैनिकों, युद्ध विधवाओं एवं शौर्य पुरस्कार विजेताओं का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है। राज्य को अपने सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों पर गर्व है, जिन्होंने देश व प्रदेश के लिए गौरव हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश को सैन्य बलों में सर्वाधिक संख्या में सैनिकों के योगदान का गौरव भी हासिल है। राज्य में 1,20,600 सेवारत सैनिकए 1,04 ,896 पूर्व सैनिकए 1074 युद्ध विधवाएं एवं 28,667 अन्य विधवाएं हैं।
हमीरपुर के उपायुक्त एवं सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक आशीष सिंगमार ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कार्यानिवत विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
सचिवए सामान्य प्रशासन एवं सैनिक कल्याण भरत खेड़ा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
पशिचमी कमान के एम.जी..आर्इ.सी..ए.डी.एम. मेजर जनरल, नीरज बाली ने पशिचमी कमान के जीओसी.इन.चीफ ले. जनरल संजीव छाछड़ा की ओर से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री का सेना, सेवारत सैनिकों एवं सेवानिवृत सैनिकों के लमिबत मामलों को निपटाने के लिए आभार व्यक्त किया।
मुख्य सचिव एस.राय, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, प्रदेश सरकार एवं सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारीए बोर्ड के सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य भी बैठक में उपसिथत थे।
सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अध्यापकों ने परिजन और बच्चों को कोरोना संक्रमण व बचाव से करवाया अवगत
मंडी-बस सेवायें बंद होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। इसी कारण परिजनों और बच्चों और अध्यापकों को स्कूलों तक पहुँचने में दिक्कत का सामना करना पड़। स्कूलों में छात्रों और उनके परिजनों के बीच उचित दूरी बनाये रखना और उनके हाथ बार-बार सैनिटाइज करवाना भी स्कूलों के आगे एक चुनौती थी।
इस प्रवेश प्रक्रिया के दौरान राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदर नगर में भी 12 मई 2020 से 16 मई 2020 तक ऑफलाइन प्रवेश का दौर रहा। इस दौरान प्रधानाचार्य मनोज वालिया व समस्त स्टाफ ने बच्चों तथा अभिभावक गण को कोरोना वायरस के संक्रमण व उससे बचाव के बारे में अवगत करवाया।
प्रधानाचार्य मनोज वालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि पाठशाला की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी ललिता बंगिया व राजकुमारी तथा स्वयंसेवी छात्राओं ने नए सत्र की कक्षा में प्रवेश हेतु आई छात्राओं व उनके अभिभावकों को सामाजिक दूरी को बनाए रखने की व्यवस्था की गई तथा प्रवेश हेतु आई हुई छात्राओं व अभिभावकों के हाथ समय-समय पर सैनिटाइज करवाए गए।
विधायक हल साल बतायें अपनी संपत्ति व आय के स्रोत, विधानसभा के मानसून सत्र में इससे संबंधी संकल्प पर हो चर्चा
जनता के प्रति जवाबदेह बनते हुए अपनी संपत्ति सार्वजनिक करें विधायक
29 अगस्त को गैर कार्य दिवस में संपत्ति व देनदारियों संबंधी संकल्प पर चर्चा कराए सरकार
विधानसभा के वेब पोर्टल पर विधायकों को सालाना बतानी चाहिए अपनी संपत्ति व आय के स्रोत
शिमला-विधायकों को अपने नैतिक जीवन में जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। विधायक जब पांच साल बाद चुनाव लड़ते हैं, उस समय शपथपत्र देकर अपनी चल, अचल संपत्ति व सभी देनदारियां सार्वजनिक करते हैं। विधायकों की संपत्ति बढ़ने पर जनता उन्हें शक की नजर से देखती है। इसलिए विधायकों को हर साल अपनी संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक करनी चाहिए। साथ ही आय के स्रोत भी बताने चाहिए, जिससे कि पारदर्शिता बनी रही। यह कहना है हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सूक्खू का।
सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने विधानसभा में संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में वह संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक करने संबंधी संकल्प लाए हैं। 29 अगस्त को गैर कार्य दिवस में सरकार उनके संकल्प पर नियम-101 के तहत चर्चा कराए। चूंकि, यह विधायकों का बहुत ही बेहतर प्रयास है कि वे अपनी संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक कर जनता के समक्ष उदाहरण पेश करना चाहते हैं। लेकिन, सरकार उनके संकल्प पर चर्चा नहीं कराना चाह रही है।
सूक्खू ने ने कहा कि स्पीकर ने वीरवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाकर उनके संकल्प पर चर्चा न कराने की जानकारी दी है। सूक्खू ने बताया कि कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व सदस्य के नाते वह खुद बैठक में मौजूद थे। स्पीकर राजीव बिंदल ने सरकार के निर्णय की बैठक में जैसे ही जानकारी दी, मुकेश व उन्होंने उस पर आपत्ति जताई और संकल्प लाने का आग्रह किया।
स्पीकर व सरकार के न मानने पर मुकेश व वह बैठक छोड़कर निकल आए। सरकार उनके संकल्प पर गंभीरता से विचार करे। सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने कहा कि संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक होने से विधायकों का मान-सम्मान और बढ़ेगा। सभी विधायकों की पब्लिक लाइफ पारदर्शी होना जरूरी है। नैतिकता के आधार पर सभी विधायक सालाना अपनी संपत्ति व देनदारियां सार्वजनिक करें।
सूक्खू ने कहा कि सरकार इसके लिए एक वेबसाइट तैयार करवाए। विधानसभा के वेब पोर्टल पर भी विधायक अपनी संपत्ति व देनदारियां घोषित करें, जिससे कोई उन पर उंगली न उठा सके।
होटल ईस्टबोर्न के 120 मजदूरों का इपीएफ 2016 के बाद नहीं हुआ जमा, ब्रिज व्यू रीजेंसी, ली रॉयल, तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, वुडविले पैलेस में भी इपीएफ में गड़बड़
शिमला-आज दिनांक 22 अगस्त को हिमाचल के अलग-अलग होटलों से 200 कर्मचारियों ने ईपीएफओ विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कियाI
कर्मचारियों का कहना है कि यह धरना प्रदर्शन शिमला शहर के विभिन्न होटलों में इपीएफ की समस्याओं को लेकर किया गया जिसमें मुख्य समस्या होटल ईस्ट बोर्न, होटल ब्रिज व्यू रीजेंसी, होटल ली रॉयल, होटल तोशाली रॉयल व्यू रिजॉर्ट, होटल वुडविले पैलेस की हैI
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा महासचिव विनोद ने कहा कि ईस्टबोर्न में लगभग 120 मजदूर कार्यरत है जिसका इपीएफ 2016 से प्रबंधन द्वारा अभी तक जमा नहीं किया गया है और वैसा ही हाल ब्रिज व्यू में भी हैI
वहां पर भी एक साल से प्रबंधक द्वारा पीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया हैI विनोद ने कहा कि वही होटल ले रॉयल में मजदूरों का पीएफ का पैसा जिस एक्ट के तहत कटना चाहिए था वह मालिक नहीं काट रहा है और होटल ली रॉयल का इपीएफ वेस्ट बंगाल में जमा किया जाता है जिससे मजदूरों को समस्या का हो रही हैI विनोद ने कहा कि तोशाली में भी मजदूरों का पीएफ के पैसे में कटौती की जा रही है जोकि यूनियन को बिल्कुल मंजूर नहीं होगाी
विनोद ने कहा कि यूनियन ने पीएफ कमिश्नर को इन समस्याओं से अवगत करवाया और पीएफ कमिश्नर ने वादा किया कि 31 अगस्त तक सभी होटलों में प्रबंधन द्वारा की जा रही गड़बड़ियों की पूरी जांच की जाएगी और जहां भी मालिक को द्वारा मजदूरों का पैसा जमा नहीं किया जा रहा है उन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगीI
इस प्रदर्शन में सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा, सीटू जिला सचिव अजय दुलटा, सीटू जिला प्रधान कुलदीप डोगरा, सीटू जिला उपाध्यक्ष किशोरी डलवालिया,अध्यक्ष बालकराम, कोषाध्यक्ष पवन शर्मा व अन्य साथी कपिल नेगी विक्रम शर्मा सतपाल राकेश चमन मौजूद थे