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मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में 2013 14 का बजट प्रस्तुत किया

“मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा दिनांक 14 मार्च 2013 को राज्य विधानसभा में प्रस्तुत बजट 2013.14 के मुख्य बिन्दु“
हर विभाग अपने सम्बन्धित अधिनियमोंए नियमों एवं निर्देशिकाओं की संवीक्षा करेगा और प्रक्रियाओं को सरल करके उन्हें लोकोन्मुखी बनाएगा।
शिकायतों के त्वरित निष्पादन के लिए राज्य आयुक्त ;जन.शिकायत की नियुक्ति की जायेगी।
विभिन्न विभागों की प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के लिए राज्य में प्रशासनिक सीमाएं पुनर्गठन आयोग का गठन किया जाएगा।
नई पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए 5 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के साथ ‘स्टेट इनोवेशन फण्ड‘ की स्थापना की जाएगी।
राज्य सरकार की सभी छात्रवृत्ति योजनाओं तथा विभिन्न कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों को डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांस्फर कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा।
खाद्य उपदान योजना के लिए 175 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव।
वार्षिक योजना 2013.14 के लिए 4100 करोड़ रुपये के परिव्यय प्रस्तावित।
प्रत्येक माननीय विधायक को 2 लाख रूपये की ऐच्छिक निधि।
एकीकृत फसल विविधता कार्यक्रम आरम्भ करना , जिसके तहत 3000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सब्जी उत्पादन के अन्तर्गत लाना।
ष्मुख्य मन्त्री आदर्श कृषि गांव योजनाष के अन्तर्गत 68 पंचायतों को कृषि सम्बन्धी अधोसंरचना के लिए 10 लाख रुपये प्रति पंचायत की राशि प्रदान की जाएगी।
मशरूम को भी कृषि गतिविधि माना जाएगा।
किसानों को राज्य में ही जैविक खेती प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के लिए ‘जैविक प्रमाणिक एजेन्सी‘ की स्थापना की जाएगी।
किसानों को आने वाली खरीफ की फसल पर मक्की , धान एवं चारे के उन्नत बीज पर 50 प्रतिशत उपदान।
कृषि उद्देश्य से खरीदे गए टैªक्टरों पर टोकन टैक्स माफ किया जाएगा।
प्रत्येक जिले की एक पंचायत को , जो पूर्णतः आवारा पशु मुक्त हो , उसको 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार।
गैर सरकारी संस्थाओं ,ट्रस्ट को गौशाला चलाने के लिए गौशाला निर्माण व चारा इत्यादि के लिए आर्थिक सहायता।
मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सेब , आम , किन्नु , माल्टा और गलगल के प्रापण मूल्यों में 50 पैसे की वृद्धि।
एन्टी हेल नेट 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाना।
दूध का प्रापण मूल्य 1 अप्रैल 2013 से 17.80 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 18.80 रुपये प्रति लीटर किया जाना।
राज्य के जलाशयों के समीप इन.लैन्ड फिश लैन्डिंग सैन्टर के जीर्णाेंद्धार के लिए 1.90 करोड़ रुपये का प्रावधान।
6 नए बन्दर नसबन्दी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
शिमला , कांगड़ा और कुल्लू जिलों के लिए नई एकीकृत सहकारी विकास परियोजना।
राजीव आवास योजना तथा राज्य आवास योजनाओं के अन्तर्गत मिलने वाले अनुदान को 48500 रुपये सेे बढ़ाकर 75000 रुपये किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार की सी यू जी स्कीम के अन्तर्गत मोबाईल फोन के प्रयोग के लिए बीडीओ , तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों तथा थानों , चैकियों एवं अग्निशमन केन्द्रों के प्रभारियों को 350 रुपये द्विमाही की प्रतिपूर्ति।
70 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 2500 अतिरिक्त बस्तियों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाना तथा 2000 हैंडपम्प लगाने का लक्ष्य।
माइक्रो , मिनी और बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को विभिन्न विभागों से वांछित कानूनी अनुमतियां शीघ्र दिलवाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन।
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली पर उपदान के लिए 270 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान।
एचपीएसईबीएल को 75 करोड़ रुपये की इक्विटी।
पीने का पानी और सिंचाई व्यवस्था के लिए ऊर्जा व्यय को अदा करने के लिए 230 करोड़ रुपये का प्रावधान।
ऊना , सोलन और कांगड़ा जिलों में 3 आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
औद्योगिक परियोजनाओं की स्वीकृति को समयबद्ध बनाने के लिए लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लाना।
औद्योगिक इकाइयों को 1.5 प्रतिशत केन्द्रीय बिक्री कर तथा नई औद्योगिक इकाइयों को केवल 1 प्रतिशत केन्द्रीय बिक्री कर।
खण्ड एवं उप.मण्डल मुख्यालयों पर बस अड्डों के निर्माण एवं स्तरोन्नत करने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि का बजट प्रावधान।
हिमाचल पथ परिवहन निगम को 160 करोड़ रुपये की इक्विटी तथा अनुदान।
ई.रिटर्न , ई.डेक्लेरेशन , ई.टैक्स पेमेन्ट और सी एण्ड एफ फार्म जारी करने की सुविधा 40 लाख रुपये या इससे अधिक बिक्री करने वालों को भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश वैट अधिनियम, केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम , यात्री एवं वस्तु कर अधिनियम तथा विलास कर अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकरण शुल्क को समाप्त किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड को पुनः बहाल करना।
सभी प्रकार के चप्पल , जूतों पर 9 प्रतिशत वैट।
एवियेशन टरबाइन फ्यूल पर वैट दर को 5 प्रतिशत से घटा कर 1 प्रतिशत किया जाएगा।
पिछड़ी पंचायतों में खुलने वाले नये होटलों को विलासिता कर से दस वर्षों के लिए छूट दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में स्कूल आने और जाने के लिए 1 अपै्रल , 2013 से निःशुल्क बस सेवा।
कैंसर ग्रसित , रीढ़ की हड्डी में चोट वाले तथा डायलेसिज पर रखे गए मरीजों को एक परिचर के साथ हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क बस सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी।
पिछली सरकार द्वारा बंद अनुसूचित की गई पाठशालाओें को दोबारा खोलना स्तरोन्नत करना।
पी. टी. ए. ग्रांट प्रवक्ताओं को 7250 रुपये से 10875 रुपये , टी. जी. टी. को 6950 रुपये से 10425 रुपये और सी एण्ड वी को 6750 रुपये से 10125 रुपये बढ़ाना।
618 उच्च माध्यमिक पाठशालाओं और 837 उच्च पाठशालाओं में स्मार्ट क्लास रूम।
100 नए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में व्यावसायिक शिक्षा आरम्भ की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन से उत्तीर्ण दसवीं और बारहवीं कक्षा के 5 ,000 मेधावी विद्यार्थियों को राजीव गांधी डिजिटल विद्यार्थी योजना के तहत् नेट बुक्स ,टेबलेट्स दिए जाएंगे।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत कांगड़ा जि़ला में एक नया इंजीनियरिंग कालेज।
आई. आई. टी , आई. आई. एम , एम्स मे चयनित प्रदेश के विद्यार्थियों को 75000 रूपये की प्रोत्साहन राशि।
ऐसे सभी विधानसभा क्षेत्र जहां सरकारी आई.टी.आई. नहीं है , वहां पर आई. टी. आई संस्थान खोले जाएंगे।
प्रदेश के उत्कृष्ट खिालाडि़यों को ईनामी राशि दोगुनी की जाएगी। परशुराम पुरस्कार विजेताओं की ईनामी राशि 50 ,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये।
स्नातकोत्तर अनुबन्ध चिकित्सा अधिकारियों को दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने के लिए मासिक प्रोत्साहन राशि 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये प्रतिमाह तथा 25000 रुपये से 40000 रुपये प्रतिमाह की जाएगी।
स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने वाले डाॅक्टरों को मिलने वाला उच्च शिक्षा भत्ता 5000 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त करने वाले डाॅक्टरों को 2000 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये प्रतिमाह करना।
सिगरेट तथा सिगार इत्यादि पर वैट को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 36 प्रतिशत तथा बीड़ी पर 11 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करना।
पुलिस सिपाही और सहायक निरीक्षक में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती।
विधवाओं के पुनर्विवाह तथा अंतर्जातीय विवाह के लिए सहायता राशि 25000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये की जाएगी।
राज्य में महिला कल्याण बोर्ड की स्थापना।
अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत 1014 करोड़ रुपये तथा जनजातीय उपयोजना के तहत 369 करोड़ रुपये का प्रावधान।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन 450 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये तथा 80 वर्ष से अधिक आयु वाले पेंशनरों को 1000 रुपये दर से पेंशन। सभी लम्बित आवेदन स्वीकृत किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्र्तगत सहायता राशि एक अप्रैल , 2013 से 21000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये की जाएगी।
भूतपूर्व सैनिक व उनकी विधवाओं की पैंशन 1 अपै्रल, 2013 से 500 रुपये प्रतिमाह दी जाएगी।
वार जागीर की राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करना।
अराजपत्रित पुलिस कर्मचारियों का वर्दी भत्ता 1 अप्रैल , 2013 से दोगुना कर दिया जाएगा।
राज्य में 10 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालयए 2 सिविल जज ;जूनियर डिवीजन न्यायालय स्थापित किए जाऐंगे।
10 जमा दो तथा इससे अधिक शिक्षित बेरोजगार युवकों को 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से ‘कौशल विकास भत्ता‘ विकलांग व्यक्तियों के लिए यह दर 1500 रुपये प्रति माह। 1.50 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर अगले पांच वर्षों के लिए ब्याज पर 4 प्रतिशत उपदान।
राज्य कौशल विकास कौंसिल की स्थापना।
विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के 2000 , डाटा एंट्री आपरेटर ,कंप्यूटर आपरेटर के 500 , जल रक्षक के 500 , पटवारियों के 500 , जे . ई. सर्वेयर के 250 , पंचायत सहायक के 200 , वन रक्षक के 200 ,नर्सांे के 100 तथा डाक्टरों के सभी खाली पद भरे जाएंगे।
जनजातीय तथा कठिन क्षेत्रों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों का शीतकालीन भत्ता 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह।
कर्मचारियों तथा पेंशनरों का निर्धारित चिकित्सा भत्ता 250 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये प्रतिमाह।
31 मार्चए 2013 को 6 वर्ष पूरे करने वाले अनुबन्ध कर्मचारियों तथा 7 वर्ष पूरे करने वाले दैनिक भोगियों को नियमानुसार नियमित किया जाएगा।
31 मार्चए 2013 को 9 वर्ष पूरे करने वाले अंशकालिक कर्मचारियों को नियमानुसार दैनिक वेतनभोगी बनाया जाएगा।
भवन एवं निर्माण कार्यों में लगे पंजीकृत मजदूरों की विभिन्न योजनाओं के अन्र्तगत सहायता राशि में वृद्धि।
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सनवारा टोल प्लाजा पर अब और कटेगी जेब, अप्रैल से 10 से 45 रुपए तक अधिक चुकाना होगा टोल

शिमला- कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर वाहन चालकों से अब पहली अप्रैल से नई दरों से टोल वसूला जाएगा। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से बढ़ी हुई दरों पर टोल काटने के आदेश जारी हो गए हैं। जारी आदेश के अनुसार कालका-शिमला एनएच-5 पर सनवारा टोल प्लाजा पर 10 से 45 रुपए तक की वृद्धि हुई है।
टोल प्लाजा संचालक कंपनी के मैनेजर ने बताया कि 1 अप्रैल से कार-जीप का एक तरफ शुल्क 65 और डबल फेयर में 95 रुपये देने होंगे।
लाइट कामर्शियल व्हीकल, लाइट गुड्स व्हीकल और मिनी बस को एक तरफ के 105, बस-ट्रक (टू एक्सेल) को एकतरफ के 215, थ्री एक्सेल कामर्शियल व्हीकल को एक तरफ के 235, हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी को एकतरफ के 340 और ओवरसीज्ड व्हीकल को एकतरफ के 410 रुपये का शुल्क नई दरों के हिसाब से देना होगा।
सनवारा टोल गेट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले वाहन चालकों को पास की सुविधा भी नियमों के अनुसार दी जाती है। इस पास के लिए अब 280 की जगह 315 रुपये प्रति महीना चुकाना पड़ेगा।
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बच्चों से खतरनाक किस्म की मजदूरी कराना गंभीर अपराध:विवेक खनाल

शिमला- बच्चों से खतरनाक किस्म की मज़दूरी कराना गंभीर अपराध है। 14 साल के अधिक आयु के बच्चों से ढाबे में 6 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। उन्हें तीन घंटे के बाद एक घंटे का आराम दिया जाना जरूरी है। यह बात वह उमंग फाउंडेशन द्वारा “मज़दूरों के कानूनी अधिकार, समस्याएं और समाधान” विषय पर वेबिनार में वरिष्ठ सिविल जज एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव विवेक खनाल ने कही।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के शोषण का खतरा ज्यादा होता है। देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का 50% हिस्सा असंगठित मजदूरों के योगदान से ही अर्जित होता है।
विवेक खनाल ने संगठित एवं असंगठित श्रमिकों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक किस्म के कामों में नहीं लगाया जा सकता। इनमें औद्योगिक राख, अंगारे, बंदरगाह, बूचड़खाना, बीड़ी, पटाखा, रेलवे निर्माण, कालीन, पेंटिंग एवं डाईंग आदि से जुड़े कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे रेस्टोरेंट या ढाबे में काम के तय 6 घंटे तक ही काम कर सकते हैं। शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच उन से काम नहीं लिया जा सकता।
उन्होंने बताया कि भवन निर्माण एवं अन्य कामगार बोर्ड में पंजीकृत होने के बाद श्रमिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं सामाजिक सुरक्षा मिल जाती है।
विवेक के अनुसार असंगठित मजदूरों के लिए कानून भी काफी कम हैं। जबकि उनकी स्थिति ज्यादा खराब होती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाली महिला मजदूरों के बच्चों को संभालने के लिए उन्हीं में से एक वेतन देकर आया का काम भी दिया जाता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कि प्राधिकरण की ओर से समाज के जिन वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाती है उसमें एक श्रेणी मजदूरों की भी है।
इसके अतिरिक्त महिला, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, और तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले बुजुर्ग इस योजना में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बद्दी में मजदूरों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र चलाए जा रहे हैं। एक अलग पोर्टल पर सरकार ई-श्रम कार्ड भी बना रही है।
इस दौरान उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए।
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हिमाचल कैबिनेट के फैसले:प्रदेश में सस्ती मिलेगी देसी ब्रांड की शराब,पढ़ें सभी फैसले

शिमला- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में आज वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति में वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक होगा। यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है।
लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा।
इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है।
राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है।
लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है। अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है।
विभाग की ओर से हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है।
राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाईन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉडयूल शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है जिसमें राज्य में सभी पथकर बेरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने, और वाहन दुर्घटना मंे होने वाली मृत्यु के मामलोें को राहत नियमावली के अंतर्गत शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।
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