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रेल मंत्री किराया न बढ़ाने का ढोंग कर रहे है: अनुराग ठाकुर

हिमाचल प्रदेश हमीरपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सांसद एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सिंह ठाकुर ने आज रेलवे बजट पर लोक सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चर्चा की अगुआई की। अनुराग ठाकुर ने पांच मापदण्ड सेवा प्रभार, सुरक्षा, गुणवत्ता, रफ्तार और जीवनक्षमता को ले कर के एक भाषण में रेलवेज का मूल्यांकन किया।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस बजट में रेल मंत्री ने पहले से ही जनवरी के महीने में यात्री किराये में 21 प्रतिशत की प्रत्यक्ष बढ़ौतरी लाई और बजट प्रस्तुत करते समय किराया न बढ़ाने का एक ढोंग किया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि केवल यह ही नहीं माल भाड़ा में 5.8 प्रतिशत बढ़ौतरी की वजह आवश्यक पदार्थें जैसे कि कोयला, स्टील और सीमेंट के दामों में अप्रत्यक्ष बढ़ौतरी आएगी और आम आदमी को मंहगाई का सामना करना होगा।
उन्होंने कहा कि एक टैरिफ बोर्ड गठन करने की प्रस्तावना करके रेल मंत्रालय ने बड़ी आसानी से आगामी किराया बढ़ौतरी की आलोचना से अपने आप को बचाने का प्रयास किया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि यूपीए सरकार के 9 सालों के शासन में पांच रेल मंत्री अपनी आंकड़ों की कलाबाजी दिखा गए और अभी के रेलमंत्री ने भी इस प्रथा को बनाए रखा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेल मंत्रालय 70 प्रतिशत टिकट कांउटर पर बेच करके बाकी 30 प्रतिशत उंचे दामों में तत्काल टिकट के रूप में बेचती है जो कि आम आदमी की सरासर लूट है।
अनुराग ठाकुर ने रेल मंत्री से 1,49,271 सुरक्षा कर्मियों के पद खाली होने का कारण पूछा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि यूपीए सरकार की इस अकर्मण्यता की वजह से भारतीय रेलवेज से हर दिन सफर करने वाले 2 करोड़ लोगों की जान खतरे में डल रही है। श्री ठाकुर ने रेलमंत्री के वक्तव्य में दुर्घटना सम्बन्धित मौतों को दशमलव के तौर पर प्रस्तुत करने पर घोर आपत्ति जताई। श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि रेलमंत्री के द्वारा दिए गए दुर्घटना सम्बन्धित आंकड़ों की गणना का ढंग भी संदेहात्मक है क्योंकि वर्ष 2011-12 अनमैन्ड लेवल क्रासिंग में 14611 लोगों की जाने गई हैं। उन्होंने रेल मंत्री से देश में 17,000 अनमैंड रेलवे क्रासिंग और 100 साल से पुराने 36,700 रेलवे ब्रिजिज के शीघ्र समाधान की मांग की।
अनुराग ठाकुर ने यह कहा कि भारतीय रेलवेज सुपर फास्ट ट्रेनों को 55 किलोमीटर की रफ्तार एवं फ्रेट ट्रेनों 25 किलोमीटर की रफ्तार में चला कर भारत की आर्थिक दक्षता एवं दृढ़ता को कमज़ोर कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय रेलवेज़ में दिए जा रहे आहार और आम सेवाओं की दुर्दशा पर विस्तार से चर्चा की। श्री ठाकुर ने यह कहा कि रेल मंत्री के वक्तव्य में नए अनूभूति कोचिज चलाए जाने की घोषण से यह साफ पता चलता है कि यूपीए सरकार भारत की आम जनता की बजाए अमीरों की सेवा को प्राथमिकता देती है। आम जनता को जबकि स्वच्छ तरीके से बनाया गया खाना, पानी, कम्बल, और आम सुविधाये नसीब नहीं है तब रेल मंत्री अमीरों के लिए अनुभूति कोचिज का प्रावधान कर रहे है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेल मंत्री के पूरे वक्तव्य में एक दूरदृष्टि की कमी साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ते खाद्य पदार्थ, पेट्रोल डीज़ल, रसोई गैस के बढ़ते दामों से पीड़ित आम आदमी के लिए राहत घोषणा करने की वजाए रेल मंत्री ने उसकी परेशानियां और बढ़ा दी है। श्री ठाकुर ने रेल मंत्री से यह पूछा कि क्या रेलवे सैक्टर के खराब प्रदर्शन का कारण सरकारी एकाधिकार का होना है। उन्होंने यह कहा कि अगर भी कारण एकाधिकार है तो इस सरकार के भ्रष्टाचार के रिकार्ड को देखते हुए कोई भी प्राइवेटाइजेशन की मांग करने से कतराएगाा।
ठाकुर ने रेल बजट की आलोचना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की अनदेखी की गई है। उन्होने कहा कि हिमाचल में उगाए जा रहे वर्ड क्लास सेब एवं अन्य ताजे फल में हर साल 25 से 30 प्रतिशत नुक्सान का कारण पर्याप्त रेलवे नेटवर्क की कमी है। श्री ठाकुर ने कहा कि इसी कारण की वजह से हिमाचल के दुलर्भ हस्तशिल्प एवं पर्यटक आकर्षण पीछे पड़ गए हैं।
देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को मद्दे नज़र रखते हुए भानूपल्ली से लेह तक वाया बिलासपुर-बेरी-मण्डी-कुल्लू मनाली और लाहौल से एक ब्राॅड गेज़ रेलवे लाईन के निर्माण को प्रघान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने उसे वर्ष 2008 में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस परियोजना को महत्वपूर्ण बताया था और आश्वस्त किया था कि इसका निर्माण कार्य जल्दी शुरू होगा। परन्तु पिछले चार वर्षों से हर बजट में केवल इसे राष्ट्र हित की परियोजना मानते हुए आश्वासन दिया जाता है कि इसे अनुमोदित करवाने के प्रयास किए जाएंगे। इस महत्त्वपूर्ण परियोजना को अभी तक अनुमोदन किए जाने की ही बात की जा रही है। इस रेलवे लाईन के निर्माण से जहां सेना को आवाजाई की सुविधा मिलती वहीं पर्यटकों और प्रदेश के लोगों को आरामदायक यात्रा करने की सुविधा प्राप्त होती। परन्तु यह बड़े खेद का बात है कि इस बजट में भी इस महत्वपूर्ण परियोजना को अनुमोदित करने के प्रयास की ही बात की है। श्री ठाकुर ने ज़ोरदार मांग की है कि इस राष्ट्रीय हित की योजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर इसका कार्य शुरू किया जाए।
ठाकुर ने संसद में यह भी कहा कि नंगल-ऊना-तलवाड़ा की रेल लाईन के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए वर्ष 2005 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि इसका कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। परन्तु आजादी के 64 वर्षों के उपरान्त भी मात्र 44 किलोमीटर रेल लाईन का निर्माण हुआ है। श्री ठाकुर ने रेल मंत्री से यह कहा कि आज तक रेल मंत्रालय द्वारा घोषित किए गए रेल परियोजना एवं बजट प्रावधानों में हिमाचल प्रदेश को अपना हिस्सा नहीं मिला है।
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पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री

चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
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अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी

चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
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चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता

चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?
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