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हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय के एमटीए परिक्षा परिणाम में हुआ गड़बड़ घोटाला बिना परिक्षा दिए छात्र को बना दिया टापर
विवि कार्यप्रणाली पर लगे सवालिया निशान जारि है राजनितिक छात्र संगठनों के बीच आपसी घमासन
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एमटीए विभाग के परिक्षा परिणाम में हुए फर्जीवाडे़ का खुलासा होने से विवि की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है एमटीए के परिक्षा परिणाम में उस छात्र को टाॅपर बनाया गया है जिसने परिक्षा में अपनी उपस्थिति ही दर्ज नहीं करवाई है । एमटीए विभाग ने रिजल्ट में ऐसे छात्र को सेंकेड टाॅपर बना दिया है,जिसने पेपर ही नहीं दिया है। इस सारेे मामले का खुलासा एससीए ने किया है ओर उनका आरोप है कि ये छात्र एबीवीपी के है।
मास्टर आफ टूरिज्म एंड एडमिनिस्ट्रेशन की परिक्षा परिणाम में हुई गलती ने हिमाचल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया हैै। हजारों छात्रों के भविष्य को सही राह देने वाला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की इस तरह की गैरजिम्मेदार कार्यप्रणाली से जहां एक ओर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है परिक्षा में उन छात्रों को पास किया जा रहा है, जिन्होंने परिक्षा दी ही नहीं है ओर जो छात्र पुरी मेहनत ओर लग्न से पढ़ाई करके परिक्षा मंे बैठे थे उनकी मेहनत पर किसी की लापरवाही भारि पड़ रही है ।
वहीं दूसरी ओर इस सारे फर्जीवाड़े के पीछे छिपे गैरजिम्मेदार लोगों को सामने लाने ओर पुरे मामले को साफ करने की दिशा में मिल कर प्रयास करने को नजरअदांज कर छात्र संगठन एक दूसरे की छवि को दागदार करने पर अपना पूरा ध्यान लगाए हुए है।
एमटीए के परिक्षा परिणाम में परिक्षा में अनुपस्थित छात्रों को पास करने के मामले मेें विवि ने तुरंत कार्यवाही करते हुए परीक्षा शाखा की पी जी ब्रांच के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है पर प्रशासन के निणर्य को दरकिनार कर एससीए ने विवि प्रशासन ़द्वारा ़़मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की जाचं को अविश्वसनिय करार देते हुए विजिलेंस से पुरे मामले की जांच करवाने की मांग की है। जिन छात्रों को परिक्षा में उपस्थिति न रहते हुए भी पास कर दिया गया है उनका सबंध एबीवीपी से है पर एबीवीपी ने इस सारे मामले को एससीए की साजिस करार दिया है ओर आर पार की जंग राजनितिक छात्र सगठनों में जारि है कि किस तरह इस सारे मुद्वे को राजनैतिक तुल दिया जा सके।
वहीं अपने साथी कर्मचारियों को बचाने के लिए गैर शिक्षक कर्मी एकजुट हो निलंबित कर्मचारियों का निलंबन वापिस लेने की मांग की है ओर अगर मांग पुरी नहीं हुई तो अगामी बैठक मंे काम बदं करने पर निर्णय होगा
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घोटाला: रोहड़ू में प्रधान निलंबित, फर्जी बिल, समान की खरीददारी में गड़बड़ी व कई अन्य वित्तीय घोटालों की हुई थी पुष्टि
शिमला : विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान देव राज को फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने इत्यादी घोटालों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और 15वें वित्त आयोग के तहत निलंबित कर दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी कर दी है ।
ग्राम पंचायत करासा के स्थानीय निवासी ने खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज की थी। जिसके बाद इस शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई।
6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई। 1 जुलाई 2024 को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान ग्राम पंचायत करासा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 4 जुलाई 2024 को प्रधान ने उक्त आरोपों पर अपना जवाब लिखित में दायर किया।
इसके बाद जब प्रधान के लिखित जवाबों का अवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया, तो जांच में पाया गया कि प्रधान की ओर से अपने बचाव में जो तथ्य पेश किए गए है वह तथ्य ठोस नहीं पाए गए है।
प्रधान देव राज द्वारा फर्जी बिल, समान की खरीददारी में अनियमिताएं बरतने, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने आदि की अनियमिताएं जांच में सामने आई है।
ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही पंचायत से जुड़ा सारा रिकॉर्ड स्टोर, स्टॉक, स्टांप आदि जो प्रधान के पास मौजूद है उसे पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए है।
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आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, 85 हजार लीटर अवैध कच्ची शराब को कब्जे में लेकर किया नष्ट
शिमला- राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अवैध शराब मामले में एक बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की नूरपुर टीम ने पंजाब के साथ लगते सीमांत क्षेत्र छन्नी वैली में अवैध शराब बनाने वालों पर इस कार्रवाई को अमल में लाया है ओर 85 हजार लीटर कच्ची शराब को कब्ज़े में लेकर नष्ट किया है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त युनूस ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की ओर से इस कार्रवाई में पंजाब आबकारी विभाग व पंजाब पुलिस और इंदौरा पुलिस थाना की सहायता ली गई थी।
उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग को इस क्षेत्र में अवैध शराब के बनाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। जिसके अंतर्गत नूरपुर टीम के सदस्यों ने पंजाब के सीमांत क्षेत्र में पंजाब आबकारी विभाग व पंजाब पुलिस के सहयोग से इस क्षेत्र में अवैध शराब बनाने वालों पर संयुक्त कार्रवाई की।
उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कार्रवाई करने में शुरू में कुछ कठिनाइयां भी आई लेकन इसके बावजूद भी विभाग ने इस क्षेत्र में कार्रवाई की और (85000 लीटर लाहन) कच्ची शराब को कब्जे में लिया और कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद अवैध शराब को नष्ट किया गया है।
यूनुस ने बताया कि विभाग अवैध शराब बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है और भविष्य में भी यह कार्रवाई विभाग जारी रखेगा।
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13 फरवरी को आपदा जोख़िम से बचाव पर उमंग आयोजित करेगी वेबिनार
शिमला- उमंग फाउंडेशन की ओर से रविवार 13 फरवरी को आपदा जोख़िम से बाचव विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के लिए कार्य कर चुके नवनीत यादव उमंग फाउंडेशन के वेबीनार में “आपदा जोखिम से बचाव का अधिकार” विषय पर युवाओं के साथ चर्चा करेंगे। वह दिव्यांगों को आपदा के समय सुरक्षित बचाने के तरीके भी बताएंगे।
कार्यक्रम के संयोजक संजीव शर्मा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में मानवाधिकार जागरूकता पर संस्था का ये 22वां साप्ताहिक कार्यक्रम होगा।
गूगल मेल पर 13 फरवरी को शाम 7:00 बजे लिंक http://meet.google.com/zop-pbkn-heg के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुआ जा सकता है। यहां ‘उमंग फाउंडेशन शिमला’ के फेसबुक पेज पर भी लाइव उपलब्ध रहेगा।
उन्होंने कहा कि आपदा जोखिम से बचाव को लेकर समाज में जागरूकता की कमी है। विशेषकर दिव्यांग व्यक्तियों को भीषण आपदा के समय कैसे सुरक्षित निकाला जाए, यह एक बड़ा मुद्दा है।
‘आपदा जोखिम से बचाव का अधिकार’ विषय पर आपदा जोखिम प्रबंधन से जुड़े संगठन डूअर्स के कार्यक्रम निदेशक और जापान, थाईलैंड, सेनेगल एवं नेपाल में अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रमों में नवनीत यादव हिस्सा ले चुके हैं।
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