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एचआरटीसी चालक ने की आत्महत्या, दम तोड़ने से पहले बनाए विडिओ में रीजनल मैनेजर पर लगाए गंभीर आरोप

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HRTC driver suicide video

मंडी: हिमाचल पथ परिवहन निगम के धर्मपुर डिपो के एक चालक ने लोहड़ी पर्व की पूर्व संध्या पर ज़हरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम संजय था, जो एचआरटीसी में चालक के पद पर तैनात था। संजय मूल रूप से हिमाचल के कुल्लू जिले का रहने वाला था। चालक के दम तोड़ने से पहले की वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें मृतक ने रीजनल मैनेजर धर्मपुर विनोद पर प्रताड़ित करने, वेतन रोकने और उसे नौकरी से निकालने के गंभीर आरोप लगाया हैं।

सूत्रों से प्राप्त शुरुआती जानकारी के अनुसार आरएम, धर्मपुर, विनोद कुमार ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि चालक संजय कुमार को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया गया और वेतन न मिलने की बात भी गलत है। उन्होंने कहा कि चालक को वेतन मिल रहा था। चालक के खिलाफ ड्रंक एंड ड्राइव का केस भी चला हुआ था। उन्होंने कहा की चालक की लापरवाही से बस दुर्घटना हुई थी, जिसके बाद उसे सस्पेंड किया गया था। इसके बाद संजय कुमार को 2024 में धर्मपुर में तैनाती दी गई थी। आरोप सिद्ध होने के बाद चालक पर आरएम, धर्मपुर, ने न्यूनतम जुर्माना लगाया था।

आरएम विनोद कुमार का कहना है कि दिनांक 7 दिसंबर 2024 से लेकर 3 जनवरी 2025 तक संजय छुट्टी पर था। 4 जनवरी को संजय नें ड्यूटी ज्वाइन की थी। इसके बाद 7 जनवरी को संजय ने दोबारा अर्जित अवकाश की एप्लीकेशन दी और बिना स्वीकृत करवाए ही छुट्टी पर चला गया।

वहीं पुलिस के मुताबिक संजय की मृत्यु उपचार के दौरान मेडिकल कॉलेज नेरचौक में हुई है और उसके शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार अभी तक इस मामले पर परिवार की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और अगर परिवार शिकायत दर्ज करवाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही उन्होंने डिवीजनल मैनेजर मंडी को जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, प्रबंध निदेशक का कहना है कि पूरा मामला उनके संज्ञान में नहीं था, लेकिन प्रारंभिक जानकारी मिलते ही उन्होंने जांच के निर्देश जारी कर दिए है। उन्होंने कहा कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले प्रारंभिक जांच का इंतजार किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है।

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एक बार फिर खुलेगा शिमला टाउन हॉल में हाई एंड कैफे, हाईकोर्ट ने हटाई रोक।

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Shimla Town Hall Cafe

शिमला : प्रदेश उच्च न्यायालय ने टाउन हॉल शिमला में हाई एंड कैफे खोलने के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अब फिर से नगर निगम के टाउन हॉल में हाई एंड कैफे शुरू होगा। वीरवार को न्यायधीश त्रिलोक चौहान और न्यायधीश राकेश कैथला की अदालत में इस पर सुनवाई हुई। जिसमें याचिका कर्ता ने अपनी याचिका वापिस ले ली, जिसके बाद हाईकोर्ट ने हाई एंड कैफे को शुरू करने की अनुमति दे दी है।

हाई कोर्ट में एडवोकेट जनरल अनुप रत्न ने कहा कि टाउन हॉल के जीर्णोद्धार पर 8 करोड रुपए खर्च किए गए थे। इस भवन में पूर्व सरकार द्वारा कैफे खोलने का प्रपोजल बनाया गया था। जिसके बाद यहां हाई एंड कैफे खोला गया था। अगस्त 2023 में दायर इस याचिका में हाईकोर्ट ने 10 जनवरी 2024 को टाउन हॉल शिमला में फूड कोर्ट के संचालन पर रोक लगा दी थी। अदालत ने फूड कोर्ट संचालक देवयानी इंटरनेशनल कंपनी को कैफे बन्द करने के आदेश देते हुए कहा था कि वह अगली सुनवाई तक टाउन हॉल में फूड कोर्ट का संचालन न करे।

इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि टाउन हॉल शिमला शहर का बहुत प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल रहा है। कोर्ट ने कहा था कि विरासत स्थल हमेशा अनमोल होते हैं। प्राचीन युग की साक्षी रही हेरिटेज बिल्डिंग एक खजाना है, इसलिए इसे सार्वजनिक ट्रस्ट में माना जा सकता है।

वीरवार को हुई सुनवाई में याचिका कर्ता द्वारा दलील देने के बाद अपनी याचिका को वापिस ले लिया गया। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए हाई एंड कैफे को फिर से खोलने की अनुमति दी।

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हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: जारी हुए बीपीएल सूची के नए मापदंड, नशे से निपटने के लिए बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स

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hp cabinet meeting january 9, 2024

शिमला– मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान हिपा का नाम डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में 18 से 59 वर्ष की आयुवर्ग के बीच बिना वयस्क सदस्य वाले परिवार, महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया की विकलांगता 50 प्रतिशत या इससे अधिक है, ऐसे परिवार जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है और ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल करने को स्वीकृति दी गई।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला के लिए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 10 पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने सफेदा, चिनार और बांस तथा बिक्री के लिए दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार खैर की कटाई के अतिरिक्त अन्य पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी देने का निर्णय लिया।

इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने विस्तृत और बहुआयामी योजना के अंतर्गत प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने और नशीली दवाओं की तस्करी तथा संगठित अपराध नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स की स्थापना को भी मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल ने नालागढ़ में एक मेगावाट हरित हाइड्रोजन प्रोजैक्ट स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की, जिसका क्रियान्वयन एचपीपीसीएल द्वारा किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दी है। इस संशोधन से राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के तहत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेन-देन पर 12 प्रतिशत की एक समान स्टाम्प ड्यूटी दर लगाई जा सकेगी।

मंत्रिमंडल ने भारत सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90ः10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने के आग्रह को दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है। इसके स्थान पर अंतर-राज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली जल विद्युत परियोजना और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अलावा हरित हाइड्रोजन, बायोमास और पम्प स्टोरेज परियोजनाओं के आंवटन और निगरानी का कार्य ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया।

मंत्रिमडल ने पम्प स्टोरेज परियोजना के लिए हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने को मंजूरी दी। परियोजना के आरम्भ होने के बाद पहले 10 वर्षों के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावट प्रतिवर्ष का शुल्क लगाया जाएगा। इसके उपरान्त इस शुल्क को बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति मेगावाट कर दिया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने वैट, सीएसटी, प्रवेश कर आदि अधिनियमों के तहत लंबित मामलों, मुद्दों और बकाया का निपटान करने के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना-2025 शुरू करने को मंजूरी दी।

बैठक में ग्रीन बैल्ट में लोगों का दखल कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला शिमला के तारा देवी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया।

बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप-सी पदों की भर्ती के लिए कम्प्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत उन्नत कम्प्यूटर विकास केंद्र (सी-डैक) चयनित करने को भी स्वीकृत प्रदान की।

बैठक में जिला शिमला के धमवाड़ी, जिला चंबा के साहो और जिला कांगड़ा के चचियां में नई उप-तहसील खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में विकास खंड लंबागांव की तीन ग्राम पंचायतों मटयाल, कुड़ाल और ढडोल को जिला कांगड़ा के विकास खंड बैजनाथ में स्थानांत्रित करने का निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने बद्दी-बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल ने डोमेन-विशिष्ट निकायों से डाटा एकत्रित करने, नया डाटा बेस विकसित करने और व्यापक जल संबंधी जानकारी प्रसारित करने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी।

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वर्ष 2024 में हिमाचल में कम हुई सड़क दुर्घटनाएं : मुख्यमंत्री सुक्खू

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Road accidents himachal pradesh in 2024

शिमला-वर्ष 2023 की तुलना में हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में 2107 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि वर्ष 2023 में 2253 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं थी। सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु दर में भी कमी दर्ज हुई है। विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2024 में 806 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि वर्ष 2023 में 892 लोगों की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 3449 लोग घायल हुए जबकि वर्ष 2024 में 3290 लोग विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पृष्ठभूमि के संदर्भ में भी राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। वर्ष 2023 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर में वृद्धि दर्ज की गई हैं। इस अवधि के दौरान लगभग 1.73 लाख मृत्यु और लगभग 4.63 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से यातायात नियमों का पालन करने, तेज गति से वाहन न चलाने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि सड़कों को सुरक्षित बनाने के मिशन में जन भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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