Connect with us

कैम्पस वॉच

एचपीयू बिना हॉस्टल में रहे ही छात्रों से वसूल रहा कन्टीन्यूशन फ़ीस एसएफआई ने जताया विरोध

Published

on

hpu sfi

शिमला- एक तरफ एचपीयू में छात्र पीजी परीक्षाओं के परिणाम और ईआरपी सिस्टम में खामियों की वजह से परेशान हैं तो अब विवि हॉस्टल में रहे रहे छात्रों को 2020-21 सेशन की होस्टल कन्टीन्यूशन फीस जमा करने को कह रहा है।

इसी के विरोध ने आज प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई ने फाइनेंस ऑफिसर का घेराव किया और 2020-21 सेशन की होस्टल कन्टीन्यूशन फ़ीस माफ़ करने की मांग की।

एसएफ़आई के विश्वविद्यालय हॉस्टल सेक्रेटरी साहिल ने बताया कि विवि लगातार छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ाता जा रहा है। 2020-21 सेशन में कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया जिसमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र के अछूते नहीं रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उस समय में प्रशासन ने छात्रों को अपने घर के नजदीक परीक्षा केंद्र दिया था जिससे अधिकतर छात्रों ने अपने घर के नजदीकी केंद्र पर परीक्षा दी थी और केवल कुछ एक ही छात्र परीक्षा देने विश्वविद्यालय आये थे और उस समय की उन्होंने फीस भी दे दी थी।

उसके बाद अधिकतर समय हॉस्टल बन्द थे और हॉस्टल की किसी भी प्रकार की सुविधा का प्रयोग छात्रों की ओर से नहीं किया गया है। बावजूद इसके भी प्रशासन ने एक तुग़लकी फरमान की तरह यह नोटिफिकेशन निकाली जाती है कि सभी छात्रों को उस समय की कन्टीन्यूशन फीस देनी होगी अन्यथा उनकी डिग्री पर रोक लगा दी जाएगी।

एसएफ़आई अध्यक्ष रॉकी ने बताया कि 2020-21 सेशन में कोरोना के कारण सभी की आर्थिक स्थिति खराब हुई थी। तो वहीं प्रशासन ऐसे तुग़लकी फ़रमान जारी कर छात्रों पर मानसिक और आर्थिक दबाव डाल रहा है। जब छात्रों ने किसी भी प्रकार की सुविधा का उपयोग किया ही नहीं है तो उसकी फ़ीस देने का क्या औचित्य बनता है।

एसएफ़आई ने कहा कि उन्होंने उस समय ही मांग उठाई थी कि छात्रों से कोई कन्टीन्यूशन फ़ीस न ली जाए और तब प्रशासन ने कोई फ़ीस भी नही ली थी, लेकिन अब कन्टीन्यूशन फ़ीस देने की विवि प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी की है जिसमें सभी हॉस्टल में रहे रहे छात्रों को कन्टीन्यूशन फ़ीस देनी होगी।

इकाई ने कहा कि प्रशासन का यह फैसला छात्रों पर आर्थिक दबाव डाल रहा है इसलिए 2022-21 सेशन की हॉस्टल कन्टीन्यूशन फ़ीस माफ़ की जानी चाहिए।

इसके साथ ही एसएफआई ने बीएड परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग भी की है।

एसएफआई इकाई सह सचिव सुरजीत ने बताया कि ईआरपी सिस्टम में खराबी के चलते बीएड परीक्षा फॉर्म भरने की आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग एसएफआई ने की है जिसके चलते इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन से मिल कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने बीएड परीक्षा फॉर्म भरने की आखिरी तारीख को बढ़ाने की मांग की हैं।

कैम्पस वॉच

विश्वविद्यालय को आरएसएस का अड्डा बनाने का कुलपति सिंकदर को मिला ईनाम:एनएसयूआई

Published

on

hpu NSUI

शिमला- भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने हिमाचल प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों मे भगवाकरण का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाया हैं। भाजपा की ओर से एचपीयू के कुलपति को राज्यसभा का उमीदवार बनाने पर प्रदेश सरकार ओर भाजपा नेतृत्व को आडे़ हाथ लेते हुए एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ने कहा की एनएसयूआई बीते कई दिनों से प्रदेश विश्वविद्यालय में भगवाकरण को बढ़ावा दिया जाने के खिलाफ मुखर थी।

छत्तर ठाकुर ने बताया की एनएसयूआई ने लगातार कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था,जिसमें उन्होंने कुलपति की योग्यता के खिलाफ लगातार प्रश्न चिन्ह उठाए थे।

वहीं कुलपति के बेटे की फर्जी तरीके से यूजीसी के नियमों के खिलाफ जाकर पीएचडी में दाखिले, इसके अलावा प्रदेश विश्वविद्यालय मे 160+ प्रोफेसरों, गैर शिक्षक वर्ग व आउटसोर्स के माध्यम से सैकडो़ भर्तीयां प्रदेश विश्वविद्यालय में की गई, जिनमें यूजीसी के नियमों की धजियां उडा़ई गई, नियमों को ताक पर रख कर गलत तरीके से कई साक्षात्कार किए गए, विश्व विद्यालय के बुनियादी ढांचे के विकास मे कई घोटाले बाजी की गई, सैनिटाइज़र मशीनों के नाम पर घोटालेबाजी की गई,एनएसयूआई ने इन सभी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जिसके लिए एनएसयूआई के तीन पदाधिकारियों को असवैधांनिक तरीके से विश्वविद्यालय से निष्कासित भी किया गया।

उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के लगातार इन सभी मुद्दों को उठाने के बाद चुनावी वर्ष आते ही अब कुलपति को शिक्षा विभाग से हटा दिया गया।

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ने बताया की वाईस चांसलर को राज्यसभा भेजा जाए या लोकसभा लेकिन प्रदेश मे सता परिवर्तन तय है और सरकार बदलते ही प्रदेश सरकार से इन सभी गलत तरीके से हुई भर्तियों की ओर विश्वविद्यालय में हुई घोटालेबाजी की जांच करा कर, दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करवाई जाएगी।

Continue Reading

कैम्पस वॉच

जब छात्र हॉस्टल में रहे ही नहीं तो हॉस्टल फीस क्यों दे:एसएफआई

Published

on

HPU Sfi

शिमला- प्रदेश विश्वविद्यालय के होस्टलों में रह रहे छात्रों की समस्याओं को लेकर आज एचपीयू एसएफआई इकाई की ओर से वित्त अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से एसएफआई ने छात्रों से 2020-2021 के सत्र की हॉस्टल कंटीन्यूशन फीस न लेने की मांग की है।

एसएफआई इकाई अध्यक्ष रॉकी ने कहा कि कोरोना काल की हॉस्टल कंटीन्युशन फीस को माफ़ किया जाना चाहिए क्योंकि कोरोना ने पहले छात्रों की आर्थिक स्थिति खराब कर दी है और छात्रों ने हॉस्टल सुविधा का उपयोग भी नहीं किया है।

इकाई अध्यक्ष ने कहा कि जब कोरोना काल में छात्र हॉस्टल में रहा ही नहीं तो छात्र हॉस्टल फीस क्यों दे? उन्होंने बताया कि हिमाचल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला अधिकतर छात्र समुदाय आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से संबंध रखता है। ऐसे में इस समय में जहां तो वि.वि. प्रशासन को छात्रों के लिए फीस पर रियायतें देनी चाहिए थी, वहीं इसके विपरीत विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से जबरदस्ती फीस वसूलने में लगा हुआ है। जिससे छात्र मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।

अध्यक्ष रॉकी ने यह भी कहा कि कोरोना काल में सिर्फ परीक्षा के समय ही हॉस्टल खुले थे जिसके लिए छात्रों ने उतने समय की फीस उस समय दे दी थी और उसके बाद उस सत्र में अधिकतर समय हॉस्टल बंद ही रहे थे। अब विश्विद्यालय किस आधार पर छात्रों से फीस मांग रहा है यह सवाल एसएफआई ने वित्त अधिकारी के समाने रखा है।

अध्यक्ष ने बताया कि बहुत से छात्र ऐसे है जिनकी विश्वविद्यालय प्रशासन अब डिग्री लेने पर भी रोक लगा रहा है।

एसएफआई इकाई ने कहा है कि अगर जल्द से जल्द इन छात्र मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में एसएफआई आम छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी।

Continue Reading

कैम्पस वॉच

एचपीयू की स्वतयत्ता बहाली की मांग को लेकर एबीवीपी ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

Published

on

himachal education minister

शिमला- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायत्तता बहाली की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ऐतिहासिक पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया गया।

एबीवीपी इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अधिनियम 1970 के अनुच्छेद 21 एवं 28(1) में वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए संशोधन की वजह से विश्वविद्यालय के विकास कार्य तथा छात्र हितों में शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया में बहुत बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि बीते वर्ष 22 जुलाई को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान इन संशोधनों को वापिस लेने तथा विश्वविद्यालय की स्वायतता को पुनः बहाल करने की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ओर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की ओर सेकी गई थी जिसका विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया था,लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से इस घोषणा का पूरा नहीं किया गया है जिसके कारण विश्वविद्यालय में कई विकास कार्यों और नियुक्तियों को लेकर बाधाएं आ रही है।

कमलेश ने कहा की किसी भी विश्वविद्यालय के विकास तथा गुणवत्ता के लिए उसकी पूर्णतः स्वायतता का होना अति आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायतता न होने की वजह से विश्वविद्यालय के विकास से संबंधित और महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी होना विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों के लिए सही नहीं है। स्वायतता बहाल न होने के कारण विवि प्रशासन विश्वविद्यालय से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय नहीं ले पा रहा है ।

इकाई सचिव ने कहा कि अनुच्छेद 28(1) के अंतर्गत विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के पदों का सृजन व पदों की भर्तियां, पदोन्नति नियमों का निर्माण एवं संशोधन इत्यादि सर्वप्रथम प्रदेश सरकार की वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित है। उसके पश्चात वह प्रस्ताव कार्यकारिणी परिषद में विचारार्थ/ अनुमोदनार्थ हेतु प्रस्तुत किया जाता है जिस वजह से विश्वविद्यालय में विकासशील कार्य करने में बहुत समय लगता है।

उन्होंने कहा जहां तक पदों की भर्तियां व उनके सृजन का सम्बंध है, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों व गैर शिक्षकों की भर्तियां व पदों का सृजन प्रदेश सरकार के आदेशानुसार और स्वीकृति के बाद ही संभावित होती है। कई बार कुछ प्रकरणों पर विश्वविद्यालय को शीघ्र कार्रवाई ओर शीघ्र निर्णय लेना बहुत आवश्यक होता है,लेकिन उपरोक्त अधिनियम में संशोधन की वजह से इन कार्यों में बहुत देरी हो जाती है।

विद्यार्थी परिषद का मानना है कि विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान के लिए विकास कार्यो में और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में देरी होना प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों के लिए सही नहीं है।

विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि अधिनियम 1970 के अनुच्छेद 21 एवं 28 में वर्ष 2015 में किए गए संशोधन पर सरकार पुनः विचार करे ओर प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों व कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त अधिनियम में किए गए संशोधन को पुनः इसके मूल रूप में बहाल करे, ताकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायतता यथावत बनी रहे।

धरने प्रदर्शन के उपरांत एबीवीपी एचपीयू का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा और सरकार से मांग की है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द विवि की स्वायतता को बहाल करे ताकि विवि प्रशासन अपने बलबूते पर विश्वविद्यालय के विकास एवं अन्य मुद्दों पर फैसले ले सके।

Continue Reading

Featured

अन्य खबरे14 hours ago

बिजली बोर्ड में पद समाप्ति के खिलाफ कर्मचारियों की राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

शिमला:  बिजली बोर्ड में चल रही पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया पर बिजली बोर्ड कर्मचारी व अभियंता जॉइंट फ्रंट...

hp carbon credit committee hp carbon credit committee
अन्य खबरे14 hours ago

कार्बन बाजार से अतिरिक्त राजस्व जुटाएगा हिमाचल: मुख्यमंत्री

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार नें बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन की अध्यक्षता में कार्बन...

अन्य खबरे3 days ago

गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड : सूरज हत्या मामले में आईजी जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद

शिमला : बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में...

अन्य खबरे6 days ago

हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: भांग की खेती पर पायलट अध्ययन को मंजूरी,सरकार ने बदले दो संस्थानों के नाम

कांगड़ा : धर्मशाला में आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कईं अहम निर्णय...

अन्य खबरे7 days ago

मनाली विंटर कार्निवाल में 19 वर्षीय युवक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

कुल्लू: मनाली विंटर कार्निवाल की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में मनु रंगशाला में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया...

First Dharamshala solar power project First Dharamshala solar power project
अन्य खबरे2 weeks ago

धर्मशाला में पहली 750 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजना शुरु, प्रतिदिन तैयार होगी 2,000 यूनिट बिजली

कांगड़ा: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 17 जनवरी को धर्मशाला में स्थापित की गई पहली 750 किलोवाट की सौर ऊर्जा...

HRTC driver suicide video HRTC driver suicide video
अन्य खबरे2 weeks ago

एचआरटीसी चालक ने की आत्महत्या, दम तोड़ने से पहले बनाए विडिओ में रीजनल मैनेजर पर लगाए गंभीर आरोप

मंडी: हिमाचल पथ परिवहन निगम के धर्मपुर डिपो के एक चालक ने लोहड़ी पर्व की पूर्व संध्या पर ज़हरीला पदार्थ...

Shimla Town Hall Cafe Shimla Town Hall Cafe
अन्य खबरे3 weeks ago

एक बार फिर खुलेगा शिमला टाउन हॉल में हाई एंड कैफे, हाईकोर्ट ने हटाई रोक।

शिमला : प्रदेश उच्च न्यायालय ने टाउन हॉल शिमला में हाई एंड कैफे खोलने के विरोध में दायर याचिका को...

hp cabinet meeting january 9, 2024 hp cabinet meeting january 9, 2024
अन्य खबरे3 weeks ago

हि.प्र. मंत्रिमंडल के निर्णय: जारी हुए बीपीएल सूची के नए मापदंड, नशे से निपटने के लिए बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स

शिमला– मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रिमंडल...

Road accidents himachal pradesh in 2024 Road accidents himachal pradesh in 2024
अन्य खबरे3 weeks ago

वर्ष 2024 में हिमाचल में कम हुई सड़क दुर्घटनाएं : मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला-वर्ष 2023 की तुलना में हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष...

Trending