राष्ट्रीय
हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस (CDS) जनरल बिपिन रावत की मौत
नई दिल्ली-तमिलनाडु के कोयंबटूर और सुलूर के बीच आज दोपहर में दुर्घटनाग्रस्त हुए सेना के हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का निधन हो गया। भारतीय वायु सेना ने ट्विटर पर जनरल बिपिन रावत व उनके पत्नी की मौत की पुष्टि की है।
With deep regret, it has now been ascertained that Gen Bipin Rawat, Mrs Madhulika Rawat and 11 other persons on board have died in the unfortunate accident.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
बिपिन रावत ने आज दिल्ली से सुलूर के लिए उड़ान भरी थी। जनरल रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे, यह पद 2019 में बनाया गया था। बिपिन रावत की मौत से देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में पढ़े थे बिपिन रावत
बिपिन रावत का हिमाचल प्रदेश के शिमला से भी नाता रहा है। 13 मई 2019 को वे शिमला आए थे। बिपिन रावत ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल का दौरा कर स्कूल में बिताए लम्हों को याद किया था। सीडीएस जनरल बिपिन रावत शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में 1972-73 में एक साल से अधिक समय तक पढ़े थे। यहां से उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की थी। बता दें कि यह स्कूल अंग्रेजों के समय का है और कई नामी हस्तियों ने यहां से पढ़ाई की है।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”मैं तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से बहुत दुखी हूँ जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया है। उन्होंने पूरी लगन से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
I am deeply anguished by the helicopter crash in Tamil Nadu in which we have lost Gen Bipin Rawat, his wife and other personnel of the Armed Forces. They served India with utmost diligence. My thoughts are with the bereaved families.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2021
अन्य खबरे
गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड : सूरज हत्या मामले में आईजी जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारी दोषी करार, डीडब्लू नेगी बरी
शिमला: साल 2017 में कोटखाई में हुए गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले से जुड़े सूरज हत्याकांड मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने फैसला सुनाया है। अपने फैसले में न्यायालय ने इस मामले में तत्कालीन आईजी जहूर जैदी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने जहूर जैदी सहित DSP मनोज जोशी, राजिंदर सिंह, दीप चंद शर्मा, मोहन लाल, सूरत सिंह, रफीक मोहम्मद, रंजीत स्टेटा को दोषी करार दिया गया है। दोषियों को 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। वहीं इस मामले में शिमला के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डीडब्लू नेगी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
गुड़िया मामले की जांच करते हुए पुलिस ने सूरज नाम के आरोपी को हिरासत में लिया था। जिसकी पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी। स्थानीय पुलिस ने सह-आरोपी राजू पर लॉकअप के अंदर सूरज की हत्या का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। मामले में सीबीआई ने उस वक्त के आईजी जहूर जैदी और अन्य पुलिस अधिकारियों को हिरासत में लिया था। सीबीआई जांच में सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से सूरज की मौत हुई थी। उसी मामले में सीबीआई अदालत ने ये फैसला सुनाया है।
क्या था गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामला :
6 जुलाई 2017 को कोटखाई में एक स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया था। 10वीं की छात्रा 4 जुलाई को अपने भाई के साथ स्कूल गई थी, लेकिन घर वापस नहीं लौटी। 5 जुलाई को लड़की का पता न चलने पर माता-पिता ने उसकी तलाश शुरू की। 6 जुलाई को किसी ने लिंक रोड से करीब 100 मीटर ऊपर दांडी जंगल में एक लड़की का शव नग्न अवस्था में पड़ा देखा और इस बारे में सभी को सूचित किया। घटनास्थल के पास से लड़की की वर्दी भी बरामद हुई। घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और पुलिस उपाधीक्षक ठियोग मौके पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। शुरुआती जांच में यह कहा गया कि छात्रा की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 376 और पोस्को (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और अपराध की जांच के लिए तीन विशेष टीमें गठित की गई। 10 जुलाई 2017 को तत्कालीन आईजी जहूर जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी ( स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम ) गठित की गई जिसमें दीप चंद शर्मा, मोहन लाल, सूरत सिंह, मनोज जोशी, राजिंद्री सिंह, रफी मोहम्मद व रंजीत सतेता शामिल थे।
11 जुलाई 2017 की रात को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आधिकारिक और सत्यापित फेसबुक पेज पर कथित तौर पर चार तस्वीरें पोस्ट की गईं थी, साथ में लिखा था कि ये चार लोग स्कूली छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के भयावह मामले के पीछे के संदिग्ध हैं। लेकिन तस्वीरें वायरल होने के तुरंत बाद अचानक से हटा दी गईं थी
13 जुलाई 2017 को एसआईटी ने रेप-मर्डर के आरोप में छह लोगों ( आशीष चौहान उर्फ आशु (29), सुभाष सिंह बिष्ट (42) और दीपक उर्फ देपू (38), राजिंदर सिंह उर्फ राजू (32), सूरज सिंह (29) और छोटू (19) को गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों को उनके निवास स्थान कोटखाई से गिरफ्तार किया गया था।
एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए छह आरोपियों पर पत्रकारों और अधिकांश लोगों ने संदेह जताया और कईं सवाल भी उठाए। लोगों को असली दोषियों को बचाने की साजिश का आभास हुआ और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग उठने लगी। वहीं पुलिस ने भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र की आधिकारिक फेसबुक वॉल पर शेयर की गई कुछ लोगों की तस्वीरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लोगों का सवाल था कि वह तस्वीरें अखिर क्यों हटा दी गई।
वहीं 15 जुलाई 2017 को दो संदिगधों जिनकी फोटो मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई थी , उन्हें पूछताछ और सैंपल के लिए पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। जिनके बारे में कहा जा रहा था कि वे दोनों बहुत प्रभावशाली परिवारों से जुड़े हैं। संदिग्धों को भारी पुलिस बल की तैनाती के तहत शिमला के रिप्पन अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया जिसमें उनके सीरम और डीएनए प्रोफाइलिंग नमूने लिए गए । कथित तौर पर मेडिकल जांच के बाद संदिग्धों को छोड़ दिया गया। हालांकि,बाकी दो लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
पुलिस हिरासत में अचानक हुई सूरज की मौत:
इसके बाद एक और चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया। 17 और 18 जुलाई की रात के बीच पुलिस हिरासत में सूरज की अचानक हत्या हो गई। पुलिस ने हत्या की पुष्टि की और कहा कि आरोपी राजिंदर (32) ने सूरज सिंह (29) को जमीन पर पटक कर उसकी हत्या कर दी। मारपीट और हत्या का समय आधी रात के आसपास का बताया गया। पुलिस ने सूरज की हत्या के लिए सह-आरोपी राजिंदर को दोषी ठहराया और तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने भी इसका समर्थन किया। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और रवैये पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया ।
इस घटना से लोगों में और रोष भर गया। स्थानीय लोगों द्वारा एसआईटी पर असली दोषियों को बचाने का संदेह और भी पक्का हो गया। सीबीआई जांच की मांग उठी। लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर उग्र विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मामले में न्याय की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदेश में कईं जगह उग्र प्रदर्शन हुए तो यह केस 19 जुलाई को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले कर दिया। सीबीआई को दो दिनों के भीतर एक विशेष जांच दल गठित करने और कोटखाई बलात्कार और हत्या मामले की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया गया।
सूरज की हत्या के बाद उसकी पत्नी ने दिया चौंकाने वाला बयान :
वहीं मामले में एक और नया मोड़ आया ,सूरज की पत्नी ने हिंदी दैनिक भास्कर को दिए गए बयान में बताया कि उसके पति ने उसे 9 जुलाई को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले उसके साथ हुई बातचीत का खुलासा न करने को कहा था। उसकी पत्नी के अनुसार सूरज ने उसे भरोसा दिलाया था कि वह छह महीने में जेल से वापस आ जाएगा और फिर वे गरीब नहीं रहेंगे। उसने उससे कहा था कि उसके लौटने के बाद वे नेपाल में रहेंगे। उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति को इस जाल में फंसाने के लिए पैसे का लालच दिया गया था और इसमें उच्च अधिकारी शामिल हैं। पत्नी को डर था कि इस खुलासे के बाद उनके पति की तरह उनकी भी हत्या कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अपने बच्चों की जान के डर से वह अब तक चुप थी।
सूरज हत्या मामले में अधिकारी गिरफ्तार :
22 जुलाई को सीबीआई ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या की जांच से संबंधित और दूसरा नेपाली आरोपी सूरज सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में पुलिस हिरासत में मौत की जांच से संबंधित।
29 अगस्त 2017 को सीबीआई ने सूरज की हिरासत में हत्या के लिए एसआईटी के प्रमुख जहूर एच जैदी, आईजी, दक्षिणी रेंज, डीएसपी, ठियोग, मनोज जोशी और छह अन्य सहित नौ पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में, सीबीआई ने शिमला के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी को भी नवंबर 2017 में गिरफ्तार कर लिया।
उस वक्त हिमाचल की जनता के अनुसार सीबीआई देवदूत बनकर आई थी। लोगों को उम्मीद थी की सीबीआई की जांच से गुड़िया को इंसाफ जरुर मिलेगा।
लकड़हारा नीलू दोषी करार :
सीबीआई ने अदालत को बताया कि एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए गए शेष पांच आरोपी निर्दोष हैं और उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया और प्रताड़ित किया गया। सीबीआई की टीम ने अगले ग्यारह महीनों तक जांच की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। 28 मार्च 2018 को हाईकोर्ट ने सुस्त जांच प्रक्रिया को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई। अंततः सीबीआई से निराश होकर अदालत ने सीबीआई की क्षमता पर सवाल उठाया और इसके निदेशक को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष पेश होने को कहा।
इस समन के तुरंत बाद ही सीबीआई ने दावा किया कि इस मामले को सुलझा लिया गया है, जिसमें एक लकड़हारे नीलू को गिरफ्तार किया गया। अदालत ने सीबीआई द्वारा आरोपी के खिलाफ दिए गए 14 में से कम से कम 12 सबूतों को सही पाया। घटनास्थल से लिए गए नमूने के साथ उसके डीएनए का मिलान सबसे महत्वपूर्ण सबूतों में से एक माना।
28 अप्रैल 2021 को सीबीआई जज राजीव भारद्वाज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी नीलू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (आई), 376 9 (ए) और 302 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत सभी चार आरोपों में दोषी ठहराया। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई और इसके बाद मामले को बंद माना गया।
लकड़हारे नीलू का बयान :
हालांकि नीलू ने मीडिया से कहा कि वह निर्दोष है और उसे सीबीआई ने फंसाया है। उसने सीबीआई पर जान से मारने की धमकी समेत कई गंभीर आरोप लगाए। उसने न्यूज 18 को बताया कि उसे धमकी दी गई कि उसे भी 18 जुलाई 2017 को पुलिस हिरासत में मारे गए आरोपी सूरज की तरह ही मार दिया जाएगा। न्यूज 18 की खबर के अनुसार उसने यहां तक कहा कि उसे फंसाने के लिए उसकी मां को बंधक बना लिया गया था। उसने कहा कि वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।
सीबीआई जांच से परिवार और स्थानीय लोग असंतुष्ट :
2018 में ग्यारह महीने की जांच के बाद सीबीआई ने दावा किया था कि उसने मामले को सुलझा लिया है और गुड़िया के साथ बलात्कार और हत्या के लिए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसने इस रिपोर्ट से इनकार किया कि यह सामूहिक बलात्कार था। गिरफ्तार आरोपी एक लकड़हारा था। परिवार और जनता सीबीआई के निष्कर्षों से संतुष्ट नहीं थे और उनका मानना था कि असली अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।
इससे सीबीआई की जांच संदेह के घेरे में आ गई थी, जब दो फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अदालत में गवाही दी थी कि फोरेंसिक परीक्षण की विश्लेषण रिपोर्ट से पता चला है कि गुड़िया के बलात्कार और हत्या में एक से अधिक लोग शामिल थे।
लोगों को आज भी इस जांच पर संदेह है। लोग आज भी सीबीआई द्वारा की गई इस जांच से असंतुष्ट है। आज भी सवाल उठते है कि मामले में अचानक से सिर्फ एक व्यक्ति लकड़हारे नीलू को आरोपी कैसे ठहराया गया। जहां तक इस मामले को सामूहिक दुष्कर्म माना जा रहा था वहां सीबीआई ने इस मामले में सिर्फ एक आरोपी को कैसे गिरफ्तार कर लिया।
उन फोटो का क्या जो तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए थे और कुछ देर बाद ही हटा दिए गए थे ? एसआईटी की टीम ने क्यूं छह लोगों को झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया था ? आखिर किसे बचाने की कोशिश की जा रही थी ? यह सवाल ऐसे है जिनका जवाब आज भी नहीं मिल पाया है।
राष्ट्रीय
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन किया स्थगित, 11 दिसम्बर को करेंगे घर वापसी
शिमला-भारत सरकार ने, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव के माध्यम से, संयुक्त किसान मोर्चा को एक औपचारिक पत्र भेजा है जिसमें विरोध कर रहे किसानों की कई लंबित मांगों पर सहमति व्यक्त की गई है। इसके जवाब में संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली सीमाओं पर राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य स्थानों पर चल रहे विभिन्न मोर्चों को हटाने की औपचारिक घोषणा की है। वर्तमान आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
किसान मोर्चा ने कहा है कि लड़ाई जीत ली गई है और किसानों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए, विशेष रूप से सभी किसानों के लिए एमएसपी के कानूनी अधिकार को सुरक्षित करने के लिए सँघर्ष जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के लगभग 715 शहीदों को इस संघर्ष की शानदार और ऐतिहासिक जीत समर्पित की है।
किसान मोर्चा ने कहा है कि सीडीएस बिपिन रावत और उनके सहकर्मियों के निधन पर पूरा देश शोक मना रहा है, इसलिए एसकेएम ने भी किसानों की जीत के संबंध में आज सभी समारोहों को स्थगित किया है। जश्न की रैलियां अब परसों ( 11 दिसंबर ) को निकाली जाएंगी,उस दिन किसान विजय रैलियां निकाल कर मोर्चा स्थलों को एक साथ छोड़ देंगे।
किसान मोर्चा ने कहा है कि भारत सरकार विरोध कर रहे किसानों से की गई अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रही है और भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए, यह सुनिश्चित करने के लिए एसकेएम की अगली बैठक 15 जनवरी को दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने लंबे आंदोलन के दौरान धैर्य और समर्थन के लिए मोर्चा स्थलों के स्थानीय निवासियों का धन्यवाद किया है और उन्हें हुई असुविधाओं के लिए माफी भी मांगी है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस आंदोलन में किसानों के साथ संघर्ष करने वाले श्रम संगठनों, महिला संगठनों और युवा/छात्र संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ,वकीलों जिन्होंने कानूनी सहायता और एकजुटता बढ़ाई, डॉक्टरों जिन्होंने चिकित्सा शिविर स्थापित किए और अपनी अथक सेवाएं दीं, विभिन्न धार्मिक निकायों जिन्होंने लंगर स्थापित किया और प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त और निर्बाध रूप से खिलाया, मानवाधिकार संगठनों सहित विभिन्न प्रगतिशील संगठनों जो समर्थन में खड़े थे, कई कलाकार जो लगातार आंदोलन के साथ थे, कई संगठन जिन्होंने एसकेएम के आह्वान का लगातार और निरन्तर जवाब दिया, राजमार्ग ढाबा मालिकों और किसान आंदोलन को अपनी संगठनात्मक बैठकें चलाने के लिए जगह देने वाले लोगों, एनआरआई और अंतर्राष्ट्रीय किसान संगठनों और अन्य लोगों जिन्होंने अपने अपने स्थानों पर एकजुटता की कार्रवाई की, सैकड़ों स्वयंसेवकों जिन्होंने अपनी सेवा देकर भाग लिया, और अन्य शुभचिंतकों का धन्यवाद किया है।
राष्ट्रीय
सेना का चॉपर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में क्रैश, CDS जनरल बिपिन रावत भी थे सवार
नई दिल्ली-सेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), जनरल बिपिन रावत, उनका स्टाफ और परिवार के सदस्य सहित 14 लोग सवार थे। इसमें पांच क्रू मेंबर शामिल हैं। दुर्घटनास्थल से अब तक पांच शव मिले हैं जबकि गंभीर रूप से झुलसे दो लोगों को अस्पताल ले जाया गया है तथा सात अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
#WATCH | Latest visuals from the spot (between Coimbatore and Sulur) where a military chopper crashed in Tamil Nadu. CDS Gen Bipin Rawat, his staff and some family members were in the chopper.
(Video Source: Locals involved in search and rescue operation) pic.twitter.com/YkBVlzsk1J
— ANI (@ANI) December 8, 2021
भारतीय वायुसेना ने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ इसमें थे। उन्होंने आज सुबह दिल्ली से सुलुर के लिए फ्लाइट ली थी। ट्वीट में कहा गयाा है, ‘वायुसेना के Mi-17V5 हेलीकॉप्टर,जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत सवार थे आज कूनूर (तमिलनाडु ) के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
An IAF Mi-17V5 helicopter, with CDS Gen Bipin Rawat on board, met with an accident today near Coonoor, Tamil Nadu.
An Inquiry has been ordered to ascertain the cause of the accident.— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
हादसे में चार लोगों की जान गई है जबकि दो बचने में सफल रहे हैं। घटना को लेकर विस्तृत जानकारी का इंतजार है। Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर ने सुलुर आर्मी बेस से उड़ान भरी थी, इसके कुछ ही देर बाद यह नीलिगिरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
यह वेलिंगटन डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट की ओर बढ़ रहा था। स्थानीय टीवी चैनल पर दुर्घटनास्थल की तस्वीरों में गहरे धुएं और आग के साथ हेलीकॉप्टर का मलबा भी दिखाई दे रहा है।
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