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भाजपा के अध्यक्ष सत्ती की अभद्र टिप्पणी पर फूटा कांग्रेस का गुस्सा, हिमाचल में जगह-2 प्रदर्शन
शिमला-अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के लिए सोलन के जिला निर्वाचन अधिकारी और डीसी सोलन विनोद कुमार ने नोटिस जारी किया है! नोटिस के जरिये 24 घंटे के भीतर आयोग ने सतपाल सत्ती से सफाई मांगी है|
वंही भाजपा के अध्यक्ष ने अपनी टिपण्णी को लेकर माफ़ी मांगने से इंकार किया है। सत्ती अपने बचाव में निरंतर यही कहते आ रहे हैं कि वे तो सिर्फ फेसबुक पर किसी के द्वारा किया गया कमेंट पढ़ रहे थे। सत्ती का कहना है कि कांग्रेस पूरा बयान न सुनकर सर एक लाइन को लेकर बिना बात राई का पहाड़ बना रही है है।
वंही दूसरी और सत्ती के विरोध में कॉंग्रेस ने राज्य में जगह-2 धरना प्रदर्शन किये और उनके पुतले जलाये! सोमवार को युवा कांग्रेस ने भी सत्ती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और शिमला में लगे भाजपा के पोस्टरों पर सत्ती के चेहरे पर कला रंग पोथ कर अपना विरोध व्यक्त किया।
जिला कमेटी शिमला शहरी व शिमला ग्रामीण द्वारा शिमला में धरना प्रदर्शन किया गया। शहरी अध्यक्ष अरुण शर्मा की अगुवाई मे सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय में एकत्रित हुए तथा नारेबाजी करते हुए लोवर बाज़ार से होते हुए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे| इस मौके पर कार्यकर्ताओ ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व उनके द्वारा मंच से दिये गए ब्यान की कड़े शब्दों में भर्त्सना कीl सत्ती के ब्यान से गुस्साये कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पुतला भी फूंका।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा पर देश में राजनैतिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत मे लोकतंत्र के लिए यह बड़ी खतरे की घंटी है।अगर इसे अभी नही रोका गया तो भारत का संविधान भी खतरे में पड़ सकता हैं।कथित तौर पर सर्जीकल स्ट्राइक हो या सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे सेनिको की शाहदत पर किसी भी प्रकार की राजनैतिक उद्देश्य के लिए वयान बाजी निदंनीय है।
कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने कहा है कि भाजपा के पास वोट मांगने के लिये अपनी कोई उपलब्धि नही है।2014 कि तरह इस बार भी मोदी के नाम पर भाजपा वोट मांग रही है।भाजपा के पूर्व नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरह अब शांता कुमार भी मोदी को नसीहत दे रहे है कि राजनीति में न तो तानाशाह बनो और न ही घमंड करो।
शिमला में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शहरी अध्यक्ष अरुण शर्मा ने कहा कि राजनीति का इस से निम्न स्तर उन्होने आज तक नही देखा है जहां एक प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान व्यक्ति अपने शब्दों का चयन भी सही ढंग से न कर पाये । विपक्ष से विचारधारा की लड़ाई सदियों से चली आ रही है परंतु भाजपा द्वारा ये अनोखी पौध तैयार की जा रही है जहां न शब्दो की मर्यादा है न बड़े छोटे का कोई मान सम्मान ही है ।
शर्मा ने कहा की भाजपा अध्यक्ष सस्ती लोकप्रियता हासिल करने हेतु मंच से जिस तरह के आपत्तीजनक शब्दों का प्रयोग कर रहें है यह उनका मानसिक दिवालियापन दर्शा रहा है। उन्होने सत्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि एक प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते न सही एक हिमाचली होने के नाते ही वह यह सोच लेते की वह जो भाषा इस्तेमाल कर रहें हैं। क्या कोई सभ्य समाज उसे स्वीकार करेगा? सत्ती ने इस अमर्यादित टिप्पणी ने सारे हिमाचल को शर्मसार किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शायद ये भी भूल गए कि राजनीति में विपक्ष को मुद्दो पर घेरा जाता है गालियों और ओछी बातों से नही ।
अरुण शर्मा ने कहा कि ये भाजपा के संस्कार है जहां एक प्रदेश अध्यक्ष एक राष्ट्रीय अध्यक्ष को मंच से भद्दी गलियाँ दे सकता है और भाजपा के वरिष्ठ नेता उनके खिलाफ कोई कार्यवाही तो दूर उनके ब्यान की निंदा तक नही करते ।
अरुण शर्मा ने पूछा है कि किस कारण भाजपा अध्यक्ष इतने बोखलाए हुए हैं कि उनको अपने शब्दों पर ही नियंत्रण नही रखा जा रहा है ।
अरुण शर्मा मे चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा के लोग हार देख कर इतने चिंतित हैं कि अब गाली गलौच पर उतर आए हैं। चुनाव आते आते ये लोग मार पीट पर भी उतर आएंगे। न भाजपा को सत्ता पर पहुँच कर सभ्य रहना आता है न हार को पचाना ही आता है।
शर्मा ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता व मुख्यमंत्री जनता के सामने अपनी स्तिथि स्पष्ट करे उनकी अपने अध्यक्ष के ब्यान पर क्या प्रतिक्रिया है ।
अरुण शर्मा ने कहा कि शहरी कॉंग्रेस सत्ती के इस ब्यान व कृत्य कि कड़े शब्दो में निंदा करती है और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कि मांग करती है , उन्होने कहा कि चुनाव आयोग के साथ साथ महिला आयोग के समक्ष ये मामला उठाया जाएगा व सत्ती जब तक अपने ब्यान पर मंच से माफी नही मांगते उनके खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेंगे ।
इस अवसर पर प्रदेश महिला अध्यक्ष जैनब चंदेल ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया
चंदेल ने कहा कि महिला सम्मान के नाम पर बड़े बड़े होर्डिंग लगाने वाले भाजपा के लोग ,महिलाओं और बुजुर्गों का कैसा सम्मान करते हैं ये देश देख रहा है , हिमाचल प्रदेश एक शांत राज्य है यहाँ हर पाँच वर्ष में सत्ता परिवर्तन होता आया है परंतु ऐसी अभद्रता न कभी हुई न सुनी , ये बेहद शर्मनाक है और कोई भी सभ्य समाज ऐसे बयानों का समर्थन नही कर सकता। सत्ती कौन सी नई राजनीति प्रदेश के अंदर लाना चाहते हैं क्या अब विपक्ष को गालियां देकर चुनाव प्रचार किया जाएगा ?
कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आए हो तो जवाब देने कि हिम्मत दिखाएँ। कांग्रेस ने पूछा है कि जनता 5 वर्ष का हिसाब मांग रही है और आप गालियां देकर उन्हे चुप करवाना चाहते हो?
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हिमाचल की तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर लगे 76,000 से अधिक सेब के पौधे
शिमला- डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के विस्तार शिक्षा निदेशालय में पहाड़ी कृषि एवं ग्रामीण विकास एजेंसी(हार्प), शिमला द्वारा एक अनुभव-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिला किन्नौर के निचार विकास खंड के रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों के 34 किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जीएम नाबार्ड डॉ. सुधांशु मिश्रा मुख्य अतिथि रहे जबकि नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ रविंदर शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. आर एस रतन ने कहा कि यह कार्यक्रम एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के तहत रूपी, छोटा कम्बा और नाथपा ग्राम पंचायतों में वर्ष 2014 से आयोजित किया जा रहा है। परियोजना को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया है और इसे हार्प द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने यह बताया कि यह एक बागवानी आधारित आजीविका कार्यक्रम है जिसे किसानों की भागीदारी से लागू किया गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में 435 एकड़ भूमि पर 76,000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं और 607 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
डॉ. सुधांशु मिश्रा ने यह भी कहा कि नाबार्ड हमेशा सामाजिक-आर्थिक उत्थान कार्यक्रमों के संचालन में आगे रहा है। उन्होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों से अपने सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को सफल बनाने का आग्रह किया।
अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा और विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. दिवेंद्र गुप्ता ने नाबार्ड और हार्प के प्रयासों की सराहना की और किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय किसानों को तकनीकी रूप से समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार है।
डॉ. नरेद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि हार्प ने कृषक समुदाय के समन्वय से दुर्गम क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों में काम किया है। इस अवसर पर एक किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें भाग लेने वाले किसानों के तकनीकी प्रश्नों को संबोधित किया गया।
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हिमाचल सरकार पुलिसकर्मियों का कर रही है शोषण
पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है,कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है,राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है,हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
शिमला सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। कमेटी ने यह कहा है कि वह हिमाचल प्रदेश के पुलिसकर्मियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है। आरोप लगाते हुए सीटू ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि वर्ष 2013 के बाद नियुक्त पुलिसकर्मियों को पहले की भांति 5910 रुपये के बजाए 10300 रुपये संशोधित वेतन लागू किया जाए व उनकी अन्य सभी मांगों को बिना किसी विलंब के पूरा किया जाए।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जेसीसी बैठक में पुलिसकर्मियों की मांगों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
सीटू कमेटी ने कहा कि सबसे मुश्किल डयूटी करने वाले व चौबीस घण्टे डयूटी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस बैठक से मायूसी ही हाथ लगी है। इसी से आक्रोशित होकर पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। उनके द्वारा पिछले कुछ दिनों से मैस के खाने के बॉयकॉट से उनकी पीड़ा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के साथ ही सभी सरकारी कर्मचारी नवउदारवादी नीतियों की मार से अछूते नहीं है। कमेटी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की डयूटी बेहद सख्त है। कई-कई बार तो चौबीसों घण्टे वर्दी व जूता उनके शरीर में बंधा रहता है।
कमेटी ने यह भी कहा है कि थानों में स्टेशनरी के लिए बेहद कम पैसा है व आईओ को केस की पूरी फ़ाइल का सैंकड़ों रुपये का खर्चा अपनी ही जेब से करना पड़ता है। थानों में खाने की व्यवस्था तीन के बजाए दो टाइम ही है। मैस मनी केवल दो सौ दस रुपये महीना है जबकि मैस में पूरा महीना खाना खाने का खर्चा दो हज़ार रुपये से ज़्यादा आता है। यह प्रति डाइट केवल साढ़े तीन रुपये बनता है, जोकि पुलिस जवानों के साथ घोर मज़ाक है। यह स्थिति मिड डे मील के लिए आबंटित राशि से भी कम है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के बने बहुत सारे थानों की स्थिति खंडहर की तरह प्रतीत होती है जहां पर कार्यालयों को टाइलें लगाकर तो चमका दिया गया है परन्तु कस्टडी कक्षों,बाथरूमों,बैरकों,स्टोरों,मेस की स्थिति बहुत बुरी है। इन वजहों से भी पुलिस जवान भारी मानसिक तनाव में रहते हैं।
सीटू ने कहा कि पुलिस में स्टाफ कि बहुत कमी है या यूं कह लें कि बेहद कम है व कुल अनुमानित नियुक्तियों की तुलना में आधे जवान ही भर्ती किये गए हैं जबकि प्रदेश की जनसंख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ चुकी है यहाँ तक पुलिस के पास रिलीवर भी नहीं है।
आरोप लगाते हुए कमेटी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला के कुछ थानों के पास अपनी खुद की गाड़ी तक नहीं है। वहीं पुलिस कर्मी निरन्तर ओवरटाइम डयूटी करते हैं। इसकी एवज में उन्हें केवल एक महीना ज़्यादा वेतन दिया जाता है। इस से प्रत्येक पुलिसकर्मी को वर्तमान वेतन की तुलना में दस से बारह हज़ार रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें लगभग नब्बे साप्ताहिक अवकाश,सेकंड सैटरडे,राष्ट्रीय व त्योहार व अन्य छुट्टियों के मुकाबले में केवल पन्द्रह स्पेशल लीव दी जाती है।
सीटू कमेटी ने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में बने पुलिस एक्ट के पन्द्रह साल बीतने पर भी नियम नहीं बन पाए हैं। इस एक्ट के अनुसार पुलिसकर्मियों को सुविधा तो दी नहीं जाती है परन्तु कर्मियों को दंडित करने के लिए इसके प्रावधान बगैर नियमों के भी लागू किये जा रहे हैं जिसमें एक दिन डयूटी से अनुपस्थित रहने पर तीन दिन का वेतन काटना भी शामिल है। पुलिसकर्मियों की प्रोमोशन में भी कई विसंगतियां हैं व इसका टाइम पीरियड भी बहुत लंबा है। हैड कॉन्स्टेबल से एएसआई बनने के लिए सत्रह से बीस वर्ष भी लग जाते हैं।
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किन्नौर में लापता पर्यटकों में से 2 और के शव बरामद, 2 की तालाश जारी,आभी तक कुल 7 शव बरामद
शिमला रिकोंगपिओ में 14 अक्तुबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की ट्रैकिंग पर निकले 11 पर्यटकों में से लापता चार पर्वतारोहीयों में से दो पर्वतारोहियों के शवो को आई.टी.बी.पी व पुलिस दल द्वारा पिछले कल सांगला लाया गया था जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांगला में दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने बताया कि इन दोनों की पहचान कर ली गई है जिनमे मे एक उतरकाशी व दूसरा पश्चिम बंगाल से सम्बंधित था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किन्नौर द्वारा आज एक शव वाहन द्वारा उतरकाशी को भेज दिया गया है जहाँ शव को जिला प्रशासन उतरकाशी को सौंपा जाएगा। जब कि दूसरा शव वाहन द्वारा शिमला भेजा गया है जिसे शिमला में मृतक के परिजनों को सौंपा जायेगा।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अभी भी लापता दो पर्यटकों की तलाश आई.टी.बी.पी के जवानों द्वारा जारी है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों उतरकाशी से छितकुल के लिये 11 पर्वतारोही ट्रेकिंग पर निकले थे जो बर्फबारी के कारण लमखंगा दर्रे में फंस गये थे जिसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा सेना के हेलीकॉप्टर व आई.टी.बी.पी के जवानों की सहायता से राहत व बचाव कार्य आरम्भ किया था। सेना व आई.टी.बी.पी के जवानों ने 21 अक्टूबर को दो पर्यटकों को सुरक्षित ढूंढ निकाला था। इसी दौरान उन्हें अलग अलग स्थानों पर पाँच ट्रेकरों के शव ढूंढ निकलने में सफलता मिली थी। जबकि 4 पर्यटक लापता थे जिसमे से राहत व बचाव दल को 22 अक्तुबर को 2 शव ढूढ़ निकालने में सफलता मिली थी। अभी भी दो पर्यटक लापता हैं जिनकी राहत व बचाव दल द्वारा तलाश जारी है।
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