अन्य खबरे
हिमाचल की 2 विभूतियों को पदमश्री अवार्ड, आईजी हिमांशु मिश्रा को राष्ट्रपति पुलिस पदक, अन्य 4 अधिकारियों को पुलिस पदक सम्मान
शिमला- हिमाचल प्रदेश के सिरमौर से विद्यानंद सरैक और कला क्षेत्र के लिए चंबा से संबंद्ध रखने वाली ललिता वकील को भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साहित्य-शिक्षा के लिए प्रदेश के सिरमौर जिले के देवठी-मझगांव क्षेत्र के निवासी विद्यानंद सरैक और चंबा से कला क्षेत्र के लिए ललिता वकील को भारत सरकार पदमश्री अवार्ड से अंलकृत करेगी।
हस्तशिल्पी ललिता वकील चंबा रूमाल के संरक्षण हेतु पदमश्री अवार्ड
चंबा शहर के चौंतडा से सम्बन्ध रखने वाली अंलकृत हस्तशिल्पी ललिता वकील को चंबा रूमाल के संरक्षण को लेकर राष्ट्रपति पदमश्री अवार्ड से अंलकृत करेंगे।
ललिता वकील को 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सम्मानित किया था। 2012 में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शिल्प गुरु सम्मान से सम्मानित किया। ये सम्मान पाने वाली ललिता वकील इकलौती हिमाचली हस्तशिल्पी हैं। 2017 में महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से मेनका गांधी ने अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट अवार्ड से महिला गुरु के तौर पर प्रदान किया था।
16 वर्ष की उम्र से ही ललित वकील चंबा रूमाल कला से जुड़ गई थी। ललिता लड़कियों को इस कला की बारीकियां निशुल्क सिखाती हैं । प्रारंभिक दौर में घर पर कपड़े की कटिंग अथवा क्रोशिए बुनाई से उनका सफर आरंभ हुआ।
ललिता वकील को जर्मनी, कनाड़ा, रूमानिया व ग्रीस में कला भ्रमण में प्रदर्शनियां लगाने के अतिरिक्त उन्हें काफी प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्राप्त हुए है। स्वदेशी धरती पर राष्ट्रपति, राज्यस्तरीय व जिलास्तरीय भी कई अवार्ड मिले हैं।
जानिए चंबा रुमाल की खासियत
चंबा रुमाल अपनी कला और शानदार कशीदाकारी के कारण देश के अलावा विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। चंबा रुमाल पर की गई कढ़ाई ऐसी होती है कि दोनों तरफ एक जैसी कढ़ाई के बेल बूटे बनकर उभरते हैं। यही इस रुमाल की खासियत भी है।
विद्यानंद सरैक साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार
सिरमौर जिला के उपमंडल राजगढ़ के गांव देवठी-मझगांव के रहने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार, कलाकार और लोकगायक विद्यानंद सरैक को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए इस पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा।
विद्यानंद सरैक को राष्ट्रीय संगीत एवं नाट्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
विद्यानंद सरैक चार वर्ष की उम्र से ही हिमाचली लोक संस्कृत ,करियाला (नाटक) मंच, पारम्परिक फोक संगीत की विभिन्न विधाओंके प्रति उनका लगाव बढ़ता गया। 81 वर्ष की आयु में भी वह लोक साहित्य, लोक संस्कृति के संरक्षण में जुड़े हैं।
विद्यानंद सरैक ने बताया कि उन्होंने हिमाचली संस्कृति तथा लोक विद्याओं पर किताबें लिखी हैं।विद्यानंद सरैक ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है और उन्होंने 1959 से 1976 तक शिक्षा विभाग में अध्यापक रहे हैं ।
वर्ष 1972 में उन्होंने पहाड़ी कविताओं की पुस्तकों का संग्रह चिट्टी चादर, होरी जुबड़ी, नालो झालो रे सुर भाषा एवं संस्कृति विभाग के साथ मिल कर किया। विद्यानंद सरैक को 200 से अधिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं और 2018 में उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड से भी नवाजा गया था।
उन्होंने 2003 में चूड़ेश्वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मंडल के साथ मिलकर लोक संस्कृति और पहाड़ी भाषा के संरक्षण का कार्य आरंभ किया। कुछ समय पहले खंड विकास अधिकारी कार्यालय राजगढ़ से उनकी उपलब्धियों का रिकॉर्ड मांगा गया था। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विद्यानंद सरैक को साहित्य के क्षेत्र में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है।
इन पुलिस अफसरों को भी मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस पदक व पुलिस पदक सम्मान
हिमाचल प्रदेश पुलिस में आईजी दक्षिणी रेंज शिमला हिमांशु मिश्रा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक की घोषणा की गई है। आईपीएस अधिकारी हिमांशु मिश्रा को इससे पहले उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए 2017 में पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
वहीं अन्य चार पुलिस अधिकारियों रंजना चौहान, विजय कुमार शर्मा, लक्ष्मण कुमार और जगदीश चंद को भी उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक दिए जायंगे।
जिन्हे यह पुलिस मेडल दिए जायँगे उनमे रंजना चौहान जो कि लोकायुक्त शिमला में पुलिस अधीक्षक हैं। विजय कुमार शर्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिमला हैं। लक्ष्मण ठाकुर पुलिस स्टेशन (पश्चिमी) शिमला यानी बालूगंज में इंस्पेक्टर हैं, जबकि जगदीश चंद राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) में मानद एएसआई हैं।
कालाअंब के सीआरपीएफ कमांडेंट निसार को भी मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस पदक
सिरमौर के कालाअंब के ओगली के रहने वाले सीआरपीएफ में कमांडेंट निसार मोहम्मद को भी सीआरपीएफ के राइजिंग-डे पर हेडक्वार्टर गुरुग्राम में 19 मार्च को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।
निसार मोहम्मद वर्ष 1997 में सीआरपीएफ में सीधे सहायक कमांडेंट के तौर पर शमिल हुए थे। कमांडेंट निसार मोहम्मद ने आतंकवाद और नक्सल ग्रस्त इलाकों में विशेष सेवाएं दीं। उन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा में बेहतरीन कार्य करने के लिए आंतरिक सुरक्षा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में वह जम्मू कश्मीर में बटालियन को कमांड कर रहे हैं।
अन्य खबरे
पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा का प्रदर्शन व आरोपी का घर जलाना ओछी राजनीति : मुख्यमंत्री
चंबा – मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा जिला के सलूणी में हुए हत्याकांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सभी आरोपियों को पकड़ा जा चुका है और पुलिस की समयोचित कार्रवाई के बावजूद भाजपा इस पर शोर-शराबा जारी रखे हुए है। उनका यह प्रदर्शन पूर्णतया अवांच्छित है और इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद घटना के पाँच दिनों के बाद भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े लोगों ने आरोपी के घर को आग की भेंट चढ़ा दिया।
प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद विरोध प्रदर्शन समझ से परे है और भाजपा इस मामले में ओछी राजनीति कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए पुलिस ने चौबीस घंटों के भीतर सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी तथा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजैंसी से मामले की जांच करवाने सम्बंधी मांग स्वीकार करने के बावजूद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी रखना तर्कहीन है।
मुख्यमंत्री नें यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा जांच को मुद्दा बना रही है जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के लिए एक फोन कॉल पर यह जांच शुरू करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव-2024 को ध्यान में रखते हुए ऐसी तरकीबें अपना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर यह होता कि भाजपा प्रदेश हित से जुड़े मामलों एवं हिमाचल के अधिकारों के लिए केंद्र के समक्ष आवाज उठाती, जिससे कि प्रदेशवासियों का भी भला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी भी अपना पूर्ण सहयोग देगी। राज्य के हितों की रक्षा करने की दिशा में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए उन्होंने जल उपकर तथा विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं में निःशुल्क बिजली की रॉयल्टी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भाजपा को प्रदेश सरकार का साथ देने का परामर्श भी दिया।
अन्य खबरे
अगर 25 वर्षों से आतंकीयों से जुड़े थे चंबा हत्याकांड के आरोपी के तार तो सरकारें क्यूँ देती रही शरण : आम आदमी पार्टी
चंबा- जिला चंबा के सलूनी इलाके में हुए (मनोहर, 21) हत्याकांड की घटना राजनीतिक रूप लेती जा रही है। पक्ष -विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है। इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
इसी कड़ी में हिमाचल आम आदमी पार्टी ने चम्बा में हुई मनोहर की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी नेता चमन राकेश आजटा ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को जिस प्रकार से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है।
इसके साथ ही आजटा ने यह भी कहा कि यदि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी के बयानों में सच्चाई है तो यह जांच का विषय है। आजटा नें पूछा कि अगर पिछले 25 वर्षो से इस घटना के लिए जिम्मेवार व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से बेशुमार दौलत इक्कठी कर रहा था तो वहां का प्रशासन व राज्य सरकारें 25 वर्ष से उसे क्यों शरण दे रही थी?
“इस व्यक्ति के तार क्या किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए है , या किसी पार्टी और नेता विशेष की शरण में वो पलता रहा जिसका खामयाज़ा एक गरीब युवा को अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ा। क्या इस आरोपी ने इस तरह की अन्य घटनाओं को भी अंजाम दिया था या उनमें संलिप्त रहा था।” आजटा ने जयराम पर यह सवाल उठाते हुए कहा।
आपको बता दें कि बीते दिन जयराम ठाकुर ने हत्या के इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताते हुए तथा आरोपियों के तार आतंकियों से जोड़ते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने 95 लाख नोट बदले व उसके खाते में दो करोड़ की राशि जमा है, जबकि आरोपी के पास इतना बड़ा कोई भी आय का साधन नहीं है।
जयराम ने आरोप लगाया था कि आरोपी के पास तीन बीघा ज़मीन है जबकि कब्जा 100 बीघा जमीन पर कर रखा है। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया था कि चंबा में 1998 में हुए सतरुंडी आतंकी हमले में 35 लोगों की मौत हुई थी और उससे भी आरोपी के तार जुड़े थे।
साथ ही आजटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से कानून को हाथ में लेकर घरों को जलाने, गाडियां तोड़ने और माहौल खराब करने की घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ करवाई करने की अपील की है, ताकि राजनीति की आड़ में हिमाचल जैसे प्रदेश का नाम खराब न हो।
अन्य खबरे
चंबा हत्याकांड: धारा 144 तोड़ने से रोका तो धरने पर बैठे भाजपा नेता
चंबा-मनोहर हत्याकांड के सात दिन बाद भी इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों का एकीकृत होना मना है और साथ ही इलाके के आस पास के सभी स्कूलों को भी एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।
भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि भाजपाई 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने एक प्रेससवार्ता में कहा कि हत्या के कारणों की प्रशासन द्वारा पूरी जांच करवाई जा रही है। चौहान नें कहा कि जिन लोगों ने हत्या की है उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कानून निश्चित तौर पर अपना कार्य कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, तथा उनके साथी सदस्य जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं वह तर्कसंगत नहीं है। कानून द्वारा मुज़रिमों को हिरासत में ले लिया गया है, गुनहगार सलाखों के पीछे है तथा पूरे मामले की सख्ती से जांच कारवाई की जा रही है। चौहान ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा एनआईए से जांच की मांग को लेकर कहा कि वह अगर लिखित में सरकार को मांग दे दें तो सरकार इसके लिए भी तैयार है।
चौहान ने जयराम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, एक जिम्मेदार नागरिक हैं, तथा धारा 144 का मतलब भी वह अच्छे से समझते हैं, फिर भी उसकी अवहेलना करने पर अड़े हैं। चौहान नें पूछा कि इसका क्या अर्थ निकलता है।
चौहान नें यह भी कहा कि इसके बावजूद भी पुलिस तथा प्रशासन द्वारा कानून के दायरे में रहते हुए नेता प्रतिपक्ष और कुछ चुने हुए लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन विपक्ष फिर भी अपने साथ पूरी भीड़ को आगे ले जाने के लिए अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिम्मेदार लोग अगर इसके बावजूद भी राजनीति करना चाहते हैं तो तो यह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये। उन्होंने पूछा कि वह सच मे पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे या इसस घटना को मात्र राजनीतिक दृष्टि से मुद्दा बनाना चाहते थे?